482
हम सफर है मेरा मसीहा
Song audio
Content not prepared yet or Work in Progress.
Instrumental audio
Content not prepared yet or Work in Progress.
हम सफर है मेरा मसीहा मुझको न कोई डर । 1. चाहे पहाड़ी ऊंची हो , चाहे दरिया गहरा हो , चाहे अंधेरी वादियां हो फिर भी मसीह ही आस है । 2 चाहे दोस्त बने दुश्मन चाहे टूटे हर बंधन चाहे आए कोई गम हम सफर ही आस है ।