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नूतन यरूशलेम नगरी में मन लगा है उसकी महिमा ने हमें मोह लिया है;
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Tune: Putthanam terusalem (Malayalam) 1. नूतन यरूशलेम नगरी में मन लगा है, उसकी महिमा ने हमें मोह लिया है; मन भावना वह है, दुख विनाशक हैं, उस में न शोक है, उसमें न रोग है, प्रेमी होंगे, यीशु होगा, मोहन, वह सुंदर है, आंसू वहां नहीं राज-राजभवन में। 2. सूर्य नहीं, चंद्र नहीं, यीशु उसकी रोशनी, भीति नहीं हृदि संशयादि भी नहीं; आनन्द सुंदर वह यीशु का राज्य है, शोकातिगामी हम लोकाधिकारी हैं, मृत्यु नहीं भीकर लड़ाई भी वहाँ नहीं, रोदन नहीं तेरे नवजीवन भवन में। 3. यीशु के साथ दुखों में समभागी यदि होवेंगे, आनन्द है झुंड में छुड़ाए हुए गणों के; उल्लास घोषण से हम लहलहाएंगे, सिय्योन नगरी में हम जगमगाएंगे, नित्य नित्य युगों में हम आनन्द को धारण कर, नित्य भवन में रहेंगे यीशु जी के संग।