341
मन का दीप जला
Song audio
Instrumental audio
Content not prepared yet or Work in Progress.
मन का दीप जला, जीवन दीप जला, ख्वाबों में खोया है, जाग जरा मतवाले। 1. सच बतलाओ तेरे मन में रात ये कैसी छाई ? अच्छा नहीं है देख संभल जा यीशु से है जुदाई, यीशु को अपना। 2. यह दुनियां है ख्वाब सुनहरा, इस में जो फंस जाए, रोए तड़पे चैन न पाए घुल घुल कर मर जाए, मन का मैल धुला। 3. यीशु को तू अपने जीवन में अपना मीत बना ले, छोड़ दे अब यह दुनिया सुनहरी, दुनिया से मन तू फिरा ले, होगा तेरा भला।