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आनन्द मनायें

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1. आनन्द मनायें आओ आनन्द मनायें, यीशु राजा मेरा हो गया, इस सृष्टि का पालनहारा मेरे हृदय का राजा हुआ । कोः-आहा आनन्द है! परम आनन्द है! यह ही मेरा सौभाग्य है! इस सृष्टि का पालनहारा मेरे हृदय का राजा हुआ । 2. मेरे बालकपन से उसने मुझे चुन लिया मैं था भटका और दूर हो गया, उसकी करूणा ने फिर भी नहीं छोड़ा नया जीवन मुझे दे दिया। 3. मैं बना रहूँगा प्रेम में अपने प्रभु के चाहे कोई भी बाधा पडे़, उसकी आज्ञा को नहीं भूलूंगा जब तक उसका आना न हो । 4.प्यारा प्रभु आयेगा संग में मुझे ले लेगा ताकि उसके साथ मैं रहूं, मैं मगन रहॅूगा उसकी संगति में जहाँ आनन्द ही आनन्द है।