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सच्ची महोब्बत है प्यारी कलवरी

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Tune: मिक्की यीशु कन्ने मिलने : D सच्ची महोब्बत है प्यारी कलवरी पापियों के वास्ते प्रेमबलि खुदा के प्रेम की ऊँच्चाई को है बताती पहाड़- ए -कलवरी । 1. कोड़े खाके ऐसा था जख्मी जैसे हल चलाई हो जमीन हरेक हड्डियाँ दिखती थी पापी की सजा थी ऐसी बोझ मेरा,खींच खींच के यीशु गिरते उठते चढ़ता राह-ए-कलवरी । 2. किए शर्मनाक पाप मैंनें हजारों खुलेआम बना तमाशा ए मसीहा तू तो सही मेरी बेशुमार शर्मिंदगी पापी दिल न समझे दर्द-ए -कलवरी । 3. खुदा बाप से जुदाई दर्द -ए -आत्मा सह न पाई, परमेश्वर मेरे परमेश्वर नरक-यातना से रोया खुदा से मेल मिलाप कराने शान से चखी तूने मौत-ए-कलवरी ।