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मुख पापी बंदया गुनाह दे वलों मोड़

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मुख पापी बंदया गुनाह दे वलों मोड़, करले तौबा बंदया पैनी यीशु जी दी लौड़। 1. तौबा कर बपतिस्मां पा लै, देन्दी इंजिल गवाही, मित्र-यारां पैन-परावां, दो दिन दी रूशनाई किसे ने तेरे काम नहीं आना, लवेंगा मथा फोड़। 2. झूठी पीनी छड दे बन्देया, पी लै नाम इलाही, ए साखी है सच्चे प्रेम दी , रब्ब ने मोहर लगाई, जिहड़ा यीशु कोलो पीवे, दिन्दा पहली छोड़। 3. अपने हथीं कबर बना के, आपे मथा टेके, जिस मालिक ने तैंनू सिरजयां ओहदे वल ना वेखें यीशु राजा आवन वाला ना कोई दूजा होर। 4. अन्ने-बोले नू तू पूजे ना ओह पींदा खांदा, अन्ना-बोला ओह वी लोको जो ओह दे वल जांदा, जिहना नू तू रब्ब मन बैठा, सारे डाकू चोर ।