11
इम्मानुएल के लहू से
Song audio
Content not prepared yet or Work in Progress.
Instrumental audio
Content not prepared yet or Work in Progress.
Tune: There is a fountain इम्मानुएल के लहू से एक सोता भरा है जो पापी उसमें लेवे स्नान रंग पाप का छूटता है। (3) 1. वह डाकू उसे क्रूस पर देख आनन्दित हुआ तब, हम वैसे पापी उसी में पाप अपना धोवे सब। 2. विश्वास से जब मैं देखता हूं उस दोष हीन रूधिर को, मैं तेरी दया का बखान नित करूँ मरने लों। 3. हे मेम्ने तेरे रक्त का गुण कभी न मिटेगा , और तेरी मण्डली का बखान सदा लो रहेगा। 4. और जब ये लड़बड़ाती जीभ कब्र में चुप रही, तब तेरी स्तुति करूँगा और मीठे रागों से।