पाठ 4 : मीका, नहूम
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सारांश
लेखक: मीका ने यहूदा में भविष्यद्वाणी की। वह यशायाह कामकालीन था ;यशा. 1:1 मीका 1:1। उसके नाम का अर्थ है‘‘यहोवा के समान कौन है?’’इस भविष्यद्वाणी में मुख्यतः बताया गया है 1. परमेश्वर से दूर जाने के कारण जो दंड इस्राएल को मिला। 2. सच्चे पश्चाताप के साथ जब वे वापस परमेश्वर के पास आए तो उन्हें शांति प्राप्त हुई।
- दंड = अध्याय 1-3
- शांति = अध्याय 4-8 इस पुस्तक के बाँटे जाने के आधर पर बाइबल के विद्वान इसे यशायाह की पुस्तक का लघु रूप कहते हैं। दण्ड और चेतावनी ;अध्याय 1-3 ये अध्याय उस समय का विवरण देते हैं जब राजा आहाज के दिनों में अश्शूरियों ने यहूदा पर चढ़ाई की थी ;1:6-16( 2 राजा 173-16। यह दण्ड इस्राएल के पाप के कारण आया। ;1:5। पद 6 और 7 में हम सामरिया के विनाश के विषय में पढ़ते हैं। पद 9 और 10 में हम यहूदा पर आक्रमण के विषय में पढ़ते हैं। इस्राएल के अगुवे भी बिगड़ गए थे। उन्होंने लोगों से पाप करवाया ;3:1द्ध अपना कार्य करने के लिए उन्होंने घूस लिया और दिखावा किया कि उनकी शिक्षा और न्याय यहोवा की ओर से है। ;3:11 परिणामस्वरूप परमेश्वर ने उन्हें भयंकर दण्ड दिया। आश्वासन ;अध्याय 4, 5 इन अध्यायों में अपने लोगों के प्रति परमेश्वर के व्यवहार में एक परिवर्तन देखते हैं। उनके पश्चाताप करने पर परमेश्वर न केवल दया दिखाते हैं परंतु उनसे अच्छे भविष्य का वायदा भी करते हैं। मीका ने भविष्यद्वाणी की कि परमेश्वर के मंदिर की महानता पिफर से स्थापित होगी। ;4:1। और ‘‘यहोवा की व्यवस्था सिय्योन से और उसका वचन यरूशलेम से निकलेगा।’’ ;पद 2 और ‘‘वह बहुत से देशों के लोगों का न्याय करेगा और दूर-दूर तक की सामर्थी जातियों के झगड़ों को मिटाएगा।’’ ;पद 3 अध्याय 5 इस्राएल को भविष्य में मिलने वाले विजय के विषय में कहता है। पद 2 स्पष्ट कहता है कि ये आशीषें उन्हें उस राजा के द्वारा प्राप्त होंगी जिसका जन्म बैतलहम में होगा। ‘‘हे बैतलहम एप्राता, यदि तू ऐसा छोटा है कि यहूदा के हशारों में गिना नहीं जाता, तौभी तुझ में से मेरे लिए एक पुरुष निकलेगा, जो इस्राएलियों में प्रभुता करनेवाला होगा, और उसका निकलना प्राचीन काल से, वरन् अनादिकाल से होता आया है।’’ ;पद 2। यह प्रभु यीशु मसीह के जन्म स्थान के विषय में की गई भविष्यद्वाणी है जो मत्ती 2:5 में पूरी हुई। इस्राएल पर अभियोग: परमेश्वर इस्राएल पर अभियोग लगाते हैं कि उनके लिए सब कुछ करने के बावशूद भी वे परमेश्वर से दूर चले गए। ;6:1-5। परन्तु परमेश्वर उनसे कहते हैं, ‘‘हे मनुष्य, वह तुझे बता चुका है कि क्या अच्छा है और यहोवा इसे छोड़ और तुझ से क्या चाहता है कि तू न्याय से काम करे और कृपा से प्रीति रखे और अपने परमेश्वर के साथ नम्रता से चले?’’ ;पद 8।क्षमा: ;अध्याय 7 इस्राएल नैतिक रूप से पतित हो चुका था परन्तु भविष्यद्वक्ता उनके साथ खड़े होकर उनके लिए परमेश्वर से विनती करता है। ;पद 7। अंततः परमेश्वर अपने लोगों को बचाएगा और उसके शत्रु लज्जित होंगे।यरूशलेम पिफर बनाया जाएगा और उसकी सीमाएँ बढ़ाई जाएँगी। ;11-13। बंधूँए अपनी बंधूँआई से लौट आएँगे। आशा की एक किरण के साथ इस पुस्तक का अंत होता है और पद 18-20 में हम परमेश्वर के प्रति स्तुति-गान देखते हैं। नहूम नहूम एल्कोश वासी था, जो संभवतः गलील का कपफरनहूम ही था।उसके नाम का अर्थ है‘‘आश्वासन’’। निश्चित रूप से वह यहूदा के लिए आश्वासन का संदेश लेकर आया क्योंकि उसकी भविष्यद्वाणी अश्शूरियों के विनाश के विषय में थी। अश्शूर की राजधनी नीनवे थी। आपको याद होगा कि परमेश्वर ने नीनवे के विरु( न्याय का संदेश योना के द्वारा भेजा था। नीनवे नगर के सब लोगों ने मन पिफराया था और दण्ड से बच गए थे। लगभग 150 वर्षों के पश्चात् वही अश्शूरी लोग संसार के सबसे दुष्ट जाति बन गए। अतः 661 ई.पू. में उनके विनाश का संदेश परमेश्वर की ओर से नहूम के पास आया। 612 ई.पू. में अश्शूर की राजधनी नीनवे पूरी रीति से नाश किया गया। इस पुस्तक को 3 भागों में बाँटा जा सकता है। न्यायी, न्याय और उद्धार।
- न्यायी: ;1:1-8 ‘‘यहोवा जल उठनेवाला और बदला लेनेवाला और जलजलाहट करने वाला है, यहोवा अपने द्रोहियों से बदला लेता है, परन्तु यहोवा विलम्ब से क्रोध् करने वाला और बड़ा शक्तिमान है।’’ ;पद 2।
- न्याय: ;पद 8-9 ‘‘परन्तु वह उमड़ती हुई धरा से उसके स्थान का अन्त कर देगा और अपने शत्रुओं को खदेड़कर अन्ध्कार में भगा देगा।’’ इससे हम जो आत्मिक पाठ सीखते हैं वह यह है कि जो न्याय अविश्वासियों पर आनेवाला है वह इससे भी भयंकर होगा। ;प्रका. 29:11-15।
- उद्धार : यहोवा यों कहता है, ‘‘चाहे वे सब प्रकार से सामर्थी हों, और बहुत भी हों, तौभी पूरी रीति से काटे जाएँगे और शून्य हो जाएँगे। मैं ने तुझे दुःख दिया है, परन्तु पिफर न दूँगा। क्योंकि मैं अब उसका ;अश्शूरियोंद्ध जूआ तेरी गर्दन पर से उतारकर तोड़ डालूँगा, और तेरा बंध्न पफाड़ डालूँगा।’’ ;1:12-13। नीनवे लुप्त हो जाएगा यह यहूदा के लिए खुशखबरी थी। ;1:15द्ध। इसका जिक्र पौलुस रोमियों 10:15 में करते हैं-एक सुसमाचार प्रचारक पापियों के लिए शांति का संदेश लाता है।आगे के अध्यायों में हम नीनवे के संपूर्ण विनाश के बारे में पढ़ते हैं जो वास्तव में पूर्ण हुआ।
बाइबल अध्यन
यशायाह 1:1 1 आमोस के पुत्र यशायाह का दर्शन, जिस को उसने यहूदा और यरूशलेम के विषय में उज्जियाह, योताम, आहाज, और हिजकिय्याह नाम यहूदा के राजाओं के दिनों में पाया। मीका 1:1,3-16 1 यहोवा का वचन, जो यहूदा के राजा योताम, आहाज और हिजकिय्याह के दिनों में मीका मोरेशेती को पहुंचा, जिस को उसने शोमरोन और यरूशलेम के विषय में पाया॥ 3 क्योंकि देख, यहोवा अपने पवित्र स्थान से बाहर निकल रहा है, और वह उतर कर पृथ्वी के ऊंचे स्थानों पर चलेगा। 4 और पहाड़ उसके नीचे गल जाएंगे, और तराई ऐसे फटेंगी, जैसे मोम आग की आंच से, और पानी जो घाट से नीचे बहता है। 5 यह सब याकूब के अपराध, और इस्राएल के घराने के पाप के कारण से होता है। याकूब का अपराध क्या है? क्या सामरिया नहीं? और यहूदा के ऊंचे स्थान क्या हैं? क्या यरूशलेम नहीं? 6 इस कारण मैं सामारिया को मैदान के खेत का ढेर कर दूंगा, और दाख का बगीचा बनाऊंगा; और मैं उसके पत्थरों को खड्ड में लुढ़का दूंगा, और उसकी नेव उखाड़ दूंगा। 7 उसकी सब खुदी हुई मूरतें टुकड़े टुकड़े की जाएंगी; और जो कुछ उसने छिनाला कर के कमाया है वह आग से भस्म किया जाएगा, और उसकी सब प्रतिमाओं को मैं चकनाचूर करूंगा; क्योंकि छिनाले ही की कमाई से उसने उसको संचय किया है, और वह फिर छिनाले की सी कमाई हो जाएगी॥ 8 इस कारण मैं छाती पीटकर हाय, हाय, करूंगा; मैं लुटा हुआ सा और नंगा चला फिरा करूंगा; मैं गीदड़ों की नाईं चिल्लाऊंगा, और शतुर्मुगों की नाईं रोऊंगा9 क्योंकि उसका घाव असाध्य है; और विपत्ति यहूदा पर भी आ पड़ी, वरन वह मेरे जातिभाइयों पर पड़कर यरूशलेम के फाटक तक पहुंच गई है॥ 10 गात नगर में इसकी चर्चा मत करो, और मत रोओ; बेतआप्रा में धूलि में लोटपोट करो। 11 हे शापीर की रहने वाली नंगी हो कर निर्लज चली जा; सानान की रहने वाली नहीं निकल सकती; बेतसेल के रोने पीटने के कारण उसका शरण स्थान तुम से ले लिया जाएगा। 12 क्योंकि मारोत की रहने वाली तो कुशल की बाट जोहते-जोहते तड़प गई है, क्योंकि यहोवा की ओर से यरूशलेम के फाटक तक विपत्ति आ पहुंची है। 13 हे लाकीश की रहने वाली अपने रथों में वेग चलने वाले घोड़े जोत; तुझी से सिय्योन की प्रजा के पाप का आरम्भ हुआ, क्योंकि इस्राएल के अपराध तुझी में पाए गए। 14 इस कारण तू गात के मोरेशेत को दान देकर दूर कर देगा; अकजीब के घर से इस्राएल के राजा धोखा ही खाएंगे। 15 हे मारेशा की रहने वाली मैं फिर तुझ पर एक अधिकारी ठहराऊंगा, और इस्राएल के प्रतिष्ठित लोगों को अदुल्लाम में आना पड़ेगा। 16 अपने दुलारे लड़कों के लिये अपना केश कटवा कर सिर मुंड़ा, वरन अपना पूरा सिर गिद्ध के समान गंजा कर दे, क्योंकि वे बंधुए हो कर तेरे पास से चले गए हैं। 2 राजा 17:3-16 3 उस पर अश्शूर के राजा शल्मनेसेर ने चढ़ाई की, और होशे उसके आधीन हो कर, उसको भेंट देने लगा। 4 परन्तु अश्शूर के राजा ने होशे को राजद्रोह की गोष्ठी करने वाला जान लिया, क्योंकि उसने “सो” नाम मिस्र के राजा के पास दूत भेजे, और अश्शूर के राजा के पास सालियाना भेंट भेजनी छोड़ दी; इस कारण अश्शूर के राजा ने उसको बन्द किया, और बेड़ी डालकर बन्दीगृह में डाल दिया। 5 तब अश्शूर के राजा ने पूरे देश पर चढ़ाई की, और शोमरोन को जा कर तीन वर्ष तक उसे घेरे रहा। 6 होशे के नौवें वर्ष में अश्शूर के राजा ने शोमरोन को ले लिया, और इस्राएल को अश्शूर में ले जा कर, हलह में और गोजान की नदी हाबोर के पास और मादियों के नगरों में बसाया। 7 इसका यह कारण है, कि यद्यपि इस्राएलियों का परमेश्वर यहोवा उन को मिस्र के राजा फ़िरौन के हाथ से छुड़ा कर मिस्र देश से निकाल लाया था, तौभी उन्होंने उसके विरुद्ध पाप किया, और पराये देवताओं का भय माना। 8 और जिन जातियों को यहोवा ने इस्राएलियों के साम्हने से देश से निकाला था, उनकी रीति पर, और अपने राजाओं की चलाई हुई रीतियों पर चलते थे। 9 और इस्राएलियों ने कपट कर के अपने परमेश्वर यहोवा के विरुद्ध अनुचित काम किए, अर्थात पहरुओं के गुम्मट से ले कर गढ़ वाले नगर तक अपनी सारी बस्तियों में ऊंचे स्थान बना लिए; 10 और सब ऊंची पहाडिय़ों पर, और सब हरे वृक्षों के तले लाठें और अशेरा खड़े कर लिए। 11 और ऐसे ऊंचे स्थानों में उन जातियों की नाईं जिन को यहोवा ने उनके साम्हने से निकाल दिया था, धूप जलाया, और यहोवा को क्रोध दिलाने के योग्य बुरे काम किए। 12 और मूरतों की उपासना की, जिसके विषय यहोवा ने उन से कहा था कि तुम यह काम न करना। 13 तौभी यहोवा ने सब भविष्यद्वक्ताओं और सब दशिर्यों के द्वारा इस्राएल और यहूदा को यह कह कर चिताया था, कि अपनी बुरी चाल छोड़ कर उस सारी व्यवस्था के अनुसार जो मैं ने तुम्हारे पुरखाओं को दी थी, और अपने दास भविष्यद्वक्ताओं के हाथ तुम्हारे पास पहुंचाई है, मेरी आज्ञाओं और विधियों को माना करो। 14 परन्तु उन्होंने न माना, वरन अपने उन पुरखाओं की नाईं, जिन्होंने अपने परमेश्वर यहोवा का विश्वास न किया था, वे भी हठीले बन गए। 15 और वे उसकी विधियों और अपने पुरखाओं के साथ उसकी वाचा, और जो चितौनियां उसने उन्हें दी थीं, उन को तुच्छ जान कर, निकम्मी बातों के पीछे हो लिए; जिस से वे आप निकम्मे हो गए, और अपने चारों ओर की उन जातियों के पीछे भी हो लिए जिनके विषय यहोवा ने उन्हें आज्ञा दी थी कि उनके से काम न करना। 16 वरन उन्होंने अपने परमेश्वर यहोवा की सब आज्ञाओं को त्याग दिया, और दो बछड़ों की मूरतें ढाल कर बनाईं, और अशेरा भी बनाईं; और आकाश के सारे गणों को दण्डवत की, और बाल की उपासना की। मीका 3:1,11 1 और मैं ने कहा, हे याकूब के प्रधानों, हे इस्राएल के घराने के न्याइयों, सुनो! क्या न्याय का भेद जानना तुम्हारा काम नहीं? 11 उसके प्रधान घूस ले ले कर विचार करते, और याजक दाम ले ले कर व्यवस्था देते हैं, और भविष्यद्वक्ता रूपये के लिये भावी कहते हैं; तौभी वे यह कहकर यहोवा पर भरोसा रखते हैं, यहोवा हमारे बीच में है, इसलिये कोई विपत्ति हम पर न आएगी। मीका 4-अध्याय 1 अन्त के दिनों में ऐसा होगा कि यहोवा के भवन का पर्वत सब पहाड़ों पर दृढ़ किया जाएगा, और सब पहाडिय़ों से अधिक ऊंचा किया जाएगा; और हर जाति के लोग धारा की नाईं उसकी ओर चलेंगे। 2 और बहुत जातियों के लोग जाएंगे, और आपस में कहेंगे, आओ, हम यहोवा के पर्वत पर चढ़कर, याकूब के परमेश्वर के भवन में जाएं; तब वह हम को अपने मार्ग सिखाएगा, और हम उसके पथों पर चलेंगे। क्योंकि यहोवा की व्यवस्था सिय्योन से, और उसका वचन यरूशलेम से निकलेगा। 3 वह बहुत देशों के लोगों का न्याय करेगा, और दूर दूर तक की सामर्थी जातियों के झगड़ों को मिटाएगा; सो वे अपनी तलवारें पीटकर हल के फाल, और अपने भालोंसे हंसिया बनाएंगे; तब एक जाति दूसरी जाति के विरुद्ध तलवार फिर न चलाएगी; 4 और लोग आगे को युद्ध विद्या न सीखेंगे। परन्तु वे अपनी अपनी दाखलता और अंजीर के वृक्ष तले बैठा करेंगे, और कोई उन को न डराएगा; सेनाओं के यहोवा ने यही वचन दिया है॥ 5 सब राज्यों के लोग तो अपने अपने देवता का नाम ले कर चलते हैं, परन्तु हम लोग अपने परमेश्वर यहोवा का नाम ले कर सदा सर्वदा चलते रहेंगे॥ 6 यहोवा की यह वाणी है, उस समय मैं प्रजा के लंगड़ों को, और बरबस निकाले हुओं को, और जिन को मैं ने दु:ख दिया है उन सब को इकट्ठे करूंगा। 7 और लंगड़ों को मैं बचा रखूंगा, और दूर किए हुओं को एक सामर्थी जाति कर दूंगा; और यहोवा उन पर सिय्योन पर्वत के ऊपर से सदा राज्य करता रहेगा॥ 8 और हे एदेर के गुम्मट, हे सिय्योन की पहाड़ी, पहिली प्रभुता अर्थात यरूशलेम का राज्य तुझे मिलेगा॥ 9 अब तू क्यों चिल्लाती है? क्या तुझ में कोई राजा नहीं रहा? क्या तेरा युक्ति करने वाला नाश हो गया, जिस से जच्चा स्त्री की नाईं तुझे पीड़ा उठती है? 10 हे सिय्योन की बेटी, जच्चा स्त्री की नाईं पीड़ा उठा कर उत्पन्न कर; क्योंकि अब तू गढ़ी में से निकल कर मैदान में बसेगी, वरन बाबुल तक जाएगी; वहीं तू छुड़ाई जाएगी, अर्थात वहीं यहोवा तुझे तेरे शत्रुओं के वश में से छुड़ा लेगा॥ 11 और अब बहुत सी जातियां तेरे विरुद्ध इकट्ठी हो कर तेरे विषय में कहेंगी सिय्योन अपवित्र की जाए, और हम अपनी आंखों से उसको निहारें। 12 परन्तु वे यहोवा की कल्पनाएं नहीं जानते, न उसकी युक्ति समझते हैं, कि वह उन्हें ऐसा बटोर लेगा जैसे खलिहान में पूले बटोरे जाते हैं। 13 हे सिय्योन, उठ और दांव कर, मैं तेरे सींगों को लोहे के, और तेरे खुरों को पीतल के बना दूंगा; ओर तू बहुत सी जातियों को चूरचूर करेगी, ओर उनकी कमाई यहोवा को और उनकी धन-सम्पत्ति पृथ्वी के प्रभु के लिये अर्पण करेगी॥ मीका 5-अध्याय 1 अब हे बहुत दलों की स्वामिनी, दल बान्ध-बान्धकर इकट्ठी हो, क्योंकि उसने हम लोगों को घेर लिया है; वे इस्राएल के न्यायी के गाल पर सोंटा मारेंगे। 2 हे बेतलेहेम एप्राता, यदि तू ऐसा छोटा है कि यहूदा के हजारों में गिना नहीं जाता, तौभी तुझ में से मेरे लिये एक पुरूष निकलेगा, जो इस्राएलियों में प्रभुता करने वाला होगा; और उसका निकलना प्राचीन काल से, वरन अनादि काल से होता आया है। 3 इस कारण वह उन को उस समय तक त्यागे रहेगा, जब तक जच्चा उत्पन्न न करे; तब इस्राएलियों के पास उसके बचे हुए भाई लौट कर उन से मिल जाएंगे। 4 और वह खड़ा हो कर यहोवा की दी हुई शक्ति से, और अपने परमेश्वर यहोवा के नाम के प्रताप से, उनकी चरवाही करेगा। और वे सुरक्षित रहेंगे, क्योंकि अब वह पृथ्वी की छोर तक महान् ठहरेगा॥ 5 और वह शान्ति का मूल होगा, जब अश्शूरी हमारे देश पर चढ़ाई करें, और हमारे राजभवनों में पांव धरें, तब हम उनके विरुद्ध सात चरवाहे वरन आठ प्रधान मनुष्य खड़ें करेंगे। 6 और वे अश्शूर के देश को वरन पैठाव के स्थानों तक निम्रोद के देश को तलवार चला कर मार लेंगे; और जब अश्शूरी लोग हमारे देश में आएं, और उसके सिवाने के भीतर पांव धरें, तब वही पुरूष हम को उन से बचाएगा। 7 और याकूब के बचे हुए लोग बहुत राज्यों के बीच ऐसा काम देंगे, जैसा यहोवा की ओर से पड़ने वाली ओस, और घास पर की वर्षा, जो किसी के लिये नहीं ठहरती और मनुष्यों की बाट नहीं जोहती। 8 और याकूब के बचे हुए लोग जातियों में और देश देश के लोगों के बीच ऐसे होंगे जैसे वन पशुओं में सिंह, वा भेड़-बकरियों के झुण्डों में जवान सिंह होता है, क्योंकि जब वह उनके बीच में से जाए, तो लताड़ता और फाड़ता जाएगा, और कोई बचा न सकेगा। 9 तेरा हाथ तेरे द्रोहियों पर पड़े, और तेरे सब शत्रु नाश हो जाएं॥ 10 यहोवा की यही वाणी है, उस समय मैं तेरे घोड़ों को तेरे बीच में से नाश करूंगा; और तेरे रथों का विनाश करूंगा। 11 ओर मैं तेरे देश के नगरों को भी नाश करूंगा, और तेरे किलों को ढा दूंगा। 12 और मैं तेरे तन्त्र-मन्त्र नाश करूंगा, और तुझ में टोन्हे आगे को न रहेंगे। 13 ओर मैं तेरी खुदी हुई मूरतें, और तेरी लाठें, तेरे बीच में से नाश करूंगा; और तू आगे को अपने हाथ की बनाई हुई वस्तुओं को दण्डवत न करेगा। 14 और मैं तेरी अशेरा नाम मूरतों को तेरी भूमि में से उखाड़ डालूंगा, और तेरे नगरों का विनाश करूंगा। 15 और मैं अन्यजातियों से जो मेरा कहा नहीं मानतीं, क्रोध और जल जलाहट के साथ पलटा लूंगा॥ मीका 6:1-5,8 1 जो बात यहोवा कहता है, उसे सुनो : उठ कर, पहाड़ों के साम्हने वादविवाद कर, और टीले भी तेरी सुनने पाएं। 2 हे पहाड़ों, और हे पृथ्वी की अटल नेव, यहोवा का वादविवाद सुनो, क्योंकि यहोवा का अपनी प्रजा के साथ मुकद्दमा है, और वह इस्राएल से वादविवाद करता है॥ 3 हे मेरी प्रजा, मैं ने तेरा क्या किया, और क्या कर के मैं ने तुझे उकता दिया है? 4 मेरे विरुद्ध साक्षी दे! मैं तो तुझे मिस्र देश से निकाल ले आया, और दासत्व के घर में से तुझे छुड़ा लाया; और तेरी अगुवाई करने को मूसा, हारून और मरियम को भेज दिया। 5 हे मेरी प्रजा, स्मरण कर, कि मोआब के राजा बालाक ने तेरे विरुद्ध कौन सी युक्ति की? और बोर के पुत्र बिलाम ने उसको क्या सम्मत्ति दी? और शित्तिम से गिल्गाल तक की बातों का स्मरण कर, जिस से तू यहोवा के धर्म के काम समझ सके॥ 8 हे मनुष्य, वह तुझे बता चुका है कि अच्छा क्या है; और यहोवा तुझ से इसे छोड़ और क्या चाहता है, कि तू न्याय से काम करे, और कृपा से प्रीति रखे, और अपने परमेश्वर के साथ नम्रता से चले? मीका 7:11-13,18-20 11 तेरे बाड़ों के बान्धने के दिन उसकी सीमा बढ़ाई जाएगी। 12 उस दिन अश्शूर से, और मिस्र के नगरों से, और मिस्र और महानद के बीच के, और समुद्र-समुद्र और पहाड़-पहाड़ के बीच के देशों से लोग तेरे पास आंएगे। 13 तौभी यह देश अपने रहने वालों के कामों के कारण उजाड़ ही रहेगा॥ 18 तेरे समान ऐसा परमेश्वर कहां है जो अधर्म को क्षमा करे और अपने निज भाग के बचे हुओं के अपराध को ढांप दे? वह अपने क्रोध को सदा बनाए नहीं रहता, क्योंकि वह करूणा से प्रीति रखता है। 19 वह फिर हम पर दया करेगा, और हमारे अधर्म के कामों को लताड़ डालेगा। तू उनके सब पापों को गहिरे समुद्र में डाल देगा। 20 तू याकूब के विषय में वह सच्चई, और इब्राहीम के विषय में वह करूणा पूरी करेगा, जिस की शपथ तू प्राचीनकाल के दिनों से ले कर अब तक हमारे पितरों से खाता आया है॥ न्यायियों 1:1-9 1 यहोशू के मरने के बाद इस्राएलियों ने यहोवा से पूछा, कि कनानियों के विरुद्ध लड़ने को हमारी ओर से पहिले कौन चढ़ाई करेगा? 2 यहोवा ने उत्तर दिया, यहूदा चढ़ाई करेगा; सुनो, मैं ने इस देश को उसके हाथ में दे दिया है। 3 तब यहूदा ने अपने भाई शिमोन से कहा, मेरे संग मेरे भाग में आ, कि हम कनानियों से लड़ें; और मैं भी तेरे भाग में जाऊंगा। सो शिमोन उसके संग चला। 4 और यहूदा ने चढ़ाई की, और यहोवा ने कनानियों और परिज्जियों को उसके हाथ में कर दिया; तब उन्होंने बेजेक में उन में से दस हजार पुरूष मार डाले। 5 और बेजेक में अदोनीबेजेक को पाकर वे उस से लड़े, और कनानियों और परिज्जियों को मार डाला। 6 परन्तु अदोनीबेजेक भागा; तब उन्होंने उसका पीछा करके उसे पकड़ लिया, और उसके हाथ पांव के अंगूठे काट डाले। 7 तब अदोनीबेजेक ने कहा, हाथ पांव के अंगूठे काटे हुए सत्तर राजा मेरी मेज के नीचे टुकड़े बीनते थे; जैसा मैं ने किया था, वैसा ही बदला परमेश्वर ने मुझे दिया है। तब वे उसे यरूशलेम को ले गए और वहां वह मर गया॥ 8 और यहूदियोंने यरूशलेम से लड़कर उसे ले लिया, और तलवार से उसके निवासियों मार डाला, और नगर को फूंक दिया। 9 और तब यहूदी पहाड़ी देश और दक्खिन देश, और नीचे के देश में रहने वाले कनानियों से लड़ने को गए। प्रकाशितवाक्य 19:11-15 11 फिर मैं ने स्वर्ग को खुला हुआ देखा; और देखता हूं कि एक श्वेत घोड़ा है; और उस पर एक सवार है, जो विश्वास योग्य, और सत्य कहलाता है; और वह धर्म के साथ न्याय और लड़ाई करता है। 12 उस की आंखे आग की ज्वाला हैं: और उसके सिर पर बहुत से राजमुकुट हैं; और उसका एक नाम लिखा है, जिस उस को छोड़ और कोई नहीं जानता। 13 और वह लोहू से छिड़का हुआ वस्त्र पहिने है: और उसका नाम परमेश्वर का वचन है। 14 और स्वर्ग की सेना श्वेत घोड़ों पर सवार और श्वेत और शुद्ध मलमल पहिने हुए उसके पीछे पीछे है। 15 और जाति जाति को मारने के लिये उसके मुंह से एक चोखी तलवार निकलती है, और वह लोहे का राजदण्ड लिए हुए उन पर राज्य करेगा, और वह सर्वशक्तिमान परमेश्वर के भयानक प्रकोप की जलजलाहट की मदिरा के कुंड में दाख रौंदेगा। न्यायियों 1:11-15 11 वहां से उसने जा कर दबीर के निवासियों पर चढ़ाई की। (दबीर का नाम तो पूर्वकाल में किर्यत्सेपेर था।) 12 तब कालेब ने कहा, जो किर्यत्सेपेर को मार के ले ले उसे मैं अपनी बेटी अकसा को ब्याह दूंगा। 13 इस पर कालेब के छोटे भाई कनजी ओत्नीएल ने उसे ले लिया; और उसने उसे अपनी बेटी अकसा को ब्याह दिया। 14 और जब वह ओत्नीएल के पास आई, तब उसने उसको अपने पिता से कुछ भूमि मांगने को उभारा; फिर वह अपने गदहे पर से उतरी, तब कालेब ने उस से पूछा, तू क्या चाहती है? 15 वह उस से बोली मुझे आशीर्वाद दे; तू ने मुझे दक्खिन देश तो दिया है, तो जल के सोते भी दे। इस प्रकार कालेब ने उसको ऊपर और नीचे के दोनों सोते दे दिए॥ रोमियों 10:15 15 और प्रचारक बिना क्योंकर सुनें? और यदि भेजे न जाएं, तो क्योंकर प्रचार करें? जैसा लिखा है, कि उन के पांव क्या ही सुहावने हैं, जो अच्छी बातों का सुसमाचार सुनाते हैं।