पाठ 32 : उद्धार की सुरक्षा 1
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सारांश
बाइबल के कुछ भाग ऐसे हैं जिनसे यह प्रतीत होता है कि उद्धार प्राप्त व्यक्ति का उद्धार सुरक्षित नहीं है अतः वह नष्ट हो सकता है। हम ऐसे ही कुछ तर्कों को देखेंगे जो महत्वपूर्ण प्रतीत होते हैं।नाम को काटना: ;निर्गमन 32:32इस्राएलियों के लिए मध्यस्थता करते हुए मूसा ने यह कहा था ‘‘तौभी अब तू उनका पाप क्षमा कर-नहीं तो अपनी लिखी हुई पुस्तक में से मेरे नाम को काट दे।’’ यहोवा ने मूसा से कहा, ‘‘जिसने मेरे विरु( पाप किया है, उसी का नाम मैं अपनी पुस्तक में से काट दूँगा।’’;पद 33 यहाँ तर्क यह है कि ‘‘परमेश्वर की पुस्तक में से नाम के काटे जाने की संभावना है। इस कारण कुछ लोग तर्क देते हैं कि उद्धार नष्ट हो सकता है। मूसा ने प्रार्थना की थी कि जो नाम परमेश्वर ने लिखा था उसे वह काट दें। हम जानते हैं कि स्वर्ग में अनेक पुस्तकें हैं-;भजन 69:28 यशा. 4:3( दानि. 12:1( भजन 56:8( मलाकी 3:16( यशा. 65:6( प्रका20:12। भजन 69:28 में जिन पुस्तक का वर्णन है वह है ‘‘जीवन की पुस्तक’’। यह स्पष्ट है कि मनुष्य के जन्म के समय उसका नाम उस पुस्तक में लिखा जाता है और उसकी मृत्यु के समय वह काटा जाता है। अतः यहाँ इस तर्क में उद्धार का तात्पर्य नहीं है।छः लाख इस्राएलियों की मृत्यु: ;गिनती 14 व्यवस्था 1:33-38। यहाँ पर तर्क यह है कि छः लाख लोग वायदे के देश में पहुँचने से पहले ही मर गए। अतः परमेश्वर के लोग जो पाप करते हैं वे स्वर्ग नहीं पहुँच पाएँगे। सत्य यह है कि मरुभूमि की मृत्यु उद्धार के नष्ट होने को नहीं बताती। नए नियम के विश्वासी के लिए वायदे की भूमि स्वर्ग नहीं बल्कि इस संसार में रहकर आत्मिक आशीषें को प्राप्त करना व उसका आनंद उठाना है। ;इपिफ. 1:3द्ध इस बात पर ध्यान दें कि मूसा की भी बगैर वायदे के देश में पहुँचे, जंगल में ही मृत्यु हो गई थी।परन्तु प्रभु यीशु के रूपांतर के समय पर मूसा भी उस पर्वत पर थे। अतः मरुभूमि में मृत्यु होना उद्धार को खोना नहीं है। उद्धार के लिए अंत तक धीरज धरणा है:;मत्ती 24:13 ‘‘परन्तु जो अन्त तक धीरज धरय रहेगा, उसी का उद्धार होगा।’’ यह पद एक भविष्यद्वाणी का भाग है जो यहूदियों और महाक्लेश के समय के विषय में है। ;पद 14 पढ़ें। दानिय्येल की पुस्तक में लिखे गए। 1335 दिनों के अंत समय की यह भविष्यद्वाणी है।वे यहूदी जो महाक्लेश को सह लेंगे वे हशार वर्ष के राज्य में प्रवेश कर सकेंगे और स्वर्ग के वारिस बन सकेंगे ;रोमियों. 11:25-27( यशा. 4:4महाक्लेश के समय धीरज धरना उद्धार पाने की कसौटी है। इसका तात्पर्य विश्वास के द्वारा अनुग्रह से उद्धार पाए हुए नए नियम के विश्वासी से नहीं है।‘‘भेड़ों और बकरियों’’ का न्याय: ;मत्ती 25:31-46 यह गलत मान्यता है कि यह अंतिम न्याय है। ‘‘जब मनुष्य का पुत्रा अपनी महिमा में आएगा और सब स्वर्गदूत उसके साथ आएँगे, तो वह अपनी महिमा के सिंहासन पर विराजमान होगा। और सब जातियाँ उसके सामने इकट्ठा की जाएँगी, और जैसे चरवाहा भेड़ों को बकरियों से अलग कर देता है,वैसे ही वह उन्हें एक दूसरे से अलग करेगा।’’ मत्ती में हम पढ़ते हैं- ‘‘आएगा’’ ‘‘इक्ट्ठा की जाएँगी’’-यह यहोशापात की तराई में होगा। तथापि महाश्वेत सिंहासन के समय पृथ्वी का अस्तित्व ही नहीं होगा। अतः यह दो अलग-अलग समयों में दो अलग-अलग घटनाओं का वर्णन है।यहोशापात की तराई में ‘‘महिमा का सिंहासन’’ है, जबकि प्रकाशितवाक्य 20 में महान श्वेत सिंहासन है जो अंतरिक्ष में है। अतः इस बात का भी अनुग्रह के इस युग में प्राप्त उद्धार से कोई संबंध नहीं है।अपने उद्धार का कार्य पूरा करो: ;फलि. 2:12विश्वासियों से कहा गया है कि उद्धार का कार्य पूरा करो। स्पष्टतः यह ‘‘उद्धार के लिए कार्य’’ नहीं है बल्कि ‘‘उद्धार का कार्य’’ है। पौलुस यह पत्री ‘‘संतों’’ को लिख रहे हैं पिफलि. 1:1। ‘‘कार्य पूरा करो’’ अर्थात् किसी कार्य को पूरा करना। परमेश्वर हमसे चाहते हैं कि हम भी प्रभु यीशु की समानता में बदल जाएँ। ‘‘क्योंकि जिन्हें उसने पहले से जान लिया है, उन्हें पहले से ठहराया भी है कि उसके पुत्रा के स्वरूप में हों, ताकि वह बहुत भाइयों में पहिलौठा ठहरे।’’ ;रोमियों 8:29। बच्चे जनने के द्वारा उद्धार ;1 तीमु. 2:15द्ध। यहाँ ‘जनने’ का तात्पर्य ‘‘देखभाल’’ से है। स्त्राी के द्वारा एक माता के रूप में विश्वासयोग्यता के साथ अपना उत्तरदायित्व निभाना।झाड़ी और ऊँटकटारे का जलाया जाना: ;इब्रा. 6:1-8 यहाँ पर लेखक एक खेत का उदाहरण देते हैं। यह हमें उस दृष्टांत का स्मरण दिलाता है जो प्रभु यीशु ने बीज बोने वाले के विषय में कहा था,;मत्ती 13:1-9, 18-23 साथ ही पौलुस की वह शिक्षा भी जो उन्होंने हमारे कार्यों की अग्नि परीक्षा के विषय में कहा था। ;1 कुरि 3:6-23।भूमि अपनी योग्यता अपनी उपज के द्वारा प्रकट करती है, और एक सच्चा विश्वासी भी परमेश्वर की महिमा के लिए पफल लाता है। इस बात पर ध्यान दें कि झाड़ी और ऊँटकटारे जलाए जाते हैं, खेत नहीं! परमेश्वर अपनों को कभी नष्ट नहीं करते! एक विश्वासी अनंतकाल के लिए बचाया जाता है। बाइबल का ध्यानपूर्वक अध्ययन से हम जान सकते हैं कि परमेश्वर एक उद्धार प्राप्त व्यक्ति को गिरने से बचाते हैं।
बाइबल अध्यन
निर्गमन 32:32
32 तौभी अब तू उनका पाप क्षमा कर नहीं तो अपनी लिखी हुई पुस्तक में से मेरे नाम को काट दे।
भजन संहिता 69:28
28 उनका नाम जीवन की पुस्तक में से काटा जाए, और धर्मियों के संग लिखा न जाए॥
यशायाह 4:3
3 और जो कोई सिय्योन में बचा रहे, और यरूशलेम में रहे, अर्थात यरूशलेम में जितनों के नाम जीवनपत्र में लिखे हों, वे पवित्र कहलाएंगे।
दानिय्येल 12:1
1 उसी समय मीकाएल नाम बड़ा प्रधान, जो तेरे जाति-भाइयों का पक्ष करने को खड़ा रहता है, वह उठेगा। तब ऐसे संकट का समय होगा, जैसा किसी जाति के उत्पन्न होने के समय से ले कर अब तक कभी न हुआ होगा; परन्तु उस समय तेरे लोगों में से जितनों के नाम परमेश्वर की पुस्तक में लिखे हुए हैं, वे बच निकलेंगे।
भजन संहिता 56:8
8 तू मेरे मारे मारे फिरने का हिसाब रखता है; तू मेरे आंसुओं को अपनी कुप्पी में रख ले! क्या उनकी चर्चा तेरी पुस्तक में नहीं है?
मलाकी 3:16
16 तब यहोवा का भय मानने वालों ने आपस में बातें की, और यहोवा ध्यान धर कर उनकी सुनता था; और जो यहोवा का भय मानते और उसके नाम का सम्मान करते थे, उनके स्मरण के निमित्त उसके साम्हने एक पुस्तक लिखी जाती थी।
यशायाह 65:6
6 तू जो पराक्रम का फेंटा कसे हुए, अपनी सामर्थ्य के पर्वतों को स्थिर करता है;
प्रकाशितवाक्य 20:12
12 फिर मैं ने छोटे बड़े सब मरे हुओं को सिंहासन के साम्हने खड़े हुए देखा, और पुस्तकें खोली गई; और फिर एक और पुस्तक खोली गई; और फिर एक और पुस्तक खोली गई, अर्थात जीवन की पुस्तक; और जैसे उन पुस्तकों में लिखा हुआ था, उन के कामों के अनुसार मरे हुओं का न्याय किया गया।
व्यवस्थाविवरण 1:33-38
33 जो तुम्हारे आगे आगे इसलिये चलता रहा, कि डेरे डालने का स्थान तुम्हारे लिये ढूंढ़े, और रात को आग में और दिन को बादल में प्रगट हो कर चला, ताकि तुम को वह मार्ग दिखाए जिस से तुम चलो।
34 परन्तु तुम्हारी वे बातें सुनकर यहोवा का कोप भड़क उठा, और उसने यह शपथ खाई,
35 कि निश्चय इस बुरी पीढ़ी के मनुष्यों में से एक भी उस अच्छे देश को देखने न पाऐगा, जिसे मैं ने उनके पितरों को देने की शपथ खाई थी।
36 यपुन्ने का पुत्र कालेब ही उसे देखने पाऐगा, और जिस भूमि पर उसके पाँव पड़े हैं उसे मैं उसको और उसके वंश को भी दूंगा; क्योंकि वह मेरे पीछे पूरी रीति से हो लिया है।
37 और मुझ पर भी यहोवा तुम्हारे कारण क्रोधित हुआ, और यह कहा, कि तू भी वहाँ जाने न पाएगा;
38 नून का पुत्र यहोशू जो तेरे साम्हने खड़ा रहता है, वह तो वहाँ जाने पाएगा; सो तू उसको हियाव दे, क्योंकि उस देश को इस्राएलियों के अधिकार में वही कर देगा।
इफिसियों 1:3
3 हमारे प्रभु यीशु मसीह के परमेश्वर और पिता का धन्यवाद हो, कि उस ने हमें मसीह में स्वर्गीय स्थानों में सब प्रकार की आशीष दी है।
मत्ती 24:13
13 परन्तु जो अन्त तक धीरज धरे रहेगा, उसी का उद्धार होगा।
रोमियों 11:25-27
25 हे भाइयों, कहीं ऐसा न हो, कि तुम अपने आप को बुद्धिमान समझ लो; इसलिये मैं नहीं चाहता कि तुम इस भेद से अनजान रहो, कि जब तक अन्यजातियां पूरी रीति से प्रवेश न कर लें, तब तक इस्त्राएल का एक भाग ऐसा ही कठोर रहेगा।
26 और इस रीति से सारा इस्त्राएल उद्धार पाएगा; जैसा लिखा है, कि छुड़ाने वाला सियोन से आएगा, और अभक्ति को याकूब से दूर करेगा।
27 और उन के साथ मेरी यही वाचा होगी, जब कि मैं उन के पापों को दूर कर दूंगा।
यशायाह 4:4
4 यह तब होगा, जब प्रभु न्याय करने वाली और भस्म करने वाली आत्मा के द्धारा सिय्योन की स्त्रियों के मल को धो चुकेगा और यरूशलेम के खून को दूर कर चुकेगा।
मत्ती 25:31-46
31 जब मनुष्य का पुत्र अपनी महिमा में आएगा, और सब स्वर्ग दूत उसके साथ आएंगे तो वह अपनी महिमा के सिहांसन पर विराजमान होगा।
32 और सब जातियां उसके साम्हने इकट्ठी की जाएंगी; और जैसा चरवाहा भेड़ों को बकिरयों से अलग कर देता है, वैसा ही वह उन्हें एक दूसरे से अलग करेगा।
33 और वह भेड़ों को अपनी दाहिनी ओर और बकिरयों को बाई और खड़ी करेगा।
34 तब राजा अपनी दाहिनी ओर वालों से कहेगा, हे मेरे पिता के धन्य लोगों, आओ, उस राज्य के अधिकारी हो जाओ, जो जगत के आदि से तुम्हारे लिये तैयार किया हुआ है।
35 क्योंकि मैं भूखा था, और तुम ने मुझे खाने को दिया; मैं प्यासा था, और तुम ने मुझे पानी पिलाया, मैं पर देशी था, तुम ने मुझे अपने घर में ठहराया।
36 मैं नंगा था, तुम ने मुझे कपड़े पहिनाए; मैं बीमार था, तुम ने मेरी सुधि ली, मैं बन्दीगृह में था, तुम मुझ से मिलने आए।
37 तब धर्मी उस को उत्तर देंगे कि हे प्रभु, हम ने कब तुझे भूखा देखा और खिलाया? या प्यासा देखा, और पिलाया?
38 हम ने कब तुझे पर देशी देखा और अपने घर में ठहराया या नंगा देखा, और कपड़े पहिनाए?
39 हम ने कब तुझे बीमार या बन्दीगृह में देखा और तुझ से मिलने आए?
40 तब राजा उन्हें उत्तर देगा; मैं तुम से सच कहता हूं, कि तुम ने जो मेरे इन छोटे से छोटे भाइयों में से किसी एक के साथ किया, वह मेरे ही साथ किया।
41 तब वह बाईं ओर वालों से कहेगा, हे स्रापित लोगो, मेरे साम्हने से उस अनन्त आग में चले जाओ, जो शैतान और उसके दूतों के लिये तैयार की गई है।
42 क्योंकि मैं भूखा था, और तुम ने मुझे खाने को नहीं दिया, मैं प्यासा था, और तुम ने मुझे पानी नहीं पिलाया।
43 मैं परदेशी था, और तुम ने मुझे अपने घर में नहीं ठहराया; मैं नंगा था, और तुम ने मुझे कपड़े नहीं पहिनाए; बीमार और बन्दीगृह में था, और तुम ने मेरी सुधि न ली।
44 तब वे उत्तर देंगे, कि हे प्रभु, हम ने तुझे कब भूखा, या प्यासा, या परदेशी, या नंगा, या बीमार, या बन्दीगृह में देखा, और तेरी सेवा टहल न की?
45 तब वह उन्हें उत्तर देगा, मैं तुम से सच कहता हूं कि तुम ने जो इन छोटे से छोटों में से किसी एक के साथ नहीं किया, वह मेरे साथ भी नहीं किया।
46 और यह अनन्त दण्ड भोगेंगे परन्तु धर्मी अनन्त जीवन में प्रवेश करेंगे।
फिलिप्पियों 2:12
12 सो हे मेरे प्यारो, जिस प्रकार तुम सदा से आज्ञा मानते आए हो, वैसे ही अब भी न केवल मेरे साथ रहते हुए पर विशेष करके अब मेरे दूर रहने पर भी डरते और कांपते हुए अपने अपने उद्धार का कार्य पूरा करते जाओ।
फिलिप्पियों 1:1
1 मसीह यीशु के दास पौलुस और तीमुथियुस की ओर से सब पवित्र लोगों के नाम, जो मसीह यीशु में होकर फिलिप्पी में रहते हैं, अध्यक्षों और सेवकों समेत।
रोमियों 8:29
29 क्योंकि जिन्हें उस ने पहिले से जान लिया है उन्हें पहिले से ठहराया भी है कि उसके पुत्र के स्वरूप में हों ताकि वह बहुत भाइयों में पहिलौठा ठहरे।
1 तीमुथियुस 2:15
15 तौभी बच्चे जनने के द्वारा उद्धार पाएंगी, यदि वे संयम सहित विश्वास, प्रेम, और पवित्रता में स्थिर रहें॥
इब्रानियों 6:1-8
1 इसलिये आओ मसीह की शिक्षा की आरम्भ की बातों को छोड़ कर, हम सिद्धता की ओर आगे बढ़ते जाएं, और मरे हुए कामों से मन फिराने, और परमेश्वर पर विश्वास करने।
2 और बपतिस्मों और हाथ रखने, और मरे हुओं के जी उठने, और अन्तिम न्याय की शिक्षारूपी नेव, फिर से न डालें।
3 और यदि परमेश्वर चाहे, तो हम यही करेंगे।
4 क्योंकि जिन्हों ने एक बार ज्योति पाई है, जो स्वर्गीय वरदान का स्वाद चख चुके हैं और पवित्र आत्मा के भागी हो गए हैं।
5 और परमेश्वर के उत्तम वचन का और आने वाले युग की सामर्थों का स्वाद चख चुके हैं।
6 यदि वे भटक जाएं; तो उन्हें मन फिराव के लिये फिर नया बनाना अन्होना है; क्योंकि वे परमेश्वर के पुत्र को अपने लिये फिर क्रूस पर चढ़ाते हैं और प्रगट में उस पर कलंक लगाते हैं।
7 क्योंकि जो भूमि वर्षा के पानी को जो उस पर बार बार पड़ता है, पी पीकर जिन लोगों के लिये वह जोती-बोई जाती है, उन के काम का साग-पात उपजाती है, वह परमेश्वर से आशीष पाती है।
8 पर यदि वह झाड़ी और ऊंटकटारे उगाती है, तो निकम्मी और स्रापित होने पर है, और उसका अन्त जलाया जाना है॥
मत्ती 13:1-9;18-23
1 उसी दिन यीशु घर से निकलकर झील के किनारे जा बैठा।
2 और उसके पास ऐसी बड़ी भीड़ इकट्ठी हुई कि वह नाव पर चढ़ गया, और सारी भीड़ किनारे पर खड़ी रही।
3 और उस ने उन से दृष्टान्तों में बहुत सी बातें कही, कि देखो, एक बोने वाला बीज बोने निकला।
4 बोते समय कुछ बीज मार्ग के किनारे गिरे और पक्षियों ने आकर उन्हें चुग लिया।
5 कुछ पत्थरीली भूमि पर गिरे, जहां उन्हें बहुत मिट्टी न मिली और गहरी मिट्टी न मिलने के कारण वे जल्द उग आए।
6 पर सूरज निकलने पर वे जल गए, और जड़ न पकड़ने से सूख गए।
7 कुछ झाड़ियों में गिरे, और झाड़ियों ने बढ़कर उन्हें दबा डाला।
8 पर कुछ अच्छी भूमि पर गिरे, और फल लाए, कोई सौ गुना, कोई साठ गुना, कोई तीस गुना।
9 जिस के कान हों वह सुन ले॥
18 सो तुम बोने वाले का दृष्टान्त सुनो।
19 जो कोई राज्य का वचन सुनकर नहीं समझता, उसके मन में जो कुछ बोया गया था, उसे वह दुष्ट आकर छीन ले जाता है; यह वही है, जो मार्ग के किनारे बोया गया था।
20 और जो पत्थरीली भूमि पर बोया गया, यह वह है, जो वचन सुनकर तुरन्त आनन्द के साथ मान लेता है।
21 पर अपने में जड़ न रखने के कारण वह थोड़े ही दिन का है, और जब वचन के कारण क्लेश या उपद्रव होता है, तो तुरन्त ठोकर खाता है।
22 जो झाड़ियों में बोया गया, यह वह है, जो वचन को सुनता है, पर इस संसार की चिन्ता और धन का धोखा वचन को दबाता है, और वह फल नहीं लाता।
23 जो अच्छी भूमि में बोया गया, यह वह है, जो वचन को सुनकर समझता है, और फल लाता है कोई सौ गुना, कोई साठ गुना, कोई तीस गुना।
1 कुरिन्थियों 3:6-23
6 मैं ने लगाया, अपुल्लोस ने सींचा, परन्तु परमेश्वर ने बढ़ाया।
7 इसलिये न तो लगाने वाला कुछ है, और न सींचने वाला, परन्तु परमेश्वर जो बढ़ाने वाला है।
8 लगाने वाला और सींचने वाला दानों एक हैं; परन्तु हर एक व्यक्ति अपने ही परिश्रम के अनुसार अपनी ही मजदूरी पाएगा।
9 क्योंकि हम परमेश्वर के सहकर्मी हैं; तुम परमेश्वर की खेती और परमेश्वर की रचना हो।
10 परमेश्वर के उस अनुग्रह के अनुसार, जो मुझे दिया गया, मैं ने बुद्धिमान राजमिस्री की नाईं नेव डाली, और दूसरा उस पर रद्दा रखता है; परन्तु हर एक मनुष्य चौकस रहे, कि वह उस पर कैसा रद्दा रखता है।
11 क्योंकि उस नेव को छोड़ जो पड़ी है, और वह यीशु मसीह है कोई दूसरी नेव नहीं डाल सकता।
12 और यदि कोई इस नेव पर सोना या चान्दी या बहुमोल पत्थर या काठ या घास या फूस का रद्दा रखता है।
13 तो हर एक का काम प्रगट हो जाएगा; क्योंकि वह दिन उसे बताएगा; इसलिये कि आग के साथ प्रगट होगा: और वह आग हर एक का काम परखेगी कि कैसा है।
14 जिस का काम उस पर बना हुआ स्थिर रहेगा, वह मजदूरी पाएगा।
15 और यदि किसी का काम जल जाएगा, तो हानि उठाएगा; पर वह आप बच जाएगा परन्तु जलते जलते॥
16 क्या तुम नहीं जानते, कि तुम परमेश्वर का मन्दिर हो, और परमेश्वर का आत्मा तुम में वास करता है?
17 यदि कोई परमेश्वर के मन्दिर को नाश करेगा तो परमेश्वर उसे नाश करेगा; क्योंकि परमेश्वर का मन्दिर पवित्र है, और वह तुम हो।
18 कोई अपने आप को धोखा न दे: यदि तुम में से कोई इस संसार में अपने आप को ज्ञानी समझे, तो मूर्ख बने; कि ज्ञानी हो जाए।
19 क्योंकि इस संसार का ज्ञान परमेश्वर के निकट मूर्खता है, जैसा लिखा है; कि वह ज्ञानियों को उन की चतुराई में फंसा देता है।
20 और फिर प्रभु ज्ञानियों की चिन्ताओं को जानता है, कि व्यर्थ हैं।
21 इसलिये मनुष्यों पर कोई घमण्ड न करे, क्योंकि सब कुछ तुम्हारा है।
22 क्या पौलुस, क्या अपुल्लोस, क्या कैफा, क्या जगत, क्या जीवन, क्या मरण, क्या वर्तमान, क्या भविष्य, सब कुछ तुम्हारा है,
23 और तुम मसीह के हो, और मसीह परमेश्वर का है॥