पाठ 26 : दानिय्येल 14

Media

Lesson Summary

Content not prepared yet or Work in Progress.


Lesson Prayer

Content not prepared yet or Work in Progress.


Song

Content not prepared yet or Work in Progress.


Instrumental

Content not prepared yet or Work in Progress.


सारांश

‘‘इतना करने पर भी उसका अंत आ जाएगा, और कोई उसका सहायक न रहेगा।’’ ;दानिय्येल 11:45 यह पूर्वानुमानित भविष्यद्वाणी है जिसमें सीरिया के दुष्ट राजा ;पद 21-35 और दृीस्त विरोधी ;पद 36-45द्ध के लिए दिए गए संदेश पर शोर दिया गया है। दोनों का नाम नहीं दिया गया है परन्तु पहला दूसरे का प्रतीक है।दानिय्येल के प्रत्येक अध्याय के आगे बढ़ने के साथ ही विश्वासियों के शत्रु ख्रीस्त विरोधी की तस्वीर स्पष्ट होती जाती है।ख्रीस्त विरोधी: ;11:35-45‘‘वह राजा अपनी इच्छा के अनुसार काम करेगा’’ ;11:36 तुलना करें-प्रका. 13:7) (17:13 ‘‘और अपने आप को सारे देवताओं से ऊँचा और बड़ा ठहराएगा, वरन् सब देवताओं के परमेश्वर के विरु( भी अनोखी बातें कहेगा। जब तक परमेश्वर का क्रोध शांत न हो जाए तब तक उस राजा का कार्य सपफल होता रहेगा, क्योंकि जो कुछ निश्चय करके ठना हुआ है वह अवश्य ही पूरा होने वाला है।’’ ;11:36। ‘‘वह अपने पुरखाओं के देवताओं की चिन्ता न करेगा, न स्त्रिायों की प्रीति की कुछ चिन्ता करेगा और न किसी देवता की, क्योंकि वह अपने आप को सभों के ऊपर बड़ा ठहराएगा।’’ ;पद 37। ख्रीस्त विरोधी सभी संगठित धर्मों के ऊपर आक्रमण करेगा। वही ‘‘भेद-बड़ा बेबीलोन पृथ्वी की वेश्याओं और घृणित वस्तुओं की माता’’ का भी नाश करेगा ;प्रका. 17:5 जो कि ‘विश्व चर्च’ है। ‘‘इतना करने पर भी उसका अन्त आ जाएगा और कोई उसका सहायक न रहेगा।’’ ;11:45 तुलना करें प्रका. 19:11-21।

बाइबल अध्यन

दानिय्येल 11:36-45 36 तब वह राजा अपनी इच्छा के अनुसार काम करेगा, और अपने आप को सारे देवताओं से ऊंचा और बड़ा ठहराएगा; वरन सब देवताओं के परमेश्वर के विरुद्ध भी अनोखी बातें कहेगा। और जब तक परमेश्वर का क्रोध न हो जाए तब तक उस राजा का कार्य सफल होता रहेगा; क्योंकि जो कुछ निश्चय कर के ठाना हुआ है वह अवश्य ही पूरा होने वाला है। 37 वह अपने पुरखाओं के देवताओं की चिन्ता ना करेगा, न स्त्रियों की प्रीति की कुछ चिन्ता करेगा और न किसी देवता की; क्योंकि वह अपने आप ही को सभों के ऊपर बड़ा ठहराएगा। 38 वह अपने राजपद पर स्थिर रहकर दृढ़ गढ़ों ही के देवता का सम्मान करेगा, एक ऐसे देवता का जिसे उसके पुरखा भी न जानते थे, वह सोना, चान्दी, मणि और मनभावनी वस्तुएं चढ़ा कर उसका सम्मान करेगा। 39 उस बिराने देवता के सहारे से वह अति दृढ़ गढ़ों से लड़ेगा, और जो कोई उसको माने उसे वह बड़ी प्रतिष्ठा देगा। ऐसे लोगों को वह बहुतों के ऊपर प्रभुता देगा, और अपने लाभ के लिए अपने देश की भूमि को बांट देगा॥ 40 अन्त के समय दक्खिन देश का राजा उसको सींग मारने लगेगा; परन्तु उत्तर देश का राजा उस पर बवण्डर की नाईं बहुत से रथ-सवार और जहाज ले कर चढ़ाई करेगा; इस रीति से वह बहुत से देशों में फैल जाएगा, और उन में से निकल जाएगा। 41 वह शिरोमणि देश में भी आएगा। और बहुत से देश उजड़ जाएंगे, परन्तु ऐदोमी, मोआबी और मुख्य मुख्य अम्मोनी आदि जातियों के देश उसके हाथ से बच जाएंगे। 42 वह कई देशों पर हाथ बढ़ाएगा और मिस्र देश भी न बचेगा। 43 वह मिस्र के सोने चान्दी के खजानों और सब मनभावनी वस्तुओं का स्वामी हो जाएगा; और लूबी और कूशी लोग भी उसके पीछे हो लेंगे। 44 उसी समय वह पूरब और उत्तर दिशाओं से समाचार सुन कर घबराएगा, और बड़े क्रोध में आकर बहुतों को सत्यानाश करने के लिये निकलेगा। 45 और वह दोनों समुद्रों के बीच पवित्र शिरोमणि पर्वत के पास अपना राजकीय तम्बू खड़ा कराएगा; इतना करने पर भी उसका अन्त जा जाएगा, और कोई उसका सहायक न रहेगा॥ प्रकाशितवाक्य 17:5 5 और उसके माथे पर यह नाम लिखा था, भेद - बड़ा बाबुल पृथ्वी की वेश्याओं और घृणित वस्तुओं की माता। प्रकाशितवाक्य 19:11-21 11 फिर मैं ने स्वर्ग को खुला हुआ देखा; और देखता हूं कि एक श्वेत घोड़ा है; और उस पर एक सवार है, जो विश्वास योग्य, और सत्य कहलाता है; और वह धर्म के साथ न्याय और लड़ाई करता है। 12 उस की आंखे आग की ज्वाला हैं: और उसके सिर पर बहुत से राजमुकुट हैं; और उसका एक नाम लिखा है, जिस उस को छोड़ और कोई नहीं जानता। 13 और वह लोहू से छिड़का हुआ वस्त्र पहिने है: और उसका नाम परमेश्वर का वचन है। 14 और स्वर्ग की सेना श्वेत घोड़ों पर सवार और श्वेत और शुद्ध मलमल पहिने हुए उसके पीछे पीछे है। 15 और जाति जाति को मारने के लिये उसके मुंह से एक चोखी तलवार निकलती है, और वह लोहे का राजदण्ड लिए हुए उन पर राज्य करेगा, और वह सर्वशक्तिमान परमेश्वर के भयानक प्रकोप की जलजलाहट की मदिरा के कुंड में दाख रौंदेगा। 16 और उसके वस्त्र और जांघ पर यह नाम लिखा है, राजाओं का राजा और प्रभुओं का प्रभु॥ 17 फिर मैं ने एक स्वर्गदूत को सूर्य पर खड़े हुए देखा, और उस ने बड़े शब्द से पुकार कर आकाश के बीच में से उड़ने वाले सब पक्षियों से कहा, आओ परमेश्वर की बड़ी बियारी के लिये इकट्ठे हो जाओ। 18 जिस से तुम राजाओं का मांस, ओर सरदारों का मांस, और शक्तिमान पुरूषों का मांस, और घोड़ों का, और उन के सवारों का मांस, और क्या स्वतंत्र, क्या दास, क्या छोटे, क्या बड़े, सब लोगों का मांस खाओ॥ 19 फिर मैं ने उस पशु और पृथ्वी के राजाओं और उन की सेनाओं को उस घोड़े के सवार, और उस की सेना से लड़ने के लिये इकट्ठे देखा। 20 और वह पशु और उसके साथ वह झूठा भविष्यद्वक्ता पकड़ा गया, जिस ने उसके साम्हने ऐसे चिन्ह दिखाए थे, जिन के द्वारा उस ने उन को भरमाया, जिन्हों ने उस पशु की छाप ली थी, और जो उस की मूरत की पूजा करते थे, ये दोनों जीते जी उस आग की झील में जो गन्धक से जलती है, डाले गए। 21 और शेष लोग उस घोड़े के सवार की तलवार से जो उसके मुंह से निकलती थी, मार डाले गए; और सब पड़ी उन के मांस से तृप्त हो गए॥