पाठ 28 : मसीह के विषय मनुष्य की साक्षी
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सारांश
मसीह के विषय मनुष्य की साक्षी 1.यूहन्ना बपतिस्मादाता मसीह द्वारा किया गया प्रायश्चित, प्रायश्चित के दिन चढ़ाए गए बलिदान की पूर्वप्रतिछाया है। दो बकरे उस प्रायश्चित के दोहरे स्वभाव का प्रतिरूप है (लैव्य. 16)। एक बकरा बलि किया जाता था और दूसरा जंगल में छोड़ दिया जाता था। पहला हमारे बदले हमारे पापों के लिए मसीह के मरने का प्रतिरूप है। दूसरा, यह बताता है कि मसीह द्वारा हमारे पाप उठा लिए गए। इस प्रकार, हमारे पापों को फिर कभी स्मरण नहीं किया जाएगा। इसका अर्थ यह भी है कि हम अपने पापों का सामना फिर नहीं करेंगे। यीशु पर दृष्टि करते हुए यूहन्ना बपतिस्मादाता ने कहा, “देखो, परमेश्वर का मेम्ना जो जगत के पापों को उठा ले जाता है।” उसने भीड़ से मसीह का परिचय उस व्यक्ति के रूप में कराया जो कि पुराना नियम के बलिदानों का प्रतिरूप था। 2. शमौन की साक्षी (लूका 2:25-35) यीशु मसीह के जन्म के समय यरूशलेम में शमौन नाम का पुरुष था। वह एक धर्मी और भक्त पुरुष था। वह इस्त्राएल की शांति की प्रतिक्षा कर रहा था और पवित्र आत्मा के द्वारा उस पर यह प्रकट किया गया था कि जब तक वह प्रभु के मसीह को न देख ले, तब तक मृत्यु को न देखेगा यह बात जानकर, इसे देखने के लिए कुछ लोग मंदिर के आसपास ही रहते थे (लूका 2:25-26)। जब यीशु के माता-पिता चालीसवें दिन उसे मंदिर लाए, शमौन पवित्र आत्मा की प्रेरणा से मंदिर में आया, तब उसने बालक को गोद में लिया और परमेश्वर की स्तुति करते हुए कहा, “मेरी आँखों ने तेरे उद्धार को देख लिया है जिसे तूने सब जातियों के समक्ष तैयार किया है, कि वह गैरयहूदियों के लिए प्रकाश देने वाली ज्योति और तेरी निज जाति इस्राएल के लिए महिमा हो!” 3. सामरी स्त्री का कथन यहूदी लोग सामरियों के साथ किसी प्रकार का व्यवहार नहीं रखते (यूहन्ना 4:1-26)। इसके अतिरिक्त वह स्त्री पापिनी थी। फिर भी प्रभु ने अपने आपको उस पर मसीह तथा जीवन के जल के रूप में प्रकट किया (यूहन्ना 4:26)। उसने विश्वास किया और वह नगर को दौड़ गई कि सबको बताए कि उसने मसीह से मुलाकात की थी। उसकी साक्षी के सुनने पर अनेक सामरियों ने आकर मसीह से भेंट की। 4.सूबेदार (लूका 7:2-10) रोमी सेना में एक सूबेदार सौ सैनिकों पर कप्तान होता था। यद्यपि वह गैरयहूदी था, उसने विश्वास किया कि प्रभु को रोग तथा मृत्यु पर अद्भुत अधिकार था। उसका एक अत्यंत आदरणीय दास मरने पर था। इस विश्वासी सूबेदार ने यीशु से कहा कि यदि यीशु केवल वचन कह दे तो उसका सेवक चंगा हो जाएगा। इस प्रकार उसने साक्षी दी कि यीशु सर्वसामर्थी था। 5. पिलातसु (यूहन्ना 18:38; 19:4-6) पिन्तुस पिलातुस रोमी राज्यपाल था। उसने मसीह से पूछताछ किया, परंतु उसमें कोई दोष नहीं पा सका। फिर भी उसने उसे क्रूस पर चढ़ाने की आज्ञा दी क्योंकि वह यीशु के न्याय के सम्बंध में डर गया था। तथापि, उसने यह पुष्टि किया कि यीशु निर्दोष था जिसने तीन बार यह कहा। 6. पिलातुस की पत्नी (मत्ती 27:19) यहूदियों ने यीशु पर ईश-निंदा का दोष लगाया था। उन्होंने उसे क्रूस पर चढ़ाने के लिए चिल्लाया। पिलातुस की पत्नी ने जिसने एक स्वप्न देखा था, यह कहते हुए संदेश भेजा, “इस धर्मी के मामले में हाथ न डालना।” 7. क्रूस के निकट खड़ा सूबेदार वह हमारे प्रभु को क्रूस पर चढ़ाए जाने के लिए ठहराया गया था। उसने छः या सात घंटे मसीह को ध्यान से देखा था। यीशु की मृत्यु को देखने पर उसने कहा, “निश्चय, यह परमेश्वर का पुत्र था” (मत्ती 27:54; मरकुस 15:39; लूका 23:47)। 8. पश्चातापी डाकू यह माना जाता है कि वह एक यहूदी था। उसके लिए लिखा है कि वह एक डाकू (मत्ती 27:38; मरकुस 15:2), एक अपराधी था (लूका23:33)। यशायाह में उसे एक अपराधी कहा गया है (यशा. 53:12)। कुछ ही समय पहले तक उसने दूसरे डाकू के साथ जो उसके साथ क्रूस पर था मसीह का उपहास किया था। परंतु शीघ्र ही उसे यह समझ आ गया कि जो बीच वाले क्रूस पर लटका था वह मसीह एवं राजा था। उसने कहा, “यीशु, जब तू अपने राज्य में आए तो मेरी सुधि लेना।” 9. पतरस की साक्षी (मत्ती 16:13-20) कैसरिया फिलिप्पी में यीशु ने अपने चेलों से पूछा, “मनुष्य का पुत्र कौन है? लोग क्या कहते हैं?” अलग अलग उत्तर मिले - यूहन्ना बपतिस्मादाता, एलिय्याह, यिर्मयाह या नबियों में से एक। यीशु ने तब पूछा, “पर तुम क्या कहते हो? मैं कौन हूँ?” शमौन पतरस ने उत्तर दिया, “तू जीवित परमेश्वर का पुत्र मसीह है।” वास्तव में, बहुतों ने उस पर विश्वास किया और मसीह के रूप में अंगीकार किया। संसार को यह साक्षी देने का दायित्व हमारा है कि वही प्रभु और उद्धारकर्ता, नबी और राजा है।
बाइबल अध्यन
लैव्यव्यवस्था 16
1 जब हारून के दो पुत्र यहोवा के साम्हने समीप जा कर मर गए, उसके बाद यहोवा ने मूसा से बातें की;
2 और यहोवा ने मूसा से कहा, अपने भाई हारून से कह, कि सन्दूक के ऊपर के प्रायश्चित्त वाले ढ़कने के आगे, बीच वाले पर्दे के अन्दर, पवित्रस्थान में हर समय न प्रवेश करे, नहीं तो मर जाएगा; क्योंकि मैं प्रायश्चित्त वाले ढ़कने के ऊपर बादल में दिखाई दूंगा।
3 और जब हारून पवित्रस्थान में प्रवेश करे तब इस रीति से प्रवेश करे, अर्थात पापबलि के लिये एक बछड़े को और होमबलि के लिये एक मेढ़े को ले कर आए।
4 वह सनी के कपड़े का पवित्र अंगरखा, और अपने तन पर सनी के कपड़े की जांघिया पहिने हुए, और सनी के कपड़े का कटिबन्द, और सनी के कपड़े की पगड़ी बांधे हुए प्रवेश करे; ये पवित्र स्थान हैं, और वह जल से स्नान करके इन्हें पहिने।
5 फिर वह इस्त्राएलियों की मण्डली के पास से पापबलि के लिये दो बकरे और होमबलि के लिये एक मेढ़ा ले।
6 और हारून उस पापबलि के बछड़े को जो उसी के लिये होगा चढ़ाकर अपने और अपने घराने के लिये प्रायश्चित्त करे।
7 और उन दोनों बकरों को ले कर मिलापवाले तम्बू के द्वार पर यहोवा के साम्हने खड़ा करे;
8 और हारून दोनों बकरों पर चिट्ठियां डाले, एक चिट्ठी यहोवा के लिये और दूसरी अजाजेल के लिये हो।
9 और जिस बकरे पर यहोवा के नाम की चिट्ठी निकले उसको हारून पापबलि के लिये चढ़ाए;
10 परन्तु जिस बकरे पर अजाजेल के लिये चिट्ठी निकले वह यहोवा के साम्हने जीवता खड़ा किया जाए कि उससे प्रायश्चित्त किया जाए, और वह अजाजेल के लिये जंगल में छोड़ा जाए।
11 और हारून उस पापबलि के बछड़े को जो उसी के लिये होगा समीप ले आए, और उसको बलिदान करके अपने और अपने घराने के लिये प्रायश्चित्त करे।
12 और जो वेदी यहोवा के सम्मुख है उस पर के जलते हुए कोयलों से भरे हुए धूपदान को ले कर, और अपनी दोनों मुट्ठियों को फूटे हुए सुगन्धित धूप से भरकर, बीच वाले पर्दे के भीतर ले आकर
13 उस धूप को यहोवा के सम्मुख आग में डाले, जिस से धूप का धुआं साक्षीपत्र के ऊपर के प्रायश्चित्त के ढकने के ऊपर छा जाए, नहीं तो वह मर जाएगा;
14 तब वह बछड़े के लोहू में से कुछ ले कर पूरब की ओर प्रायश्चित्त के ढकने के ऊपर अपनी उंगली से छिड़के, और फिर उस लोहू में से कुछ उंगली के द्वारा उस ढकने के साम्हने भी सात बार छिड़क दे।
15 फिर वह उस पापबलि के बकरे को जो साधारण जनता के लिये होगा बलिदान करके उसके लोहू को बीच वाले पर्दे के भीतर ले आए, और जिस प्रकार बछड़े के लोहू से उसने किया था ठीक वैसा ही वह बकरे के लोहू से भी करे, अर्थात उसको प्रायश्चित्त के ढकने के ऊपर और उसके साम्हने छिड़के।
16 और वह इस्त्राएलियों की भांति भांति की अशुद्धता, और अपराधों, और उनके सब पापों के कारण पवित्रस्थान के लिये प्रायश्चित्त करे; और मिलापवाला तम्बू जो उनके संग उनकी भांति भांति की अशुद्धता के बीच रहता है उसके लिये भी वह वैसा ही करे।
17 और जब हारून प्रायश्चित्त करने के लिये पवित्रस्थान में प्रवेश करे, तब से जब तक वह अपने और अपने घराने और इस्त्राएल की सारी मण्डली के लिये प्रायश्चित्त करके बाहर न निकले तब तक कोई मनुष्य मिलापवाले तम्बू में न रहे।
18 फिर वह निकलकर उस वेदी के पास जो यहोवा के साम्हने है जाए और उसके लिये प्रायश्चित्त करे, अर्थात बछड़े के लोहू और बकरे के लोहू दोनों में से कुछ ले कर उस वेदी के चारों कोनों के सींगो पर लगाए।
19 और उस लोहू में से कुछ अपनी उंगली के द्वारा सात बार उस पर छिड़ककर उसे इस्त्राएलियों की भांति भांति की अशुद्धता छुड़ाकर शुद्ध और पवित्र करे।
20 और जब वह पवित्रस्थान और मिलापवाले तम्बू और वेदी के लिये प्रायश्चित्त कर चुके, तब जीवित बकरे को आगे ले आए;
21 और हारून अपने दोनों हाथों को जीवित बकरे पर रखकर इस्त्राएलियों के सब अधर्म के कामों, और उनके सब अपराधों, निदान उनके सारे पापों को अंगीकार करे, और उन को बकरे के सिर पर धरकर उसको किसी मनुष्य के हाथ जो इस काम के लिये तैयार हो जंगल में भेज के छुड़वा दे।
22 और वह बकरा उनके सब अधर्म के कामों को अपने ऊपर लादे हुए किसी निराले देश में उठा ले जाएगा; इसलिये वह मनुष्य उस बकरे को जंगल में छोड़े दे।
23 तब हारून मिलापवाले तम्बू में आए, और जिस सनी के वस्त्रों को पहिने हुए उसने पवित्रस्थान में प्रवेश किया था उन्हें उतारकर वहीं पर रख दे।
24 फिर वह किसी पवित्र स्थान में जल से स्नान कर अपने निज वस्त्र पहिन ले, और बाहर जा कर अपने होमबलि और साधारण जनता के होमबलि को चढ़ाकर अपने और जनता के लिये प्रायश्चित्त करे।
25 और पापबलि की चरबी को वह वेदी पर जलाए।
26 और जो मनुष्य बकरे को अजाजेल के लिये छोड़कर आए वह भी अपने वस्त्रों को धोए, और जल से स्नान करे, और तब वह छावनी में प्रवेश करे।
27 और पापबलि का बछड़ा और पापबलि का बकरा भी जिनका लोहू पवित्रस्थान में प्रायश्चित्त करने के लिये पहुंचाया जाए वे दोनों छावनी से बाहर पहुंचाए जाएं; और उनका चमड़ा, मांस, और गोबर आग में जला दिया जाए।
28 और जो उन को जलाए वह अपने वस्त्रों को धोए, और जल से स्नान करे, और इसके बाद वह छावनी में प्रवेश करने पाए॥
29 और तुम लोगों के लिये यह सदा की विधि होगी कि सातवें महीने के दसवें दिन को तुम अपने अपने जीव को दु:ख देना, और उस दिन कोई, चाहे वह तुम्हारे निज देश को हो चाहे तुम्हारे बीच रहने वाला कोई पर देशी हो, कोई भी किसी प्रकार का काम काज न करे;
30 क्योंकि उस दिन तुम्हें शुद्ध करने के लिये तुम्हारे निमित्त प्रायश्चित्त किया जाएगा; और तुम अपने सब पापों से यहोवा के सम्मुख पवित्र ठहरोगे।
31 यह तुम्हारे लिये परमविश्राम का दिन ठहरे, और तुम उस दिन अपने अपने जीव को दु:ख देना; यह सदा की विधि है।
32 और जिसका अपने पिता के स्थान पर याजक पद के लिये अभिषेक और संस्कार किया जाए वह याजक प्रायश्चित्त किया करे, अर्थात वह सनी के पवित्र वस्त्रों को पहिनकर,
33 पवित्रस्थान, और मिलापवाले तम्बू, और वेदी के लिये प्रायश्चित्त करे; और याजकों के और मण्डली के सब लोगों के लिये भी प्रायश्चित्त करे।
34 और यह तुम्हारे लिये सदा की विधि होगी, कि इस्त्राएलियों के लिये प्रतिवर्ष एक बार तुम्हारे सारे पापों के लिये प्रायश्चित्त किया जाए। यहोवा की इस आज्ञा के अनुसार जो उसने मूसा को दी थी हारून ने किया॥
लूका 2:25-35
25 और देखो, यरूशलेम में शमौन नाम एक मनुष्य था, और वह मनुष्य धर्मी और भक्त था; और इस्राएल की शान्ति की बाट जोह रहा था, और पवित्र आत्मा उस पर था।
26 और पवित्र आत्मा से उस को चितावनी हुई थी, कि जब तक तू प्रभु के मसीह को देख ने लेगा, तक तक मृत्यु को न देखेगा।
27 और वह आत्मा के सिखाने से मन्दिर में आया; और जब माता-पिता उस बालक यीशु को भीतर लाए, कि उसके लिये व्यवस्था की रीति के अनुसार करें।
28 तो उस ने उसे अपनी गोद में लिया और परमेश्वर का धन्यवाद करके कहा,
29 हे स्वामी, अब तू अपने दास को अपने वचन के अनुसार शान्ति से विदा करता है।
30 क्योंकि मेरी आंखो ने तेरे उद्धार को देख लिया है।
31 जिसे तू ने सब देशों के लोगों के साम्हने तैयार किया है।
32 कि वह अन्य जातियों को प्रकाश देने के लिये ज्योति, और तेरे निज लोग इस्राएल की महिमा हो।
33 और उसका पिता और उस की माता इन बातों से जो उसके विषय में कही जाती थीं, आश्चर्य करते थे।
34 तब शमौन ने उन को आशीष देकर, उस की माता मरियम से कहा; देख, वह तो इस्राएल में बहुतों के गिरने, और उठने के लिये, और एक ऐसा चिन्ह होने के लिये ठहराया गया है, जिस के विरोध में बातें की जाएगीं –
35 वरन तेरा प्राण भी तलवार से वार पार छिद जाएगा– इस से बहुत हृदयों के विचार प्रगट होंगे।
लूका 7:2-10
2 और किसी सूबेदार का एक दास जो उसका प्रिय था, बीमारी से मरने पर था।
3 उस ने यीशु की चर्चा सुनकर यहूदियों के कई पुरनियों को उस से यह बिनती करने को उसके पास भेजा, कि आकर मेरे दास को चंगा कर।
4 वे यीशु के पास आकर उस से बड़ी बिनती करके कहने लगे, कि वह इस योग्य है, कि तू उसके लिये यह करे।
5 क्योंकि वह हमारी जाति से प्रेम रखता है, और उसी ने हमारे आराधनालय को बनाया है।
6 यीशु उन के साथ साथ चला, पर जब वह घर से दूर न था, तो सूबेदार ने उसके पास कई मित्रों के द्वारा कहला भेजा, कि हे प्रभु दुख न उठा, क्योंकि मैं इस योग्य नहीं, कि तू मेरी छत के तले आए।
7 इसी कारण मैं ने अपने आप को इस योग्य भी न समझा, कि तेरे पास आऊं, पर वचन ही कह दे तो मेरा सेवक चंगा हो जाएगा।
8 मैं भी पराधीन मनुष्य हूं; और सिपाही मेरे हाथ में हैं, और जब एक को कहता हूं, जा, तो वह जाता है, और दूसरे से कहता हूं कि आ, तो आता है; और अपने किसी दास को कि यह कर, तो वह उसे करता है।
9 यह सुनकर यीशु ने अचम्भा किया, और उस ने मुंह फेरकर उस भीड़ से जो उसके पीछे आ रही थी कहा, मैं तुम से कहता हूं, कि मैं ने इस्राएल में भी ऐसा विश्वास नहीं पाया।
10 और भेजे हुए लोगों ने घर लौटकर, उस दास को चंगा पाया॥
यूहन्ना 18:38
38 पीलातुस ने उस से कहा, सत्य क्या है? और यह कहकर वह फिर यहूदियों के पास निकल गया और उन से कहा, मैं तो उस में कुछ दोष नहीं पाता।
यूहन्ना 19:4-6
4 तक पीलातुस ने फिर बाहर निकलकर लोगों से कहा, देखो, मैं उसे तुम्हारे पास फिर बाहर लाता हूं; ताकि तुम जानो कि मैं कुछ भी दोष नहीं पाता।
5 तक यीशु कांटों का मुकुट और बैंजनी वस्त्र पहिने हुए बाहर निकला और पीलातुस ने उन से कहा, देखो, यह पुरूष।
6 जब महायाजकों और प्यादों ने उसे देखा, तो चिल्लाकर कहा, कि उसे क्रूस पर चढ़ा, क्रूस पर: पीलातुस ने उन से कहा, तुम ही उसे लेकर क्रूस पर चढ़ाओ; क्योंकि मैं उस में दोष नहीं पाता।
मत्ती 27:19,54
19 जब वह न्याय की गद्दी पर बैठा हुआ था तो उस की पत्नी ने उसे कहला भेजा, कि तू उस धर्मी के मामले में हाथ न डालना; क्योंकि मैं ने आज स्वप्न में उसके कारण बहुत दुख उठाया है।
54 तब सूबेदार और जो उसके साथ यीशु का पहरा दे रहे थे, भुईंडोल और जो कुछ हुआ था, देखकर अत्यन्त डर गए, और कहा, सचमुच “यह परमेश्वर का पुत्र था”।
मरकुस 15:39
39 जो सूबेदार उसके सम्हने खड़ा था, जब उसे यूं चिल्लाकर प्राण छोड़ते हुए देखा, तो उस ने कहा, सचमुच यह मनुष्य, परमेश्वर का पुत्र था।
लूका 23:47
47 सूबेदार ने, जो कुछ हुआ था देखकर, परमेश्वर की बड़ाई की, और कहा; निश्चय यह मनुष्य धर्मी था।
मत्ती 27:38
38 तब उसके साथ दो डाकू एक दाहिने और एक बाएं क्रूसों पर चढ़ाए गए।
मरकुस 15:2
2 और पीलातुस ने उस से पूछा, क्या तू यहूदियों का राजा है? उस ने उस को उत्तर दिया; कि तू आप ही कह रहा है।
लूका 23:33
33 जब वे उस जगह जिसे खोपड़ी कहते हैं पहुंचे, तो उन्होंने वहां उसे और उन कुकिर्मयों को भी एक को दाहिनी और और दूसरे को बाईं और क्रूसों पर चढ़ाया।
यशायाह 53:12
12 इस कारण मैं उसे महान लोगों के संग भाग दूंगा, और, वह सामर्थियों के संग लूट बांट लेगा; क्योंकि उसने अपना प्राण मृत्यु के लिये उण्डेल दिया, वह अपराधियों के संग गिना गया; तौभी उसने बहुतों के पाप का बोझ उठ लिया, और, अपराधियों के लिये बिनती करता है॥
मत्ती 16:13-20
13 यीशु कैसरिया फिलिप्पी के देश में आकर अपने चेलों से पूछने लगा, कि लोग मनुष्य के पुत्र को क्या कहते हैं?
14 उन्होंने कहा, कितने तो यूहन्ना बपतिस्मा देने वाला कहते हैं और कितने एलिय्याह, और कितने यिर्मयाह या भविष्यद्वक्ताओं में से कोई एक कहते हैं।
15 उस ने उन से कहा; परन्तु तुम मुझे क्या कहते हो?
16 शमौन पतरस ने उत्तर दिया, कि तू जीवते परमेश्वर का पुत्र मसीह है।
17 यीशु ने उस को उत्तर दिया, कि हे शमौन योना के पुत्र, तू धन्य है; क्योंकि मांस और लोहू ने नहीं, परन्तु मेरे पिता ने जो स्वर्ग में है, यह बात तुझ पर प्रगट की है।
18 और मैं भी तुझ से कहता हूं, कि तू पतरस है; और मैं इस पत्थर पर अपनी कलीसिया बनाऊंगा: और अधोलोक के फाटक उस पर प्रबल न होंगे।
19 मैं तुझे स्वर्ग के राज्य की कुंजियां दूंगा: और जो कुछ तू पृथ्वी पर बान्धेगा, वह स्वर्ग में बन्धेगा; और जो कुछ तू पृथ्वी पर खोलेगा, वह स्वर्ग में खुलेगा।
20 तब उस ने चेलों को चिताया, कि किसी से न कहना! कि मैं मसीह हूं।