पाठ 27 : मसीह के विषय साक्षियाँ
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सारांश
मसीह के विषय साक्षियाँ इसके पहले कि किसी व्यक्ति को किसी कार्य पर रखा जाता है, उसे अपनी आयु, शैक्षणिक योग्यता, स्वास्थ्य, चरित्र इत्यादि के सम्बंध में साक्ष्य देने होते हैं। यदि उसे विदेश यात्रा करनी है तो उसे अपने साथ कुछ साक्ष्य रखने होते हैं। हमारे प्रभु को एक विशेष कार्य के लिए स्वर्ग से भेजा गया था। अतः परमेश्वर पिता (यूहन्ना 18:8), व्यवस्था (यूहन्ना8:17-18), नबियों (प्रे.काम 13:27) और उसके अपने कार्यों ने यह साक्षी दी कि वह परमेश्वर की ओर से आया था। इसके अतिरिक्त स्वर्गदूतों, मनुष्यों तथा शैतान तक ने साक्षी दी। अ. स्वर्ग से साक्षी (मत्ती 3:17) उसके बपतिस्मे के तुरंत बाद, परमेश्वर पिता ने उसके सम्बंध में साक्षी दिया।
- ‘यह मेरा प्रिय पुत्र है।’ यीशु परमेश्वर का पुत्र है, दाख की बारी का उत्तराधिकारी है जो फल पाने गया (मत्ती 21:33-39), परमेश्वर का पुत्र है जो कि संपूर्ण पृथ्वी पर राज्य करने के लिए परमेश्वर द्वारा ठहराया गया (भजन 2:8) और परमेश्वर का एकलौता पुत्र है जो कि समस्त विश्वास करने वालों के उद्धार के लिए भेजा गया (यूहन्ना 3:16)।
- ‘जिससे मैं प्रसन्न हूँ।’ उसके तीस वर्ष के जीवन के विषय यह साक्षी है। मसीह के जीवन पर हमेशा परमेश्वर का अनुग्रह रहा (लूका 2:52)। हमें परमेश्वर की दृष्टि में अनुग्रह पाना है। ब. रुपान्तर के पर्वत पर (मत्ती 17:5) रूपान्तर के पर्वत पर परमेश्वर यह कहते हुए साक्षी देता है कि, “यह मेरा पुत्र है जिससे मैं प्रसन्न हूँ,” वह आगे कहता है, “इसकी सुनो।” क. यरूशलेम से (यूहन्ना 12:28,29) हमारे प्रभु ने, जबकि क्रूस की छाया उस पर पड़ चुकी थी, प्रार्थना किया, “पिता, अपने नाम को महिमा दे।” तुरंत उत्तर आया, “मैंने उसे महिमा दी है, और उसे पुनः महिमा दूँगा।” हमारे प्रभु ने पहले ही कह दिया था कि यदि एक गेहूँ के दाने को और दाने उत्पन्न करना है तो उसे मरना होगा। इस बात से तुलना करने पर हम समझते हैं कि उसकी मृत्यु के द्वारा परमेश्वर के नाम को महिमा मिलनी थी।
बाइबल अध्यन
मत्ती 3:16 16 और यीशु बपतिस्मा लेकर तुरन्त पानी में से ऊपर आया, और देखो, उसके लिये आकाश खुल गया; और उस ने परमेश्वर के आत्मा को कबूतर की नाईं उतरते और अपने ऊपर आते देखा। मरकुस 1:9-11 9 उन दिनों में यीशु ने गलील के नासरत से आकर, यरदन में यूहन्ना से बपतिस्मा लिया। 10 और जब वह पानी से निकलकर ऊपर आया, तो तुरन्त उस ने आकाश को खुलते और आत्मा को कबूतर की नाई अपने ऊपर उतरते देखा। 11 और यह आकाशवाणी हई, कि तू मेरा प्रिय पुत्र है, तुझ से मैं प्रसन्न हूं॥ लूका 1:21,22 21 और लोग जकरयाह की बाट देखते रहे और अचम्भा करने लगे कि उसे मन्दिर में ऐसी देर क्यों लगी? 22 जब वह बाहर आया, तो उन से बोल न सका: सो वे जान गए, कि उस ने मन्दिर में कोई दर्शन पाया है; और वह उन से संकेत करता रहा, और गूंगा रह गया। यूहन्ना 12:28,29 28 हे पिता अपने नाम की महिमा कर: तब यह आकाशवाणी हुई, कि मैं ने उस की महिमा की है, और फिर भी करूंगा। 29 तब जो लोग खड़े हुए सुन रहे थे, उन्होंने कहा; कि बादल गरजा, औरों ने कहा, कोई स्वर्गदूत उस से बोला। मत्ती 17:1-8 1 छ: दिन के बाद यीशु ने पतरस और याकूब और उसके भाई यूहन्ना को साथ लिया, और उन्हें एकान्त में किसी ऊंचे पहाड़ पर ले गया। 2 और उनके साम्हने उसका रूपान्तर हुआ और उसका मुंह सूर्य की नाईं चमका और उसका वस्त्र ज्योति की नाईं उजला हो गया। 3 और देखो, मूसा और एलिय्याह उसके साथ बातें करते हुए उन्हें दिखाई दिए। 4 इस पर पतरस ने यीशु से कहा, हे प्रभु, हमारा यहां रहना अच्छा है; इच्छा हो तो यहां तीन मण्डप बनाऊं; एक तेरे लिये, एक मूसा के लिये, और एक एलिय्याह के लिये। 5 वह बोल ही रहा था, कि देखो, एक उजले बादल ने उन्हें छा लिया, और देखो; उस बादल में से यह शब्द निकला, कि यह मेरा प्रिय पुत्र है, जिस से मैं प्रसन्न हूं: इस की सुनो। 6 चेले यह सुनकर मुंह के बल गिर गए और अत्यन्त डर गए। 7 यीशु ने पास आकर उन्हें छूआ, और कहा, उठो; डरो मत। 8 तब उन्होंने अपनी आंखे उठाकर यीशु को छोड़ और किसी को न देखा। मरकुस 9:2-8 2 छ: दिन के बाद यीशु ने पतरस और याकूब और यूहन्ना को साथ लिया, और एकान्त में किसी ऊंचे पहाड़ पर ले गया; और उन के साम्हने उसका रूप बदल गया। 3 और उसका वस्त्र ऐसा चमकने लगा और यहां तक अति उज्ज़वल हुआ, कि पृथ्वी पर कोई धोबी भी वैसा उज्ज़वल नहीं कर सकता। 4 और उन्हें मूसा के साथ एलिय्याह दिखाई दिया; और वे यीशु के साथ बातें करते थे। 5 इस पर पतरस ने यीशु से कहा; हे रब्बी, हमारा यहां रहना अच्छा है: इसलिये हम तीन मण्डप बनाएं; एक तेरे लिये, एक मूसा के लिये, और एक एलिय्याह के लिये। 6 क्योंकि वह न जानता था, कि क्या उत्तर दे; इसलिये कि वे बहुत डर गए थे। 7 तब एक बादल ने उन्हें छा लिया, और उस बादल में से यह शब्द निकला, कि यह मेरा प्रिय पुत्र है; उस की सुनो। 8 तब उन्होंने एकाएक चारों ओर दृष्टि की, और यीशु को छोड़ अपने साथ और किसी को न देखा॥ लूका 9:28-36 28 इन बातों के कोई आठ दिन बाद वह पतरस और यूहन्ना और याकूब को साथ लेकर प्रार्थना करने के लिये पहाड़ पर गया। 29 जब वह प्रार्थना कर ही रहा था, तो उसके चेहरे का रूप बदल गया: और उसका वस्त्र श्वेत होकर चमकने लगा। 30 और देखो, मूसा और एलिय्याह, ये दो पुरूष उसके साथ बातें कर रहे थे। 31 ये महिमा सहित दिखाई दिए; और उसके मरने की चर्चा कर रहे थे, जो यरूशलेम में होनेवाला था। 32 पतरस और उसके साथी नींद से भरे थे, और जब अच्छी तरह सचेत हुए, तो उस की महिमा; और उन दो पुरूषों को, जो उसके साथ खड़े थे, देखा। 33 जब वे उसके पास से जाने लगे, तो पतरस ने यीशु से कहा; हे स्वामी, हमारा यहां रहना भला है: सो हम तीन मण्डप बनाएं, एक तेरे लिये, एक मूसा के लिये, और एक एलिय्याह के लिये। वह जानता न था, कि क्या कह रहा है। 34 वह यह कह ही रहा था, कि एक बादल ने आकर उन्हें छा लिया, और जब वे उस बादल से घिरने लगे, तो डर गए। 35 और उस बादल में से यह शब्द निकला, कि यह मेरा पुत्र और मेरा चुना हुआ है, इस की सुनो। 36 यह शब्द होते ही यीशु अकेला पाया गया: और वे चुप रहे, और कुछ देखा था, उस की कोई बात उन दिनों में किसी से न कही॥ यूहन्ना 18:8 8 वे बोले, यीशु नासरी को। यीशु ने उत्तर दिया, मैं तो तुम से कह चुका हूं कि मैं ही हूं, यदि मुझे ढूंढ़ते हो तो इन्हें जाने दो। यूहन्ना 8:17,18 17 और तुम्हारी व्यवस्था में भी लिखा है; कि दो जनों की गवाही मिलकर ठीक होती है। 18 एक तो मैं आप अपनी गवाही देता हूं, और दूसरा पिता मेरी गवाही देता है जिस ने मुझे भेजा। प्रेरितों के काम 13:27 27 क्योंकि यरूशलेम के रहने वालों और उन के सरदारों ने, न उसे पहचाना, और न भविष्यद्वक्ताओं की बातें समझी; जो हर सब्त के दिन पढ़ी जाती हैं, इसलिये उसे दोषी ठहराकर उन को पूरा किया। मत्ती 3:17 17 और देखो, यह आकाशवाणी हुई, कि यह मेरा प्रिय पुत्र है, जिस से मैं अत्यन्त प्रसन्न हूं॥ मत्ती 21:33-39 33 एक और दृष्टान्त सुनो: एक गृहस्थ था, जिस ने दाख की बारी लगाई; और उसके चारों ओर बाड़ा बान्धा; और उस में रस का कुंड खोदा; और गुम्मट बनाया; और किसानों को उसका ठेका देकर पर देश चला गया। 34 जब फल का समय निकट आया, तो उस ने अपने दासों को उसका फल लेने के लिये किसानों के पास भेजा। 35 पर किसानों ने उसके दासों को पकड़ के, किसी को पीटा, और किसी को मार डाला; और किसी को पत्थरवाह किया। 36 फिर उस ने और दासों को भेजा, जो पहिलों से अधिक थे; और उन्होंने उन से भी वैसा ही किया। 37 अन्त में उस ने अपने पुत्र को उन के पास यह कहकर भेजा, कि वे मेरे पुत्र का आदर करेंगे। 38 परन्तु किसानों ने पुत्र को देखकर आपस में कहा, यह तो वारिस है, आओ, उसे मार डालें: और उस की मीरास ले लें। 39 और उन्होंने उसे पकड़ा और दाख की बारी से बाहर निकालकर मार डाला। भजन संहिता 2:8 8 मुझ से मांग, और मैं जाति जाति के लोगों को तेरी सम्पत्ति होने के लिये, और दूर दूर के देशों को तेरी निज भूमि बनने के लिये दे दूंगा। यूहन्ना 3:16 16 क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उस ने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे, वह नाश न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए। लूका 2:52 52 और यीशु बुद्धि और डील-डौल में और परमेश्वर और मनुष्यों के अनुग्रह में बढ़ता गया॥ मत्ती 17:5 5 वह बोल ही रहा था, कि देखो, एक उजले बादल ने उन्हें छा लिया, और देखो; उस बादल में से यह शब्द निकला, कि यह मेरा प्रिय पुत्र है, जिस से मैं प्रसन्न हूं: इस की सुनो। यूहन्ना 12:28,29 28 हे पिता अपने नाम की महिमा कर: तब यह आकाशवाणी हुई, कि मैं ने उस की महिमा की है, और फिर भी करूंगा। 29 तब जो लोग खड़े हुए सुन रहे थे, उन्होंने कहा; कि बादल गरजा, औरों ने कहा, कोई स्वर्गदूत उस से बोला।