पाठ 26 : नबियों की गवाही

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सारांश

नबियों का साथी नबियों ने पहले ही से यीशु मसीह के जन्म, जीवन, सेवकाई, मृत्यु तथा पुनरुत्थान के विषय बता दिया था। सबकुछ उन नबूवतों के अनुसार पूरा हुआ। नबूवत पुराना नियम संदर्भ नया नियम संदर्भ मसीह का जन्म स्थान (बैतलहम) मीका 5:2 मत्ती 2:1 कुँवारी से जन्म यशा. 7:14 लूका 1:27 मजूसियों का आगमन यशा. 60:3,4 मत्ती 2:2,11 मिस्र को जाना और लौटना होशे 11:1 मत्ती 2:14,15 बालकों की हत्या यिर्म. 31:15 मत्ती 2:16-18 मंदिर को शुद्ध करना भजन 69:9 मत्ती 21:12,13 यरूशलेम में (गदहे पर)विजयी प्रवेश जकर्याह 9:9 मत्ती 21:4-15 एक मित्र द्वारा धोखा भजन 41:9 मत्ती 26:48,50 यीशु के पकड़े जाने पर जकर्याह 13:7 मरकुस 14:50 चेलों का भाग जाना क्रूसीकरण - हाथों एवं पैरों भजन 27:16 लूका 23:33 में कीलें ठोंकना क्रूस पर प्रभु को प्यास लगना भजन 69:21 यूह. 19:29-30 और सिरका दिया जाना उसके कपड़ों पर चिट्ठी डालना भजन 22:18 मत्ती 27:35 उसकी हड्डियाँ तोड़ी न जाएगी भजन 34:20 यूह.19:32,33 इन नबूवतों के सम्बंध में, कुछ बातों को देखना अच्छा होगा। ये नबूवत सदियों पहले की गई थी। मात्र संयोग होना असंभव है। यह बाइबल के ईश्वरीय प्रकाशन को बताता है। यीशु के क्रूस पर चढ़ाए जाने की नबूवत वास्तविक घटना से 1000 वर्ष पूर्व की गई थी। वास्तव में, मृत्युदण्ड का वह तरीका फीनिके के लोगों द्वारा आरम्भ किया गया था जिसे रोमियों ने अपना। रोमियों ने ई.पू. 63 में ही पलिस्तीन पर विजय प्राप्त की थी। यहूदियों को मृत्युदण्ड का तरीका पत्थरवाह करना था। दानिएल की नबूवत में, हम उस समय के विषय कुछ संकेत पाते हैं जब मसीह इस पृथ्वी पर होगा। वहाँ लिखा है कि “मसीह” “काट डाला” जाएगा। मनुष्यजाति के उद्धार के लक्ष्य से हमारे प्रभु का इस पृथ्वी पर आगमन मानव इतिहास की सबसे बड़ी घटना थी। किसी भी विशिष्ट व्यक्ति के आगमन की बहुत पहले घोषणा की जाती है। उदाहरण के लिए, यदि हमारे देश के राष्ट्रपति को किसी स्थान की यात्रा करती हो तो उनके पहुँचने का समय, स्थान, घोषणाएं इत्यादि की पहले से योजना बनाई जाएगी और घोषणा की जाएगी। परमेश्वर के पुत्र के आगमन के विषय भी ऐसा ही था। मसीह के द्वितीय आगमन के सम्बंध में भी बहुत स्पष्ट नबूवत हैं। क्योंकि उसके प्रथम आगमन के सम्बंध की नबूवतें अक्षरशः पूरी हुई थी, हम उद्धारकर्ता के आगमन के विषय निश्चिंत हो सकते हैं। वह शीघ्र आने वाला है। मसीहियत सच में अनूठी है।

बाइबल अध्यन

मीका 5 : 2 2 हे बेतलेहेम एप्राता, यदि तू ऐसा छोटा है कि यहूदा के हजारों में गिना नहीं जाता, तौभी तुझ में से मेरे लिये एक पुरूष निकलेगा, जो इस्राएलियों में प्रभुता करने वाला होगा; और उसका निकलना प्राचीन काल से, वरन अनादि काल से होता आया है। मत्ती 2:1 1 हेरोदेस राजा के दिनों में जब यहूदिया के बैतलहम में यीशु का जन्म हुआ, तो देखो, पूर्व से कई ज्योतिषी यरूशलेम में आकर पूछने लगे। यशायाह 7 : 14 14 इस कारण प्रभु आप ही तुम को एक चिन्ह देगा। सुनो, एक कुमारी गर्भवती होगी और पुत्र जनेगी, और उसका नाम इम्मानूएल रखेगी। लूका 1:27 27 जिस की मंगनी यूसुफ नाम दाऊद के घराने के एक पुरूष से हुई थी: उस कुंवारी का नाम मरियम था। यशायाह 60:3,4 3 और अन्यजातियां तेरे पास प्रकाश के लिये और राजा तेरे आरोहण के प्रताप की ओर आएंगे॥ 4 अपनी आंखें चारो ओर उठा कर देख; वे सब के सब इकट्ठे हो कर तेरे पास आ रहे हैं; तेरे पुत्र दूर से आ रहे हैं, और तेरी पुत्रियां हाथों-हाथ पहुंचाई जा रही हैं। मत्ती 2:2,11 2 कि यहूदियों का राजा जिस का जन्म हुआ है, कहां है? क्योंकि हम ने पूर्व में उसका तारा देखा है और उस को प्रणाम करने आए हैं। 11 और उस घर में पहुंचकर उस बालक को उस की माता मरियम के साथ देखा, और मुंह के बल गिरकर उसे प्रणाम किया; और अपना अपना यैला खोलकर उसे सोना, और लोहबान, और गन्धरस की भेंट चढ़ाई। होशे 11:1 1 जब इस्राएल बालक था, तब मैं ने उस से प्रेम किया, और अपने पुत्र को मिस्र से बुलाया। मत्ती 2:14,15 14 वह रात ही को उठकर बालक और उस की माता को लेकर मिस्र को चल दिया। 15 और हेरोदेस के मरने तक वहीं रहा; इसलिये कि वह वचन जो प्रभु ने भविष्यद्वक्ता के द्वारा कहा था कि मैं ने अपने पुत्र को मिस्र से बुलाया पूरा हो। यिर्मयाह 31:15 15 यहोवा यह भी कहता है: सुन, रामा नगर में विलाप और बिलक बिलककर रोने का शब्द सुनने में आता है। राहेल अपने लड़कों के लिये रो रही है; और अपने लड़कों के कारण शान्त नहीं होती, क्योंकि वे जाते रहे। मत्ती 2:16-18 16 जब हेरोदेस ने यह देखा, कि ज्योतिषियों ने मेरे साथ ठट्ठा किया है, तब वह क्रोध से भर गया; और लोगों को भेजकर ज्योतिषियों से ठीक ठीक पूछे हुए समय के अनुसार बैतलहम और उसके आस पास के सब लड़कों को जो दो वर्ष के, वा उस से छोटे थे, मरवा डाला। 17 तब जो वचन यिर्मयाह भविष्यद्वक्ता के द्वारा कहा गया था, वह पूरा हुआ, 18 कि रामाह में एक करूण-नाद सुनाई दिया, रोना और बड़ा विलाप, राहेल अपने बालकों के लिये रो रही थी, और शान्त होना न चाहती थी, क्योंकि वे हैं नहीं॥ भजन संहिता 69:9 9 क्योंकि मैं तेरे भवन के निमित्त जलते जलते भस्म हुआ, और जो निन्दा वे तेरी करते हैं, वही निन्दा मुझ को सहनी पड़ी है। मत्ती 21:12,13 12 यीशु ने परमेश्वर के मन्दिर में जाकर, उन सब को, जो मन्दिर में लेन देन कर रहे थे, निकाल दिया; और सर्राफों के पीढ़े और कबूतरों के बेचने वालों की चौकियां उलट दीं। 13 और उन से कहा, लिखा है, कि मेरा घर प्रार्थना का घर कहलाएगा; परन्तु तुम उसे डाकुओं की खोह बनाते हो। जकर्याह 9:9 9 हे सिय्योन बहुत ही मगन हो। हे यरूशलेम जयजयकार कर! क्योंकि तेरा राजा तेरे पास आएगा; वह धर्मी और उद्धार पाया हुआ है, वह दीन है, और गदहे पर वरन गदही के बच्चे पर चढ़ा हुआ आएगा। मत्ती 21:4-15 4 यह इसलिये हुआ, कि जो वचन भविष्यद्वक्ता के द्वारा कहा गया था, वह पूरा हो; 5 कि सिय्योन की बेटी से कहो, देख, तेरा राजा तेरे पास आता है; वह नम्र है और गदहे पर बैठा है; वरन लादू के बच्चे पर। 6 चेलों ने जाकर, जैसा यीशु ने उन से कहा था, वैसा ही किया। 7 और गदही और बच्चे को लाकर, उन पर अपने कपड़े डाले, और वह उन पर बैठ गया। 8 और बहुतेरे लोगों ने अपने कपड़े मार्ग में बिछाए, और और लोगों ने पेड़ों से डालियां काट कर मार्ग में बिछाईं। 9 और जो भीड़ आगे आगे जाती और पीछे पीछे चली आती थी, पुकार पुकार कर कहती थी, कि दाऊद की सन्तान को होशाना; धन्य है वह जो प्रभु के नाम से आता है, आकाश में होशाना। 10 जब उस ने यरूशलेम में प्रवेश किया, तो सारे नगर में हलचल मच गई; और लोग कहने लगे, यह कौन है? 11 लोगों ने कहा, यह गलील के नासरत का भविष्यद्वक्ता यीशु है॥ 12 यीशु ने परमेश्वर के मन्दिर में जाकर, उन सब को, जो मन्दिर में लेन देन कर रहे थे, निकाल दिया; और सर्राफों के पीढ़े और कबूतरों के बेचने वालों की चौकियां उलट दीं। 13 और उन से कहा, लिखा है, कि मेरा घर प्रार्थना का घर कहलाएगा; परन्तु तुम उसे डाकुओं की खोह बनाते हो। 14 और अन्धे और लंगड़े, मन्दिर में उसके पास लाए, और उस ने उन्हें चंगा किया। 15 परन्तु जब महायाजकों और शास्त्रियों ने इन अद्भुत कामों को, जो उस ने किए, और लड़कों को मन्दिर में दाऊद की सन्तान को होशाना पुकारते हुए देखा, तो क्रोधित होकर उस से कहने लगे, क्या तू सुनता है कि ये क्या कहते हैं? भजन संहिता 41:9 9 मेरा परम मित्र जिस पर मैं भरोसा रखता था, जो मेरी रोटी खाता था, उसने भी मेरे विरुद्ध लात उठाई है। मत्ती 26:48-50 48 उसके पकड़वाने वाले ने उन्हें यह पता दिया था कि जिस को मैं चूम लूं वही है; उसे पकड़ लेना। 49 और तुरन्त यीशु के पास आकर कहा; हे रब्बी नमस्कार; और उस को बहुत चूमा। 50 यीशु ने उस से कहा; हे मित्र, जिस काम के लिये तू आया है, उसे कर ले। तब उन्होंने पास आकर यीशु पर हाथ डाले, और उसे पकड़ लिया। जकर्याह 13:7 7 सेनाओं के यहोवा की यह वाणी है, हे तलवार, मेरे ठहराए हुए चरवाहे के विरुद्ध अर्थात जो पुरूष मेरा स्वजाति है, उसके विरुद्ध चल। तू उस चरवाहे को काट, तब भेड़-बकरियां तितर-बितर हो जाएंगी; और बच्चों पर मैं अपने हाथ बढ़ाऊंगा। मरकुस 14:50 50 इस पर सब चेले उसे छोड़कर भाग गए॥ लूका 23:33 33 जब वे उस जगह जिसे खोपड़ी कहते हैं पहुंचे, तो उन्होंने वहां उसे और उन कुकिर्मयों को भी एक को दाहिनी और और दूसरे को बाईं और क्रूसों पर चढ़ाया। भजन संहिता 69-21 21 और लोगों ने मेरे खाने के लिये इन्द्रायन दिया, और मेरी प्यास बुझाने के लिये मुझे सिरका पिलाया॥ यूहन्ना 19 :29,30 29 वहां एक सिरके से भरा हुआ बर्तन धरा था, सो उन्होंने सिरके में भिगोए हुए इस्पंज को जूफे पर रखकर उसके मुंह से लगाया। 30 जब यीशु ने वह सिरका लिया, तो कहा पूरा हुआ और सिर झुकाकर प्राण त्याग दिए॥ भजन संहिता 22:18 18 वे मेरे वस्त्र आपस में बांटते हैं, और मेरे पहिरावे पर चिट्ठी डालते हैं। मत्ती 27:35 35 तब उन्होंने उसे क्रूस पर चढ़ाया; और चिट्ठियां डालकर उसके कपड़े बांट लिए। भजन संहिता 34:20 20 वह उसकी हड्डी हड्डी की रक्षा करता है; और उन में से एक भी टूटने नहीं पाती। यूहन्ना 19:32,33 32 सो सिपाहियों ने आकर पहिले की टांगें तोड़ीं तब दूसरे की भी, जो उसके साथ क्रूसों पर चढ़ाए गए थे। 33 परन्तु जब यीशु के पास आकर देखा कि वह मर चुका है, तो उस की टांगें न तोड़ीं।