पाठ 22 : मसीह के विभिन्न नाम और पदनाम
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सारांश
मसीह के विभिन्न नाम और पदनाम बाइबल में यीशु के अनेक नामों का उल्लेख है। विभिन्न नाम एवं पद-नाम हैं जिन्हें उसने स्वयं के लिए होने का दावा किया। इस पाठ में हम उनमें से दो विषय सीखेंगे, ‘वचन’ और ‘एकलौता पुत्र।’
- वचन यूनानी शब्द ‘लोगोस’ का अनुवाद ‘वचन’ किया गया है। लोगोस शब्द का व्यापक अर्थ में किया गया है और अति अर्थपूर्ण है। इसका अर्थ एक सोच या विचार और उस सोच की अभिव्यक्ति या उच्चारण है। पवित्र शास्त्र परमेश्वर का लिखित वचन है। पुराना नियम मूसा एवं नबियों को परमेश्वर का प्रकाशन है। परमेश्वर का वचन उसकी सामर्थ को प्रकट करता है, “उसी प्रकार मेरे मुँह से निकलने वाला वचन होगा। वह व्यर्थ ठहरकर मेरे पास न लौटेगा, वरन् मेरी इच्छा पूरी करेगा और जिस काम के लिए मैंने उसे भेजा है उसे पूरा करके ही लौटेगा” (यशा55:11)। ‘ऐसा हो’ शब्द में सृष्टि करने की सामर्थ है और इस प्रकार सबकुछ की सृष्टि हुई (2 पतरस 3:5)। मसीह परमेश्वर के उद्देश्य स्वरूप एवं तेज़ का प्रतिरूप है। इसलिए मसीह को वचन कहा गया है। मसीह के देहधारण को ‘वचन देहधारी हुआ’ के रूप में बताया गया है। यूहन्ना ने स्पष्ट किया कि मसीह ही वह सनातन है जो देहधारी हुआ। ‘वचन’ के विषय हम निम्नलिखित बातें देख सकते हैंः वचन आदि में था। अतः वचन सनातन है। वचन परमेश्वर पिता के साथ था। इससे हम जानते हैं कि वचन का एक विशिष्ट व्यक्तित्व भी है, वचन की परमेश्वर से गहरी संगति थी। वचन परमेश्वर था और वह वचन का तत्व था और वचन परमेश्वर हैं। उसके द्वारा सबकुछ बना। वचन के द्वारा ही उसने सम्पूर्ण सृष्टि की रचना की - देखी एवं अनदेखी (कुलु. 1:16; इब्रा. 1:2)।
- जीवन उसमें जीवन था। वह जीवन मनुष्यों की ज्योति था (यूहन्ना 1:4)। अर्थात् कि यीशु मसीह ही उस ज्योति का स्रोत है और वह ज्योति मनुष्यों के जीवन जैसे कार्य करती है। इस संदर्भ में पौलुस का कथन बहुत प्रासंगिक है। “उसमें परमेश्वर की समस्त परिपूर्णता सदेह वास करती है” (कुलु. 2:9)।
- एकलौता पुत्र नया नियम में परमेश्वर को पुत्र मसीह यीशु का पिता कहा गया है। परमेश्वर (वचन) जो कि परमेश्वर के साथ था मनुष्य बना कि वह मनुष्य के साथ विवाद करे। उसने देहधारण किया और हमारे मध्य रहा। जब वह मनुष्य बना, उसका परमेश्वरत्व उसमें पूर्णतः बना रहा। (फिलिप्पियों 2:7) में हम पढ़ते हैं कि “वह मनुष्य की समानता में हो गया।” उसने “परमेश्वर के समान होने को अपने अधिकार में रखने की वस्तु न समझा, उसने अपने आपको शून्य कर दिया।” इसका अर्थ यह नहीं है कि उसने अपने परमेश्वर होने को छोड़ दिया, परंतु उसने मनुष्यों के मध्य निवास करने के लिए परमेश्वर की महिमा को छोड़ दिया। जब वह मनुष्य बना तो उसकी महिमा अदृश्य थी। अर्थात, कुछ समय के लिए उसकी मानवता द्वारा उसकी महिमा ढंकी हुई थी। जैसे कि एक पुत्र अपने पिता के गुण एवं व्यक्तित्व को प्रकट करता है, वैसे ही मसीह ने परमेश्वर पिता के स्वभाव एवं गुणों को प्रकट किया। अतः “परमेश्वर का पुत्र” नाम मसीह के लिए बिल्कुल उपयुक्त है। मसीह वह व्यक्तित्व है जिसमें परमेश्वरत्व तथा मनुष्यत्व एक होते हैं। परमेश्वर सब युगों में अपने आपको प्रकट करता रहा था। तथापि, जब उसने मनुष्य का रूप धारण किया, उसने एक अनूठे पद को लिया और एक मनुष्य के रूप में मनुष्यों के मध्य रहा। उपरोक्त बात से हम, समझ सकते हैं कि मसीह का पुत्रत्व अद्वितीय है। वह एकलौता पुत्र है (यूहन्ना 3:16)। पुत्र शब्द का उपयोग किया गया है क्योंकि ऐसा अन्य कोई उपयुकत शब्द नहीं है जिसके द्वारा हम परमेश्वर पिता और परमेश्वर पुत्र के मध्य सम्बंध को समझ सकें।
बाइबल अध्यन
यूहन्ना 1:1-18
1 आदि में वचन था, और वचन परमेश्वर के साथ था, और वचन परमेश्वर था।
2 यही आदि में परमेश्वर के साथ था।
3 सब कुछ उसी के द्वारा उत्पन्न हुआ और जो कुछ उत्पन्न हुआ है, उस में से कोई भी वस्तु उसके बिना उत्पन्न न हुई।
4 उस में जीवन था; और वह जीवन मुनष्यों की ज्योति थी।
5 और ज्योति अन्धकार में चमकती है; और अन्धकार ने उसे ग्रहण न किया।
6 एक मनुष्य परमेश्वर की ओर से आ उपस्थित हुआ जिस का नाम यूहन्ना था।
7 यह गवाही देने आया, कि ज्योति की गवाही दे, ताकि सब उसके द्वारा विश्वास लाएं।
8 वह आप तो वह ज्योति न था, परन्तु उस ज्योति की गवाही देने के लिये आया था।
9 सच्ची ज्योति जो हर एक मनुष्य को प्रकाशित करती है, जगत में आनेवाली थी।
10 वह जगत में था, और जगत उसके द्वारा उत्पन्न हुआ, और जगत ने उसे नहीं पहिचाना।
11 वह अपने घर आया और उसके अपनों ने उसे ग्रहण नहीं किया।
12 परन्तु जितनों ने उसे ग्रहण किया, उस ने उन्हें परमेश्वर के सन्तान होने का अधिकार दिया, अर्थात उन्हें जो उसके नाम पर विश्वास रखते हैं।
13 वे न तो लोहू से, न शरीर की इच्छा से, न मनुष्य की इच्छा से, परन्तु परमेश्वर से उत्पन्न हुए हैं।
14 और वचन देहधारी हुआ; और अनुग्रह और सच्चाई से परिपूर्ण होकर हमारे बीच में डेरा किया, और हम ने उस की ऐसी महिमा देखी, जैसी पिता के एकलौते की महिमा।
15 यूहन्ना ने उसके विषय में गवाही दी, और पुकारकर कहा, कि यह वही है, जिस का मैं ने वर्णन किया, कि जो मेरे बाद आ रहा है, वह मुझ से बढ़कर है क्योंकि वह मुझ से पहिले था।
16 क्योंकि उस की परिपूर्णता से हम सब ने प्राप्त किया अर्थात अनुग्रह पर अनुग्रह।
17 इसलिये कि व्यवस्था तो मूसा के द्वारा दी गई; परन्तु अनुग्रह, और सच्चाई यीशु मसीह के द्वारा पहुंची।
18 परमेश्वर को किसी ने कभी नहीं देखा, एकलौता पुत्र जो पिता की गोद में हैं, उसी ने उसे प्रगट किया॥
यूहन्ना 3:16-18
16 क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उस ने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे, वह नाश न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए।
17 परमेश्वर ने अपने पुत्र को जगत में इसलिये नहीं भेजा, कि जगत पर दंड की आज्ञा दे परन्तु इसलिये कि जगत उसके द्वारा उद्धार पाए।
18 जो उस पर विश्वास करता है, उस पर दंड की आज्ञा नहीं होती, परन्तु जो उस पर विश्वास नहीं करता, वह दोषी ठहर चुका; इसलिये कि उस ने परमेश्वर के एकलौते पुत्र के नाम पर विश्वास नहीं किया।
1 यूहन्ना 1:1-3
1 उस जीवन के वचन के विषय में जो आदि से था, जिसे हम ने सुना, और जिसे अपनी आंखों से देखा, वरन जिसे हम ने ध्यान से देखा; और हाथों से छूआ।
2 (यह जीवन प्रगट हुआ, और हम ने उसे देखा, और उस की गवाही देते हैं, और तुम्हें उस अनन्त जीवन का समाचार देते हैं, जो पिता के साथ था, और हम पर प्रगट हुआ)।
3 जो कुछ हम ने देखा और सुना है उसका समाचार तुम्हें भी देते हैं, इसलिये कि तुम भी हमारे साथ सहभागी हो; और हमारी यह सहभागिता पिता के साथ, और उसके पुत्र यीशु मसीह के साथ है।
प्रकाशितवाक्य 19:13
13 और वह लोहू से छिड़का हुआ वस्त्र पहिने है: और उसका नाम परमेश्वर का वचन है।
यशायाह 55 :11
11 उसी प्रकार से मेरा वचन भी होगा जो मेरे मुख से निकलता है; वह व्यर्थ ठहरकर मेरे पास न लौटेगा, परन्तु, जो मेरी इच्छा है उसे वह पूरा करेगा, और जिस काम के लिये मैं ने उसको भेजा है उसे वह सफल करेगा॥
2 पतरस 3:5
5 वे तो जान बूझ कर यह भूल गए, कि परमेश्वर के वचन के द्वारा से आकाश प्राचीन काल से वर्तमान है और पृथ्वी भी जल में से बनी और जल में स्थिर है।
कुलुस्सियों 1:16
16 क्योंकि उसी में सारी वस्तुओं की सृष्टि हुई, स्वर्ग की हो अथवा पृथ्वी की, देखी या अनदेखी, क्या सिंहासन, क्या प्रभुतांए, क्या प्रधानताएं, क्या अधिकार, सारी वस्तुएं उसी के द्वारा और उसी के लिये सृजी गई हैं।
कुलुस्सियों 2:9
9 क्योंकि उस में ईश्वरत्व की सारी परिपूर्णता सदेह वास करती है।
इब्रानियों 1:2
2 इन दिनों के अन्त में हम से पुत्र के द्वारा बातें की, जिसे उस ने सारी वस्तुओं का वारिस ठहराया और उसी के द्वारा उस ने सारी सृष्टि रची है।