पाठ 40 : यीशु मसीह का गाड़ा जाना और पुनरुत्थान

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सारांश

अरिमतिया का यूसुफ जो सन्हेद्रिन का सदस्य था, जो यीशु का गुप्त चेला था, उसने पिलातुस के पास जाने और यीशु का शरीर माँगने का हियाव किया। पिलातुस चकित था कि यीशु मर चुका था। सामान्यतः क्रूस पर चढ़ाए गए व्यक्ति की मृत्यु बहुत धीरे-धीरे होती है। इसलिये उसने रोमी सूबेदार को बुलाया जो इसका जिम्मेदार था और इसके विषय पूछा। रोमी सरदार ने यीशु की मृत्यु की पुष्टि किया और पिलातुस ने कहा कि यूसुफ को उसकी लोथ दी जा सकती है।नीकुदेमुस जो रात के समय यीशु के पास आया था, वह यीशु का गुप्त चेला था। वह भी 75 पौंड का सुगंधित इत्र लेकर आया जो मुर और एलवा से बना था। मिलकर उन्होंने यीशु के शरीर को बड़े मलमल के कपड़े में मसाला लगाकर लपेटा, जैसा कि शरीर को कब्र में रखने की यहूदी प्रथा थी। क्रूस पर चढ़ाए जाने की जगह एक बाग के पास थी जहाँ पर एक नई कब्र थी जिसे पहले कभी उपयोग में नहीं लाया गया था। और क्योंकि यह फसह के पहले के तैयारी का दिन था, और चूँकि कब्र नजदीक ही थी, उन्होंने यीशु को वहीं रख दिया।तब उसने एक बड़ा पत्थर कब्र के प्रवेश पर रख दिया और चला गया। मरियम मगदलीनी और योसेफ की माता कब्र के पास ही बैठी रहीं (मत्ती 27:61)।तब मुख्य याजक और फरीसी पिलातुस के पास आए और बोले, हमें याद है कि भरमाने वाले ने जब वह जीवित था, कहा था, कि वह फिर से जी उठेगा। इसलिये तीन दिन तक कब्र की रखवाली की जाए। अन्यथा संभावना है कि उसके चेले रात में आकर उसके शरीर को चुरा लें और कहें कि वह मृतकों में से जी उठा है। यदि ऐसा होता है तो पिछला धोखा पहले से भी बुरा होगा।’’ ‘‘तुम्हारे पास पहरूए तो हैं,’’ पिलातुस ने कहा, ‘‘जाओ अपनी समझ के अनुसार रखवाली करो।’’ इसलिये उन्होंने जाकर कब्र को मोहरबंद किया और उसकी रखवाली के लिये पहुरूए बिठा दिये। वह सप्ताह के पहले दिन की भोर का समय था (अर्थात क्रूस पर चढ़ाए जाने के बाद का तीसरा दिन)। यीशु का दफनाया जाना जल्दबाजी में हुआ था। समय नहीं था कि उसके शरीर के लिये अंतिम संस्कार किए जाते क्योंकि अगला दिन सब्त का दिन था। इसलिये, जो स्त्रियाँ यीशु के दफनाने की गवाह थीं, भोर को ही कब्र पर आईं और साथ में मसाले भी र्लाइं कि उसके शरीर पर लगाती।17 कब्र पर आने के बाद उन्होंने पाईं कि पत्थर लुढ़का हुआ है और भीतर एक स्वर्गदूत बैठा था जिसने उसे बताया कि यीशु मृतकों में से जी उठा है। उसने स्त्री से कहा, ‘‘डरो मत, क्योंकि मैं जानता हूँ कि तुम यीशु को ढूंढती हो जिसे क्रूस पर चढ़ाया गया था। वह वहाँ नहीं है, वह जी उठा है, उसने कहा। तुम आकर उस स्थान को देखो जहाँ वह पड़ा था। इसलिये जल्दी से जाकर उसके चेलों से कहो कि वह जी उठा है, और वह तुम्हारे आगे गलील को जाता है, जहाँ तुम उसे देखोगे। ‘‘इसलिये स्त्रियाँ दौड़कर गई और उसके चेलों को बताई। तब पतरस और यूहन्ना कब्र की ओर चले। दोनों दौड़कर जा रहे थे, परंतु यूहन्ना तेज दौड़कर कब्र पर पहले पहुँच गया। उसने मलमल की पट्टियाँ देखा 17 स्त्रियों के आने के पहले एक भीषण भूकंप हुआ था। दो स्वर्गदूत आए और उनमें से एक ने कब्र के द्वार से पत्थर हटा दिया। पहरूए इस इश्वरीय शक्ति प्रदर्शन से घबरा गए थे। उन्होंने देखा कि रोमी मोहर टूटी हुई है, पत्थर लुढ़का हुआ था और कब्र खाली थी। इसे मृत्यु द्वारा दंडनीय अपराध समझा जाता था। इसलिये वे मुख्य पुरोहितों के पास गये और पुरनियों के पास गए और जो हुआ था वह कह दिया। इसलिये उन्होंने एक योजना बनाया। उन्होंने सिपाहियों की बड़ी रकम दिया और कहने लगाया कि जब वे सो रहे थे तभी चेलों ने यीशु के शरीर को चुरा लिया था। मुख्य पुरोहितों ने उन्हें यकीन दिलाया कि यदि बात गवर्नर तक जाती है तो वे सिपाहियों को सुरक्षित रखेंगे।परंतु भीतर नहीं गया। तब पतरस जो उसके पीछे था, कब्र के भीतर गया। उसने मलमल की पट्टियाँ को वहाँ पड़ी देखा तथा कब्र के कपड़ों को भी जिनमें यीशु को लपेटा गया था। कपड़े को मलमल से अलग करके रखा गया था। अंत में, यूहन्ना भी जो कब्र पर पहले पहुँचा था, कब्र के भीतर गया। उसने देखा और विश्वास किया।18 तब चेले उनके घर वापस चले गए।परंतु मरियम कब्र के पास ही रोती बैठी रही। तब पुनरूत्थित प्रभु उसके सामने प्रगट हुआ। लेकिन उसने उन्हें नहीं पहचान पाई। उसने सोची कि वह माली था। उसने उससे बोली, ‘‘हे महाराज, यदि तूने उसे उठा लिया है, तो तुझे बता कि, उसे कहाँ रखा है और मैं उसे ले जाऊंगी।’’ देखो, वह प्रभु से कितना प्रेम करती थीं। ‘‘मरियम, प्रभु ने उसे पुकारा। वह तुरंत उसे पहचान गईं और बोली, ‘‘रब्बूनी’’ अर्थात हे गुरू। यीशु ने उससे कहा, ‘‘मेरे भाइयों के पास जाकर उनसे कह दे कि मैं अपने पिता के पास जा रहा हूँ।’’ मरियम चेलों के पास लौटी और यह शुभ समाचार उन्हें दी। पुनरूत्थित प्रभु उसके चेलों के सामने प्रगट हुआ और अलग-अलग तरीकों से उसके स्वर्गारोहण तक चालीस दिनों तक उन्हें दिखता रहा।प्रेरित पौलुस कुरिथियों की अपनी पत्री में प्रभु के कुछ प्रगटीकरणों के विषय लिखता है। ‘‘वह पतरस को दिखा, और फिर बारह चेलों को इसके पश्चात् वह भाइयों में से एक साथ पाँच सौ19 से ज्यादा को दिखा जिनमें से कई अब भी जीवित हैं, यद्यपि कुछ सो गए हैं। फिर वह याकूब को दिखाई दिया तब सब प्रेरितों को दिखाई दिया। सब के बाद मुझको भी दिखाई दिया।’’ (1 कुरि 15:7-8)।मसीहत की खासियत प्रभु यीशु मसीह के पुनरूत्थान में है जो एक ऐतिहासिक सत्य है। जीवित मसीह के बिना मसीहत कोई और धर्म होगा। प्रेरित पौलुस इस वास्तविकता को 1 कुरि15:14-19 में बल देकर कहता है। पौलुस जिसे दमिश्क के मार्ग पर पुनरूत्थित मसीह का दर्शन मिला, उसी के लिये जीया, यहाँ तक कि उसने मरते समय भी यह कहा, क्योंकि मैं उसे जिस पर मैंने विश्वास किया है, जानता हूँ, और तुझे निश्चय है कि वह मेरी धरोहर की उस दिन तक रखवाली कर सकता है।’’ (2 तीमु 1:12)।18 किस बात ने उन्हें विश्वास दिलाया? उन्होंने देखा कि कब्र के कपड़े वहाँ थे और सिर का कपड़ा अन्य टुकड़ों के साथ नहीं था परंतु अपने आप ही लपेटा हुआ एक ओर रखा हुआ था। इसका मतलब यह हुआ कि सिर का कपड़ा का आकार वैसा ही था जैसा यीशु ने दिया था, और वह बाकी पट्टियों से अलग रखा था जो वह दर्शाता था कि मृतक के गर्दन और उपरी छाती के बीच अंतर था, जहाँ से शरीर पर लपेटी पट्टियाँ शुरू होती थीं। उन्होंने आश्चर्य किया होगा कि कब्र के कपड़े इस स्थिति में क्यों रखे थे यदि शरीर चुराया गया था। एक चोर उन्हें अच्छी हालत में नहीं रख सकता था। उसने शरीर को पूरी तरह खोला होता, और कपड़े अव्यवस्थित रूप से छोड़ दिये गये होते, या वह शरीर, कब्र के कपड़े और बाकी सब साथ ले गए होते। 19 गलील में एक पहाड़ी पर । क्रमांक दिन 1 पहला दिन 2 पहला दिन 3 पहला दिन 4 पहला दिन 5 पहला दिन 6 बाकी 40 दिन 7 बाकी 40 दिन 8 बाकी 40 दिन 9 बाकी 40 दिन 10 बाकी 40 दिन किस दिखाई दिया बगीचे में मरियम मगदलीनी को कब्र से लौटती स्त्रियों को इम्माउस के मार्ग पर दो चलों को यरूशलेम में पतरस को उपरौठी कोठरी में दस प्रेरितों को उपरौठी कोठरी में ग्यारह को गलील के समुद्र में सात प्रेरितों को तबोर पर्वत पर ग्यारह और पाँच सौ विश्वासियों को ग्यारह को और यीशु के आधे भाई याकूब को जैतून पर्वत पर ग्यारह को वचन संदर्भ मरकुस 16:9; यूहन्ना 20:11-18 मत्ती 28:9-10 लूका 24:13-32, मरकुस 16:12-13 लूका 24:34, 1 कुरि 15:5 लूका 24:36-43; यूहन्ना 20:19-23 यूहन्ना 20:24-29 यूहन्ना 21:1-24 मत्ती 28:16-20, 1 कुरि 15:6 मरकुस 16:14-18; लूका 24:44-49, 1 कुरि 15:7 पनरूत्थान पश्चात यीशु के दस प्रगटीकर्ण

बाइबल अध्यन

मत्ती अध्याय 27 61 और मरियम मगदलीनी और दूसरी मरियम वहां कब्र के साम्हने बैठी थीं॥

1 कुरिन्थियों अध्याय 15 7 फिर याकूब को दिखाई दिया तब सब प्रेरितों को दिखाई दिया। 8 और सब के बाद मुझ को भी दिखाई दिया, जो मानो अधूरे दिनों का जन्मा हूं।

1 कुरिन्थियों अध्याय 15 15 वरन हम परमेश्वर के झूठे गवाह ठहरे; क्योंकि हम ने परमेश्वर के विषय में यह गवाही दी कि उस ने मसीह को जिला दिया यद्यपि नहीं जिलाया, यदि मरे हुए नहीं जी उठते। 16 और यदि मुर्दे नहीं जी उठते, तो मसीह भी नहीं जी उठा। 17 और यदि मसीह नहीं जी उठा, तो तुम्हारा विश्वास व्यर्थ है; और तुम अब तक अपने पापों में फंसे हो। 18 वरन जो मसीह मे सो गए हैं, वे भी नाश हुए। 19 यदि हम केवल इसी जीवन में मसीह से आशा रखते हैं तो हम सब मनुष्यों से अधिक अभागे हैं॥

1 तीमुथियुस अध्याय 1 12 और मैं, अपने प्रभु मसीह यीशु का, जिस ने मुझे सामर्थ दी है, धन्यवाद करता हूं; कि उस ने मुझे विश्वास योग्य समझकर अपनी सेवा के लिये ठहराया।

प्रश्न-उत्तर

प्र 1. प्रभु यीशु मसीह के दफनाए जाने के विषय बताएँ ?
प्र 2. क्या कारण था कि यहूदियों ने यीशु की कब्र की सुरक्षा के विषय सोचा ?
प्र 3. पीलातुस ने उनके आग्रह को कैसे पूरा किया ?
प्र 4. प्रभु मृतकों में से कब जी उठा ?
प्र 5. अपने पुनरुथान के बाद यीशु सबसे पहले किसे दिखा ?
प्र 6. यहूदियों ने पहरूओं को रिश्वत क्यों दिया ?
प्र 7. मसीहत के विषय कौनसी बात अनोखी है ?

संगीत

खुशी खुशी मनाओ, खुशी खुशी मनाओ बोलो बोलो मसीहा की जय जय जय।

मेरे लिये आया,मेरे लिये जीया, मेरे लिये यीशु ने दुख उठाया
मेरे लिये मारा गया, मेरे लिये गाढ़ा गया, मेरे लिये फिर जी उठा मेरा है मसीह मैं मसीह का हूँ हम मसीह के हैं।