पाठ 34 : उदाहरण और चेतावनियाँ
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सारांश
यीशु ने अक्सर लोगों को परमेश्वर के बिना जीवन के परिणामों के विषय चेतावनी दिया।यहाँ हमारे प्रभु यीशु के द्वारा एक धनी व्यक्ति के विषय बताई हुई कहानी है, जो परमेश्वर की बातों की चिंता नहीं करता था।एक धनी व्यक्ति था जो सारे सुख वैभव से रहता था। जो केवल सबसे कीमती कपड़े पहनता था और स्वादिष्ट भोजन करता था। लाजर नामक एक गरीब व्यक्ति उसके द्वार पर पड़ा रहता था। उसके पूरे शरीर में घाव थे जिसे कुत्ते चाटते थे। वह वहाँ पर धनी के मेज से गिरने वाले चूरचार पाने के लिये पड़ा रहता था। लाजर मर गया। उसकी मृत्यु पर, उसे स्वर्गदूतों द्वारा अब्राहम की गोद में पहुँचाया गया। धनी मनुष्य भी मर गया और गाड़ा गया।और उसकी आत्मा यातना के स्थान पहुँच गई। वहाँ से उसने आँख उठाकर देखा तो पाया कि लाजर अब्राहम की गोद में बैठा है। धनी मनुष्य बोल पड़ा, ‘पिता अब्राहम, मुझ पर दया कर। लाजर को भेज दे ताकि वह अपनी उंगली का सिरा पानी में भिगोकर मेरी जीभ को ठंडी करे क्योंकि मैं इस ज्वाला में तड़प रहा हूँ।’ परंतु अब्राहम ने कहा, ‘‘हे पुत्र स्मरण कर कि तू अपने जीवन में अच्छी वस्तुएँ ले चुका है और वैसे ही लाजर बुरी वस्तुएँ। परंतु अब वह यहाँ शांति पा रहा है, और तू तड़प रहा है। और इन सब बातों को छोड़ हमारे और तुम्हारे बीच एक भारी गड़हा ठहराया गया है कि जो यहाँ से उस पार जाना चाहे, वे न जा सके और न कोई वहाँ से इस पार हमारे पास आ सके। तब धनी व्यक्ति ने कहा, ‘‘तो हे पिता, मैं तुझसे विनती करता हूँ कि तू उसे मेरे पिता के घर भेज, क्योंकि मेरे पाँच भाई हैं, वह उनके सामने इन बातों की गवाही दे ताकि उन्हें पीड़ा की इस जगह में आकर मरना न पड़े।’ परंतु अब्राहम ने कहा, उसके पास तो मूसा और भविष्यवक्ताओं की पुस्तकें हैं। वे उनकी सुने, धनी व्यक्ति ने जवाब दिया, नहीं, हे पिता अब्राहम, पर यदि कोई मरे हुओं में से उनके पास जाए, तो वे मन फिराएँगे।’ परंतु अब्राहम ने कहा, जब वे मूसा और भविष्यवक्ताओं की नहीं सुनते, तो यदि मरे हुओं में से कोई जी भी उठे तौभी उसकी नहीं मानेंगे।’’यह दृष्टांत के रूप में नहीं कहा गया था। लाजर एक वास्तविक मनुष्य था। धनी व्यक्ति पीड़ा के स्थान में इसलिये नहीं भेजा गया था क्योंकि वह धनी था। इस बात को हम उसी के शब्दों में पाते हैं जब उसके नर्क से उसके भाइयों के विषय कहा। उसने कहा कि यदि लाजर को मृतकों की ओर से भेजा जाए तो वे पश्चाताप करेंगे। इस प्रकार धनी व्यक्ति ने उसके जीवन में अपने पापों के लिये पश्चाताप नहीं किया। उसके पास लाजर के जैसा विश्वास नहीं था।अब्राहम की गोद आनंद की अनुभूति की अभिव्यक्ति है। जब अब्राहम धनी व्यक्ति को पुत्र कहकर संबोधित करता है, हम जान पाते हैं कि वह एक यहूदी था, अब्राहम का वंशज। एक धनवान मूर्ख लूका 12:13-21 एक बार फिर से हमारा प्रभु भीड़ से घिर गया था। उनका मुख्य उद्देश्य चमत्कारों को देखना और भौतिक फायदे पाना था।भीड़ मे से किसी ने उससे कहा, ‘‘हे गुरू, मेरे भाई से कह कि पिता की संपत्ति मेरे साथ बांट ले।’’ यीशु ने उत्तर दिया, ‘‘हे मनुष्य, किसने मुझे तुम्हारा न्यायी या बाँटनेवाला नियुक्त किया है?’’फिर उसने भीड़ की ओर मुड़कर कहा, ‘‘चौकस रहो और हर प्रकार के लोभ से अपने आप को बचाए रखो, क्योंकि किसी का जीवन उसकी संपत्ति की बहुतायात से नहीं होता।’’ किसी धनवान की भूमि में बड़ी उपज हुई। तब वह अपने मन में विचार करने लगा, मैं क्या करूँ? क्योंकि मेरे यहाँ जगह नहीं जहाँ अपनी उपज इत्यादि रखूँ। और उसने कहा, ‘‘मैं यह करूंगा, मैं अपनी बखारियाँ तोड़कर उनसे बाड़ी बनाऊंगा; और वहाँ अपना सब अन्न और संपत्ति रखूंगा, और अपने प्राण से कहूँगा कि प्राण, तेरे पास बहुत वर्षों के लिये बहुत संपत्ति रखी है, चैन कर, खा, पी; सुख से रह। परंतु परमेश्वर ने उससे कहा, ‘‘हे मूर्ख, इसी रात तेरा प्राण तुझसे ले लिया जाएगा; तब जो कुछ तूने इकट्ठा किया है, वह किसका होगा। ऐसा ही मनुष्य भी है जो अपने लिये धन बटोरता है, परंतु परमेश्वर की दृष्टि में धनी नहीं।’’ मनन करने के लिये के छ बात क. धनी मनुष्य की मूर्खता इस गलत धारणा में है कि भौतिक वस्तुएं उसके प्राण को सुख देंगी। हम उसे यह कहते हुए पाते हैं, ‘‘मैं अपने प्राण से कहूंगा, तेरे पास बहुत वर्षों के लिये बहुत संपत्ति रखी है। चैन कर, खा पी, सुख से रह।’’ ख. बेशक वह संसारिक बातों की अच्छी योजना बनानेवाला था, परंतु उसने मृत्यु की वास्तविकता के विषय कभी नहीं सोचा। ग. जीवन के उसके आंकलन में परमेश्वर के लिये कोई जगह नहीं थी, जिसके नियंत्रण में सब कुछ है। घ. हमारा लक्ष्य धन नहीं होना चाहिये, केवल साधन होना चाहिये।’’ धन नहीं, परंतु धन का लोभ बुराई की जड़ है। च. परमेश्वर के लिये धनी होने का मतलब आत्मिक आशीषों को स्वीकार करना जो परमेश्वर ने हमें दिया है। यह मानना है कि हमारे पास जो है वह परमेश्वर की ओर से है और हमें उसका उपयोग दूसरों के लिये और परमेश्वर की महिमा को लिये करना चाहिये।जान बनियन की ‘‘पिलग्रिम्स प्रोग्रेस’’ में चरवाहे लड़के का गीत संदर्भागत है।वह जो नीचे है, उसे गिरने का डर नहीं होता, वह जो दीन है, उसे घमंड नहीं होता,वह जो नम्र है, उसका मार्गदर्शक हमेशा परमेश्वर होता है।मेरे पास जो हैं, मैं उसमें संतुष्ट हूँ चाहे वह थोड़ा हो या ज्यादाऔर प्रभु, मैं संतुष्ट होने की कोशिश करता हूँ क्योंकि तू ही ऐसों को बचाता है।ऐसों के लिये भरपूरी, एक बोझ होती है,जो तीर्थ यात्रा पर जाते हैं, यहाँ थोड़ा, और बाद में आनंद,यही युगों युगों से उत्तम है।’’
बाइबल अध्यन
लूका अध्याय 16 19 एक धनवान मनुष्य था जो बैंजनी कपड़े और मलमल पहिनता और प्रति दिन सुख-विलास और धूम-धाम के साथ रहता था। 20 और लाजर नाम का एक कंगाल घावों से भरा हुआ उस की डेवढ़ी पर छोड़ दिया जाता था। 21 और वह चाहता था, कि धनवान की मेज पर की जूठन से अपना पेट भरे; वरन कुत्ते भी आकर उसके घावों को चाटते थे। 22 और ऐसा हुआ कि वह कंगाल मर गया, और स्वर्गदूतों ने उसे लेकर इब्राहीम की गोद में पहुंचाया; और वह धनवान भी मरा; और गाड़ा गया। 23 और अधोलोक में उस ने पीड़ा में पड़े हुए अपनी आंखें उठाई, और दूर से इब्राहीम की गोद में लाजर को देखा। 24 और उस ने पुकार कर कहा, हे पिता इब्राहीम, मुझ पर दया करके लाजर को भेज दे, ताकि वह अपनी उंगुली का सिरा पानी में भिगो कर मेरी जीभ को ठंडी करे, क्योंकि मैं इस ज्वाला में तड़प रहा हूं। 25 परन्तु इब्राहीम ने कहा; हे पुत्र स्मरण कर, कि तू अपने जीवन में अच्छी वस्तुएं ले चुका है, और वैसे ही लाजर बुरी वस्तुएं: परन्तु अब वह यहां शान्ति पा रहा है, और तू तड़प रहा है। 26 और इन सब बातों को छोड़ हमारे और तुम्हारे बीच एक भारी गड़हा ठहराया गया है कि जो यहां से उस पार तुम्हारे पास जाना चाहें, वे न जा सकें, और न कोई वहां से इस पार हमारे पास आ सके। 27 उस ने कहा; तो हे पिता मैं तुझ से बिनती करता हूं, कि तू उसे मेरे पिता के घर भेज। 28 क्योंकि मेरे पांच भाई हैं, वह उन के साम्हने इन बातों की गवाही दे, ऐसा न हो कि वे भी इस पीड़ा की जगह में आएं। 29 इब्राहीम ने उस से कहा, उन के पास तो मूसा और भविष्यद्वक्ताओं की पुस्तकें हैं, वे उन की सुनें। 30 उस ने कहा; नहीं, हे पिता इब्राहीम; पर यदि कोई मरे हुओं में से उन के पास जाए, तो वे मन फिराएंगे। 31 उस ने उस से कहा, कि जब वे मूसा और भविष्यद्वक्ताओं की नहीं सुनते, तो यदि मरे हुओं में से कोई भी जी उठे तौभी उस की नहीं मानेंगे॥
लूका अध्याय 12 13 फिर भीड़ में से एक ने उस से कहा, हे गुरू, मेरे भाई से कह, कि पिता की संपत्ति मुझे बांट दे। 14 उस ने उस से कहा; हे मनुष्य, किस ने मुझे तुम्हारा न्यायी या बांटने वाला नियुक्त किया है? 15 और उस ने उन से कहा, चौकस रहो, और हर प्रकार के लोभ से अपने आप को बचाए रखो: क्योंकि किसी का जीवन उस की संपत्ति की बहुतायत से नहीं होता। 16 उस ने उन से एक दृष्टान्त कहा, कि किसी धनवान की भूमि में बड़ी उपज हुई। 17 तब वह अपने मन में विचार करने लगा, कि मैं क्या करूं, क्योंकि मेरे यहां जगह नहीं, जहां अपनी उपज इत्यादि रखूं। 18 और उस ने कहा; मैं यह करूंगा: मैं अपनी बखारियां तोड़ कर उन से बड़ी बनाऊंगा; 19 और वहां अपना सब अन्न और संपत्ति रखूंगा: और अपने प्राण से कहूंगा, कि प्राण, तेरे पास बहुत वर्षों के लिये बहुत संपत्ति रखी है; चैन कर, खा, पी, सुख से रह। 20 परन्तु परमेश्वर ने उस से कहा; हे मूर्ख, इसी रात तेरा प्राण तुझ से ले लिया जाएगा: तब जो कुछ तू ने इकट्ठा किया है, वह किस का होगा? 21 ऐसा ही वह मनुष्य भी है जो अपने लिये धन बटोरता है, परन्तु परमेश्वर की दृष्टि में धनी नहीं॥
संगीत
ये तन तेरा मिट जाएगा, ये धन तेरे संग न आएगा, मन को रिझाए बंधन ये झूठे, भूलेगा तुझको जमाना।
कल के भरोसे पर न रहना, कल का भरोसा कभी न करना, कल क्या होगा किसी ने न जाना।