पाठ 23 : यीशु बीमारों को चंगा करता है - 1

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सारांश

यीशु इस संसार में रहा और लोगों के साथ घुल-मिल गया केवल यह दिखाने के लिये परमेश्वर कैसा है। उसने लोगों को परमेश्वर का वचन की शिक्षा दिया, और अपने चमत्कारों के द्वारा उन्हें परमेश्वर के प्रेम और देखभाल को दिखाया। उसने बाद में कहा, ‘‘परंतु मेरे पास जो गवाही है वह यूहन्ना की गवाही से बड़ी है, क्योंकि जो काम पिता ने मुझे करने को सौंपा है अर्थात यही काम जो मैं करता हूँ वे मेरे गवाह हैं कि पिता ने मुझे भेजा है।’’ (यूहन्ना 5:36)।यीशु ने कई लोगों को चंगा किया। यदि यह खबर फैल जाती कि यीशु किसी घर में था, तो लोग वहाँ बीमारों को चंगा करवाने के लिये भीड़ लगा देते थे। उसने कुछ लोगों को छूकर चंगा किया। उसने दुष्टआत्माएँ निकाला, अंधों को दृष्टि प्रदान किया और लंगडों को चलाया। यहाँ तक कि एक स्त्री जिसने उसके वस्त्र का सिरा भी छू ली थी वह भी चंगी हो गई थी।चार प्रचारकों ने इन चमत्कारों में से कुछ वर्णन किए हैं। हम अगले चार पाठों में इनमें से कुछ को देखेंगे।1. पतरस की सास मरकुस 1:29-34 पढ़ें। (मत्ती 8:14-15; लूका 4:38-41 भी पढे़ं)एक बार सब्त के दिन यीशु कफरनहूम में आराधनालय में गया और शिक्षा दिया। आराधनालय से निकलकर वह याकूब और यूहन्ना के साथ पतरस के घर गया। वहाँ उन्होंने पतरस की सास को तेज बुखार से पीड़ित पाया। जब उन्होंने उसके विषय यीशु को बताया तो वह उसके बिस्तर के पास गया हाथ पकड़कर उठाया और बैठने में मदद किया। अचानक उसका बुखार उसे छोड़ गया। वह उठी और उनके लिये खाना पकाई। 2. राजकमचारी का पुत्र (यूहन्ना 4:46-54 पढें)कफरनहूम नगर में एक राजकर्मचारी था। उसका पुत्र बहुत बीमार था। जब राजकर्मचारी ने सुना कि यीशु काना में आया है तो वह वहाँ गया और उससे बिनती करने लगा कि वह कफरनहूम आकर उसके बेटे को चंगा करे जो मरने पर था। यीशु ने उससे कहा, ‘‘जा तेरा पुत्र जीवित है।’’ और उस मनुष्य ने यीशु की बात का विश्वास किया और घर चला गया।जब वह मार्ग में ही था तब उसके कुछ दास आकर उससे मिले और समाचार दिया कि उसका पुत्र जीवित और कुशल से है। पूछताछ करने पर पता चला कि उसका पुत्र ठीक उसी समय चंगा हुआ था जब यीशु ने उससे कहा था, ‘‘तेरा पुत्र जीवित है।’’ उस अधिकारी और उसके पूरे घराने ने यीशु पर विश्वास किया।इस कहानी से हम यह सीखते हैं कि यीशु के पास बीमारियों पर अधिकार है चाहे वह दूर क्यों न हो। 3. मनष्य जो 38 वर्ष से बीमार था (यूहन्ना 5:2-14 पढे़ं)यीशु यरूशलेम में आया और वह पर्व का समय था। नगर के भीतर भेड़ द्वार के पास बैतहसदा का कुँड था जिसके पाँच ओसरे थे। बीमारों की भीड़ अंधे, लंगडे़, लकवाग्रस्त और ऐसे कई लोग ओसारे में पड़े रहते थे। समय-समय पर प्रभु का एक दूत इसमें नीचे उतरता था और पानी को हिलाता था। पानी की हलचल होने पर जो व्यक्ति सबसे पहले कुंड में उतरता था, वह चंगा हो जाता था चाहे उसकी बीमारी जो भी रही हो। वहाँ पड़े हुए लोगों मे एक व्यक्ति था जो अड़तीस वर्ष से बीमार था। जब यीशु ने उसे देखा और जाना कि वह कब से बीमार था, तो उसने उससे पूछा, ‘‘क्या तू चंगा होना चाहता है?’’ उसने कहा, हे प्रभू, मेरे पास कोई मनुष्य नहीं कि जब पानी हिलाया जाए तो मुझे कुण्ड में उतारे, परंतु मेरे पहुँचते-पहुँचते दूसरा मुझसे पहले उतर जाता है।’’ यीशु ने उससे कहा, ‘‘उठ, अपनी खाट उठा और चल फिर!’’ उसी समय वह मनुष्य चंगा हो गया। उसने अपना बिस्तर उठाया और चलने लगा। बाद में यीशु ने उसे मंदिर में देखा, और उससे कहा, ‘‘देख तू चंगा हो गया है, फिर से पाप मत करना, ऐसा न हो कि इससे कोई भारी विपत्ति तुझ पर आ पड़े।’’यहाँ हम एक व्यक्ति को देखते हैं जो 38 वर्ष से बीमार था। यीशु के पास हर पुरानी बीमारी को ठीक करने की सामर्थ है। इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कितने पुराने पापी हैं। यीशु पर विश्वास करें और फिर पाप न करें। ‘‘तुम्हारे पाप चाहे लाल रंग के हो तौभी वे हिम के समान उजले हो जाएंगे।’’ (यशायाह 1:18)। 4. स्त्री जिसने यीशु का स्पर्श किया । पढे़ं मरकुस 5:25-34 (मत्ती 9:20-22; लूका 8:43-48 देखें)हमारा प्रभु याईर के घर जा रहा था। जो आराधनालय का अगुवा था और उसकी बेटी बीमार थी। एक बड़ी भीड़ उसके पीछे हो ली और उस पर गिर पड़ती थी। उनमें एक स्त्री थी जिसे12 वर्ष से लहू बहने की तकलीफ थी। उसने अपना सारा पैसा इलाज में खर्च कर दी थी, लेकिन सब व्यर्थ हो गया था। यीशु के विषय सुनते ही वह भीड़ में से होकर उसके पीछे पहुँची और उसके वस्त्र को छू ली यह विश्वास करते हुए कि उसे मात्र छू लेने से ही वह चंगी हो जाएगी। उसके विश्वास के अनुसार उसका लहू बहना बंद हो गया और उसने महसूस की कि वह चंगी हो गई है। यीशु ने महसूस किया उसमें से चंगाई की सामर्थ निकली है इसलिये उसने पीछे मुड़कर भीड़ से पूछा, ‘‘मेरा वस्त्र किसने छुआ?’’ उसके चेलों ने उससे कहा कि,‘‘तू देखता है कि भीड़ तुझ पर गिरी पड़ती है, और तू कहता कि किसने मुझे छुआ?’’ फिर भी यीशु उस व्यक्ति के देखने के लिये इधर-उधर देखता रहा। वह स्त्री काँपती हुई आई और उसके पैरों पर गिर पड़ी और वह बता दी जो उसने की थी। और उसने उससे कहा, ‘‘पुत्री तेरे विश्वास से तुझे चंगा किया है। कुशल से जा, और अपनी इस बीमारी से बची रह।’’ केवल यीशु पर विश्वास है जो बचाता है। भीड़ के कई लोगों ने कई बार यीशु को छूआ होगा, परंतु इस स्त्री ने उसे विश्वास से छूई थी, और चंगी होने की इच्छा की थी, और चंगी हो गई।

बाइबल अध्यन

यूहन्ना अध्याय 5 36 परन्तु मेरे पास जो गवाही है वह यूहन्ना की गवाही से बड़ी है: क्योंकि जो काम पिता ने मुझे पूरा करने को सौंपा है अर्थात यही काम जो मैं करता हूं, वे मेरे गवाह हैं, कि पिता ने मुझे भेजा है।

मरकुस अध्याय 1 29 और वह तुरन्त आराधनालय में से निकलकर, याकूब और यूहन्ना के साथ शमौन और अन्द्रियास के घर आया। 30 और शमौन की सास ज्वर से पीडित थी, और उन्होंने तुरन्त उसके विषय में उस से कहा। 31 तब उस ने पास जाकर उसका हाथ पकड़ के उसे उठाया; और उसका ज्वर उस पर से उतर गया, और वह उन की सेवा-टहल करने लगी॥ 32 सन्ध्या के समय जब सूर्य डूब गया तो लोग सब बीमारों को और उन्हें जिन में दुष्टात्माएं थीं उसके पास लाए। 33 और सारा नगर द्वार पर इकट्ठा हुआ। 34 और उस ने बहुतों को जो नाना प्रकार की बीमारियों से दुखी थे, चंगा किया; और बहुत से दुष्टात्माओं को निकाला; और दुष्टात्माओं को बोलने न दिया, क्योंकि वे उसे पहचानती थीं॥

मत्ती अध्याय 8 14 और यीशु ने पतरस के घर में आकर उस की सास को ज्वर में पड़ी देखा। 15 उस ने उसका हाथ छूआ और उसका ज्वर उतर गया; और वह उठकर उस की सेवा करने लगी।

लूका अध्याय 4 38 वह आराधनालय में से उठकर शमौन के घर में गया और शमौन की सास को ज्वर चढ़ा हुआ था, और उन्होंने उसके लिये उस से बिनती की। 39 उस ने उसके निकट खड़े होकर ज्वर को डांटा और वह उस पर से उतर गया और वह तुरन्त उठकर उन की सेवा टहल करने लगी॥ 40 सूरज डूबते समय जिन जिन के यहां लोग नाना प्रकार की बीमारियों में पड़े हुए थे, वे सब उन्हें उसके पास ले आए, और उस ने एक एक पर हाथ रखकर उन्हें चंगा किया। 41 और दुष्टात्मा चिल्लाती और यह कहती हुई कि तू परमेश्वर का पुत्र है, बहुतों में से निकल गईं पर वह उन्हें डांटता और बोलने नहीं देता था, क्योंकि वे जानते थे, कि यह मसीह है॥

यूहन्ना अध्याय 52 यरूशलेम में भेड़-फाटक के पास एक कुण्ड है जो इब्रानी भाषा में बेतहसदा कहलाता है, और उसके पांच ओसारे हैं। 3 इन में बहुत से बीमार, अन्धे, लंगड़े और सूखे अंग वाले (पानी के हिलने की आशा में) पड़े रहते थे। 4 (क्योंकि नियुक्ति समय पर परमेश्वर के स्वर्गदूत कुण्ड में उतरकर पानी को हिलाया करते थे: पानी हिलते ही जो कोई पहिले उतरता वह चंगा हो जाता था चाहे उसकी कोई बीमारी क्यों न हो।) 5 वहां एक मनुष्य था, जो अड़तीस वर्ष से बीमारी में पड़ा था। 6 यीशु ने उसे पड़ा हुआ देखकर और जानकर कि वह बहुत दिनों से इस दशा में पड़ा है, उस से पूछा, क्या तू चंगा होना चाहता है? 7 उस बीमार ने उस को उत्तर दिया, कि हे प्रभु, मेरे पास कोई मनुष्य नहीं, कि जब पानी हिलाया जाए, तो मुझे कुण्ड में उतारे; परन्तु मेरे पहुंचते पहुंचते दूसरा मुझ से पहिले उतर पड़ता है। 8 यीशु ने उस से कहा, उठ, अपनी खाट उठाकर चल फिर। 9 वह मनुष्य तुरन्त चंगा हो गया, और अपनी खाट उठाकर चलने फिरने लगा। 10 वह सब्त का दिन था। इसलिये यहूदी उस से, जो चंगा हुआ था, कहने लगे, कि आज तो सब्त का दिन है, तुझे खाट उठानी उचित्त नहीं। 11 उस ने उन्हें उत्तर दिया, कि जिस ने मुझे चंगा किया, उसी ने मुझ से कहा, अपनी खाट उठाकर चल फिर। 12 उन्होंने उस से पूछा वह कौन मनुष्य है जिस ने तुझ से कहा, खाट उठाकर चल फिर? 13 परन्तु जो चंगा हो गया था, वह नहीं जानता था वह कौन है; क्योंकि उस जगह में भीड़ होने के कारण यीशु वहां से हट गया था। 14 इन बातों के बाद वह यीशु को मन्दिर में मिला, तब उस ने उस से कहा, देख, तू तो चंगा हो गया है; फिर से पाप मत करना, ऐसा न हो कि इस से कोई भारी विपत्ति तुझ पर आ पड़े।

यशायाह अध्याय 1 18 यहोवा कहता है, आओ, हम आपस में वादविवाद करें: तुम्हारे पाप चाहे लाल रंग के हों, तौभी वे हिम की नाईं उजले हो जाएंगे; और चाहे अर्गवानी रंग के हों, तौभी वे ऊन के समान श्वेत हो जाएंगे।

मरकुस अध्याय 5 25 और एक स्त्री, जिस को बारह वर्ष से लोहू बहने का रोग था। 26 और जिस ने बहुत वैद्यों से बड़ा दुख उठाया और अपना सब माल व्यय करने पर भी कुछ लाभ न उठाया था, परन्तु और भी रोगी हो गई थी। 27 यीशु की चर्चा सुनकर, भीड़ में उसके पीछे से आई, और उसके वस्त्र को छू लिया। 28 क्योंकि वह कहती थी, यदि मैं उसके वस्त्र ही को छू लूंगी, तो चंगी हो जाऊंगी। 29 और तुरन्त उसका लोहू बहना बन्द हो गया; और उस ने अपनी देह में जान लिया, कि मैं उस बीमारी से अच्छी हो गई। 30 यीशु ने तुरन्त अपने में जान लिया, कि मुझ में से सामर्थ निकली है, और भीड़ में पीछे फिरकर पूछा; मेरा वस्त्र किस ने छूआ? 31 उसके चेलों ने उस से कहा; तू देखता है, कि भीड़ तुझ पर गिरी पड़ती है, और तू कहता है; कि किस ने मुझे छुआ? 32 तब उस ने उसे देखने के लिये जिस ने यह काम किया था, चारों ओर दृष्टि की। 33 तब वह स्त्री यह जानकर, कि मेरी कैसी भलाई हुई है, डरती और कांपती हुई आई, और उसके पांवों पर गिरकर, उस से सब हाल सच सच कह दिया। 34 उस ने उस से कहा; पुत्री तेरे विश्वास ने तुझे चंगा किया है: कुशल से जा, और अपनी इस बीमारी से बची रह॥

मत्ती अध्याय 9 20 और देखो, एक स्त्री ने जिस के बारह वर्ष से लोहू बहता था, उसके पीछे से आकर उसके वस्त्र के आंचल को छू लिया। 21 क्योंकि वह अपने मन में कहती थी कि यदि मैं उसके वस्त्र ही को छू लूंगी तो चंगी हो जाऊंगी। 22 यीशु ने फिरकर उसे देखा, और कहा; पुत्री ढाढ़स बान्ध; तेरे विश्वास ने तुझे चंगा किया है; सो वह स्त्री उसी घड़ी चंगी हो गई।

लूका अध्याय 8 43 और एक स्त्री ने जिस को बारह वर्ष से लोहू बहने का रोग था, और जो अपनी सारी जिविका वैद्यों के पीछे व्यय कर चुकी थी और तौभी किसी के हाथ से चंगी न हो सकी थी। 44 पीछे से आकर उसके वस्त्र के आंचल को छूआ, और तुरन्त उसका लोहू बहना थम गया। 45 इस पर यीशु ने कहा, मुझे किस ने छूआ जब सब मुकरने लगे, तो पतरस और उसके साथियों ने कहा; हे स्वामी, तुझे तो भीड़ दबा रही है और तुझ पर गिरी पड़ती है। 46 परन्तु यीशु ने कहा: किसी ने मुझे छूआ है क्योंकि मैं ने जान लिया है कि मुझ में से सामर्थ निकली है। 47 जब स्त्री ने देखा, कि मैं छिप नहीं सकती, तब कांपती हुई आई, और उसके पांवों पर गिरकर सब लोगों के साम्हने बताया, कि मैं ने किस कारण से तुझे छूआ, और क्योंकर तुरन्त चंगी हो गई। 48 उस ने उस से कहा, बेटी तेरे विश्वास ने तुझे चंगा किया है, कुशल से चली जा।

प्रश्न-उत्तर

प्र 1. पतरस की माँ किस बात से पीड़ित थी ? उसने चंगी होने के बाद क्या की ?
प्र 2. प्रभु ने राजकर्मचारी के पुत्र को किस तरह चंगा किया ?
प्र 3. 38 वर्ष से बीमार व्यक्ति किस तरह चंगा हुआ ?
प्र 4. उस स्त्री की कहानी बताऐं जिसका रोग दूर हो गया था |

संगीत

अन्धे लूले लंगडे बहरे चंगाई पाते, राहत मिलती है उनको जो उसके पास आते, दुष्टात्मा को निकाले, आँधियों को थमा दे-2 कोई और नहीं। 3

देखो ज़रा मसीहा को, मेरे प्यारे यीशु जी को, प्यार से भरा है वह, दया का धनी है वह ।