पाठ 18 : जंगल में युद्ध

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सारांश

एलीम में इस्त्राएली शांति के समय का आनंद ले रहे थे। परंतु उन्हें आगे बढ़ना था। जब उन्होंने अपनी यात्रा जारी रखा, तो कठिनाईयाँ आने लगी। जब वे रपीदीम पहुँचे, अमालेकी आए और उनसे युद्ध किया।अमालेकी एसाव की संतानें थीं इसलिये वे इस्त्राएलियों से संबंधित थे। तब मूसा ने यहोशू से कहा, ‘‘हमारे लिये कई पुरुषों को चुनकर छाँट ले, और बाहर जाकर अमालेकियों से लढ़; और मैं कल परमेश्वर की लाठी हाथ में लिये हुए पहाड़ी की चोटी पर खड़ा रहूँगा।’’ इस प्रकार यहोशू ने जाकर अमालेकियों से युद्ध किया। मूसा, हारून और हूर पहाड़ की चोटी पर गए। मूसा ने परमेश्वर से प्रार्थना करने के लिये अपने हाथ ऊपर उठाया। जब तक मूसा अपना हाथ उपर उठाए रहता था, इस्त्राएली जीतते थे, जबकि अमालेकी उस समय जीतते थे जब मूसा अपना हाथ नीचे करता था। जब मूसा के हाथ थक गए तो उन्होंने एक पत्थर लिया और और उसके नीचे रख दिया जिस पर वह बैठ गया। हारून और हूर ने उसके हाथों के उठाए रखा - एक ओर से एक ने और दूसरी ओर से दूसरे ने उठाए रखा ताकि सूर्यास्त तक उसका हाथ स्थिर रहे। इस प्रकार यहोशू ने अमालेकियों पर विजय पाया। मूसा ने एक वेदी बनाया और उसे ‘‘यहोवा निस्सी’’ नाम दिया।अमालेक विश्वासी के सांसारिक स्वभाव को बताता है। शरीर हमारा शत्रु है। शरीर के विरुद्ध हमारी लड़ाई में हमें प्रार्थना द्वारा परमेश्वर से सामर्थ प्राप्त करना चाहिये। हूर और हारून जो मूसा के हाथों को आधार दिये हुए थे, विश्वासियों द्वारा की जाने वाली मध्यस्थी के महत्व को दिखाती है। यहोशू के समान जिसने तलवार का उपयोग अमालेकियों के विरुद्ध किया,उसी प्रकार परमेश्वर की संतानों को दोधारी तलवार का जो परमेश्वर का वचन है, उपयोग शरीर पर विजय पाने के लिये करना चाहिये। (इब्रानियों 4:12; इफिसियों 6:17)।अमोरियों से यह युद्ध इससे पहले कि इस्त्राएली कनान पर कब्जा करते, उस देश पर कनानी और अमोरियों का कब्जा था। अमोरी लोग यरदन के पूर्व में पहाड़ी देश में और कनानी लोग पश्चिम में रहते थे। यह प्रांत अर्नोन नदी से यब्बोक नदी के उत्तर की ओर तक फैला था जो अमोरियों के हाथ में था। सीहोन अमोरी राजा था और हेशोन मुख्य शहर था। इस्त्राएलियों ने सीहोन से कहा, ‘‘हम मुड़कर किसी खेत या दाख की बारी में न जाएँगे, न किसी कुएँ का पानी पीएँगे, और जब तक तेरे देश से बाहर न हो जाएँ तब तक सड़क ही से चले जाएंगे।’’ परंतु सीहोन ने अपने सब लोगों को इकट्ठा किया और इस्त्राएलियों के विरुद्ध लड़ा जो उस पर विजयी हो गये और उनके नगरों पर कब्जा कर लिये और वही बस गये।बाशान क राजा ओग के साथ युद्ध यह बाशान का राजा ओग था जो इस्त्राएलियों से लड़ने आगे आया। इस्त्राएल ने ओग, उसके पुत्रों और उसके लोगों को मार डाला (गिनती 21)।मोआबियों के विरुद्ध युद्ध इस्त्राएल की संतानें आगे बढ़ते गए और मोआब के मैदानों में पहुँचे जहाँ उन्होंने अपने तंबू लगाए। मोआबी और मिद्यानी बहुत डर गये। मोआबी राजा बालाक ने बिलाम को बुलवाया कि वह इस्त्राएलियों को शाप दे। राजा के संदेश वाहकों ने बिलाम के लिये इनाम साथ ले गए परंतु उसने उनसे कहा, ‘‘आज रात कहीं रूक जाओ, मैं तुमसे फिर बात करूंगा, जैसा परमेश्वर मुझसे कहेगा।’’ परमेश्वर ने बिलाम से कहा, ‘‘तू उनके साथ मत जाना, तू इस्त्राएलियों को शाप न देना, क्योंकि वे आशीषित किये जा चुके है।’’ बिलाम ने मोआब के सरदारों को उनके देश वापस भेज दिया। परंतु बालाक ने बिलाम के पास और भी सरदार भेजा, उन्हें भी बिलाम ने रातभर रूकने को कहा। उस रात परमेश्वर ने बिलाम से फिर से बात किया। परमेश्वर ने कहा, ‘‘तू उठकर उनके संग जा, परंतु जो बात मैं तुझसे कहूँ उसी के अनुसार करना।’’ इस प्रकार बिलाम सुबह उठा, उसकी गदही तैयार किया और मोआब के सरदारों के साथ चला गया। गदही ने रास्ते में परमेश्वर के दूत को हाथ में तलवार लिये खड़े देखा, और गदही ने अपना रास्ता बदल दिया और खेत में चली गई। कारण न जानते हुए बिलाम ने गदही को मारा। फिर गदही ने प्रभु के दूत को एक सकरे स्थान में देखी जहाँ से वह आगे नहीं बढ़ सकती थी।और वह जमीन पर गिर पड़ी। फिर परमेश्वर ने गदही का मुँह खोला। वह बोली, ‘‘मैंने तेरा क्या किया है कि तूने मुझे तीन बार मारा है? तब परमेश्वर ने बिलाम की आखों को खोल दिया और उसने प्रभु के दूत को तलवार निकाले मार्ग में खड़े देखा। उसने तुरंत ही उसे दंडवत किया। उसने कहा कि उसने पाप किया और अब वह वापस चला जाएगा। तब प्रभु के दूत ने बिलाम से कहा, ‘‘इन पुरुषों के संग तू चला जा परंतु केवल वही बात कहना जो मैं तुझसे कहूँगा।’’ तब वह बालाक के सरदारों के साथ गया। उसने वेदियाँ बनाया और बलि चढ़ाया।फिर इस्त्राएलियों की ओर देखते हुए उसने यह गीत गाया, ‘‘जिन्हें परमेश्वर ने शाप नहीं दिया, उन्हें मैं क्यों शाप दूँ? और वह ऐसी जाति है जो अकेली बसी रहेगी, और अन्य जातियों से अलग गिनी जाएगी।’’ इस बात पर बालाक बिलाम से नाराज हो गया। परंतु बिलाम ने कहा कि यदि वह उसके घर को सोने-चांदी से भरकर दे, वह परमेश्वर की आज्ञा से बाहर नहीं जा सकता। यद्यपि बिलाम इस्त्राएल को शाप न दे सका, उसने बालाक को सिखाया कि वह इस्त्राएलियों से किस तरह परमेश्वर के विरुद्ध पाप करवा सकता है। परिणाम स्वरूप बिलाम मारा गया। (गिनती अध्याय 22:25; गिनती 31:8-16)। नए नियम में बिलाम के विषय 2 पतरस 2:15-16, यहूदा 11 और प्रकाशितवाक्य 2:14 में लिखा है। यहाँ हम ‘‘बिलाम के तरीके’’, ‘‘बिलाम की गलती’’, और ‘‘बिलाम की शिक्षा’’ को देखते हैं। विश्वासियों को इन बुराइयों से दूर रहना चाहिये।इस्त्राएलियों को हार और जीत के मिश्रित अनुभव मिले। जब भी वे परमेश्वर के वचन से हटे, उन्हें हार देखना पड़ा, और जब भी उन्होंने परमेश्वर के वचन पर विश्वास किया, उन्होंने विजयघोष किया। विश्वासियों को परमेश्वर के हथियार पहिनकर शत्रु से लड़ना चाहिये। (इफिसियों 6:11)।

बाइबल अध्यन

निर्गमन अध्याय 17 8 तब अमालेकी आकर रपीदीम में इस्राएलियों से लड़ने लगे। 9 तब मूसा ने यहोशू से कहा, हमारे लिये कई एक पुरूषों को चुनकर छांट ले, ओर बाहर जा कर अमालेकियों से लड़; और मैं कल परमेश्वर की लाठी हाथ में लिये हुए पहाड़ी की चोटी पर खड़ा रहूंगा। 10 मूसा की इस आज्ञा के अनुसार यहोशू अमालेकियों से लड़ने लगा; और मूसा, हारून, और हूर पहाड़ी की चोटी पर चढ़ गए। 11 और जब तक मूसा अपना हाथ उठाए रहता था तब तक तो इस्राएल प्रबल होता था; परन्तु जब जब वह उसे नीचे करता तब तब अमालेक प्रबल होता था। 12 और जब मूसा के हाथ भर गए, तब उन्होंने एक पत्थर ले कर मूसा के नीचे रख दिया, और वह उस पर बैठ गया, और हारून और हूर एक एक अलंग में उसके हाथों को सम्भाले रहें; और उसके हाथ सूर्यास्त तक स्थिर रहे। 13 और यहोशू ने अनुचरों समेत अमालेकियों को तलवार के बल से हरा दिया। 14 तब यहोवा ने मूसा से कहा, स्मरणार्थ इस बात को पुस्तक में लिख ले और यहोशू को सुना दे, कि मैं आकाश के नीचे से अमालेक का स्मरण भी पूरी रीति से मिटा डालूंगा। 15 तब मूसा ने एक वेदी बनाकर उसका नाम यहोवानिस्सी रखा ; 16 और कहा, यहोवा ने शपथ खाई है, कि यहोवा अमालेकियों से पीढिय़ों तक लड़ाई करता रहेगा॥

गिनती अध्याय 21 21 तब इस्त्राएल ने एमोरियों के राजा सीहोन के पास दूतों से यह कहला भेजा, 22 कि हमें अपने देश में हो कर जाने दे; हम मुड़कर किसी खेत वा दाख की बारी में तो न जाएंगे; न किसी कूएं का पानी पीएंगे; और जब तक तेरे देश से बाहर न हो जाएं तब तक सड़क ही से चले जाएंगे। 23 तौभी सीहोन ने इस्त्राएल को अपने देश से हो कर जाने न दिया; वरन अपनी सारी सेना को इकट्ठा करके इस्त्राएल का साम्हना करने को जंगल में निकल आया, और यहस को आकर उन से लड़ा। 24 तब इस्त्राएलियों ने उसको तलवार से मार लिया, और अर्नोन से यब्बोक नदी तक, जो अम्मोनियों का सिवाना था, उसके देश के अधिकारी हो गए; अम्मोनियों का सिवाना तो दृढ़ था। 25 सो इस्त्राएल ने एमोरियों के सब नगरों को ले लिया, और उन में, अर्थात हेशबोन और उसके आस पास के नगरों में रहने लगे। 26 हेशबोन एमोरियों के राजा सीहोन का नगर था; उसने मोआब के अगले राजा से लड़ के उसका सारा देश अर्नोन तक उसके हाथ से छीन लिया था। 27 इस कारण गूढ़ बात के कहने वाले कहते हैं, कि हेशबोन में आओ, सीहोन का नगर बसे, और दृढ़ किया जाए। 28 क्योंकि हेशबोन से आग, अर्थात सीहोन के नगर से लौ निकली; जिस से मोआब देश का आर नगर, और अर्नोन के ऊंचे स्थानों के स्वामी भस्म हुए। 29 हे मोआब, तुझ पर हाय! कमोश देवता की प्रजा नाश हुई, उसने अपने बेटों को भगेडू, और अपनी बेटियों को एमोरी राजा सीहोन की दासी कर दिया। 30 हम ने उन्हें गिरा दिया है, हेशबोन दीबोन तक नष्ट हो गया है, और हम ने नोपह और मेदबा तक भी उजाड़ दिया है॥ 31 सो इस्त्राएल एमोरियों के देश में रहने लगा। 32 तब मूसा ने याजेर नगर का भेद लेने को भेजा; और उन्होंने उसके गांवों को लिया, और वहां के एमोरियों को उस देश से निकाल दिया। 33 तब वे मुड़के बाशान के मार्ग से जाने लगे; और बाशान के राजा ओग न उनका साम्हना किया, अर्थात लड़ने को अपनी सारी सेना समेत एद्रेई में निकल आया। 34 तब यहोवा ने मूसा से कहा, उससे मत डर; क्योंकि मैं उसको सारी सेना और देश समेत तेरे हाथ में कर देता हूं; और जैसा तू ने एमोरियों के राजा हेशबोनवासी सीहोन के साथ किया है, वैसा ही उसके साथ भी करना। 35 तब उन्होंने उसको, और उसके पुत्रों और सारी प्रजा को यहां तक मारा कि उसका कोई भी न बचा; और वे उसके देश के अधिकारी को गए।

इब्रानियों अध्याय 4 12 क्योंकि परमेश्वर का वचन जीवित, और प्रबल, और हर एक दोधारी तलवार से भी बहुत चोखा है, और जीव, और आत्मा को, और गांठ गांठ, और गूदे गूदे को अलग करके, वार पार छेदता है; और मन की भावनाओं और विचारों को जांचता है।

इफिसियों अध्याय 6 17 और उद्धार का टोप, और आत्मा की तलवार जो परमेश्वर का वचन है, ले लो।

गिनती

अध्याय 21 1 तब अराद का कनानी राजा, जो दक्खिन देश में रहता था, यह सुनकर, कि जिस मार्ग से वे भेदिये आए थे उसी मार्ग से अब इस्त्राएली आ रहे हैं, इस्त्राएल से लड़ा, और उन में से कितनों को बन्धुआ कर लिया। 2 तब इस्त्राएलियों ने यहोवा से यह कहकर मन्नत मानी, कि यदि तू सचमुच उन लोगों को हमारे वश में कर दे, तो हम उनके नगरों को सत्यनाश कर देंगे। 3 इस्त्राएल की यह बात सुनकर यहोवा ने कनानियों को उनके वश में कर दिया; सो उन्होंने उनके नगरों समेत उन को भी सत्यानाश किया; इस से उस स्थान का नाम होर्मा रखा गया॥ 4 फिर उन्होंने होर पहाड़ से कूच करके लाल समुद्र का मार्ग लिया, कि एदोम देश से बाहर बाहर घूमकर जाएं; और लोगों का मन मार्ग के कारण बहुत व्याकुल हो गया। 5 सो वे परमेश्वर के विरुद्ध बात करने लगे, और मूसा से कहा, तुम लोग हम को मिस्र से जंगल में मरने के लिये क्यों ले आए हो? यहां न तो रोटी है, और न पानी, और हमारे प्राण इस निकम्मी रोटी से दुखित हैं। 6 सो यहोवा ने उन लोगों में तेज विष वाले सांप भेजे, जो उन को डसने लगे, और बहुत से इस्त्राएली मर गए। 7 तब लोग मूसा के पास जा कर कहने लगे, हम ने पाप किया है, कि हम ने यहोवा के और तेरे विरुद्ध बातें की हैं; यहोवा से प्रार्थना कर, कि वह सांपों को हम से दूर करे। तब मूसा ने उनके लिये प्रार्थना की। 8 यहोवा ने मूसा से कहा एक तेज विष वाले सांप की प्रतिमा बनवाकर खम्भे पर लटका; तब जो सांप से डसा हुआ उसको देख ले वह जीवित बचेगा। 9 सो मूसा ने पीतल को एक सांप बनवाकर खम्भे पर लटकाया; तब सांप के डसे हुओं में से जिस जिसने उस पीतल के सांप को देखा वह जीवित बच गया। 10 फिर इस्त्राएलियों ने कूच करके ओबोत में डेरे डाले। 11 और ओबोत से कूच करके अबारीम नाम डीहों में डेरे डाले, जो पूरब की ओर मोआब के साम्हने के जंगल में है। 12 वंहा से कूच करके उन्होंने जेरेद नाम नाले में डेरे डाले। 13 वहां से कूच करके उन्होंने अर्नोन नदी, जो जंगल में बहती और एमोरियों के देश से निकलती है, उसकी परली ओर डेरे खड़े किए; क्योंकि अर्नोन मोआबियों और एमोरियों के बीच हो कर मोआब देश का सिवाना ठहरा है। 14 इस कारण यहोवा के संग्राम नाम पुस्तक में इस प्रकार लिखा है, कि सूपा में बाहेब, और अर्नोन के नाले, 15 और उन नालों की ढलान जो आर नाम नगर की ओर है, और जो मोआब के सिवाने पर है। 16 फिर वहां से कूच करके वे बैर तक गए; वहां वही कूआं है जिसके विषय में यहोवा ने मूसा से कहा था, कि उन लोगों को इकट्ठा कर, और मैं उन्हे पानी दूंगा॥ 17 उस समय इस्त्राएल ने यह गीत गया, कि हे कूएं, उबल आ, उस कूएं के विषय में गाओ! 18 जिस को हाकिमों ने खोदा, और इस्त्राएल के रईसों ने अपने सोंटों और लाठियों से खोद लिया॥ 19 फिर वे जंगल से मत्ताना को, और मत्ताना से नहलीएल को, और नहलीएल से बामोत को, 20 और बामोत से कूच करके उस तराई तक जो मोआब के मैदान में है, और पिसगा के उस सिक्के तक भी जो यशीमोन की ओर झुका है पहुंच गए॥ 21 तब इस्त्राएल ने एमोरियों के राजा सीहोन के पास दूतों से यह कहला भेजा, 22 कि हमें अपने देश में हो कर जाने दे; हम मुड़कर किसी खेत वा दाख की बारी में तो न जाएंगे; न किसी कूएं का पानी पीएंगे; और जब तक तेरे देश से बाहर न हो जाएं तब तक सड़क ही से चले जाएंगे। 23 तौभी सीहोन ने इस्त्राएल को अपने देश से हो कर जाने न दिया; वरन अपनी सारी सेना को इकट्ठा करके इस्त्राएल का साम्हना करने को जंगल में निकल आया, और यहस को आकर उन से लड़ा। 24 तब इस्त्राएलियों ने उसको तलवार से मार लिया, और अर्नोन से यब्बोक नदी तक, जो अम्मोनियों का सिवाना था, उसके देश के अधिकारी हो गए; अम्मोनियों का सिवाना तो दृढ़ था। 25 सो इस्त्राएल ने एमोरियों के सब नगरों को ले लिया, और उन में, अर्थात हेशबोन और उसके आस पास के नगरों में रहने लगे। 26 हेशबोन एमोरियों के राजा सीहोन का नगर था; उसने मोआब के अगले राजा से लड़ के उसका सारा देश अर्नोन तक उसके हाथ से छीन लिया था। 27 इस कारण गूढ़ बात के कहने वाले कहते हैं, कि हेशबोन में आओ, सीहोन का नगर बसे, और दृढ़ किया जाए। 28 क्योंकि हेशबोन से आग, अर्थात सीहोन के नगर से लौ निकली; जिस से मोआब देश का आर नगर, और अर्नोन के ऊंचे स्थानों के स्वामी भस्म हुए। 29 हे मोआब, तुझ पर हाय! कमोश देवता की प्रजा नाश हुई, उसने अपने बेटों को भगेडू, और अपनी बेटियों को एमोरी राजा सीहोन की दासी कर दिया। 30 हम ने उन्हें गिरा दिया है, हेशबोन दीबोन तक नष्ट हो गया है, और हम ने नोपह और मेदबा तक भी उजाड़ दिया है॥ 31 सो इस्त्राएल एमोरियों के देश में रहने लगा। 32 तब मूसा ने याजेर नगर का भेद लेने को भेजा; और उन्होंने उसके गांवों को लिया, और वहां के एमोरियों को उस देश से निकाल दिया। 33 तब वे मुड़के बाशान के मार्ग से जाने लगे; और बाशान के राजा ओग न उनका साम्हना किया, अर्थात लड़ने को अपनी सारी सेना समेत एद्रेई में निकल आया। 34 तब यहोवा ने मूसा से कहा, उससे मत डर; क्योंकि मैं उसको सारी सेना और देश समेत तेरे हाथ में कर देता हूं; और जैसा तू ने एमोरियों के राजा हेशबोनवासी सीहोन के साथ किया है, वैसा ही उसके साथ भी करना। 35 तब उन्होंने उसको, और उसके पुत्रों और सारी प्रजा को यहां तक मारा कि उसका कोई भी न बचा; और वे उसके देश के अधिकारी को गए।

गिनती अध्याय 22 25 यहोवा के दूत को देखकर गदही दीवार से ऐसी सट गई, कि बिलाम का पांव दीवार से दब गया; तब उसने उसको फिर मारा।

गिनती अध्याय 31 8 और दूसरे जूझे हुओं को छोड़ उन्होंने एवी, रेकेम, सूर, हूर, और रेबा नाम मिद्यान के पांचों राजाओं को घात किया; और बोर के पुत्र बिलाम को भी उन्होंने तलवार से घात किया। 9 और इस्त्राएलियों ने मिद्यानी स्त्रियों को बाल-बच्चों समेत बन्धुआई में कर लिया; और उनके गाय-बैल, भेड़-बकरी, और उनकी सारी सम्पत्ति को लूट लिया। 10 और उनके निवास के सब नगरों, और सब छावनियों को फूंक दिया; 11 तब वे, क्या मनुष्य क्या पशु, सब बन्धुओं और सारी लूट-पाट को ले कर 12 यरीहो के पास की यरदन नदी के तीर पर, मोआब के अराबा में, छावनी के निकट, मूसा और एलीआजर याजक और इस्त्राएलियों की मण्डली के पास आए॥ 13 तब मूसा और एलीआजर याजक और मण्डली के सब प्रधान छावनी के बाहर उनका स्वागत करने को निकले। 14 और मूसा सहस्त्रपति-शतपति आदि, सेनापतियों से, जो युद्ध करके लौटे आते थे क्रोधित हो कर कहने लगा, 15 क्या तुम ने सब स्त्रियों को जीवित छोड़ दिया? 16 देखे, बिलाम की सम्मति से, पोर के विषय में इस्त्राएलियों से यहोवा का विश्वासघात इन्हीं ने कराया, और यहोवा की मण्डली में मरी फैली।

2 पतरस अध्याय 2 15 वे सीधे मार्ग को छोड़कर भटक गए हैं, और बओर के पुत्र बिलाम के मार्ग पर हो लिए हैं; जिस ने अधर्म की मजदूरी को प्रिय जाना। 16 पर उसके अपराध के विषय में उलाहना दिया गया, यहां तक कि अबोल गदही ने मनुष्य की बोली से उस भविष्यद्वक्ता को उसके बावलेपन से रोका।

यहूदा अध्याय 1 1 यहूदा की ओर से जो यीशु मसीह का दास और याकूब का भाई है, उन बुलाए हुओं के नाम जो परमेश्वर पिता में प्रिय और यीशु मसीह के लिये सुरक्षित हैं॥

प्रकाशित वाक्य अध्याय 2 14 पर मुझे तेरे विरूद्ध कुछ बातें कहनी हैं, क्योंकि तेरे यहां कितने तो ऐसे हैं, जो बिलाम की शिक्षा को मानते हैं, जिस ने बालाक को इस्त्राएलियों के आगे ठोकर का कारण रखना सिखाया, कि वे मूरतों के बलिदान खाएं, और व्यभिचार करें।

इफिसियों अध्याय 6 11 परमेश्वर के सारे हथियार बान्ध लो; कि तुम शैतान की युक्तियों के साम्हने खड़े रह सको

प्रश्न-उत्तर

प्र 1. अमालेकी, इस्राएलियों से किस तरह सबंधित थे ?
प्र 2. अमालेकियों को हटानें के लिए मूसा ने कौन सा तरीका अपनाया ?
प्र 3. जंगल में दूसरी और तीसरी लड़ाई किसके विरुद्ध लड़ी गई थी ?
प्र 4. उन दो राजाओं के नाम बताऐं ,जिन्हें इस्राएलियों ने हराया था ?
प्र 5. बिलाम ने इस्राएलियों को शाप देने के बजाय आशीष क्यों दिया ?
प्र 6. बिलाम के विषय नया नियम हमें क्या चेतावनी देती है ?

संगीत

हथियार बाँध ले, ऐ जवान तू, हर जंग में तुझको जीतना है।

  1. सत्य से कमर अपनी तू बाँध ले ऐ मसीही जवान, जिस से सामना शैतान का तू करके रह सके खड़ा।

  2. विश्वास की ढाल को तू लेकर कदम से कदम मिलाकर चल, जलते हुए तीरों को बुझाकर विजयी होकर आगे बड़ा चल।

3.धार्मिकता की झिलम धारण कर, नम्रता से बढ़ता हि चल, परमेश्वर ने हम को धर्मी ठहराया,
तो दोष कौन लगा पाएगा ?

4 शरमाये बिन फैलाए सुसमाचार, तैयारी के जूते धारण कर, आनन्द का मुकुट तु पाकर
हर्षित होगा फिर जरूर।

5 आत्मा की तलवार को तु ले ले, परमेश्वर का जीवित वचन जो संसार की फिक्रों के बीच में भी, आत्मा की इच्छा जान पाए।

6 उद्धार का टोप तु जरूर ले, जो यीशु की बलि से मिला अंधकार की दुष्ट सेनाओं से, है मल्लयुद्ध विश्वास का।

7 रूहानी है यह जंग हमारी, हिम्मत न हार ऐ जवान जागते हुए प्रार्थना करो क्योंकि, विजयी प्रभु यीशु है कप्तान।