पाठ 17 : पुराने नियम की याजकीय सेवा
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सारांश
जब तम्बू का कार्य पूरा हो गया तब परमेश्वर ने लेवी के गोत्र को उसकी याजकीय सेवा के लिये अलग किया। लेवी को क्यों चुना गया? जब वाचा की पटियाँ लेकर मूसा सीनै पर्वत से उतर रहा था तब सोने के बछड़े की आराधना जोर शोर से चिल्लाकर की जा रही थी।धर्मी क्रोध से मूसा चिल्ला पड़ा, ‘‘जो परमेश्वर की ओर से है वह मेरे पास आए।’’ और लेवी के गोत्र उसके पास आए। उन्होंने मूसा की आज्ञा का पालन उसके पास आए। उन्होंने मूसा की आज्ञा का पालन करते हुए उन लोगों का वध किया जो उस मूर्ति पूजा के पर्व में लगे थे। तीन हजार लोग मारे गये थे। क्योंकि उन्होंने परमेश्वर के लिये इतना प्रेम दिखाया था, उसने उन्हें याजकीय सेवकाई के लिये चुना। लेकिन केवल हारून के पुत्र ही याजक थे। बाकी ‘‘लेवी’’ थे जो तम्बू बनाने और उसकी सेवा से संबंधित थे।जब इस्त्राएल की संतानों ने यात्रा किया तो सबसे पहले हारून के पुत्र भीतर गये और सभी पवित्र चीजों को नीले, लाल या बैंजनी कपड़ों से ढंक दिये और उनके उपर चमड़ा डाल दिये।उन्होंने संदूक की दोनों तरफ की रिंग में डंडियों को डाल दिया, दीवट, मेज और वेदियाँ रख दिया। जब सब कुछ सावधानीपूर्वक ढाँक दिया गया, तब कोहातियों को भीतर आने दिया गया। यहाँ तक कि लेवियों को भी पवित्र वस्तुओं को देखने नहीं दिया गया जो याजक थे और महायाजक हारून के पुत्र थे। इस्त्राएल की संतानों के सभी पहिलौठे परमेश्वर के थे क्योंकि प्रत्येक को फसह के मेम्ने द्वारा छुड़ाया गया था। परंतु अब परमेश्वर कहता है कि, ‘‘मैं पहिलौठों की बजाय लेवियों को लूंगा और वे मेरे होंगे।’’ उन्हें शुद्ध किया गया और वे परमेश्वर की सेवा के लिये अलग किये गये।लेवियों ने उनके शरीरों के बाल काटे, अपने आपको और अपने वस्त्रों को धोया, और बलि चढ़ाकर हारून ने उनके लिये प्रायश्चित किया। 1 पतरस 2:9 में हम पढ़ते हैं कि हम विश्वासी राज पदधारी याजक हैं। इसलिये प्रभु के याजक होने के नाते, हमें उसकी सेवा के लिये शुद्ध होना है।’’ पौलुस कहता है, ‘‘तो आओ हम अपने आपको शरीर और आत्मा की सब मलिनता से शुद्ध करें और परमेश्वर का भय रखते हुए पवित्रता को सिद्ध करें।’’ (2 कुरि 7:1)। अन्य गोत्रों के समान, लेवियों को कनान देश में उत्तराधिकार था। (व्यवस्थाविवरण18:1-2)। लेकिन परमेश्वर ने अन्य गोत्रों के बीच उन्हें कुछ नगर दिया। पुराने नियम के याजक हारून की विधी पर थे जो अब यीशु मसीह हमारे प्रभु के आने से निरस्त कर दिये गए हैं। वही हमारा महायाजक है। (इब्रानियों 6:20)। उसका याजकपन मलिकिसिदक की रीति पर है (भजन 110:4, इब्रानियों 6:20, 7:17)। हमारा प्रभु यहूदा के गोत्र पैदा हुआ, लेवी के गोत्र में नहीं। इसलिये उसकी याजकीय सेवा पूरी तरह भिन्न है। उसकी सन्तान के रूप में विश्वासी याजक हैं।‘‘पर तुम एक चुनाहुआवंश,और राज-पदधारी याजकों का समाज, और पवित्र लोग, और परमेश्वर की निज प्रजा हो, इसलिये कि जिसने तुम्हें अंधकार में से अपनी अद्भुत ज्योति में बुलाया है, उसके गुण प्रगट करो।’’ (1 पतरस 2:9)।
बाइबल अध्यन
गिनती अध्याय 4 1 फिर यहोवा ने मूसा और हारून से कहा, 2 लेवियों में से कहातियों की, उनके कुलों और पितरों के घरानों के अनुसार, गिनती करो, 3 अर्थात तीस वर्ष से ले कर पचास वर्ष तक की अवस्था वालों की सेना में, जितने मिलापवाले तम्बू में कामकाज करने को भरती हैं। 4 और मिलापवाले तम्बू में परमपवित्र वस्तुओं के विषय कहातियों का यह काम होगा, 5 अर्थात जब जब छावनी का कूच हो तब तब हारून और उसके पुत्र भीतर आकर, बीच वाले पर्दे को उतार के उससे साक्षीपत्र के सन्दूक को ढ़ांप दें; 6 तब वे उस पर सूइसों की खालों का ओहार डालें, और उसके ऊपर सम्पूर्ण नीले रंग का कपड़ा डालें, और सन्दूक में डण्डों को लगाएं। 7 फिर भेंटवाली रोटी की मेज़ पर नीला कपड़ा बिछाकर उस पर परातों, धूपदानों, करवों, और उंडेलने के कटोरों को रखें; और नित्य की रोटी भी उस पर हो; 8 तब वे उन पर लाल रंग का कपड़ा बिछाकर उसको सुइसों की खालों के ओहार से ढ़ापे, और मेज़ के डण्डों को लगा दें। 9 फिर वे नीले रंग का कपड़ा ले कर दीपकों, गलतराशों, और गुलदानों समेत उजियाला देने वाले दीवट को, और उसके सब तेल के पात्रों को जिन से उसकी सेवा टहल होती है ढांपे; 10 तब वे सारे सामान समेत दीवट को सूइसों की खालों के ओहार के भीतर रखकर डण्डे पर धर दें। 11 फिर वे सोने की वेदी पर एक नीला कपड़ा बिछाकर उसको सूइसों की खालों के ओहार से ढ़ांपें, और उसके डण्डों को लगा दें। 12 तब वे सेवा टहल के सारे सामान को ले कर, जिस से पवित्रस्थान में सेवा टहल होती है, नीले कपड़े के भीतर रखकर सूइसों की खालों के ओहार से ढांपे, और डण्डे पर धर दें। 13 फिर वे वेदी पर से सब राख उठा कर वेदी पर बैंजनी रंग का कपड़ा बिछाएं; 14 तब जिस सामान से वेदी पर की सेवा टहल होती है वह सब, अर्थात उसके करछे, कांटे, फावडिय़ां, और कटोरे आदि, वेदी का सारा सामान उस पर रखें; और उसके ऊपर सूइसों की खालों का ओहार बिछाकर वेदी में डण्डों को लगाएं। 15 और जब हारून और उसके पुत्र छावनी के कूच के समय पवित्रस्थान और उसके सारे सामान को ढ़ांप चुकें, तब उसके बाद कहाती उसके उठाने के लिये आएं, पर किसी पवित्र वस्तु को न छुएं, कहीं ऐसा न हो कि मर जाएं। कहातियों के उठाने के लिये मिलापवाले तम्बू की ये ही वस्तुएं हैं। 16 और जो वस्तुएं हारून याजक के पुत्र एलीजार को रक्षा के लिये सौंपी जाएं वे ये हैं, अर्थात उजियाला देने के लिये तेल, और सुगन्धित धूप, और नित्य अन्नबलि, और अभिषेक का तेल, और सारे निवास, और उस में की सब वस्तुएं, और पवित्रस्थान और उसके कुल समान॥ 17 फिर यहोवा ने मूसा और हारून से कहा, 18 कहातियों के कुलों के गोत्रियों को लेवियों में से नाश न होने देना; 19 उसके साथ ऐसा करो, कि जब वे परमपवित्र वस्तुओं के समीप आएं तब न मरें परन्तु जीवित रहें; अर्थात हारून और उसके पुत्र भीतर आकर एक एक के लिये उसकी सेवकाई और उसका भार ठहरा दें, 20 और वे पवित्र वस्तुओं के देखने को झण भर के लिये भी भीतर आने न पाएं, कहीं ऐसा न हो कि मर जाएं॥ 21 फिर यहोवा ने मूसा से कहा, 22 गेर्शोनियों की भी गिनती उनके पितरों के घरानों और कुलों के अनुसार कर; 23 तीस वर्ष से ले कर पचास वर्ष तक की अवस्था वाले, जितने मिलापवाले तम्बू में सेवा करने को सेना में भरती हों उन सभों को गिन ले। 24 सेवा करने और भार उठाने में गेर्शोनियों के कुल वालों की यह सेवकाई हो; 25 अर्थात वे निवास के पटों, और मिलापवाले तम्बू और उसके ओहार, और इसके ऊपर वाले सूइसों की खालों के ओहार, और मिलापवाले तम्बू के द्वार के पर्दे, 26 और निवास, और वेदी की चारों ओर के आंगन के पर्दों, और आंगन के द्वार के पर्दे, और उनकी डोरियों, और उन में बरतने के सारे सामान, इन सभों को वे उठाया करें; और इन वस्तुओं से जितना काम होता है वह सब भी उनकी सेवकाई में आए। 27 और गेर्शोनियों के वंश की सारी सेवकाई हारून और उसके पुत्रों के कहने से हुआ करे, अर्थात जो कुछ उन को उठाना, और जो जो सेवकाई उन को करनी हो, उनका सारा भार तुम ही उन्हें सौपा करो। 28 मिलापवाले तम्बू में गेर्शोनियों के कुलों की यही सेवकाई ठहरे; और उन पर हारून याजक का पुत्र ईतामार अधिकार रखे॥ 29 फिर मरारियों को भी तू उनके कुलों और पितरों के घरानों के अनुसार गिन लें; 30 तीस वर्ष से ले कर पचास वर्ष तक की अवस्था वाले, जितने मिलापवाले तम्बू की सेवा करने को सेना में भरती हों, उन सभों को गिन ले। 31 और मिलापवाले तम्बू में की जिन वस्तुओं के उठाने की सेवकाई उन को मिले वे ये हों, अर्थात निवास के तख्ते, बेड़े, खम्भे, और कुसिर्यां, 32 और चारों ओर आंगन के खम्भे, और इनकी कुसिर्यां, खूंटे, डोरियां, और भांति भांति के बरतने का सारा सामान; और जो जो सामान ढ़ोने के लिये उन को सौपा जाए उस में से एक एक वस्तु का नाम ले कर तुम गिन दो। 33 मरारियों के कुलों की सारी सेवकाई जो उन्हें मिलापवाले तम्बू के विषय करनी होगी वह यही है; वह हारून याजक के पुत्र ईतामार के अधिकार में रहे॥ 34 तब मूसा और हारून और मण्डली के प्रधानों ने कहातियों के वंश को, उनके कुलों और पितरों के घरानों के अनुसार, 35 तीस वर्ष से ले कर पचास वर्ष की अवस्था के, जितने मिलापवाले तम्बू की सेवकाई करने को सेना में भरती हुए थे, उन सभों को गिन लिया; 36 और जो अपने अपने कुल के अनुसार गिने गए वे दो हजार साढ़े सात सौ थे। 37 कहातियों के कुलों में से जितने मिलापवाले तम्बू में सेवा करने वाले गिने गए वे इतने ही थे; जो आज्ञा यहोवा ने मूसा के द्वारा दी थी उसी के अनुसार मूसा और हारून ने इन को गिन लिया॥ 38 और गेर्शोनियों में से जो अपने कुलों और पितरों के घरानों के अनुसार गिने गए, 39 अर्थात तीस वर्ष से ले कर पचास वर्ष तक की अवस्था के, जो मिलापवाले तम्बू की सेवकाई करने को सेना में भरती हुए थे, 40 उनकी गिनती उनके कुलों और पितरों के घरानों के अनुसार दो हजार छ: सौ तीस थी। 41 गेर्शोनियों के कुलों में से जितने मिलापवाले तम्बू में सेवा करने वाले गिने गए वे इतने ही थे; यहोवा की आज्ञा के अनुसार मूसा और हारून ने इन को गिन लिया॥ 42 फिर मरारियों के कुलों में से जो अपने कुलों और पितरों के घरानों के अनुसार गिने गए, 43 अर्थात तीस वर्ष से ले कर पचास वर्ष तक की अवस्था के, जो मिलापवाले तम्बू की सेवकाई करने को सेना में भरती हुए थे, 44 उनकी गिनती उनके कुलों के अनुसार तीन हजार दो सौ थी। 45 मरारियों के कुलों में से जिन को मूसा और हारून ने, यहोवा की उस आज्ञा के अनुसार जो मूसा के द्वारा मिली थी, गिन लिया वे इतने ही थे॥ 46 लेवियों में से जिन को मूसा और हारून और इस्त्राएली प्रधानों ने उनके कुलों और पितरों के घरानों के अनुसार गिन लिया, 47 अर्थात तीस वर्ष से ले कर पचास वर्ष तक की अवस्था वाले, जितने मिलापवाले तम्बू की सेवकाई करने का बोझ उठाने का काम करने को हाजिर होने वाले थे, 48 उन सभों की गिनती आठ हजार पांच सौ अस्सी थी। 49 ये अपनी अपनी सेवा और बोझ ढ़ोने के अनुसार यहोवा के कहने पर गए। जो आज्ञा यहोवा ने मूसा को दी थी उसी के अनुसार वे गिने गए॥
गिनती अध्याय 8 1 फिर यहोवा ने मूसा से कहा, 2 हारून को समझाकर यह कह, कि जब जब तू दीपकों को बारे तब तब सातों दीपक का प्रकाश दीवट के साम्हने हो। 3 निदान हारून ने वैसा ही किया, अर्थात जो आज्ञा यहोवा ने मूसा को दी थी उसी के अनुसार उसने दीपकों को बारा, कि वे दीवट के साम्हने उजियाला दे। 4 और दीवट की बनावट यह थी, अर्थात यह पाए से ले कर फूलों तक गढ़े हुए सोने का बनाया गया था; जो नमूना यहोवा ने मूसा को दिखलाया था उसी के अनुसार उसने दीवट को बनाया॥ 5 फिर यहोवा ने मूसा से कहा, 6 इस्त्राएलियों के मध्य में से लेवियों को अलग ले कर शुद्ध कर। 7 उन्हें शुद्ध करने के लिये तू ऐसा कर, कि पावन करने वाला जल उन पर छिड़क दे, फिर वे सर्वांग मुण्डन कराएं, और वस्त्र धोएं, और वे अपने को स्वचछ करें। 8 तब वे तेल से सने हुए मैदे के अन्नबलि समेत एक बछड़ा ले लें, और तू पापबलि के लिये एक दूसरा बछड़ा लेना। 9 और तू लेवियों को मिलापवाले तम्बू के साम्हने समीप पहुंचाना, और इस्त्राएलियों की सारी मण्डली को इकट्ठा करना। 10 तब तू लेवियों को यहोवा के आगे समीप ले आना, और इस्त्राएली अपने अपने हाथ उन पर रखें, 11 तब हारून लेवियों को यहोवा के साम्हने इस्त्राएलियों की ओर से हिलाई हुई भेंट करके अर्पण करे, कि वे यहोवा की सेवा करने वाले ठहरें। 12 और लेवीय अपने अपने हाथ उन बछड़ों के सिरों पर रखें; तब तू लेवियों के लिये प्रायश्चित्त करने को एक बछड़ा पापबलि और दूसरा होमबलि करके यहोवा के लिये चढ़ाना। 13 और लेवियों को हारून और उसके पुत्रों के सम्मुख खड़ा करना, और उन को हिलाने की भेंट के लिये यहोवा को अपर्ण करना। 14 और उन्हें इस्त्राएलियों में से अलग करना, सो वे मेरे ही ठहरेंगे। 15 और जब तू लेवियों को शुद्ध करके हिलाई हुई भेंट के लिये अर्पण कर चुके, उसके बाद वे मिलापवाले तम्बू सम्बन्धी सेवा टहल करने के लिये अन्दर आया करें। 16 क्योंकि वे इस्त्राएलियों में से मुझे पूरी रीति से अर्पण किए हुए हैं; मैं ने उन को सब इस्त्राएलियों में से एक एक स्त्री के पहिलौठे की सन्ती अपना कर लिया है। 17 इस्त्राएलियों के पहिलौठे, चाहे मनुष्य के हों चाहे पशु के, सब मेरे हैं; क्योंकि मैं ने उन्हें उस समय अपने लिये पवित्र ठहराया जब मैं ने मिस्र देश के सब पहिलौठों को मार डाला। 18 और मैं ने इस्त्राएलियों के सब पहिलौठों के बदले लेवियों को लिया है। 19 उन्हे ले कर मैं ने हारून और उसके पुत्रों को इस्त्राएलियों में से दान करके दे दिया है, कि वे मिलापवाले तम्बू में इस्त्राएलियों के निमित्त सेवकाई और प्रायश्चित्त किया करें, कहीं ऐसा न हो कि जब इस्त्राएली पवित्रस्थान के समीप आएं तब उन पर कोई महाविपत्ति आ पड़े। 20 लेवियों के विषय यहोवा की यह आज्ञा पाकर मूसा और हारून और इस्त्राएलियों की सारी मण्डली ने उनके साथ ठीक वैसा ही किया। 21 लेवियोंने तो अपने को पाप से पावन किया, और अपने वस्त्रों को धो डाला; और हारून ने उन्हें यहोवा के साम्हने हिलाई हुई भेंट के निमित्त अर्पण किया, और उन्हें शुद्ध करने को उनके लिये प्रायश्चित्त भी किया। 22 और उसके बाद लेवीय हारून और उसके पुत्रों के साम्हने मिलापवाले तम्बू में अपनी अपनी सेवकाई करने को गए; और जो आज्ञा यहोवा ने मूसा को लेवियों के विषय में दी थी उसी के अनुसार वे उन से व्यवहार करने लगे॥ 23 फिर यहोवा ने मूसा से कहा, 24 जो लेवियों को करना है वह यह है, कि पच्चीस वर्ष की अवस्था से ले कर उससे अधिक आयु में वे मिलापवाले तम्बू सम्बन्धी काम करने के लिये भीतर उपस्थित हुआ करें; 25 और जब पचास वर्ष के हों तो फिर उस सेवा के लिये न आए और न काम करें; 26 परन्तु वे अपने भाई बन्धुओं के साथ मिलापवाले तम्बू के पास रक्षा का काम किया करें, और किसी प्रकार की सेवकाई न करें। लेवियों को जो जो काम सौंपे जाएं उनके विषय तू उन से ऐसा ही करना॥
1 पतरस अध्याय 2 9 पर तुम एक चुना हुआ वंश, और राज-पदधारी याजकों का समाज, और पवित्र लोग, और (परमेश्वर की ) निज प्रजा हो, इसलिये कि जिस ने तुम्हें अन्धकार में से अपनी अद्भुत ज्योति में बुलाया है, उसके गुण प्रगट करो।
2 कुरिन्थियों अध्याय 7 1 सो हे प्यारो जब कि ये प्रतिज्ञाएं हमें मिली हैं, तो आओ, हम अपने आप को शरीर और आत्मा की सब मलिनता से शुद्ध करें, और परमेश्वर का भय रखते हुए पवित्रता को सिद्ध करें॥
व्यवस्थाविवरण अध्याय 18 1 लेवीय याजकों का, वरन सारे लेवीय गोत्रियों का, इस्राएलियों के संग कोई भाग वा अंश न हो; उनका भोजन हव्य और यहोवा का दिया हुआ भाग हो। 2 उनका अपने भाइयों के बीच कोई भाग न हो; क्योंकि अपने वचन के अनुसार यहोवा उनका निज भाग ठहरा है।
इब्रानियों अध्याय 6 20 जहां यीशु मलिकिसिदक की रीति पर सदा काल का महायाजक बन कर, हमारे लिये अगुआ की रीति पर प्रवेश हुआ है॥
इब्रानियों अध्याय 7 17 क्योंकि उसके विषय में यह गवाही दी गई है, कि तू मलिकिसिदक की रीति पर युगानुयुग याजक है।
1 पतरस अध्याय 2 9 पर तुम एक चुना हुआ वंश, और राज-पदधारी याजकों का समाज, और पवित्र लोग, और (परमेश्वर की ) निज प्रजा हो, इसलिये कि जिस ने तुम्हें अन्धकार में से अपनी अद्भुत ज्योति में बुलाया है, उसके गुण प्रगट करो।
प्रश्न-उत्तर
प्र 1. लेवी के गोत्र को याजकीय सेवा के लिए क्यों चुना गया था ?
उप्र 2. लेवनियों को भूमि में उत्तराधिकारी क्यों नहीं दिया गया था ?
उप्र 3. लेवनियों ने परमेश्वर की सेवा के लिए खुद को किस तरह तैयार किया था ? इससे हम कौन सा आत्मिक सबक सीखते है ?
उप्र 4. हारून की याजकीय सेवा का अंत कैसे हुआ ?
उप्र 5. हमारा महायाजक कौन है ?
उप्र 6. नए नियम के याजकों के रूप में हमारी सेवकाई क्या है ?
उ
संगीत
It’s a great thing to praise the Lord,(3) walking in the light of God.
walk, walk, walk, walk in the light, (3) walking in the light of God.
It’s a great thing to Love the Lord,(3) walking in the light of God.
It’s a great thing to Serve the Lord,(3) walking in the light of God.
It’s a great thing to Thank the Lord,(3) walking in the light of God.