पाठ 16 : परम पवित्र
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सारांश
परमपवित्र जहाँ परमेश्वर की उपस्थिति थी और पवित्रस्थान जहाँ याजक सेवा करते थे और आराधना करते थे इनके बीच दूरी का एक परदा था। परदा नीले, बैंजनी और लाल रंग के बरी हुई सनी के कपड़े का बना था उस पर करूब बनाए गए थे। उसे बबूल की लकड़ी के खंबों पर जो सोने से मढ़े थे, लटकाया गया था। उसमें सोने की कड़ियाँ लगी थीं। पवित्रस्थान में रखी हुई वस्तुओं में परमेश्वर की वाचा का संदूक और दया का सिंहासन था।संदूक बबूल की लकड़ी का बना था और अंदर और बाहर से सोने से मढ़ा था। उस पर सोने का मुकुट लगा था। उसके चार कोनों पर चार रिंग लगे थे एक ओर दो और दूसरी ओर दो। बबूल की लकड़ी के दो डंडे जो सोने से मढ़े हुए थे रिंग में डाले हुए थे जिससे संदूक उठाकर ले जाया जाए। इन्हें कभी निकाला नहीं गया। वाचा की पटियाँ, हारून की छड़ी जो अंकुरित हो गई थी और मन्ना से भरा सोने का पात्र संदूक में रखे गए थे। बबूल की लकड़ी हमारे प्रभु की मानवता को दिखाता है और सोना उसके ईश्वरत्व को। वाचा की पटियाँ हमें हमारे प्रभु की आज्ञाकारिता की भरपूरी को दिखाता है। ‘‘हे मेरे परमेश्वर, मैं तेरी इच्छा पूरी करने से प्रसन्न हूँ, और तेरी व्यवस्था मेरे अंतःकरण में बसी है।’’ (भजन 40:8)। वाचा की पटियाँ उसके जीवन को, मन्ना उसकी मृत्यु को और हारून की छड़ी जो अंकुरित हो गई थी, उसके पुनरूत्थान को दिखाती हैं। वाचा का संदूक, गवाही का संदूक भी कहलाता है।संदूक का उपरी ढक्कन शुद्ध सोने का बना था। उसके उपर सोने के दो करूब बने थे। करूब के पंख वाचा के संदूक को ढाँके रखते थे और उनके मुँह प्रायश्चित के ढकने की ओर थे। प्रायश्चित का ढकना संदूक को ढांपे हुए था। इस ढकने पर परमेश्वर की उपस्थिति थी। संदूक की चीजें हमें इस्त्राएलियों के पापों, कुड़कुड़ाहट और विद्रोह (बलवा) की याद दिलाते हैं। प्रायश्चित का ढकना उन्हें वैसे ही ढांप लेता था जैसे परमेश्वर का अनुग्रह हमारे पापों और गलतियों को ढांप लेता है।प्रायश्चित (छुटकारे) के लिये पापबलि चढ़ाने के दिन याजक सूक्ष्म धागे से बने वस्त्र पहनकर लहू को लेकर पवित्र स्थान में प्रवेश करता था। यह नए नियम में पापों की क्षमा का चित्रण है। छुटकारे का सच्चा स्थान क्रूस है। याजक लहू को प्रायश्चित के ढकने पर एक बार और उसके सामने सात बार छिड़कता था। निर्गमन 25:22 में यहोवा कहता है, ‘‘मैं प्रायश्चित के ढकने के उपर से और उन करूबों में से जो साक्षीपत्र के संदूक पर होंगे तुझसे वार्तालाप किया करूंगा।’’वे करूब जो अदन के बगीचे की रक्षा करते थे,उनके पास न्याय की दोधारी तलवार थी, परंतु तलवार अब म्यान में रखी जा चुकी हैं। पापी अब परमेश्वर की उपस्थिति में बुलाए जाते हैं।परमेश्वर की उपस्थिति महायाजक से भी उस समय तक छिपी थी जब तक परदा फट न गया। वर्ष में एक बार पाप बलि के लहू को अपने लिये और लोगों के लिये लेकर पवित्र स्थान में प्रवेश करता था। जब हमारा प्रभु नगर के बाहर दुख उठाया तो उसने यह कहकर अपना प्राण छोड़ दिया, ‘‘पूरा हुआ’’, और मंदिर का पर्दा बीच से उपर से नीचे तक फट गया। यह प्रभु के द्वारा हमारे लिये स्वर्ग में प्रवेश करने के नए जीवित मार्ग को दिखाता है।आज पवित्र लोगों को दया के सिंहासन के पास हियाव बांधकर पवित्र स्थान में जाने और वहाँ आराधना करने की स्वतंत्रता है।
बाइबल अध्यन
निर्गमन अध्याय 25 10 बबूल की लकड़ी का एक सन्दूक बनाया जाए; उसकी लम्बाई अढ़ाई हाथ, और चौड़ाई और ऊंचाई डेढ़ डेढ़ हाथ की हों। 11 और उसको चोखे सोने से भीतर और बाहर मढ़वाना, और सन्दूक के ऊपर चारोंओर सोने की बाड़ बनवाना। 12 और सोने के चार कड़े ढलवाकर उसके चारोंपायों पर, एक अलंग दो कड़े और दूसरी अलंग भी दो कड़े लगवाना। 13 फिर बबूल की लकड़ी के डण्डे बनवाना, और उन्हे भी सोने से मढ़वाना। 14 और डण्डों को सन्दूक की दोनोंअलंगों के कड़ों में डालना जिस से उनके बल सन्दूक उठाया जाए। 15 वे डण्डे सन्दूक के कड़ों में लगे रहें; और उससे अलग न किए जाएं। 16 और जो साक्षीपत्र मैं तुझे दूंगा उसे उसी सन्दूक में रखना। 17 फिर चोखे सोने का एक प्रायश्चित्त का ढकना बनवाना; उसकी लम्बाई अढ़ाई हाथ, और चौड़ाई डेढ़ हाथ की हो। 18 और सोना ढालकर दो करूब बनवाकर प्रायश्चित्त के ढकने के दोनों सिरों पर लगवाना। 19 एक करूब तो एक सिरे पर और दूसरा करूब दूसरे सिरे पर लगवाना; और करूबों को और प्रायश्चित्त के ढकने को उसके ही टुकड़े से बनाकर उसके दोनो सिरों पर लगवाना। 20 और उन करूबों के पंख ऊपर से ऐसे फैले हुए बनें कि प्रायश्चित्त का ढकना उन से ढंपा रहे, और उनके मुख आम्हने-साम्हने और प्रायश्चित्त के ढकने की ओर रहें। 21 और प्रायश्चित्त के ढकने को सन्दूक के ऊपर लगवाना; और जो साक्षीपत्र मैं तुझे दूंगा उसे सन्दूक के भीतर रखना। 22 और मैं उसके ऊपर रहकर तुझ से मिला करूंगा; और इस्त्राएलियों के लिये जितनी आज्ञाएं मुझ को तुझे देनी होंगी, उन सभों के विषय मैं प्रायश्चित्त के ढकने के ऊपर से और उन करूबों के बीच में से, जो साक्षीपत्र के सन्दूक पर होंगे, तुझ से वार्तालाप किया करूंगा॥
निर्गमन अध्याय 26 31 फिर नीले, बैजनी और लाल रंग के और बटी हुई सूक्ष्म सनी वाले कपड़े का एक बीचवाला पर्दा बनवाना; वह कढ़ाई के काम किये हुए करूबों के साथ बने। 32 और उसको सोने से मढ़े हुए बबूल के चार ख्म्भों पर लटकाना, इनकी अंकडिय़ां सोने की हों, और ये चांदी की चार कुसिर्यों पर खड़ी रहें। 33 और बीच वाले पर्दे को अंकडिय़ों के नीचे लटकाकर, उसकी आड़ में साक्षीपत्र का सन्दूक भीतर लिवा ले जाना; सो वह बीचवाला पर्दा तुम्हारे लिये पवित्रस्थान को परमपवित्रस्थान से अलग किये रहे।
भजन संहिता अध्याय 40 8 हे मेरे परमेश्वर मैं तेरी इच्छा पूरी करने से प्रसन्न हूं; और तेरी व्यवस्था मेरे अन्त:करण में बनी है॥
निर्गमन अध्याय 25 22 और मैं उसके ऊपर रहकर तुझ से मिला करूंगा; और इस्त्राएलियों के लिये जितनी आज्ञाएं मुझ को तुझे देनी होंगी, उन सभों के विषय मैं प्रायश्चित्त के ढकने के ऊपर से और उन करूबों के बीच में से, जो साक्षीपत्र के सन्दूक पर होंगे, तुझ से वार्तालाप किया करूंगा॥
प्रश्न-उत्तर
प्र 1. पवित्र स्थान में परमपवित्र किस तरह अलग किया गया था ?
उप्र 2. परदा किन चीजों से मिलकर बना था ? उसने आत्मिक विशेषताएं क्या है ?
उप्र 3. मंदिर का पर्दा कब फटा था ?यह किस बात को दर्शाता है ?
उप्र 4. वाचा का संदूक कैसे बनाया गया था? उसके भीतर क्या रखा गया था ?
उप्र 5. प्रायश्चित का ढकना कैसे बनाया गया था ? याजक परम पवित्र स्थान में कब और कैसे प्रवेश करता था ?
उ
संगीत
धन्यवाद सदा प्रभु ख्रिस्त तुझे तेरे सन्मुख शीश नवाते है, हम तेरी आराधना करने को दरबार में तेरे आते है ।
1 धन्य वीरों का इस मंडली के तेरे नाम पर जो बलिदान हुए, हम उनके साहस त्याग को ले नित्य आगे बढ़ते जाते है ।
2 जिस क्रूस पर तेरा रक्त बहा संसार के पापी जन के लिये, उस क्रूस-ध्वजा से प्रेम तेरा हम दुनिया में फैलाते हैं ।
3 अपराध क्षमा कर दयानिधि, बल पौरूष दे अगुवाई कर, फिर अपने तन मन जीवन को वेदी पर आज चढ़ाते हैं ।