पाठ 9 : राहाब

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सारांश

कल्पना करें कि आप ऐसे शहर में रहते हैं जिस पर सेना ने हमला कर दिया है। आपके बचने का एक ही रास्ता है वह एक लाल रस्सी के उपयोग द्वारा (बच्चों को एक लाल रस्सी का टुकड़ा दिखाएँ)। सुनने में अजीब लगता है, है ना? यह घटना सचमुच एक स्त्री के साथ घटी है जो उस समय की थी जब इस्राएल, परमेश्वर द्वारा दी गई प्रतिज्ञा की भूमि में प्रवेश की तैयारी कर रहा था। मूसा की मृत्यु के बाद परमेश्वर ने उसके दास यहोशू को कनान पर कब्जा करने और उसे बारह गोत्रों में बाँटने का कार्य सौंपा। यरदन पार करने के बाद इस्राएलियों को जो पहला शहर कब्जे में करना था वह था यरीहो। यहोशू ने उस शहर में दो पुरुषों को भेदिये बनाकर भेजा। पद 1 में हम पढ़ते हैं उसने उन्हें गुप्त रीति से भेजा था। इसका मतलब यह हुआ कि उसने उन्हें न केवल शत्रु से छिपाकर भेजा परंतु इस बात की खबर इस्राएलियों को भी नहीं थी। उस बड़े विलाप को याद करें उन्होंने तब किया था जब मूसा के द्वारा भेजे गए भेदिये उनकी बुरी रिपोर्ट के साथ लौटे थे। वह सब यहोशू की याद दाश्त में अब भी ताजा था। इसलिये इस बार उसने परमेश्वर का भय मानने वाले पुरुषों को भेजा (पद 14,24)। जो लोग परमेश्वर के साथ विश्वासयोग्य रहते हैं वे उनके कार्य में भी विश्वासयोग्य रहेंगे भेदिये यरीहो पहुँचे। उस शहर के चारों तरफ उँची दीवाल थी। एक घर में जो शहर की दीवाल का भाग था, एक स्त्री रहती थी जिसका नाम राहाब था। भेदिये उस रात वहीं रूके। शायद चौकीदार ने परदेशियों को आते हुए देख लिया था, उसने इसकी खबर राजा को दिया। चूँकि यरीहो के लोग इस्त्राएलियों के हमले से डरे हुए थे, जो यरदन पार थे, शायद वे परदेशियों को आनेजाने पर नजर रखे थे। इसलिये राजा को तुरंत पता चल गया कि भेदिये कहाँ रूके थे राजा के सिपाही राहाब के घर आए। परंतु उसने उनके साथ धोखा नहीं की जिन्होंने उसके घर शरण लिया था। वह उन्हें छत पर ले गई और उन्हें सनई की लकड़ियों के नीचे छिपा दी। यद्यपि वह ऐसे देश की थी जो परमेश्वर को नहीं जानता था, परंतु इस समय तक उसने इस्राएल के परमेश्वर के विषय कुछ जान गई थी। ध्यान दें कि भेदियों के साथ बातचीत में उसने कई बार यहोवा का नाम ली थी। उसने सुनी थी कि किस तरह परमेश्वर ने लाल समुद्र के दो भाग किया था और किस तरह सीहोन और ओग अमोरियों के राजाओं को हराया था। वह उस परमेश्वर पर विश्वास करती थी जो बड़े-बड़े कार्य करता था। उसने बोली, ‘‘मुझे तो निश्चय है कि यहोवा ने तुम लोगों को यह देश दिया है’’ (पद 9)। ‘‘तुम्हारा परमेश्वर यहोवा उपर के आकाश का और नीचे की पृथ्वी का परमेश्वर है’’ (पद 11)। वह एक पापिनी स्त्री थी परंतु उसका विश्वास धार्मिकता गिना गया। उसके विश्वास के कारण ही उसने शांति से भेदियों को अपने घर में जगह दी (इब्रानियों 11:31; याकूब 2:25)। हमारा परमेश्वर बड़े से बड़े पापी को भी बचाता है जो उस पर विश्वास करता है। क्या प्रेरित पौलुस खुद के विषय नहीं कहता, ‘‘मैं पापियों में सबसे बड़ा हूँ?’’ (1 तीमु 1:15)। राहाब ने अपने कार्य द्वारा अपना विश्वास दिखाई। हमारे कार्यों के द्वारा ही हम यह सिद्ध कर सकते हैं कि हमारा विश्वास सच्चा है (याकूब 2:14-26)। वह जो यह जानती थी कि यरीहो का राजा जल्द ही चला जाएगा, उसने राजा से ज्यादा परमेश्वर का भय माना। हमें मनुष्य से ज्यादा परमेश्वर का भय मानना चाहिये। राहाब ने उसे और उसके परिवार को बचाने के लिये बोली। वे मान गए और उसे यकीन दिलाया। उन्होंने उसे उसकी खिड़की पर एक लाल सूत की डोरी बांधने को कहा। तुम्हें याद है जब परमेश्वर ने मिस्र के पहिलौठों का नाश किया तो उनसे कहा गया था कि वे मेम्ने के लहू को उनके दरवाजों और अलंगों पर छिड़कें। यह लहू और लाल सूत की डोरी यीशु के लहू के प्रकार हैं जो हमें उद्धार देता है। ‘‘बिना लहू बहाए पापों की क्षमा नहीं’’ (इब्रानियों 9:19-22)। जब राजा के सिपाही चले गये, राहाब ने भेदियों को रस्सी से खिड़की के रास्ते दीवार के उस पार उतार दिया, और जैसा उन्होंने उससे कहा था उसने उस खिड़की पर लाल डोरी बांध दी यरीहो के सिपाहियों ने भेदियों को यरदन के मार्ग पर भी खोजा परंतु वे उन्हें नहीं मिले। दोनों भेदिये तीन दिन तक पहाड़ी में छिपे रहे और फिर यहोशू के पास लौट गये। उन्होंने जो कुछ हुआ था उसे सब कुछ बता दिया। वे पहले के भेदियों जैसे नहीं थे। परमेश्वर पर विश्वास रखते हुए उन्होंने कहा, ‘‘सचमुच परमेश्वर ने सारा देश हमें दे दिया है।’’ जल्द ही इस्त्राएलियों ने यरीहो पर कब्जा कर लिया। जैसा कि भेदियों ने राहाब से प्रतिज्ञा किया था, उन्होंने उन सब को बचा लिया जो लाल डोरी बांधी खिड़की वाले घर में शरण लिये थे (यहोशू 6:22-23)। वे सब जो यीशु के लहू के द्वारा धोए गए हैं, (1 यूहन्ना 1:7) इसी रीति से नाश किये जाने वाले संसार से अलग किये जाएंगे। जब उद्धाररहित लोगों को आग की झील में डाला जाएगा तब परमेश्वर की संतानें प्रभु के साथ रहेंगी। क्या आपने परमेश्वर पर विश्वास किया है? परमेश्वर आपको बचाना चाहता है और आपके सभी पापों को क्षमा करना चाहता है। नोट : यरीहो उस स्थान से करीब दस मील दूर है जहाँ यरदन नदी मृत सागर में प्रवेश करती है। परमेश्वर ने उस व्यक्ति के लिये सजा सुनाया था जो यरीहो को फिर से बसाएगा। आहाब राजा के समय में, बेतेलवासी हीएल ने शहर को फिर बसाया और दंडित हुआ (1 राजा 16ः34)। ऐसा माना जाता है कि यह वही राहाब थी जो सालमोन की पत्नी और बोअज की माँ थी (मत्ती 1ः5)

बाइबल अध्यन

यहोशू अध्याय 2 तब नून के पुत्र यहोशू ने दो भेदियों को शित्तीम से चुपके से भेज दिया, और उन से कहा, जा कर उस देश और यरीहो को देखो। तुरन्त वे चल दिए, और राहाब नाम किसी वेश्या के घर में जा कर सो गए। 2 तब किसी ने यरीहो के राजा से कहा, कि आज की रात कई एक इस्राएली हमारे देश का भेद लेने को यहां आए हुए हैं। 3 तब यरीहो के राजा ने राहाब के पास यों कहला भेजा, कि जो पुरूष तेरे यहां आए हैं उन्हें बाहर ले आ; क्योंकि वे सारे देश का भेद लेने को आए हैं। 4 उस स्त्री ने दोनों पुरूषों को छिपा रखा; और इस प्रकार कहा, कि मेरे पास कई पुरूष आए तो थे, परन्तु मैं नहीं जानती कि वे कहां के थे; 5 और जब अन्धेरा हुआ, और फाटक बन्द होने लगा, तब वे निकल गए; मुझे मालूम नहीं कि वे कहां गए; तुम फुर्ती करके उनका पीछा करो तो उन्हें जा पकड़ोगे। 6 उसने उन को घर की छत पर चढ़ाकर सनई की लकडिय़ों के नीचे छिपा दिया था जो उसने छत पर सजा कर रखी थी। 7 वे पुरूष तो यरदन का मार्ग ले उनकी खोज में घाट तक चले गए; और ज्योंही उन को खोजने वाले फाटक से निकले त्योंही फाटक बन्द किया गया। 8 और ये लेटने न पाए थे कि वह स्त्री छत पर इनके पास जा कर 9 इन पुरूषों से कहने लगी, मुझे तो निश्चय है कि यहोवा ने तुम लोगों को यह देश दिया है, और तुम्हारा भय हम लोगों के मन में समाया है, और इस देश के सब निवासी तुम्हारे कारण घबरा रहे हैं। 10 क्योंकि हम ने सुना है कि यहोवा ने तुम्हारे मिस्र से निकलने के समय तुम्हारे साम्हने लाल समुद्र का जल सुखा दिया। और तुम लोगों ने सीहोन और ओग नाम यरदन पार रहने वाले एमोरियों के दोनों राजाओं को सत्यानाश कर डाला है। 11 और यह सुनते ही हमारा मन पिघल गया, और तुम्हारे कारण किसी के जी में जी न रहा; क्योंकि तुम्हारा परमेश्वर यहोवा ऊपर के आकाश का और नीचे की पृथ्वी का परमेश्वर है। 12 अब मैं ने जो तुम पर दया की है, इसलिये मुझ से यहोवा की शपथ खाओ कि तुम भी मेरे पिता के घराने पर दया करोगे, और इसकी सच्ची चिन्हानी मुझे दो, 13 कि तुम मेरे माता-पिता, भाइयों और बहिनों को, और जो कुछ उनका है उन सभों को भी जीवित रख छोड़ो, और हम सभों का प्राण मरने से बचाओगे। 14 तब उन पुरूषों ने उस से कहा, यदि तू हमारी यह बात किसी पर प्रगट न करे, तो तुम्हारे प्राण के बदले हमारा प्राण जाए; और जब यहोवा हम को यह देश देगा, तब हम तेरे साथ कृपा और सच्चाई से बर्ताव करेंगे। 15 तब राहाब जिसका घर शहरपनाह पर बना था, और वह वहीं रहती थीं, उसने उन को खिड़की से रस्सी के बल उतार के नगर के बाहर कर दिया। 16 और उसने उन से कहा, पहाड़ को चले जाओ, ऐसा न हो कि खोजने वाले तुम को पाएं; इसलिये जब तक तुम्हारे खोजने वाले लौट न आएं तब तक, अर्थात तीन दिन वहीं छिपे रहता, उसके बाद अपना मार्ग लेना। 17 उन्होंने उस से कहा, जो शपथ तू ने हम को खिलाई है उसके विषय में हम तो निर्दोष रहेंगे। 18 तुम, जब हम लोग इस देश में आएंगे, तब जिस खिड़की से तू ने हम को उतारा है उस में यही लाल रंग के सूत की डोरी बान्ध देना; और अपने माता पिता, भाइयों, वरन अपने पिता के घराने को इसी घर में अपने पास इकट्ठा कर रखना। 19 तब जो कोई तेरे घर के द्वार से बाहर निकले, उसके खून का दोष उसी के सिर पड़ेगा, और हम निर्दोष ठहरेंगे: परन्तु यदि तेरे संग घर में रहते हुए किसी पर किसी का हाथ पड़े, तो उसके खून का दोष हमारे सिर पर पड़ेगा। 20 फिर यदि तू हमारी यह बात किसी पर प्रगट करे, तो जो शपथ तू ने हम को खिलाई है उस से हम निर्बन्ध ठहरेंगे। 21 उसने कहा, तुम्हारे वचनों के अनुसार हो। तब उसने उन को विदा किया, और वे चले गए; और उसने लाल रंग की डोरी को खिड़की में बान्ध दिया। 22 और वे जा कर पहाड़ तक पहुंचे, और वहां खोजने वालों के लौटने तक, अर्थात तीन दिन तक रहे; और खोजने वाले उन को सारे मार्ग में ढूंढ़ते रहे और कहीं न पाया। 23 तब वे दोनों पुरूष पहाड़ से उतरे, और पार जा कर नून के पुत्र यहोशू के पास पहुंचकर जो कुछ उन पर बीता था उसका वर्णन किया। 24 और उन्होंने यहोशू से कहा, निसन्देह यहोवा ने वह सारा देश हमारे हाथ में कर दिया है; फिर इसके सिवाय उसके सारे निवासी हमारे कारण घबरा रहे हैं॥ इब्रानियों 11:31 31 विश्वास ही से राहाब वेश्या आज्ञा ने मानने वालों के साथ नाश नहीं हुई; इसलिये कि उस ने भेदियों को कुशल से रखा था। याकूब 2:25 25 वैसे ही राहाब वेश्या भी जब उस ने दूतों को अपने घर में उतारा, और दूसरे मार्ग से विदा किया, तो क्या कर्मों से धामिर्क न ठहरी? याकूब 2:14-26 14 हे मेरे भाइयों, यदि कोई कहे कि मुझे विश्वास है पर वह कर्म न करता हो, तो उस से क्या लाभ? क्या ऐसा विश्वास कभी उसका उद्धार कर सकता है? 15 यदि कोई भाई या बहिन नगें उघाड़े हों, और उन्हें प्रति दिन भोजन की घटी हो। 16 और तुम में से कोई उन से कहे, कुशल से जाओ, तुम गरम रहो और तृप्त रहो; पर जो वस्तुएं देह के लिये आवश्यक हैं वह उन्हें न दे, तो क्या लाभ? 17 वैसे ही विश्वास भी, यदि कर्म सहित न हो तो अपने स्वभाव में मरा हुआ है। 18 वरन कोई कह सकता है कि तुझे विश्वास है, और मैं कर्म करता हूं: तू अपना विश्वास मुझे कर्म बिना तो दिखा; और मैं अपना विश्वास अपने कर्मों के द्वारा तुझे दिखाऊंगा। 19 तुझे विश्वास है कि एक ही परमेश्वर है: तू अच्छा करता है: दुष्टात्मा भी विश्वास रखते, और थरथराते हैं। 20 पर हे निकम्मे मनुष्य क्या तू यह भी नहीं जानता, कि कर्म बिना विश्वास व्यर्थ है? 21 जब हमारे पिता इब्राहीम ने अपने पुत्र इसहाक को वेदी पर चढ़ाया, तो क्या वह कर्मों से धामिर्क न ठहरा था? 22 सो तू ने देख लिया कि विश्वास ने उस के कामों के साथ मिल कर प्रभाव डाला है और कर्मों से विश्वास सिद्ध हुआ। 23 और पवित्र शास्त्र का यह वचन पूरा हुआ, कि इब्राहीम ने परमेश्वर की प्रतीति की, और यह उसके लिये धर्म गिना गया, और वह परमेश्वर का मित्र कहलाया। 24 सो तुम ने देख लिया कि मनुष्य केवल विश्वास से ही नहीं, वरन कर्मों से भी धर्मी ठहरता है। 25 वैसे ही राहाब वेश्या भी जब उस ने दूतों को अपने घर में उतारा, और दूसरे मार्ग से विदा किया, तो क्या कर्मों से धामिर्क न ठहरी? 26 निदान, जैसे देह आत्मा बिना मरी हुई है वैसा ही विश्वास भी कर्म बिना मरा हुआ है॥ इब्रानियों 9:19-22 19 क्योंकि जब मूसा सब लोगों को व्यवस्था की हर एक आज्ञा सुना चुका, तो उस ने बछड़ों और बकरों का लोहू लेकर, पानी और लाल ऊन, और जूफा के साथ, उस पुस्तक पर और सब लोगों पर छिड़क दिया। 20 और कहा, कि यह उस वाचा का लोहू है, जिस की आज्ञा परमेश्वर ने तुम्हारे लिये दी है। 21 और इसी रीति से उस ने तम्बू और सेवा के सारे सामान पर लोहू छिड़का। 22 और व्यवस्था के अनुसार प्राय: सब वस्तुएं लोहू के द्वारा शुद्ध की जाती हैं; और बिना लोहू बहाए क्षमा नहीं होती॥ यहोशू 6:22-23 22 तब यहोशू ने उन दोनों पुरूषों से जो उस देश का भेद लेने गए थे कहा, अपनी शपथ के अनुसार उस वेश्या के घर में जा कर उसको और जो उसके पास हों उन्हें भी निकाल ले आओ। 23 तब वे दोनों जवान भेदिए भीतर जा कर राहाब को, और उसके माता-पिता, भाइयों, और सब को जो उसके यहां रहते थे, वरन उसके सब कुटुम्बियों को निकाल लाए, और इस्राएल की छावनी से बाहर बैठा दिया। 1 यूहन्ना 1:7 7 पर यदि जैसा वह ज्योति में है, वैसे ही हम भी ज्योति में चलें, तो एक दूसरे से सहभागिता रखते हैं; और उसके पुत्र यीशु का लोहू हमें सब पापों से शुद्ध करता है। 1 राजा 16:34 34 उसके दिनों में बेतेलवासी हीएल ने यरीहो को फिर बसाया; जब उसने उसकी नेव डाली तब उसका जेठा पुत्र अबीराम मर गया, और जब उसने उसके फाटक खड़े किए तब उसका लहुरा पुत्र सगूब मर गया, यह यहोवा के उस वचन के अनुसार हुआ, जो उसने नून के पुत्र यहोशू के द्वारा कहलवाया था। मत्ती 1:5 5 और सलमोन और राहब से बोअज उत्पन्न हुआ। और बोअज और रूत से ओबेद उत्पन्न हुआ; और ओबेद से यिशै उत्पन्न हुआ।

संगीत

मैं ने भी माना यह जीवन कठिन है और हर पल दुखों से घिरा, जीवन की आशायें तुझ पर लगी है कि तू है दया से भरा, तंगी बिमारी और बढ़ती मुसीबत सब कुछ उठाऊंगा तेरे लिये।

कांटों में चलूंगा तेरे लिए दुख भी उठाऊँगा तेरे लिये, मैं ने यह जीवन तुझको दिया है जीवन बनाऊँगा तेरे लिये।