पाठ 34 : प्रभु भोज
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सारांश
फसह के विषय हम सबसे पहले निर्गमन 12 में पढ़ते हैं। जब परमेश्वर ने मिस्त्र के पहिलौठों का नाश किया तब इस्त्राएलियों के प्रत्येक परिवार ने परमेश्वर की आज्ञानुसार एक मेम्ने को मारकर उसके लहू को दरवाजों की चौखट पर प्रतीक के रूप में लगाया था। नाश करनेवाला दूत जिस दरवाजे पर लहू देखता, आगे बढ़ जाता था। इसी घटना से ‘‘फसह’’ शब्द आया। यह वही रात थी जब इस्त्राएलियों ने मिस्त्र छोड़ा था। परमेश्वर ने उन्हें मेम्ने के माँस को भी आग में भूनकर खाने को कहा। उन्हें यह माँस कड़वे साग, रोटी और बिना खमीर के खाना था (निर्गमन 12ः8)। इस्त्राएली लोग फसह का पर्व माह के 14वें दिन मनाये जो (एप्रिल) माह था। (लैव्यवस्था 23ः5; गिनती 9ः1-14)। यहाँ तक कि उन दिनों में भी जब यीशु इस पृथ्वी पर था, फसह का पर्व यहूदियों के लिये महत्वपूर्ण त्यौहार था। यह फसह का पर्व या अखमीरी रोटी का पर्व दोनों कहलाता था। यह मिस्त्र से यहूदियों का छुटकारा और परमेश्वर के छुटकारे का कार्य द्वारा इस्त्राएल का एक राष्ट्र के रूप में निर्माण को दिखाता है। अखमीरी रोटी का पर्व फसह के दिन के बाद से शुरू हुआ और एक सप्ताह तक चला। कभी-कभी दो या उससे अधि् ाक परिवार फसह मनाते थे। वे मेम्ने को लेकर मंदिर के आंगन में जाते और काटते थे। याजक मेम्ने के लहू को लेकर वेदी के सामने छिड़कता था और चरबी को जलाता था। वे जो मेम्ना लाते थे वे उसका माँस घर ले जाते थे और उसे अखमीरी रोटी और कड़वे साग के साथ खाते थे। अखमीरी रोटी इस बात की प्रतीक थी कि परमेश्वर के लोग जो मिस्त्र से निकले थे, परमेश्वर के पवित्र राष्ट्र थेपछले फसह के पर्व के समय यीशु और उसके चेले यरूशलेम में थे। जब समय आया तब चेलों ने यीशु से पूछा, ‘‘तू कहाँ चाहता है कि हम फसह तैयार करें?’’ यीशु ने उन्हें संडस्के ल पाठ्यप ू स्तक वग ु र् 4 103 बताया कि उन्हें क्या करना है। किसी ने उन्हें एक बडे़ कमरेवाली उपरौठी कोठरी दिया कि वे वहाँ फसह तैयार करें। हम नहीं जानते कि वह कौन व्यक्ति था। यीशु ने जैसा कहा था, चेलों ने जाकर फसह तैयार किया। यीशु और उसे चेले मेज पर इकट्ठे हुए। वह अपने चेलों के साथ फसह के पर्व का भोज खाने के लिये बहुत उत्सुक था क्योंकि यह अंतिम अर्थपूर्ण फसह का पर्व था। आप जानते हैं यीशु ही परमेश्वर का मेम्ना है जो जगत के पाप उठा ले जाता है। वे सभी मेम्ने जो मिस्त्र में मूसा के समय से लेकर उस समय तक बलि किये जाते थे वे सब यीशु के प्रतीक थे, परमेश्वर के मेम्ने के प्रतीक थे। उसी रात जब प्रभु ने फसह मनाया, सिपाहियों ने यीशु को बंदी बनाया और उन्होंने उसे क्रूस पर चढ़ाया। चूँकि यीशु, फसह का मेम्ना, सबके लिये एक ही बार बलिदान चढ़ाया गया, किसी और मेम्ने को बलि चढ़ाने की आवश्यकता नहीं है पभ्र भा ु जे उस रात प्रभु ने सवयं ही पर्व का आयोजन किया जिसे परमेश्वर के लोग उस समय से मनाते आ रहे है, जब से मसीह मरा और फिर से जी उठा। हम उसे प्रभु भोज कहते हैं। फसह का भोजन खाने के बाद प्रभु ने रोटी लिया, उसे आशीषित किया और यह कहकर चेलों को दिया ‘‘यह मेरी देह है जो तुम्हारे लिये तोड़ी जाती है, यह मेरे स्मरणार्थ किया करो।’’ उसी प्रकार, उसने कटोरा भी लिया और कहा, ‘‘यह मेरे लहू में नई वाचा है, जो तुम्हारे लिये बहाया जाता है।’’ प्रभु की इसी आज्ञा के अनुसार उसकी संतानें उस समय से इस स्मृति को मनाते आए हैं। हम पढ़ते हैं कि प्राचीन कलीसिया, सप्ताह के पहले दिन रोटी तोड़ने के लिये इकट्ठे होते थे (प्रेरितों के काम 20ः7)। पापों की क्षमा के लिये प्रभु भोज मनाना किसी मायने का नहीं है। ये केवल वही मनाते हैं जिनके पाप क्षमा हो चुके हैं यह अनंत जीवन नहीं देगा, परंतु जिनके पास अनंत जीवन है उन्हें ही इसमें सहभागी होने का अधिकार है। 1 कुरि 11वें अध्याय में प्रेरित पौलुस लिखता है कि प्रभु भोज के विषय उसे परमेश्वर की ओर से विशेष प्रगटीकरण मिला है। यदि आप पौलुस के शब्दों को ध्यानपूर्वक पढे़ंगे तो आप महत्वपूर्ण वास्तविकताओं को जानेंगें
- यह प्रभु की इच्छा है (पद 23)।
- यह यादगार है (पद 24-25)।
- यह हमें प्रभु की मृत्यु और उसके दोबारा आगमन की याद दिलाता है (पद 26)।
- यह प्रभु के लोगों की एकता और संगति को दिखाता है (1 कुरि 10ः16-18)। परमेश्वर की संतानों को जो प्रभु यीशु मसीह पर विश्वास करने, और उसकी मृत्यु को हमारे लिये बलिदान विश्वास करने के द्वारा बचाए गए हैं, उन्हें यह भोज मनाना ही चाहिये वे ही ऐसे लोग हैं जो वास्तव में इसे मना सकते हैं, और पौलुस इस विषय दो बातें कहता है जो उन्हें याद रखना है।
- उन्हें इसमें अनुचित रीति से हिस्सा नहीं लेना चाहिये (पद 27)।
- उन्हें स्वयँ को जाँचना चाहिये और सहभागी होना चाहिये (पद 28)। इसलिये परमेश्वर की संतानों को स्वयँ को जाँचना चाहिये और सप्ताह के पहले दिन प्रभु भोज लेना चाहिये, संपूर्ण मन और परमेश्वर के भय के साथ।
बाइबल अध्यन
लूका 22:6-20 6 उस ने मान लिया, और अवसर ढूंढ़ने लगा, कि बिना उपद्रव के उसे उन के हाथ पकड़वा दे॥ 7 तब अखमीरी रोटी के पर्व्व का दिन आया, जिस में फसह का मेम्ना बली करना अवश्य था। 8 और यीशु ने पतरस और यूहन्ना को यह कहकर भेजा, कि जाकर हमारे खाने के लिये फसह तैयार करो। 9 उन्होंने उस से पूछा, तू कहां चाहता है, कि हम तैयार करें? 10 उस ने उन से कहा; देखो, नगर में प्रवेश करते ही एक मनुष्य जल का घड़ा उठाए हुए तुम्हें मिलेगा, जिस घर में वह जाए; तुम उसके पीछे चले जाना। 11 और उस घर के स्वामी से कहो, कि गुरू तुझ से कहता है; कि वह पाहुनशाला कहां है जिस में मैं अपने चेलों के साथ फसह खाऊं? 12 वह तुम्हें एक सजी सजाई बड़ी अटारी दिखा देगा; वहां तैयारी करना। 13 उन्होंने जाकर, जैसा उस ने उन से कहा था, वैसा ही पाया, और फसह तैयार किया॥ 14 जब घड़ी पहुंची, तो वह प्रेरितों के साथ भोजन करने बैठा। 15 और उस ने उन से कहा; मुझे बड़ी लालसा थी, कि दुख-भोगने से पहिले यह फसह तुम्हारे साथ खाऊं। 16 क्योंकि मैं तुम से कहता हूं, कि जब तक वह परमेश्वर के राज्य में पूरा न हो तब तक मैं उसे कभी न खाऊंगा। 17 तब उस ने कटोरा लेकर धन्यवाद किया, और कहा, इस को लो और आपस में बांट लो। 18 क्योंकि मैं तुम से कहता हूं, कि जब तक परमेश्वर का राज्य न आए तब तक मैं दाख रस अब से कभी न पीऊंगा। 19 फिर उस ने रोटी ली, और धन्यवाद करके तोड़ी, और उन को यह कहते हुए दी, कि यह मेरी देह है, जो तुम्हारे लिये दी जाती है: मेरे स्मरण के लिये यही किया करो। 20 इसी रीति से उस ने बियारी के बाद कटोरा भी यह कहते हुए दिया कि यह कटोरा मेरे उस लोहू में जो तुम्हारे लिये बहाया जाता है नई वाचा है। मरकुस 14:22-25 22 और जब वे खा ही रहे थे तो उस ने रोटी ली, और आशीष मांगकर तोड़ी, और उन्हें दी, और कहा, लो, यह मेरी देह है। 23 फिर उस ने कटोरा लेकर धन्यवाद किया, और उन्हें दिया; और उन सब ने उस में से पीया। 24 और उस ने उन से कहा, यह वाचा का मेरा वह लोहू है, जो बहुतों के लिये बहाया जाता है। 25 मैं तुम से सच कहता हूं, कि दाख का रस उस दिन तक फिर कभी न पीऊंगा, जब तक परमेश्वर के राज्य में नया न पीऊं॥ मत्ती 26:17-19 17 अखमीरी रोटी के पर्व्व के पहिले दिन, चेले यीशु के पास आकर पूछने लगे; तू कहां चाहता है कि हम तेरे लिये फसह खाने की तैयारी करें? 18 उस ने कहा, नगर में फुलाने के पास जाकर उस से कहो, कि गुरू कहता है, कि मेरा समय निकट है, मैं अपने चेलों के साथ तेरे यहां पर्व्व मनाऊंगा। 19 सो चेलों ने यीशु की आज्ञा मानी, और फसह तैयार किया। 1 कुरिन्थियों 11:23-30 23 क्योंकि यह बात मुझे प्रभु से पहुंची, और मैं ने तुम्हें भी पहुंचा दी; कि प्रभु यीशु ने जिस रात वह पकड़वाया गया रोटी ली। 24 और धन्यवाद करके उसे तोड़ी, और कहा; कि यह मेरी देह है, जो तुम्हारे लिये है: मेरे स्मरण के लिये यही किया करो। 25 इसी रीति से उस ने बियारी के पीछे कटोरा भी लिया, और कहा; यह कटोरा मेरे लोहू में नई वाचा है: जब कभी पीओ, तो मेरे स्मरण के लिये यही किया करो। 26 क्योंकि जब कभी तुम यह रोटी खाते, और इस कटोरे में से पीते हो, तो प्रभु की मृत्यु को जब तक वह न आए, प्रचार करते हो। 27 इसलिये जो कोई अनुचित रीति से प्रभु की रोटी खाए, या उसके कटोरे में से पीए, वह प्रभु की देह और लोहू का अपराधी ठहरेगा। 28 इसलिये मनुष्य अपने आप को जांच ले और इसी रीति से इस रोटी में से खाए, और इस कटोरे में से पीए। 29 क्योंकि जो खाते-पीते समय प्रभु की देह को न पहिचाने, वह इस खाने और पीने से अपने ऊपर दण्ड लाता है। 30 इसी कारण तुम में से बहुत से निर्बल और रोगी हैं, और बहुत से सो भी गए। 1 कुरिन्थियों 10:31 31 सो तुम चाहे खाओ, चाहे पीओ, चाहे जो कुछ करो, सब कुछ परमेश्वर की महीमा के लिये करो। निर्गमन 12:8 8 और वे उसके मांस को उसी रात आग में भूंजकर अखमीरी रोटी और कड़वे सागपात के साथ खाएं। लैव्यव्यवस्था 23:5 5 पहिले महीने के चौदहवें दिन को गोधूलि के समय यहोवा का फसह हुआ करे। गिनती 9:1-14 इस्त्राएलियों के मिस्र देश से निकलने के दूसरे वर्ष के पहिले महीने में यहोवा ने सीनै के जंगल में मूसा से कहा, 2 इस्त्राएली फसह नाम पर्ब्ब को उसके नियत समय पर माना करें। 3 अर्थात इसी महीने के चौदहवें दिन को गोधूलि के समय तुम लोग उसे सब विधियों और नियमों के अनुसार मानना। 4 तब मूसा ने इस्त्राएलियों से फसह मानने के लिये कह दिया। 5 और उन्होंने पहले महीने के चौदहवें दिन को गोधूलि के समय सीनै के जंगल में फसह को माना; और जो जो आज्ञाएं यहोवा ने मूसा को दी थीं उन्हीं के अनुसार इस्त्राएलियों ने किया। 6 परन्तु कितने लोग किसी मनुष्य की लोथ के द्वारा अशुद्ध होने के कारण उस दिन फसह को न मान सके; वे उसी दिन मूसा और हारून के समीप जा कर मूसा से कहने लगे, 7 हम लोग एक मनुष्य की लोथ के कारण अशुद्ध हैं; परन्तु हम क्यों रूके रहें, और इस्त्राएलियों के संग यहोवा का चढ़ावा नियत समय पर क्यों न चढ़ाएं? 8 मूसा ने उन से कहा, ठहरे रहो, मैं सुन लूं कि यहोवा तुम्हारे विषय में क्या आज्ञा देता है। 9 यहोवा ने मूसा से कहा, 10 इस्त्राएलियों से कह, कि चाहे तुम लोग चाहे तुम्हारे वंश में से कोई भी किसी लोथ के कारण अशुद्ध हो, वा दूर की यात्रा पर हो, तौभी वह यहोवा के लिये फसह को माने। 11 वे उसे दूसरे महीने के चौदहवें दिन को गोधूलि के समय मानें; और फसह के बलिपशु के मांस को अखमीरी रोटी और कडुए सागपात के साथ खाएं। 12 और उस में से कुछ भी बिहान तक न रख छोड़े, और न उसकी कोई हड्डी तोड़े; वे उस पर्ब्ब को फसह की सारी विधियों के अनुसार मानें। 13 परन्तु जो मनुष्य शुद्ध हो और यात्रा पर न हो, परन्तु फसह के पर्ब्ब को न माने, वह प्राणी अपने लोगों में से नाश किया जाए, उस मनुष्य को यहोवा का चढ़ावा नियत समय पर न ले आने के कारण अपने पाप का बोझ उठाना पड़ेगा। 14 और यदि कोई परदेशी तुम्हारे साथ रहकर चाहे कि यहोवा के लिये फसह माने, तो वह उसी विधि और नियम के अनुसार उसको माने; देशी और परदेशी दोनों के लिये तुम्हारी एक ही विधि हो॥ प्रेरितों 20:7 7 सप्ताह के पहिले दिन जब हम रोटी तोड़ने के लिये इकट्ठे हुए, तो पौलुस ने जो दूसरे दिन चले जाने पर था, उन से बातें की, और आधी रात तक बातें करता रहा। 1 कुरिन्थियों 10:16-18 16 वह धन्यवाद का कटोरा, जिस पर हम धन्यवाद करते हैं, क्या मसीह के लोहू की सहभागिता नहीं? वह रोटी जिसे हम तोड़ते हैं, क्या वह मसीह की देह की सहभागिता नहीं? 17 इसलिये, कि एक ही रोटी है सो हम भी जो बहुत हैं, एक देह हैं: क्योंकि हम सब उसी एक रोटी में भागी होते हैं। 18 जो शरीर के भाव से इस्त्रएली हैं, उन को देखो: क्या बलिदानों के खाने वाले वेदी के सहभागी नहीं?
संगीत
ईको रोटी विचो होना, पहला तुसी सारे शामिल, है मिसाल उस पाक बदन दी, खुदा लई सी जो कामिल, कनक दे दाने वांगर, अपनेया ने ही तेनू पिसया, बाप ने गुस्से दी आग विच छडया, जीवन दी रोटी बनके ओह केंदा।
सानू दिता प्रेम पियाला, जो पाक लहू दा निशान,
आप ओ सह गया क्रोध पियाला, जो पाप तो सी अन्जान,
अंगूरा वांगर कोमल बदन नू, बेरहमी दे नाल सी कुचलेया तेनू,
पियाला भरके नवे नेम दा, प्रभु ने मैनू ऐह हुकम दिता।
तोड़ा गया-2 मेरे लई मसीह दा पाक बदन, फरमाया-2 सूली चढ़न तो पहलां एह हुकम,
मेरे बदन नू मेरे लहू नू
ऐना निशाना दे नाल चेते करो
दुबारा ना मैं जद तीकर आवा
मेरी मौत दा प्रचार करदे रवो।