पाठ 32 : दाख की बारी का दृष्टांत
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सारांश
यह पाठ एक दृष्टांत पर है जो प्रभु ने इस्राएल देश के विषय कहा। जब प्रभु मंदिर में सिखा रहा था, यहूदी मुख्य याजक और वृद्ध लोग आकर उससे कहने लगे, ‘‘तू यह सब किसके अधिकार से करता है?’’ यीशु जानता था कि वे यहूदी जो उसके अधिकार पर प्रश्न कर रहे हैं, उसे क्रूस पर चढ़ाएँगे। यह जानते हुए ही उसने यह दृष्टांत कहा। प्रभु ने यह कहकर शुरू किया कि एक मनुष्य ने दाख की बारी लगाया। बाइबल में इस्रा की तुलना दाख की बारी से की गई है जिसे परमेश्वर ने लगाया था (यशायाह 5:1-7; भजन 80:8-16)। संसार के सभी लोग मिलकर और हममें से प्रत्येक जन को भी परमेश्वर की दाख की बारी कहा जा सकता है। पलिस्तीन का देश जो परमेश्वर ने इस्राएल को दिया था, वह देश है, जहाँ बहुत दाख होता है। आपको याद होगा जब मूसा के समय लोग कनान देश का भेद लेने गये थे तब दो व्यक्ति एक खंबे में अंगूर का बड़ा गुच्छा उठाकर लाए थे। जो यहूदी दाख के देश में रहते थे वे दाख के दृष्टांत को आसानी से समझ सकते। वे दाख की बारी लगाने की कठिनाइयों को भी समझते थे। इस दाख की बारी का मालिक जीवित परमेश्वर है। अच्छे मालिक ने वह सब किया जो दाख की बारी के लिये जरूरी था। उसने उसे लगाया, उसके चारों तरफ दीवार खड़ी किया, रसकुंड बनाया और निगरानी का मचान बनाया। फिर उसने दाख की बारी को किसानों को दे दिया जो ठेकेदार कहलाते थे, और दूर परदेश चला गया। दीवार दाख की बारी की रक्षा के लिये थी और रसकुंड अंगूर का रस निकालने के लिये था। और गुम्मट दाख की बारी का गोदाम था और चौकीदारों के लिये आरामगाह था। इस तरह मालिक ने सब इन्तजाम किया था और ठेकेदारों को केवल बाग की देखभाल करना था। हमारा परमेश्वर हमें सब कुछ देता है जिसकी हमें जरूरत होती है (मत्ती 6:32)। हमारा कर्तव्य केवल उसे इमानदारी से संभालना है जो हमें दिया गया है। जब फल का समय आया तो उसने अपने दासों को उसका फल लेने के लिये किसानों के पास भेजा’’ (पद 34)। यह मालिक न केवल भला था परंतु धर्मी भी था। उसने दासों को न कटनी के पहले भेजा और न बाद में। मरकुस कहता है उसने उन्हें ‘‘समय पर’’ भेजा, जो फल बटोरने का सही समय था। हमारा परमेश्वर सब कुछ सही समय पर करता है। ठेकेदारों ने मालिक के दासों को बुरी तरह पीटा और उन्हें भगा दिया, यहाँ तक कि कुछ दासों को तो मार भी डाला। भविष्यवक्ताओं का भी यही अनुभव रहा जो परमेश्वर का संदेश लेकर इस्राएल मे गये थे। (मत्ती 23:29-37; प्रेरितों के काम 7:52)। यह किसानों को सोचने और समझदारी से कार्य करने के लिये दिया गया काफी समय था, जो उसके दासों को बार-बार भेजता था। परमेश्वर एक पापी को पश्चाताप करने का कितनी बार मौका देता है। वह मनुष्य से कई तरीकों से बात करता है। वह प्रकृति से भी हमसे बात करता है। हम पढ़ते हैं :‘‘आकाश परमेश्वर की महिमा का वर्णन कर रहा है और आकाशमंडल उसकी हस्तकला को प्रगट कर रहा है’’ (भजन 19:1)। परमेश्वर उसके वचन के माध्यम से और उसके दासों के माध्यम से बात करता है। ये सब मौके हैं जो वह हमें देता है अंत में, मालिक ने अपने बेटे को भेजा। इब्रानियों 1:1 में हम पढ़ते हैं ‘‘पूर्व युग में परमेश्वर ने बापदादों से थोड़ा-थोड़ा करके और भांति-भांति से भविष्यद्वक्ताओं के द्वारा बातें कर इन अंतिम दिनों में हम से पुत्र के द्वारा बातें की।’’ मरकुस कहता है, ‘‘अब एक ही रह गया था, जो उसका प्रिय पुत्र था, अंत में उसे भी भेज दिया’’ (मरकुस 12:6)। हमारा प्रभु यीशु ही परमेश्वर का एकलौता पुत्र है। उसी को पिता ने भेजा। मालिक ने सोचा कि ठेकेदार उसका आदर करेंगे। आदर शब्द को ध्यान दें। परमेश्वर चाहता है कि हम उसके एकलौते पुत्र को स्वीकार करें और उसके प्रति आदर दिखाएँ। उन दुष्ट ठेकेदारों ने कहा, ‘‘यह वारिसदार है। आओ हम इसे मार डालें तब मीरास हमारी हो जाएगी।’’ कई लोग जानते हैं कि यीशु मसीह परमेश्वर का पुत्र है तब भी वे उसे अपना प्रभु और उद्धारकर्ता स्वीकार नहीं करते। ठेकेदारों ने पुत्र के साथ चार बातें किया।
- उसका स्वागत करने की बजाय उन्होंने उसके विरुद्ध षडयंत्र रचा (पद 38)
- उन्होंने उसे पकड़ लिया।
- उन्होंने उसे दाख की बारी से बाहर निकाल दिया।
- उन्होंने उसे मार डाला यह सब उन्होंने दाख की बारी के मालिक के साथ किया। जब हमारा प्रभु इस संसार में आया तो इस्राएल के उसके अपने लोगों ने उसे स्वीकार नहीं किया, परंतु उन्होंने उसे क्रूस पर भी चढ़ा दिया। पुत्र अधिकार के साथ आ सकता था और उसकी रक्षा के लिये सुरक्षा गार्ड भी ला सकता था, परंतु वह अकेला ही आया। जब सिपाही यीशु को बंदी बनाने के लिये आए तो उसने कहा, ‘‘क्या तू नहीं जानता कि मैं अपने पिता से विनती कर सकता हूँ और वह स्वर्गदूतों की बारह पलटन से अधिक मेरे पास अभी उपस्थित कर देगा?’’ (मत्ती 26ः53)। रोमी लोग 6000 सिपाहियों की टुकड़ी को एक ‘पलटन’ कहते थे। वह करोड़ों स्वर्गीय दूतों का प्रभु था जो हमारे लिये असहाय बना। दाख की बारी का मालिक ठेकेदारों को दंडित किये बिना नहीं छोड़ेगा। पद 41 कहता है ‘‘वह उन बुरे लोगों को बुरी रीति से नष्ट करेगा।’’ इसका मतलब यह है कि वह उन्हें योग्य दंड देगा। यहूदी लोगों के विषय यह वास्तव में हुआ जब रोमी सेना ने यरूशलेम पर सन् 70 में हमला किया। हजारों यहूदी भूख से मर गये, महामारी, और तलवार; कईयों को क्रूस पर चढ़ा दिया गया। इसके अलावा वे संसारभर में बिखर गये। परमेश्वर ने उनकी भूमि दूसरे ठेकेदारों को दे दिया। वह जो परमेश्वर के पुत्र का तिरस्कार करते हैं जिसने हमसे प्रेम किया और क्रूस पर मर गया, वे दंडित हुए बिना नहीं रहेंगे। यूहन्ना 3:36 में हम पढ़ते हैं कि ‘‘जो पुत्र को नहीं मानता वह जीवन को नहीं देखेगा, परंतु परमेश्वर का क्रोध उस पर रहता है।’’ क्या लोग समुद्र के थोड़े से क्रोध और तूफान से नहीं डर जाते जो परमेश्वर द्वारा भेजे जाते हैं? फिर यह कितनी भयानक बात होगी जब परमेश्वर का क्रोध उन पर भड़केगा जो उसका तिरस्कार करते हैं! नोट : यहूदियों ने यीशु की कीमत चांदी के तीस सिक्के लगाया। ऐसा कहा जाता है कि रोमी सम्राट वेस्पासियन ने बंदी यहूदियों को चांदी के एक सिक्के में तीस यहूदी बेचा था
बाइबल अध्यन
मत्ती 21:33-42 33 एक और दृष्टान्त सुनो: एक गृहस्थ था, जिस ने दाख की बारी लगाई; और उसके चारों ओर बाड़ा बान्धा; और उस में रस का कुंड खोदा; और गुम्मट बनाया; और किसानों को उसका ठेका देकर पर देश चला गया। 34 जब फल का समय निकट आया, तो उस ने अपने दासों को उसका फल लेने के लिये किसानों के पास भेजा। 35 पर किसानों ने उसके दासों को पकड़ के, किसी को पीटा, और किसी को मार डाला; और किसी को पत्थरवाह किया। 36 फिर उस ने और दासों को भेजा, जो पहिलों से अधिक थे; और उन्होंने उन से भी वैसा ही किया। 37 अन्त में उस ने अपने पुत्र को उन के पास यह कहकर भेजा, कि वे मेरे पुत्र का आदर करेंगे। 38 परन्तु किसानों ने पुत्र को देखकर आपस में कहा, यह तो वारिस है, आओ, उसे मार डालें: और उस की मीरास ले लें। 39 और उन्होंने उसे पकड़ा और दाख की बारी से बाहर निकालकर मार डाला। 40 इसलिये जब दाख की बारी का स्वामी आएगा, तो उन किसानों के साथ क्या करेगा? 41 उन्होंने उस से कहा, वह उन बुरे लोगों को बुरी रीति से नाश करेगा; और दाख की बारी का ठेका और किसानों को देगा, जो समय पर उसे फल दिया करेंगे। 42 यीशु ने उन से कहा, क्या तुम ने कभी पवित्र शास्त्र में यह नहीं पढ़ा, कि जिस पत्थर को राजमिस्त्रियों ने निकम्मा ठहराया था, वही को ने के सिरे का पत्थर हो गया? मरकुस 12:1-9 र वह दृष्टान्त में उन से बातें करने लगा: कि किसी मनुष्य ने दाख की बारी लगाई, और उसके चारों ओर बाड़ा बान्धा, और रस का कुंड खोदा, और गुम्मट बनाया; और किसानों को उसका ठेका देकर पर देश चला गया। 2 फिर फल के मौसम में उस ने किसानों के पास एक दास को भेजा कि किसान से दाख की बारी के फलों का भाग ले। 3 पर उन्होंने उसे पकड़कर पीटा और छूछे हाथ लौटा दिया। 4 फिर उस ने एक और दास को उन के पास भेजा और उन्होंने उसका सिर फोड़ डाला और उसका अपमान किया। 5 फिर उस ने एक और को भेजा, और उन्होंने उसे मार डाला: तब उस ने और बहुतों को भेजा: उन में से उन्होंने कितनों को पीटा, और कितनों को मार डाला। 6 अब एक ही रह गया था, जो उसका प्रिय पुत्र था; अन्त में उस ने उसे भी उन के पास यह सोचकर भेजा कि वे मेरे पुत्र का आदर करेंगे। 7 पर उन किसानों ने आपस में कहा; यही तो वारिस है; आओ, हम उसे मार डालें, तब मीरास हमारी हो जाएगी। 8 और उन्होंने उसे पकड़कर मार डाला, और दाख की बारी के बाहर फेंक दिया। 9 इसलिये दाख की बारी का स्वामी क्या करेगा? वह आकर उन किसानों को नाश करेगा, और दाख की बारी औरों को दे देगा। लूका 20:9-18 9 तब वह लोगों से यह दृष्टान्त कहने लगा, कि किसी मनुष्य ने दाख की बारी लगाई, और किसानों को उसका ठेका दे दिया और बहुत दिनों के लिये परदेश चला गया। 10 समय पर उस ने किसानों के पास एक दास को भेजा, कि वे दाख की बारी के कुछ फलों का भाग उसे दें, पर किसानों ने उसे पीटकर छूछे हाथ लौटा दिया। 11 फिर उस ने एक और दास को भेजा, ओर उन्होंने उसे भी पीटकर और उसका अपमान करके छूछे हाथ लौटा दिया। 12 फिर उस ने तीसरा भेजा, और उन्होंने उसे भी घायल करके निकाल दिया। 13 तब दाख की बारी के स्वामी ने कहा, मैं क्या करूं? मैं अपने प्रिय पुत्र को भेजूंगा क्या जाने वे उसका आदर करें। 14 जब किसानों ने उसे देखा तो आपस में विचार करने लगे, कि यह तो वारिस है; आओ, हम उसे मार डालें, कि मिरास हमारी हो जाए। 15 और उन्होंने उसे दाख की बारी से बाहर निकालकर मार डाला: इसलिये दाख की बारी का स्वामी उन के साथ क्या करेगा? 16 वह आकर उन किसानों को नाश करेगा, और दाख की बारी औरों को सौंपेगा: यह सुनकर उन्होंने कहा, परमेश्वर ऐसा न करे। 17 उस ने उन की ओर देखकर कहा; फिर यह क्या, लिखा है, कि जिस पत्थर को राजमिस्त्रियों ने निकम्मा ठहराया था, वही कोने का सिरा हो गया। 18 जो कोई उस पत्थर पर गिरेगा वह चकनाचूर हो जाएगा, और जिस पर वह गिरेगा, उसे वह पीस डालेगा॥ भजन 118:22 22 राजमिस्त्रियों ने जिस पत्थर को निकम्मा ठहराया था वही कोने का सिरा हो गया है। यशायाह 5:1-7 अब मैं अपने प्रिय के लिये और उसकी दाख की बारी के विषय में गीत गाऊंगा: एक अति उपजाऊ टीले पर मेरे प्रिय की एक दाख की बरी थी। 2 उसने उसकी मिट्टी खोदी और उसके पत्थर बीनकर उस में उत्तम जाति की एक दाखलता लगाई; उसके बीच में उसने एक गुम्मट बनाया, और दाखरस के लिये एक कुण्ड भी खोदा; तब उसने दाख की आशा की, परन्तु उस में निकम्मी दाखें ही लगीं॥ 3 अब हे यरूशलेम के निवासियों और हे यहूदा के मनुष्यों, मेरे और मेरी दाख की बारी के बीच न्याय करो। 4 मेरी दाख की बारी के लिये और क्या करना रह गया जो मैं ने उसके लिये न किया हो? फिर क्या कारण है कि जब मैं ने दाख की आशा की तब उस में निकम्मी दाखें लगीं? 5 अब मैं तुम को जताता हूं कि अपनी दाख की बारी से क्या करूंगा। मैं उसके कांटे वाले बाड़े को उखाड़ दूंगा कि वह चट की जाए, और उसकी भीत को ढा दूंगा कि वह रौंदी जाए। 6 मैं उसे उजाड़ दूंगा; वह न तो फिर छांटी और न खोदी जाएगी और उस में भांति भांति के कटीले पेड़ उगेंगे; मैं मेघों को भी आज्ञा दूंगा कि उस पर जल न बरसाएं॥ 7 क्योंकि सेनाओं के यहोवा की दाख की बारी इस्राएल का घराना, और उसका मनभाऊ पौधा यहूदा के लोग है; और उसने उन में न्याय की आशा की परन्तु अन्याय देख पड़ा; उसने धर्म की आशा की, परन्तु उसे चिल्लाहट ही सुन पड़ी! भजन 80:8-16 8 तू मिस्त्र से एक दाखलता ले आया; और अन्यजातियों को निकाल कर उसे लगा दिया। 9 तू ने उसके लिये स्थान तैयार किया है; और उसने जड़ पकड़ी और फैल कर देश को भर दिया। 10 उसकी छाया पहाड़ों पर फैल गई, और उसकी डालियां ईश्वर के देवदारों के समान हुईं; 11 उसकी शाखाएं समुद्र तक बढ़ गई, और उसके अंकुर महानद तक फैल गए। 12 फिर तू ने उसके बाड़ों को क्यों गिरा दिया, कि सब बटोही उसके फलों को तोड़ते हैं? 13 जंगली सूअर उसको नाश किए डालता है, और मैदान के सब पशु उसे चर जाते हैं॥ 14 हे सेनाओं के परमेश्वर, फिर आ! स्वर्ग से ध्यान देकर देख, और इस दाखलता की सुधि ले, 15 ये पौधा तू ने अपने दाहिने हाथ से लगाया, और जो लता की शाखा तू ने अपने लिये दृढ़ की है। 16 वह जल गई, वह कट गई है; तेरी घुड़की से वे नाश होते हैं। मत्ती 23:29-37 29 हे कपटी शास्त्रियों, और फरीसियों, तुम पर हाय; तुम भविष्यद्वक्ताओं की कब्रें संवारते और धमिर्यों की कब्रें बनाते हो। 30 और कहते हो, कि यदि हम अपने बाप-दादों के दिनों में होते तो भविष्यद्वक्ताओं की हत्या में उन के साझी न होते। 31 इस से तो तुम अपने पर आप ही गवाही देते हो, कि तुम भविष्यद्वक्ताओं के घातकों की सन्तान हो। 32 सो तुम अपने बाप-दादों के पाप का घड़ा भर दो। 33 हे सांपो, हे करैतों के बच्चों, तुम नरक के दण्ड से क्योंकर बचोगे? 34 इसलिये देखो, मैं तुम्हारे पास भविष्यद्वक्ताओं और बुद्धिमानों और शास्त्रियों को भेजता हूं; और तुम उन में से कितनों को मार डालोगे, और क्रूस पर चढ़ाओगे; और कितनों को अपनी सभाओं में कोड़े मारोगे, और एक नगर से दूसरे नगर में खदेड़ते फिरोगे। 35 जिस से धर्मी हाबिल से लेकर बिरिक्याह के पुत्र जकरयाह तक, जिसे तुम ने मन्दिर और वेदी के बीच में मार डाला था, जितने धमिर्यों का लोहू पृथ्वी पर बहाया गया है, वह सब तुम्हारे सिर पर पड़ेगा। 36 मैं तुम से सच कहता हूं, ये सब बातें इस समय के लोगों पर आ पड़ेंगी॥ 37 हे यरूशलेम, हे यरूशलेम; तू जो भविष्यद्वक्ताओं को मार डालता है, और जो तेरे पास भेजे गए, उन्हें पत्थरवाह करता है, कितनी ही बार मैं ने चाहा कि जैसे मुर्गी अपने बच्चों को अपने पंखों के नीचे इकट्ठे करती है, वैसे ही मैं भी तेरे बालकों को इकट्ठे कर लूं, परन्तु तुम ने न चाहा। प्रेरितों 7:52 52 भविष्यद्वक्ताओं में से किस को तुम्हारे बाप दादों ने नहीं सताया, और उन्होंने उस धर्मी के आगमन का पूर्वकाल से सन्देश देने वालों को मार डाला, और अब तुम भी उसके पकड़वाने वाले और मार डालने वाले हुए। इब्रानियों 1:1 पूर्व युग में परमेश्वर ने बाप दादों से थोड़ा थोड़ा करके और भांति भांति से भविष्यद्वक्ताओं के द्वारा बातें कर के। यूहन्ना 3:36 36 जो पुत्र पर विश्वास करता है, अनन्त जीवन उसका है; परन्तु जो पुत्र की नहीं मानता, वह जीवन को नहीं देखेगा, परन्तु परमेश्वर का क्रोध उस पर रहता है॥
संगीत
जल्दी वक्त गुजरता जाता है, रात अंधेरी आती है तौबा का दरवाजा होगा बन्द कुछ न होगा फिर पछताने से।
कलवरी के पास खड़ा हो, खून की धारा को देखता जा तेरे पापों का यही दाम, दिया है मसीह यीशु ने।