पाठ 15 : रुत और बोअज़

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Instrumental

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सारांश

परिचय : हमने देखा कि रूत अनाज बीनने के लिये खेत में गई। जिस खेत में वह गई थी, वह खेत बोअज का था। यह व्यक्ति उसके ससुर एलीमेलेक का नज़दीकी रिश्तेदार था और बहुत धनी था। रूत अनजाने में ही उसके खेत में चली गई थी। यह परमेश्वर की योजना के अनुसार ही उसके लिये हुआ था। हमें याद रखना चाहिये कि परमेश्वर हमारे जीवन की छोटी बातों पर भी नियंत्रण रखता है। मत्ती 10:30 में हम पढ़ते हैं, ‘‘तुम्हारे सिर के बाल भी सब गिने हुए हैं।’’ जब रूत बीन रही थी, बोअज खेत में आया। बोअज दयालू और परमेश्वर का भय मानने वाला था। वह अपने दासों से प्रेम करता था। वे भी उससे प्रेम करते और उसका आदर करते थे। इस बात को हम अभिवादन के शब्दों में देख सकते हैं जो वे प्रभु के नाम में करते हैं। बोअज ने आदर्श और शर्मीली स्त्री को देखा जो खेत में बीन रही थी। फसल काटने वालों के निरीक्षकों ने उसे रूत के विषय अच्छी बातें बताई। उसका व्यवहार इतना अच्छा था कि जो भी उसे देखता तुरंत उसके विषय अच्छा ही सोचता। बोअज ने रूत के साथ नम्रता से बात किया। वह उसके सामने झुककर बोली, ‘‘क्या कारण है कि तूने मुझ परदेशिन पर अनुग्रह की दृष्टि करके मेरी सुधि ली है?’’ जैसे वह उसकी सास से बोलती थी वैसे ही शब्द उसने बोअज से बोली जो अतिशय हृदय को छूनेवाले और सुखदायी थे। हमारे शब्द हमेशा ऐसा होना चाहिये जो दूसरों को शांति और आनंद प्रदान करें। महान और धनी बोअज ने रूत के साथ नम्रता और दयालुता का व्यवहार किया। वह हमारे प्रभु यीशु मसीह का एक प्रकार है। बोअज ने रूत के लिये जो किया उसमें हम उस चित्रण को देखते हैं जो प्रभु उन्हें देता है जो उसके पास आते हैं। ये कुछ बातें हैं जो बोअज़ ने रूत के लिये की,

  1. उसने उसे उसके खेत में तब तक बीनने को कहा जब तक कटनी पूरी नहीं हो जाती और उसके कर्मचारियों से कहा कि वे विशेषकर उसके लिये कुछ बालियाँ गिराया करें। हमारा प्रभु उसके दासों को कार्य करने के लिये खेत देता है, और उनके कार्यों को मजदूरी भी देता है।

  2. बोअज़ ने रूत से कहा कि वह उसकी दासी लड़कियों के संग रहे। प्रभु हमें उसके लोगों की संगति देता है।

  3. उसने उसे खाने के लिये भोजन दिया और दासों से कहा कि वे उसे न रोकें और न डाँटे। हमारा प्रभु हमें रोज की रोटी देता है, और हमारी रक्षा करता है।

  4. अंत में बोअज ने उसे पत्नी बनाया और अपनी सारी संपत्ति की भागीदार बनाया। अंत में हमारा प्रभु भी हमें महिमा में उसके साथ स्वीकार करेगा और हमेशा के लिये उसकी दुल्हन बनाएगा नओमी ने रूत को बताई कि बोअज भूमि छुड़ानेवाला रिश्तेदार है। इस्राएल में एक नियम था कि जब कोई व्यक्ति बिना संतान के मर जाता था तो उसके भाई को उस विधवा से विवाह करना पड़ता था (व्यवस्थाविवरण 25:5)। बाद में यह प्रथा बन गई कि यदि मृतक के भाई न हों तो नजदीकी रिश्तेदार उस विधवा से विवाह कर सकता था। ऐसा रिश्तेदार छुड़ानेवाला कहलाता था। यह जानकर और उसकी सास की सलाह के अनुसार रूत बोअज के पास गई। बोअज ने उसे उसके चरणों में शरण लेने के विषय नहीं डाँटा। हमारा प्रभु भी किसी को नहीं डाँटता जो उसके पास आते हैं। वे सब जो चिंतित और बोझ से दबे हुए हैं, उसके पास विश्राम पाएंगे। (मत्ती 11:28)। बोअज नगर के फाटक पर गया। जैसा कि हमने पहले देखा कि यह वह स्थान था जहाँ नगर के मुखिये आपस में मिलकर महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करते थे। बोअज ने दस वृद्धों को बुलाकर बिठाया। सामान्यतः दो या तीन गवाह काफी होते हैं, परंतु चूंकि बोअज अति महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा करना चाहता था, उसने दस लोगों को बुलाया। कई और लोग भी वहाँ इकट्ठे हो गए। उनकी उपस्थिति में बोअज ने रूत से विवाह करने का अपना इरादा घोषित किया। तब वहाँ इकट्ठे सभी लोग और वृद्ध संतुष्ट हो गए और बोअज और रूत पर आशीषों और शुभकामनाओं की बौछार किये। इस प्रकार उनका विवाह हो गया और परमेश्वर ने उसे प्रतिफल दिया जिसने अपने लोग और देश को जीवते परमेश्वर के लिये छोड़ आई थी। परमेश्वर ने नओमी को भी आनंद और शांति दिया। आखिरकार, रूत और बोअज को एक पुत्र हुआ। उसका नाम ओबेद था। दाऊद राजा का पिता यिशै ओबेद का पुत्र था। आप जानते हैं कि मसीह का जन्म दाऊद के वंश में ही हुआ था। मोआबी रूत हमारे प्रभु यीशु मसीह की दादी माँ थी। परमेश्वर उन्हें उँचा उठाता है जो उस पर पूरा भरोसा करते हैं। नोट : बोअज - बलवान पुरुष कौटुँबिक छुड़ानेवाला - मूल अर्थ स्वतंत्र करना। इब्री लोगों में गोएल, जीवते में सबसे नजदीक खून का रिश्तेदार होता था। उसके उपर अगले वारिस की जवाबदार बनती थी।

  5. यदि कोई व्यक्ति गरीबी के कारण उसकी संपत्ति को छुड़ा नहीं सकता था तो यह ऐसे कुटुंबी छुड़ानेवाले की जवाबदारी बनती थी कि उसे छुड़ाए (लैव्यवस्था 25ः25-28; रूत 3ः9,12)। उसे उस रिश्तेदार को भी छुड़ाना होता था जिसने स्वयँ को गुलामी में बेच दिया हो (लैव्यवस्था 25ः48,49)।

  6. गोएल खून का बदला लेने वाला भी था (गिनती 35ः21) यदि मामला अगले वारिसदार की हत्या का होता था। यद्यपि इस पुस्तक की घटनाएँ न्यायियों के समय में हुई थीं, इन्हें कुछ वर्षों बाद ही लिखा गया। यह बात इन अभिव्यक्तियों द्वारा प्रमाणित होती है जैसे ‘‘पहले के समय में यह प्रथा थी।’’ (4ः7)। कुछ लोगों का मानना है कि शमुएल ने इस पुस्तक को लिखा था

बाइबल अध्यन

रूत अध्याय 2 नाओमी के पति एलीमेलेक के कुल में उसका एक बड़ा धनी कुटुम्बी था, जिसका नाम बोअज था। 2 और मोआबिन रूत ने नाओमी से कहा, मुझे किसी खेत में जाने दे, कि जो मुझ पर अनुग्रह की दृष्टि करे, उसके पीछे पीछे मैं सिला बीनती जाऊं। उसने कहा, चली जा, बेटी। 3 सो वह जा कर एक खेत में लवने वालों के पीछे बीनने लगी, और जिस खेत में वह संयोग से गई थी वह एलीमेलेक के कुटुम्बी बोअज का था। 4 और बोअज बेतलेहेम से आकर लवने वालों से कहने लगा, यहोवा तुम्हारे संग रहे, और वे उस से बोले, यहोवा तुझे आशीष दे। 5 तब बोअज ने अपने उस सेवक से जो लवने वालों के ऊपर ठहराया गया था पूछा, वह किस की कन्या है। 6 जो सेवक लवने वालों के ऊपर ठहराया गया था उसने उत्तर दिया, वह मोआबिन कन्या है, जो नाओमी के संग मोआब देश से लौट आई है। 7 उसने कहा था, मुझे लवने वालों के पीछे पीछे पूलों के बीच बीनने और बालें बटोरने दे। तो वह आई, और भोर से अब तक यहीं है, केवल थोड़ी देर तक घर में रही थी। 8 तब बोअज ने रूत से कहा, हे मेरी बेटी, क्या तू सुनती है? किसी दूसरे के खेत में बीनने को न जाना, मेरी ही दासियों के संग यहीं रहना। 9 जिस खेत को वे लवतीं हों उसी पर तेरा ध्यान बन्धा रहे, और उन्हीं के पीछे पीछे चला करना। क्या मैं ने जवानों को आज्ञा नहीं दी, कि तुझ से न बोलें? और जब जब तुझे प्यास लगे, तब तब तू बरतनों के पास जा कर जवानों का भरा हुआ पानी पीना। 10 तब वह भूमि तक झुककर मुंह के बल गिरी, और उस से कहने लगी, क्या कारण है कि तू ने मुझ परदेशिन पर अनुग्रह की दृष्टि करके मेरी सुधि ली है? 11 बोअज ने उत्तर दिया, जो कुछ तू ने पति मरने के पीछे अपनी सास से किया है, और तू किस रीति अपने माता पिता और जन्मभूमि को छोड़कर ऐसे लोगों में आई है जिन को पहिले तू ने जानती थी, यह सब मुझे विस्तार के साथ बताया गया है। 12 यहोवा तेरी करनी का फल दे, और इस्राएल का परमेश्वर यहोवा जिसके पंखों के तले तू शरण लेने आई है तुझे पूरा बदला दे 13 उसने कहा, हे मेरे प्रभु, तेरे अनुग्रह की दृष्टि मुझ पर बनी रहे, क्योंकि यद्यपि मैं तेरी दासियों में से किसी के भी बराबर नहीं हूं, तौभी तू ने अपनी दासी के मन में पैठनेवाली बातें कहकर मुझे शान्ति दी है। 14 फिर खाने के समय बोअज ने उस से कहा, यहीं आकर रोटी खा, और अपना कौर सिरके में बोर। तो वह लवने वालों के पास बैठ गई; और उसने उसको भुनी हुई बालें दी; और वह खाकर तृप्त हुई, वरन कुछ बचा भी रखा। 15 जब वह बीनने को उठी, तब बोअज ने अपने जवानों को आज्ञा दी, कि उसको पूलों के बीच बीच में भी बीनने दो, और दोष मत लगाओ। 16 वरन मुट्ठी भर जाने पर कुछ कुछ निकाल कर गिरा भी दिया करो, और उसके बीनने के लिये छोड़ दो, और उसे घुड़ को मत। 17 सो वह सांझ तक खेत में बीनती रही; तब जो कुछ बीन चुकी उसे फटका, और वह कोई एपा भर जौ निकला। 18 तब वह उसे उठा कर नगर में गई, और उसकी सास ने उसका बीना हुआ देखा, और जो कुछ उसने तृप्त हो कर बचाया था उसको उसने निकाल कर अपनी सास को दिया। 19 उसकी सास ने उस से पूछा, आज तू कहां बीनती, और कहां काम करती थी? धन्य वह हो जिसने तेरी सुधि ली है। तब उसने अपनी सास को बता दिया, कि मैं ने किस के पास काम किया, और कहा, कि जिस पुरूष के पास मैं ने आज काम किया उसका नाम बोअज है। 20 नाओमी ने अपनी बहू से कहा, वह यहोवा की ओर से आशीष पाए, क्योंकि उसने न तो जीवित पर से और न मरे हुओं पर से अपनी करूणा हटाई! फिर नाओमी ने उस से कहा, वह पुरूष तो हमारा कुटुम्बी है, वरन उन में से है जिन को हमारी भूमि छुड़ाने का अधिकार है। 21 फिर रूत मोआबिन बोली, उसने मुझ से यह भी कहा, कि जब तक मेरे सेवक मेरी कटनी पूरी न कर चुकें तब तक उन्हीं के संग संग लगी रह। 22 नाओमी ने अपनी बहु रूत से कहा, मेरी बेटी यह अच्छा भी है, कि तू उसी की दासियों के साथ साथ जाया करे, और वे तुझ को दूसरे के खेत में न मिलें। 23 इसलिये रूत जौ और गेहूं दोनों की कटनी के अन्त तक बीनने के लिये बोअज की दासियों के साथ साथ लगी रही; और अपनी सास के यहां रहती थी॥ अध्याय 3 उसकी सास नाओमी ने उस से कहा, हे मेरी बेटी, क्या मैं तेरे लिये ठांव न ढूंढूं कि तेरा भला हो? 2 अब जिसकी दासियों के पास तू थी, क्या वह बोअज हमारा कुटुम्बी नहीं है? वह तो आज रात को खलिहान में जौ फटकेगा। 3 तू स्नान कर तेल लगा, वस्त्र पहिनकर खलिहान को जा; परन्तु जब तक वह पुरूष खा पी न चुके तब तक अपने को उस पर प्रगट न करना। 4 और जब वह लेट जाए, तब तू उस के लेटने के स्थान को देख लेना; फिर भीतर जा उसके पांव उघार के लेट जाना; तब वही तुझे बताएगा कि तुझे क्या करना चाहिये। 5 उसने उस से कहा, जो कुछ तू कहती है वह सब मैं करूंगी। 6 तब वह खलिहान को गई और अपनी सास की आज्ञा के अनुसार ही किया। 7 जब बोअज खा पी चुका, और उसका मन आनन्दित हुआ, तब जा कर राशि के एक सिरे पर लेट गया। तब वह चुपचाप गई, और उसके पांव उघार के लेट गई। 8 आधी रात को वह पुरूष चौंक पड़ा, और आगे की ओर झुककर क्या पाया, कि मेरे पांवों के पास कोई स्त्री लेटी है। 9 उसने पूछा, तू कौन है? तब वह बोली, मैं तो तेरी दासी रूत हूं; तू अपनी दासी को अपनी चद्दर ओढ़ा दे, क्योंकि तू हमारी भूमि छुड़ाने वाला कुटुम्बी है। 10 उसने कहा, हे बेटी, यहोवा की ओर से तुझ पर आशीष हो; क्योंकि तू ने अपनी पिछली प्रीति पहिली से अधिक दिखाई, क्योंकि तू, क्या धनी, क्या कंगाल, किसी जवान के पीछे नहीं लगी। 11 इसलिये अब, हे मेरी बेटी, मत डर, जो कुछ तू कहेगी मैं तुझ से करूंगा; क्योंकि मेरे नगर के सब लोग जानते हैं कि तू भली स्त्री है। 12 और अब सच तो है कि मैं छुड़ाने वाला कुटुम्बी हूं, तौभी एक और है जिसे मुझ से पहिले ही छुड़ाने का अधिकार है। 13 सो रात भर ठहरी रह, और सबेरे यदि वह तेरे लिये छुड़ाने वाले का काम करना चाहे; तो अच्छा, वही ऐसा करे; परन्तु यदि वह तेरे लिये छुड़ाने वाले का काम करने को प्रसन्न न हो, तो यहोवा के जीवन की शपथ मैं ही वह काम करूंगा। भोर तक लेटी रह। 14 तब वह उसके पांवों के पास भोर तक लेटी रही, और उस से पहिले कि कोई दूसरे को चीन्ह सके वह उठी; और बोअज ने कहा, कोई जानने न पाए कि खलिहान में कोई स्त्री आई थी। 15 तब बोअज ने कहा, जो चद्दर तू ओढ़े है उसे फैलाकर थाम्भ ले। और जब उसने उसे थाम्भा तब उसने छ: नपुए जौ नापकर उसको उठा दिया; फिर वह नगर में चली गई। 16 जब रूत अपनी सास के पास आई तब उसने पूछा, हे बेटी, क्या हुआ? तब जो कुछ उस पुरूष ने उस से किया था वह सब उसने उसे कह सुनाया। 17 फिर उसने कहा, यह छ: नपुए जौ उसने यह कहकर मुझे दिया, कि अपनी सास के पास छूछे हाथ मत जा। 18 उसने कहा, हे मेरी बेटी, जब तक तू न जाने कि इस बात का कैसा फल निकलेगा, तब तक चुपचाप बैठी रह, क्योंकि आज उस पुरूष को यह काम बिना निपटाए चैन न पड़ेगा॥ अध्याय 4 तब बोअज फाटक के पास जा कर बैठ गया; और जिस छुड़ाने वाले कुटुम्बी की चर्चा बोअज ने की थी, वह भी आ गया। तब बोअज ने कहा, हे फुलाने, इघर आकर यहीं बैठ जा; तो वह उधर जा कर बैठ गया। 2 तब उसने नगर के दस वृद्ध लोगों को बुलाकर कहा, यहीं बैठ जाओ; वे भी बैठ गए। 3 तब वह छुड़ाने वाले कुटुम्बी से कहने लगा, नाओमी जो मोआब देश से लौट आई है वह हमारे भाई एलीमेलेक की एक टुकड़ा भूमि बेचना चाहती है। 4 इसलिये मैं ने सोचा कि यह बात तुझ को जताकर कहूंगा, कि तू उसको इन बैठे हुओं के साम्हने और मेरे लोगों के इन वृद्ध लोगों के साम्हने मोल ले। और यदि तू उसको छुड़ाना चाहे, तो छुड़ा; और यदि तू छुड़ाना न चाहे, तो मुझे ऐसा ही बता दे, कि मैं समझ लूं; क्योंकि तुझे छोड़ उसके छुड़ाने का अधिकार और किसी को नहीं है, और तेरे बाद मैं हूं। उसने कहा, मैं उसे छुड़ाऊंगा। 5 फिर बोअज ने कहा, जब तू उस भूमि को नाओमी के हाथ से मोल ले, तब उसे रूत मोआबिन के हाथ से भी जो मरे हुए की स्त्री है इस मनसा से मोल लेना पड़ेगा, कि मरे हुए का नाम उसके भाग में स्थिर कर दे। 6 उस छुड़ाने वाले कुटुम्बी ने कहा, मैं उसको छुड़ा नहीं सकता, ऐसा न हो कि मेरा निज भाग बिगड़ जाए। इसलिये मेरा छुड़ाने का अधिकार तू ले ले, क्योंकि मुझ से वह छुड़ाया नहीं जाता। 7 अगले समय में इस्राएल में छुड़ाने के बदलने के विषय में सब पक्का करने के लिये यह व्यवहार था, कि मनुष्य अपनी जूती उतार के दूसरे को देता था। इस्राएल में गवाही इसी रीति होती थी। 8 इसलिये उस छुड़ाने वाले कुटुम्बी ने बोअज से यह कहकर; कि तू उसे मोल ले, अपनी जूती उतारी। 9 तब बोअज ने वृद्ध लोगों और सब लोगों से कहा, तुम आज इस बात के साक्षी हो कि जो कुछ एलीमेलेक का और जो कुछ किल्योन और महलोन का था, वह सब मैं नाओमी के हाथ से मोल लेता हूं। 10 फिर महलोन की स्त्री रूत मोआबिन को भी मैं अपनी पत्नी करने के लिये इस मनसा से मोल लेता हूं, कि मरे हुए का नाम उसके निज भाग पर स्थिर करूं, कहीं ऐसा न हो कि मरे हुए का नाम उसके भाइयों में से और उसके स्थान के फाटक से मिट जाए; तुम लोग आज साक्षी ठहरे हो। 11 तब फाटक के पास जितने लोग थे उन्होंने और वृद्ध लोगों ने कहा, हम साक्षी हैं। यह जो स्त्री तेरे घर में आती है उसको यहोवा इस्राएल के घराने की दो उपजानेवाली राहेल और लिआ: के समान करे। और तू एप्राता में वीरता करे, और बेतलेहेम में तेरा बड़ा नाम हो; 12 और जो सन्तान यहोवा इस जवान स्त्री के द्वारा तुझे दे उसके कारण से तेरा घराना पेरेस का सा हो जाए, जो तामार से यहूदा के द्वारा उत्पन्न हुआ। 13 तब बोअज ने रूत को ब्याह लिया, और वह उसकी पत्नी हो गई; और जब वह उसके पास गया तब यहोवा की दया से उसको गर्भ रहा, और उसके एक बेटा उत्पन्न हुआ। 14 तब स्त्रियों ने नाओमी से कहा, यहोवा धन्य है, जिसने तुझे आज छुड़ाने वाले कुटुम्बी के बिना नहीं छोड़ा; इस्राएल में इसका बड़ा नाम हो। 15 और यह तेरे जी में जी ले आनेवाला और तेरा बुढ़ापे में पालनेवाला हो, क्योंकि तेरी बहू जो तुझ से प्रेम रखती और सात बेटों से भी तेरे लिये श्रेष्ट है उसी का यह बेटा है। 16 फिर नाओमी उस बच्चे को अपनी गोद में रखकर उसकी धाई का काम करने लगी। 17 और उसकी पड़ोसिनों ने यह कहकर, कि नाओमी के एक बेटा उत्पन्न हुआ है, लड़के का नाम ओबेद रखा। यिशै का पिता और दाऊद का दादा वही हुआ॥ 18 पेरेस की यह वंशावली है, अर्थात पेरेस से हेब्रोन, 19 और हेब्रोन से राम, और राम से अम्मीनादाब, 20 और अम्मीनादाब से नहशोन, और नहशोन से सल्मोन 21 और सल्मोन से बोअज, और बोअज से ओबेद, 22 और ओबेद से यिशै, और यिशै से दाऊद उत्पन्न हुआ॥ 1 पतरस 1:18-19 18 क्योंकि तुम जानते हो, कि तुम्हारा निकम्मा चाल-चलन जो बाप दादों से चला आता है उस से तुम्हारा छुटकारा चान्दी सोने अर्थात नाशमान वस्तुओं के द्वारा नहीं हुआ। 19 पर निर्दोष और निष्कलंक मेम्ने अर्थात मसीह के बहुमूल्य लोहू के द्वारा हुआ। मत्ती 10:30 30 तुम्हारे सिर के बाल भी सब गिने हुए हैं। व्यवस्था 25:5 5 जब कोई भाई संग रहते हों, और उन में से एक निपुत्र मर जाए, तो उसकी स्त्री का ब्याह पर गोत्री से न किया जाए; उसके पति का भाई उसके पास जा कर उसे अपनी पत्नी कर ले, और उस से पति के भाई का धर्म पालन करे।

संगीत

मुझमें यीशु की शोभा दिखाई दे, उसका अद्भुत प्यार और वह निर्मलता, हे तू, आत्मा पवित्र! कर शुद्ध मेरा चरित्र, मुझमें यीशु की शोभा दिखाई दे।