पाठ 10 : आकान
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सारांश
क्या आपने कभी छिपकर कोई गलत काम किया है, यह सोचकर कि किसी को उस बात का पता नहीं चलेगा? (कुछ उदाहरण दें)। लूसी के पापा ने उसके जन्मदिन पर उसे एक रंगबिरंगी गुड़िया लाकर दिये। उसका भाई उससे इर्ष्या करने लगा। एक दिन किसी तरह गुड़िया गायब हो गई। लूसी और परिवार के सभी सदस्यों ने उसे ढूंढा, परंतु नहीं खोज सके। कई सप्ताह बीत गए और आंगन के एक कोने में उन्होंने नए बीज के पौधों का समूह देखा। लूसी उन्हें उखाड़कर उनके खेत में लगाना चाहती थी। इसलिये उसने उन्हें खोदने की कोशिश की। ऐसा करते समय उसे उसकी गुड़िया वहाँ दफन की हुई मिली! उस गुड़िया को वहाँ किसने गाड़ा? बेशक लूसी के भाई ने ही गाड़ा था। उस गुड़िया के कपड़ों के टुकड़ों में बीन्स के कुछ बीज थे जो अंकुरित हो गये थे! उसके पाप ने उसे पकड़वा दिया। इस कहानी को सुनें और देखें कि एक छिपा हुआ पाप किस तरह प्रकाश में आया हमने देखा कि इस्राएलियों ने कैसे यरीहो शहर पर कब्जा किया था। यहोशू ने लोगों से कहा था कि क्योंकि यरीहो का सब कुछ श्रापित था, सभी चांदी, और सोना और पीतल और लोहे के बर्तन परमेश्वर को समर्पित किये जाएँ (यहोशू 6:17-19)। परंतु जब यहूदा के गोत्र के आकान ने कुछ अच्छी चीजों को देखा तो वह उन्हें हासिल करना चाहता था। परमेश्वर की आज्ञा को नजरअंदाज करते हुए उसने उन चीजों को अपने पास रख लिया। अपनी आखों की अभिलाषा में पड़कर उसने परमेश्वर के विरुद्ध पाप किया। हमारी प्रथम माता हव्वा ने मना किये हुए फल को लेकर खाई क्योंकि वह देखने में मनभाऊ था (उत्पत्ति 3:6)। अय्यूब ने कहा कि उसने अपनी आखों के साथ वाचा बांधा है कि वह ऐसी बातों को नहीं देखेगा जो परमेश्वर को प्रसन्न नहीं करते (अय्यूब 31:1)। परमेश्वर की संतानों को स्वयं को निश्चित करना चाहिये कि वे ऐसी चीजों को नहीं देखेंगे जिसकी मनाही की गई होआकान ने बेबीलोन का एक वस्त्र, चांदी के दो सौ शेकेल और सोने की एक ईंट ले लिया। जब उसने उसकी इच्छानुसार चीजें पा लिया तो वही उसके लिये बोझ बन गई। वह ओढ़ना ओढ़कर बाहर नहीं जा सकता था और न ही चांदी या सोना किसी को दिखा सकता था। इसलिये उसने सब कुछ अपने तंबू में गाड़ दिया। आकान ने सोचा कि इतनी बड़ी भीड़ में वह पकड़ा नहीं जाएगा, परंतु परमेश्वर ने जो सब कुछ देखता है उसके कार्य को भी देखा। यरीहो के बाद इस्राएलियों को जो स्थान लेना था वह ऐ था, जो बेतेल से दो मील दूर दक्षिणपूर्ण में छोटा शहर था (उत्पत्ति 12:8; 13:3)। यह सोचकर कि उसे आसानी से जीता जा सकता है, यहोशू ने वहाँ केवल 3000 पुरुषों को ही भेजा, परंतु उन्हें ऐ के लोगों के सामने से भाग जाना पड़ा। जो विजय इस्राएलियों ने अब तक हासिल किया था वह उनकी ताकत से नहीं थीं, परंतु परमेश्वर के अनुग्रह और सामर्थ से थी। जब छावनी में पाप आया तो उन्होंने उस सामर्थ को खो दिया। फिर यहोशू और इस्राएल के अगुवे परमेश्वर के संदूक के आगे दंडवत किया और प्रार्थना की। परमेश्वर के लोगों को जब भी वे मुसीबत में हो, परमेश्वर के ही पास जाना चाहिये। भजनकार कहता है : ‘‘जब तक ये विपत्तियाँ निकल न जाएँ तब तक में तेरे पंखां तले शरण लिये रहूँगा’’ (भजन 57:1)। परमेश्वर ने यहोशू को बताया कि उनकी पराजय पाप के कारण हुई थी। विजय के लिये प्रार्थना करने से पहले उन्हें उनके पापों से छुटकारा पाना चाहिये। कोई भी व्यक्ति जिसके पाप धोकर शुद्ध न किए गये हों, पवित्र परमेश्वर के संमुख खड़े नहीं रह सकता। यहोशू सुबह जल्दी उठ गया और सभी इस्त्राएलियों को उनके गोत्रों के अनुसार उसके सामने लाया। सबसे पहले यहूदा का गोत्र अलग किया गया फिर जेरहवंशियों का परिवार, फिर जबदी और अंत में आकान का परिवार जो कर्म्मी का पुत्र था अलग किये गये। यहोशू ने यह कार्य चिट्ठियाँ डालकर किया होगा (नीतिवचन 16:33)। जब आकान को ले जाया जा रहा था तब यहोशू ने दुख के साथ उसके इस पाप के विषय पूछा। आकान ने अपना पाप स्वीकार कर लिया। यदि वह ले जाए जाने के पहले अपना पाप मान लेता और माफी मांग लिया होता तो अच्छा हुआ होता। उसने उन्हें बताया कि उसके द्वारा रखी गई वे वस्तुएँ उसके तंबू के भीतर जमीन में गड़ी हैं। यहोशू ने दूतों को भेजा कि वे उसे निकाल ले आएँ। फिर यहोशू और इस्राएल की सभी संतानों ने आकान, चांदी और ओढ़ना, और सोना और उसके बेटे और बेटियों को, उसके बैलों, गदहों, भेडों, उसके तंबू और उसका जो कुछ था लेकर आकोर नामक घाटी में ले गये। वहाँ लोगों ने उन्हें पथरवाह करके मार डाला और उन्हें आग से जला दिया इस्राएल को दी गई सामान्य आज्ञाओं में एक आज्ञा यह थी कि पिता के पाप की सजा बच्चों को नहीं दी जानी चाहिये (व्यवस्थाविवरण 24:16 ) हम नहीं जानते कि आकान के बच्चों को छोड़ दिया गया था या नहीं, परंतु हम यह देखते हैं कि परमेश्वर की आज्ञा का पालन करना कितनी महत्वपूर्ण बात है (ऐसा माना जाता है कि आकान का परिवार भी इस पाप में शामिल था! परिवार ने उसे चोरी की वस्तुओं को तंबू में छिपाने में मदद की होगी । रहा होगा)। परमेश्वर के लोगों को पवित्र रहना चाहिये उन्हें ऐसी वस्तुओं की लालसा नहीं करना चाहिये जिन्हें परमेश्वर ने शापित किया या मना किया है। परमेश्वर का न्याय अशुद्धता और अनाज्ञाकारिता के पाप पर आता ही है, और व्यक्ति के गलत कार्य दूसरों के लिये भी क्लेश का कारण होते हैं। आकान की अनाज्ञाकारिता ने सारे इस्राएल को पराजय दिलाई और परमेश्वर के कई लोग युद्ध में मारे गये आकान ऐ नगर में परमेश्वर की आशीषें पाया होता यदि वह परमेश्वर की आज्ञा का पालन करता बजाय अपनी लालच को महत्व देने के। याद रखें पाप हमेशा आपको और दूसरों को तकलीफ पहुँचाता है। यह परमेश्वर का महान अनुग्रह है कि हमारे पाप इस अनुग्रह के युग में क्षमा किये जा सकते हैं यदि हम पश्चाताप करें और अपने पापों का अंगीकार करें और स्वयँ को पूरी तरह मसीह के अधीन करें (1 यूहन्ना 1:7)। ‘‘जान रखो कि तुम को तुम्हारा पाप लगेगा’’ (गिनती 32:23)। नोट : आकान - वह जो तकलीफ देता ह
बाइबल अध्यन
यहोशू अध्याय 7 परन्तु इस्राएलियों ने अर्पण की वस्तु के विषय में विश्वासघात किया; अर्थात यहूदा के गोत्र का आकान, जो जेरहवंशी जब्दी का पोता और कर्म्मी का पुत्र था, उसने अर्पण की वस्तुओं में से कुछ ले लिया; इस कारण यहोवा का कोप इस्राएलियों पर भड़क उठा॥ 2 और यहोशू ने यरीहो से ऐ नाम नगर के पास, जो बेतावेन से लगा हुआ बेतेल की पूर्व की ओर है, कितने पुरूषों को यह कहकर भेजा, कि जा कर देश का भेद ले आओ। और उन पुरूषों ने जा कर ऐ का भेद लिया। 3 और उन्होंने यहोशू के पास लौटकर कहा, सब लोग वहां न जाएं, कोई दो वा तीन हजार पुरूष जा कर ऐ को जीत सकते हैं; सब लोगों को वहां जाने का कष्ट न दे, क्योंकि वे लोग थोड़े ही हैं। 4 इसलिये कोई तीन हजार पुरूष वहां गए; परन्तु ऐ के रहने वालों के साम्हने से भाग आए, 5 तब ऐ के रहने वालों ने उन में से कोई छत्तीस पुरूष मार डाले, और अपने फाटक से शबारीम तक उनका पीछा करके उतराई में उन को मारते गए। तब लोगों का मन पिघलकर जल सा बन गया। 6 तब यहोशू ने अपने वस्त्र फाड़े, और वह और इस्राएली वृद्ध लोग यहोवा के सन्दूक के साम्हने मुंह के बल गिरकर पृथ्वी पर सांझ तक पड़े रहे; और उन्होंने अपने अपने सिर पर धूल डाली। 7 और यहोशू ने कहा, हाय, प्रभु यहोवा, तू अपनी इस प्रजा को यरदन पार क्यों ले आया? क्या हमें एमोरियों के वश में करके नष्ट करने के लिये ले आया है? भला होता कि हम संतोष करके यरदन के उस पार रह जाते। 8 हाय, प्रभु मैं क्या कहूं, जब इस्राएलियों ने अपने शत्रुओं को पीठ दिखाई है! 9 क्योंकि कनानी वरन इस देश के सब निवासी यह सुनकर हम को घेर लेंगे, और हमारा नाम पृथ्वी पर से मिटा डालेंगे; फिर तू अपने बड़े नाम के लिये क्या करेगा? 10 यहोवा ने यहोशू से कहा, उठ, खड़ा हो जा, तू क्यों इस भांति मुंह के बल पृथ्वी पर पड़ा है? 11 इस्राएलियों ने पाप किया है; और जो वाचा मैं ने उन से अपने साथ बन्धाई थी उसको उन्होंने तोड़ दिया है, उन्होंने अर्पण की वस्तुओं में से ले लिया, वरन चोरी भी की, और छल करके उसको अपने सामान में रख लिया है। 12 इस कारण इस्राएली अपने शत्रुओं के साम्हने खड़े नहीं रह सकते; वे अपने शत्रुओं को पीठ दिखाते हैं, इसलिये कि वे आप अर्पण की वस्तु बन गए हैं। और यदि तुम अपने मध्य में से अर्पण की वस्तु को सत्यानाश न कर डालोगे, तो मैं आगे को तुम्हारे संग नहीं रहूंगा। 13 उठ, प्रजा के लोगों को पवित्र कर, उन से कह; कि बिहान तक अपने अपने को पवित्र कर रखो; क्योंकि इस्राएल का परमेश्वर यहोवा यह कहता है, कि हे इस्राएल, तेरे मध्य में अर्पण की वस्तु है; इसलिये जब तक तू अर्पण की वस्तु को अपने मध्य में से दूर न करे तब तक तू अपने शत्रुओं के साम्हने खड़ा न रह सकेगा। 14 इसलिये बिहान को तुम गोत्र गोत्र के अनुसार समीप खड़े किए जाओगे; और जिस गोत्र को यहोवा पकड़े वह एक एक कुल करके पास आए; और जिस कुल को यहोवा पकड़े सो घराना घराना करके पास आए; फिर जिस घराने को यहोवा पकड़े वह एक एक पुरूष करके पास आए। 15 तब जो पुरूष अर्पण की वस्तु रखे हुए पकड़ा जाएगा, वह और जो कुछ उसका हो सब आग में डालकर जला दिया जाए; क्योंकि उसने यहोवा की वाचा को तोड़ा है, और इस्राएल में अनुचित कर्म किया है॥ 16 बिहान को यहोशू सवेरे उठ कर इस्राएलियों को गोत्र गोत्र करके समीप लिवा ले गया, और यहूदा का गोत्र पकड़ा गया; 17 तब उसने यहूदा के परिवार को समीप किया, और जेरहवंशियों का कुल पकड़ा गया; फिर जेरहवंशियों के घराने के एक एक पुरूष को समीप लाया, और जब्दी पकडा गया; 18 तब उसने उसके घराने के एक एक पुरूष को समीप खड़ा किया, और यहूदा गोत्र का आकान, जो जेरहवंशी जब्दी का पोता और कर्म्मी का पुत्र था, पकड़ा गया। 19 तब यहोशू आकान से कहने लगा, हे मेरे बेटे, इस्राएल के परमेश्वर यहोवा का आदर कर, और उसके आगे अंगीकार कर; और जो कुछ तू ने किया है वह मुझ को बता दे, और मुझ से कुछ मत छिपा। 20 और आकान ने यहोशू को उत्तर दिया, कि सचमुच मैं ने इस्राएल के परमेश्वर यहोवा के विरुद्ध पाप किया है, और इस प्रकार मैं ने किया है, 21 कि जब मुझे लूट में शिनार देश का एक सुन्दर ओढ़ना, और दो सौ शेकेल चांदी, और पचास शेकेल सोने की एक ईंट देख पड़ी, तब मैं ने उनका लालच करके उन्हें रख लिया; वे मेरे डेरे के भीतर भूमि में गड़े हैं, और सब के नीचे चांदी है। 22 तब यहोशू ने दूत भेजे, और वे उस डेरे में दौड़े गए; और क्या देखा, कि वे वस्तुएं उसके डेरे में गड़ी हैं, और सब के नीचे चांदी है। 23 उन को उन्होंने डेरे में से निकाल कर यहोशू और सब इस्राएलियों के पास लाकर यहोवा के साम्हने रख दिया। 24 तब सब इस्राएलियों समेत यहोशू जेरहवंशी आकान को, और उस चांदी और ओढ़ने और सोने की ईंट को, और उसके बेटे-बेटियों को, और उसके बैलों, गदहों और भेड़-बकरियों को, और उसके डेरे को, निदान जो कुछ उसका था उन सब को आकोर नाम तराई में ले गया। 25 तब यहोशू ने उस से कहा, तू ने हमें क्यों कष्ट दिया है? आज के दिन यहोवा तुझी को कष्ट देगा। तब सब इस्राएलियों ने उसको पत्थरवाह किया; और उन को आग में डालकर जलाया, और उनके ऊपर पत्थर डाल दिए। 26 और उन्होंने उसके ऊपर पत्थरों का बड़ा ढेर लगा दिया जो आज तक बना है; तब यहोवा का भड़का हुआ कोप शान्त हो गया। इस कारण उस स्थान का नाम आज तक आ को र तराई पड़ा है॥ नीतिवचन 5:21 21 क्योंकि मनुष्य के मार्ग यहोवा की दृष्टि से छिपे नहीं हैं, और वह उसके सब मार्गों पर ध्यान करता है। यहोशू 6:17-19 17 और नगर और जो कुछ उस में है यहोवा के लिये अर्पण की वस्तु ठहरेगी; केवल राहाब वेश्या और जितने उसके घर में होंवे जीवित छोड़े जाएंगे, क्योंकि उसने हमारे भेजे हुए दूतों को छिपा रखा था। 18 और तुम अर्पण की हुई वस्तुओं से सावधानी से अपने आप को अलग रखो, ऐसा न हो कि अर्पण की वस्तु ठहराकर पीछे उसी अर्पण की वस्तु में से कुछ ले लो, और इस प्रकार इस्राएली छावनी को भ्रष्ट करके उसे कष्ट में डाल दो। 19 सब चांदी, सोना, और जो पात्र पीतल और लोहे के हैं, वे यहोवा के लिये पवित्र हैं, और उसी के भण्डार में रखे जाएं। उत्पत्ति 12:8 8 फिर वहां से कूच करके, वह उस पहाड़ पर आया, जो बेतेल के पूर्व की ओर है; और अपना तम्बू उस स्थान में खड़ा किया जिसकी पच्छिम की ओर तो बेतेल, और पूर्व की ओर ऐ है; और वहां भी उसने यहोवा के लिये एक वेदी बनाई: और यहोवा से प्रार्थना की उत्पत्ति 13:3 3 फिर वह दक्खिन देश से चलकर, बेतेल के पास उसी स्थान को पहुंचा, जहां उसका तम्बू पहले पड़ा था, जो बेतेल और ऐ के बीच में है। नीतिवचन 16:33 33 चिट्ठी डाली जाती तो है, परन्तु उसका निकलना यहोवा ही की ओर से होता है। 1 यूहन्ना 1:7 7 पर यदि जैसा वह ज्योति में है, वैसे ही हम भी ज्योति में चलें, तो एक दूसरे से सहभागिता रखते हैं; और उसके पुत्र यीशु का लोहू हमें सब पापों से शुद्ध करता है। गिनती 32:23 23 और यदि तुम ऐसा न करो, तो यहोवा के विरुद्ध पापी ठहरोगे; और जान रखो कि तुम को तुम्हारा पाप लगेगा।
संगीत
अब छोड़ दुनिया के (सुखों को-2) (3) कि उसकी खुशी जाती है, होगी तमाम जब (ज़िन्दगी-2) (3) कोई कौड़ी साथ न जाएगी।
को- यीशु राजा आयेगा बहुत जल्दी आयेगा आसमान पर ले जाने को हमको।