पाठ 1 : इब्राहीम और लूत

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सारांश

जब लूत सदोम में रहता था तब कुछ राजाओं के बीच युद्ध हुआ जिनसे एक सदोम का राजा भी था। बाइबल में इस युद्ध के विवरण इसलिये दिये गए हैं क्योंकि लूत, अब्राहम का भतीजा इस युद्ध में शामिल था। परमेश्वर की संतानें जिन घटनाओं में सम्मिलित होती हैं वे परमेश्वर की दृष्टि में महत्वपूर्ण होती हैं। ‘‘यहोवा की आखें धर्मियों पर लगी रहती हैं और उसके कान भी उनकी दोहाई की ओर लगे रहते हैं’’ (भजन 34:15)। इसलिये याद रखें कि परमेश्वर की आखें उस स्कूल पर लगी रहती हैं जिसमें आप पढ़ते हैं, जिस घर में आप रहते हैं, जिस ट्रेन या बस में आप यात्रा करते हैं उन पर भी लगी रहती हैं।युद्ध में सदोम का राजा और उसके साथी हार गए। विजयी राजा ने शहर में से जो कुछ ले सकता था ले लिया और शहर के लोगों को भी ले गया क्योंकि वह उन्हें गुलाम बनाना चाहता था। लूत और उसका सब कुछ इस विजेता द्वारा ले लिया गया था|

आप को याद होगा जब अब्राहम ऊर में रहता था और परमेश्वर ने उसे प्रगट होकर कहा था, कि वह उस स्थान को जाए जो वह उसे दिखाएगा। परमेश्वर की आज्ञापालन करने के लिये अब्राहम निकल पड़ा था। लूत अब्राहम के भाई का लड़का था। जब लूत ने सुना कि परमेश्वर ने उसके चाचा से बात किया है तो उसने भी विश्वास किया और अब्राहम के साथ चला गया। अब्राहम और लूत दोनों साथ रहे और कुछ समय तक खुशी से यात्रा किया, परंतु जब संपत्ति बढ़ गई तो लूत उसे थोड़ा और बढ़ाना चाहता था। इसलिये वह उसके भले और परमेश्वर का भय मानने वाले चाचा को छोड़कर ज्यादा उपजाऊ स्थानों में चला गया। इस तरह वह सदोम पहुँचा। परंतु सदोम के लोग बहुत दुष्ट थे। यदि हम बुरे लोगों की संगति में शामिल होंगे, तो निश्चय हम खतरे में पड़ जाएंगे। इसमें आश्चर्य की बात नहीं कि लूत भी जल्द ही खतरे में पड़ गया।

जब युद्ध में वे हराए गए तो कुछ लोग बचकर भाग निकले। जो बच निकले थे उनमें से एक ने अब्राहम को लूत की स्थिति के विषय बताया। अब्राहम बहुत दुखी हुआ और उसने परमेश्वर से प्रार्थना किया। जब हम मुसीबत में होते हैं तब हमें सबसे पहले परमेश्वर से सहायता मांगना चाहिये। अब्राहम लूत की मदद के लिये तैयार हो गया। यदि अब्राहम की जगह हम में से कुछ होते तो कहे होतेः ‘‘क्योंकि उसने मुझे छोड़ दिया, तो उसे भुगतने दो और सबक सीखने दो!’’ क्या आप उस समय खुश होते हैं जब कोई व्यक्ति मुसीबत में होता है जिसे आप पसंद नहीं करते? परंतु अब्राहम ने ऐसा नहीं सोचा। उसने और उसके लोगों ने लूत को बचाने को अपनी जान का जोखिम उठाया।।

आप जानते हैं कि अब्राहम बहुत धनी था। परमेश्वर ने अपने दास को अपरंपार संपत्ति दिया जिसने उस पर विश्वास किया था। उन दिनों में धनी व्यक्तियों के पास कई दास होते थे। अब्राहम के कई दास उसी के घर में पले-बढ़े थे। वे अब्राहम को पिता जैसे प्रेम करते थे क्योंकि वह उनके साथ बहुत दयालू था। हमें भी उन दासों के साथ दयालुता करना चाहिये जो हमारे घरों में काम करते हैं और उन गरीबों के साथ भी जो हमारे आसपास रहते हैं। जब अब्राहम लूत को बचाने के लिये तैयार हुआ तब उसके साथ उसके 318 प्रशिक्षित दास थे। अब्राहम की हिम्मत को देखिये जो चार राजाओं और उनकी सेनाओं से लड़ने के लिये निकल पड़ा था। क्या आप जानते हैं कि अब्राहम को यह हिम्मत कैसे मिली? परमेश्वर पर विश्वास करने के द्वारा! हमारे परमेश्वर का नाम ही ‘‘सेनाओं का यहोवा’

अब्राहम रात के समय उस स्थान में गया और जब शत्रु सो रहे थे, वह उन पर झपट पड़ा और उन्हें पहाड़ों पर भगा दिया। उनकी छावनी में उसने लूत, उसकी पत्नी, बेटियों और सभी सामानों के साथ सुरक्षित पाया। अब्राहम ने उन सब को छुड़ाया जो शक्तिशाली राजाओं के द्वारा बंधक बनाए गए थे। मलिकिसिदक जो परमप्रधान ईश्वर का याजक और शालेम का राजा था अब्राहम से मिलने बाहर आया। उसने अब्राहम को रोटी और दाखमधु दिया और परमेश्वर के नाम से आशीष दिया। अब्राहम ने शत्रुओं से प्राप्त सब चीजों में से मलिकिसिदक को दशमांश दिया। यह दान परमेश्वर के प्रति धन्यवाद की अभिव्यक्ति था। हम और जो कुछ हमारा है वह सब परमेश्वर का है। अब्राहम सब लूट का सारा सामान खुद रख सकता था परंतु उसने सदोम के राजा को सब दे दिया। हम देखते हैं कि अब्राहम धन और चीजों के मोह से मुक्त था(1 तीमु. 6:10)

अब्राहम सावधान था, न केवल सदोम के राजा को सब लूट देने में परंतु उस परमेश्वर के विषय बताने में भी जिसने स्वर्ग और पृथ्वी को बनाया (उत्पत्ति 14:23)। हम परमेश्वर की संतानों को, जब भी हमें मौका मिले प्रभु यीशु के विषय दूसरों को बताने के लिये तैयार रहना चाहिये। नोट : मलिकिसिदक : धार्मिकता का राजा शालेम : शांति। शालेम यरूशलेम हो सकता है। जब ये सब बातें हुई तो अब्राहम का नाम अब्राम था। कुछ समय के बाद ही परमेश्वर ने उसे अब्राहम नाम दिया था। जिसका मतलब है ‘‘बहुतों का पिता।’’

बाइबल अध्यन

उत्पत्ति 14:8-25 8 तब सदोम, अमोरा, अदमा, सबोयीम, और बेला, जो सोअर भी कहलाता है, इनके राजा निकले, और सिद्दीम नाम तराई। में, उनके साथ युद्ध के लिये पांति बान्धी। 9 अर्थात एलाम के राजा कदोर्लाओमेर, गोयीम के राजा तिदाल, शिनार के राजा अम्रापेल, और एल्लासार के राजा अर्योक, इन चारों के विरुद्ध उन पांचों ने पांति बान्धी। 10 सिद्दीम नाम तराई में जहां लसार मिट्टी के गड़हे ही गड़हे थे; सदोम और अमोरा के राजा भागते भागते उन में गिर पड़े, और जो बचे वे पहाड़ पर भाग गए। 11 तब वे सदोम और अमोरा के सारे धन और भोजन वस्तुओं को लूट लाट कर चले गए। 12 और अब्राम का भतीजा लूत, जो सदोम में रहता था; उसको भी धन समेत वे ले कर चले गए। 13 तब एक जन जो भाग कर बच निकला था उसने जा कर इब्री अब्राम को समाचार दिया; अब्राम तो एमोरी माम्रे, जो एश्कोल और आनेर का भाई था, उसके बांज वृझों के बीच में रहता था; और ये लोग अब्राम के संग वाचा बान्धे हुए थे। 14 यह सुनकर कि उसका भतीजा बन्धुआई में गया है, अब्राम ने अपने तीन सौ अठारह शिक्षित, युद्ध कौशल में निपुण दासों को ले कर जो उसके कुटुम्ब में उत्पन्न हुए थे, अस्त्र शस्त्र धारण करके दान तक उनका पीछा किया। 15 और अपने दासों के अलग अलग दल बान्धकर रात को उन पर चढ़ाई करके उन को मार लिया और होबा तक, जो दमिश्क की उत्तर ओर है, उनका पीछा किया। 16 और सारे धन को, और अपने भतीजे लूत, और उसके धन को, और स्त्रियों को, और सब बन्धुओं को, लौटा ले आया। 17 जब वह कदोर्लाओमेर और उसके साथी राजाओं को जीत कर लौटा आता था तब सदोम का राजा शावे नाम तराई में, जो राजा की भी कहलाती है, उससे भेंट करने के लिये आया। 18 जब शालेम का राजा मेल्कीसेदेक, जो परमप्रधान ईश्वर का याजक था, रोटी और दाखमधु ले आया। 19 और उसने अब्राम को यह आशीर्वाद दिया, कि परमप्रधान ईश्वर की ओर से, जो आकाश और पृथ्वी का अधिकारी है, तू धन्य हो। 20 और धन्य है परमप्रधान ईश्वर, जिसने तेरे द्रोहियों को तेरे वश में कर दिया है। तब अब्राम ने उसको सब का दशमांश दिया। 21 जब सदोम के राजा ने अब्राम से कहा, प्राणियों को तो मुझे दे, और धन को अपने पास रख। 22 अब्राम ने सदोम के राजा से कहा, परमप्रधान ईश्वर यहोवा, जो आकाश और पृथ्वी का अधिकारी है, 23 उसकी मैं यह शपथ खाता हूं, कि जो कुछ तेरा है उस में से न तो मैं एक सूत, और न जूती का बन्धन, न कोई और वस्तु लूंगा; कि तू ऐसा न कहने पाए, कि अब्राम मेरे ही कारण धनी हुआ। 24 पर जो कुछ इन जवानों ने खा लिया है और उनका भाग जो मेरे साथ गए थे; अर्थात आनेर, एश्कोल, और माम्रे मैं नहीं लौटाऊंगा वे तो अपना अपना भाग रख लें॥ इब्रानियों 7:1-10 यह मलिकिसिदक शालेम का राजा, और परमप्रधान परमेश्वर का याजक, सर्वदा याजक बना रहता है; जब इब्राहीम राजाओं को मार कर लौटा जाता था, तो इसी ने उस से भेंट करके उसे आशीष दी। 2 इसी को इब्राहीम ने सब वस्तुओं का दसवां अंश भी दिया: यह पहिले अपने नाम के अर्थ के अनुसार, धर्म का राजा, और फिर शालेम अर्थात शांति का राजा है। 3 जिस का न पिता, न माता, न वंशावली है, जिस के न दिनों का आदि है और न जीवन का अन्त है; परन्तु परमेश्वर के पुत्र के स्वरूप ठहरा॥ 4 अब इस पर ध्यान करो कि यह कैसा महान था जिस को कुलपति इब्राहीम ने अच्छे से अच्छे माल की लूट का दसवां अंश दिया। 5 लेवी की संतान में से जो याजक का पद पाते हैं, उन्हें आज्ञा मिली है, कि लोगों, अर्थात अपने भाइयों से चाहे, वे इब्राहीम ही की देह से क्यों न जन्मे हों, व्यवस्था के अनुसार दसवां अंश लें। 6 पर इस ने, जो उन की वंशावली में का भी न था इब्राहीम से दसवां अंश लिया और जिसे प्रतिज्ञाएं मिली थी उसे आशीष दी। 7 और उस में संदेह नहीं, कि छोटा बड़े से आशीष पाता है। 8 और यहां तो मरनहार मनुष्य दसवां अंश लेते हैं पर वहां वही लेता है, जिस की गवाही दी जाती है, कि वह जीवित है। 9 तो हम यह भी कह सकते हैं, कि लेवी ने भी, जो दसवां अंश लेता है, इब्राहीम के द्वारा दसवां अंश दिया। 10 क्योंकि जिस समय मलिकिसिदक ने उसके पिता से भेंट की, उस समय यह अपने पिता की देह में था॥ 1 तीमुथियुस 6:10 10 क्योंकि रूपये का लोभ सब प्रकार की बुराइयों की जड़ है, जिसे प्राप्त करने का प्रयत्न करते हुए कितनों ने विश्वास से भटक कर अपने आप को नाना प्रकार के दुखों से छलनी बना लिया है॥

संगीत

तन, मन और धन उसे दो अपने यीशु को सब कुछ दो क्योंकि उसी के द्वारा उद्धार पाना है जीती आत्मा का दान उसे दो।

1 गर यीशु के बनना चाहो, कुछ करके दिखाना होगा, खुद बचना काफी नहीं है औरों को बचाना होगा दिल में पहली जगह उसे दो।

2 गर यीशु की सेवा करोगे अपनी आशीष वह तुमको देगा गर पाप की सेवा करोगे हरगिज नहीं माफ करेगा, उसके लहू में दिल धो लो।

3 यीशु नाम को अपना कहना, जैसे काँटों की राहों पे चलना और सच्चा मसीही बनना संग क्रूस पर उसके मरना, जिन्दा रहने की शक्ति ले लो।