पाठ 35 : फिलिप्पुस और खोजा
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सारांश
फलिप्पुस सामरिया नगर में जाकर, परमेश्वर के वचन का प्रचार करने लगा । लोग उसके विश्वास और मसीह के नाम से उसके द्वारा किये गए आश्चर्यकमों से बहुत प्रभावित हुए, और वे उसकी सुनने के लिए बड़ी संख्या में इकट्ठे हुए । वहाँ बहुत से लोगों ने विश्वास किया और बपतिस्मा लिया । एक दिन उसने प्रभु के स्वर्गदूत को यह कहते सुना, कि दक्षिण की ओर उस मार्ग को जा, जो यरूशलेम से अज्जाह को जाता है । उसने आज्ञा का पालन किया और वहाँ उसने देखा, कि क्रूश देश का एक मनुष्य रथ पर आ रहा है । वह खोजा और कूशियों की रानी कन्दाके का मंत्री और खजांची था । वह यरूशलेम आराधना करने आया था और अब अपने घर की ओर लौट रहा था । वह मार्ग में यशायाह भविष्यवक्ता की पुस्तक को पढता जा़ रहा था । तब पवित्रआत्मा ने फिलिप्पुस से उस ज्ञानी पुरूष के साथ हो लेने के लिए कहा । फिलिप्पुस ने वैसा ही किया और उसने सुना, कि खोजा जोर-जोर से यशायाह की पुस्तक में से पढ़ रहा है । तब फिलिप्पुस ने उससे पूछा, ”तू जो पढ़ रहा है, क्या उसे समझता भी है ?“ उसने उत्तर दिया ”नहीं मैं नहीं समझता, जब तक कोई मुझे न समझाए तो मैं क्योंकर समझूँ ? यदि तू इसे समझा सकता है, तो चढ़कर मेरे साथ हो ले ।“ फिलिप्पुस ने वैसा ही किया । खोजा जो भाग पढ़ रहा था, वह यह था, ”वे भेड़ की नाई बध होने को पहुँचाया गया, परन्तू उसने अपना मुँह न खोला, क्योंकि पृथ्वी से उसका प्राण उठाया जाता है । ”इस पर खोजे ने पूछा, ”यह बता, कि भविष्यवक्ता यह किसके विषय में कहता है, अपने या किसी दूसरे के विषय में ?“ तब फिलिप्पुस ने अपना मुँह खोला और पवित्रशास्त्र के इसी अंश से आरम्भ कर, उसे यीशु का सुसमाचार सुनाया । परमेश्वर अद्भूत रीति से कार्य करता है । उसने खोजे के लिए यह संभव बनाया, कि वह सही स्थान में पहुँचे, जहाँ फिलिप्पुस 77 78 इन्तजार कर रहा था, कि उसे वचनों के द्वारा प्रभू यीशु की मृत्यु के संबंध में बताये। खोजे ने सुसमाचार को समझ लिया और जब वे एक जल की जगह पहुँचे, तो उसने बापतिस्मा के लिए आग्रह किया । फिलिप्पुस ने कहा ”यदि तू सारे मन से विश्वास करता है, तो हो सकता है ।“ खोजे ने उत्तर दिया, ”मैं विश्वास करता हूँ कि यीशु मसीह परमेश्वर का पुत्र है ।“ तब उसने रथ रोका और वे दोनों जल में उतर पड़े और फिलिप्पुस ने उसे बपतिस्मा दिया । इस अध्याय से हम सीखते हैं, कि बपतिस्मा उन लोगों के लिए है, जो यीशु को अपना उद्धारकत्र्ता स्वीकार किये हैं ।पवित्रशास्त्र यह नहीं कहता, कि कोई बिना विश्वास किये भी बपतिस्मा ले सकता है । जल के भीतर जाना मृत्यु और बाहर निकलना पुनरूत्थान को दर्शता है । जब वे जल में से निकलकर बाहर आए, तो आत्मा फिलिप्पुस को उठाकर ले गया और खोजा आनन्द करता हुआ, अपने घर की ओर चल पड़ा । अपने देखा, यदि आप वास्तव में सच्चाई की खोज करना चाहते हैं, तो परमेश्वर आपको मार्ग दिखाएगा । और हमें जहाँ भी अवसर मिले वहाँ सुसमाचार सुनाने के लिए सदा तैयार रहना चाहिए । अभी भी बहुत से लोग है, जो सुसमाचार को नहीं समझते । वे किसी का इन्तजार कर रहे हैं, जो उनको बता सके
बाइबल अध्यन
प्रेरितों के काम 8:13, 26-40 13 तब शमौन ने आप भी प्रतीति की और बपतिस्मा लेकर फिलेप्पुस के साथ रहने लगा और चिन्ह और बड़े बड़े सामर्थ के काम होते देखकर चकित होता था। 26 फिर प्रभु के एक स्वर्गदूत ने फिलेप्पुस से कहा; उठकर दक्खिन की ओर उस मार्ग पर जा, जो यरूशलेम से अज्ज़ाह को जाता है, और जंगल में है। 27 वह उठकर चल दिया, और देखो, कूश देश का एक मनुष्य आ रहा था जो खोजा और कूशियों की रानी कन्दाके का मन्त्री और खजांची था, और भजन करने को यरूशलेम आया था। 28 और वह अपने रथ पर बैठा हुआ था, और यशायाह भविष्यद्वक्ता की पुस्तक पढ़ता हुआ लौटा जा रहा था। 29 तब आत्मा ने फिलेप्पुस से कहा, निकट जाकर इस रथ के साथ हो ले। 30 फिलेप्पुस ने उस ओर दौड़ कर उसे यशायाह भविष्यद्वक्ता की पुस्तक पढ़ते हुए सुना, और पूछा, कि तू जो पढ़ रहा है क्या उसे समझता भी है? 31 उस ने कहा, जब तक कोई मुझे न समझाए तो मैं क्योंकर समझूं और उस ने फिलेप्पुस से बिनती की, कि चढ़कर मेरे पास बैठ। 32 पवित्र शास्त्र का जो अध्याय वह पढ़ रहा था, वह यह था; कि वह भेड़ की नाईं वध होने को पहुंचाया गया, और जैसा मेम्ना अपने ऊन कतरने वालों के साम्हने चुपचाप रहता है, वैसे ही उस ने भी अपना मुंह न खोला। 33 उस की दीनता में उसका न्याय होने नहीं पाया, और उसके समय के लोगों का वर्णन कौन करेगा, क्योंकि पृथ्वी से उसका प्राण उठाया जाता है। 34 इस पर खोजे ने फिलेप्पुस से पूछा; मैं तुझ से बिनती करता हूं, यह बता कि भविष्यद्वक्ता यह किस विषय में कहता है, अपने या किसी दूसरे के विषय में। 35 तब फिलेप्पुस ने अपना मुंह खोला, और इसी शास्त्र से आरम्भ करके उसे यीशु का सुसमाचार सुनाया। 36 मार्ग में चलते चलते वे किसी जल की जगह पहुंचे, तब खोजे ने कहा, देख यहां जल है, अब मुझे बपतिस्मा लेने में क्या रोक है। 37 फिलेप्पुस ने कहा, यदि तू सारे मन से विश्वास करता है तो हो सकता है: उस ने उत्तर दिया मैं विश्वास करता हूं कि यीशु मसीह परमेश्वर का पुत्र है। 38 तब उस ने रथ खड़ा करने की आज्ञा दी, और फिलेप्पुस और खोजा दोनों जल में उतर पड़े, और उस ने उसे बपतिस्मा दिया। 39 जब वे जल में से निकलकर ऊपर आए, तो प्रभु का आत्मा फिलेप्पुस को उठा ले गया, सो खोजे ने उसे फिर न देखा, और वह आनन्द करता हुआ अपने मार्ग चला गया। 40 और फिलेप्पुस अशदोद में आ निकला, और जब तक कैसरिया में न पहुंचा, तब तक नगर नगर सुसमाचार सुनाता गया॥
प्रश्न-उत्तर
प्र 1 : फिलिप्पुस सामरिया क्यों गया ?
उ 1 : फिलिप्पुस सामरिया में परमेश्वर का वचन सुनाने गया था ।प्र 2 : वह खोजे से कहाँ पर मिला ?
उ 2 : फिलिप्पुस ने खोजे को यरूशलेम से गाज़ा की ओर जाने वाले मार्ग पर मिला ।प्र 3 : खोजा उसी स्थान पर कैसे पहुँचा जहाँ फिलिप्पुस था ?
उ 3 : पवित्र आत्मा ने फिलिप्पुस को खोजे के पास भेजा ।प्र 4 : खोजा क्या पाठ रहा था ?
उ 4 : खोजा यशायाह की पुस्तक पाठ रहा था और वह यह था " वह भेद के समान वध होने को पहुँचाया गया और जैसा मेम्ना अपने ऊन कतरने वालों के सामने चुपचाप रहता है वैसे ही उसने भी अपना मुहँ ना खोला , उसका प्राण पृथ्वी से उठा लिया गया ।प्र 5 : किसे बपतिस्मा लेना चाहिए ?
उ 5 : जो व्यक्ति यह विश्वास करता है कि प्रभु यीशु मसीह ने उसके लिये अपना प्राण दिया है वह बपतिस्मा ले सकता है और यह प्रभु यीशु मसीह की आज्ञा को पालन करता है ।
संगीत
Jesus loves me this I know for the bible tells me so; Little ones to Him belong, they are weak but He is strong. Yes, Jesus loves me! (3) For the Bible tells me so.
Jesus loves me! He who died, Heaven’s gate to open wide; He will wash away my sin, Let His little child come in.
Jesus loves me! He will stay, Close beside me, all the way; If I love Him, when I die, He will take me home on high.