पाठ 30 : दस कुँवारियाँ
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सारांश
- येसी दस कुवाँरियाँ थी, जो दूल्हे से भेंट करने निकली थी । रात्रि का समय था, इसलिए वे सभी मशालें लिए हुए थी, परन्तु उनमें पाँच मूर्ख थी, जिन्होंने अपने साथ तेल नहीं लिया था । अन्य पाँच समझदार थी, जिन्होंने अपने साथ कुछ तेल भी ले लिया था । यदि आपके मशाल में तेल नहीं है, तो आपके पास प्रकाश भी नहीं होगा । बहुत देर हो चुकी थी, पर दुल्हा अब तक नहीं पहुँचा था । वे इन्तजार करते-करते उँघने लगीं और सो गई । अचानक आधी रात को बारातियों की धुम मची और दुल्हा आ चुका था । तब वे उठकर अपनी-अपनी मशालें ठीक करने लगीं । मूर्ख कुवारियों ने पाया, कि उनकी मशालें नहीं जल रही हैं क्योंकि उनके मशालों में तेल नहीं था और ऐसे समय के लिए उन्होंने कुछ लिया भी नहीं था । समझदार कुवाँरियों ने अपनी मशालों में फिर से तेल डाला और वह शीघ्र जलने लगा । तब मूर्ख कुवाँरियों ने समझदारों से कुछ तेल देने के लिए कहा, जिससे उनकी मशालें भी जल उठें ।परन्तु समझदारों ने कहा ”कदाचित हमारे और तुम्हारे लिये तेल पूरा न हो, भला तो यह है, कि तुम बेचनेवालों के पास जाकर अपने लिए मोल ले लों ।“ तब मूर्ख कुवाँरियाँ भीड़ से बाहर निकल गई और एक दुकानदार को उठाया, जिसने उन्हें मोल से कुछ तेल दिया । जब वे वापस आई, तो उन्होंने पाया, कि दुल्हा ब्याह के घर में प्रवेश कर चुका है और जो तैयार थी, उसके साथ ब्याह करने चली गई और द्वार बन्द कर दिया गया । मुर्ख कुवाँरियाँ ब्याह के भोज में शामिल होने के लिए अत्यंत चिंतित थी और सब कहने लगीं ”हे स्वामी, हे स्वामी, हमारे लिए द्वार खोल दे ।“ पर उसने उत्तर दिया, ”मैं तुम से सच कहता हूँ, मैं तुम्हें नहीं जानता ।“ बहुत देर हो चुकी थी, इसलिए द्वार फिर से नहीं खोला गया । यीशु ने यह दुष्टांत अपने शिष्यों को बताया, क्योंकि वह उन्हें हमेशा तैयार देखना चाहते थे । मनुष्य का पुत्र कब आएगा, कोई भी नहीं जानता ।
बाइबल अध्यन
मत्ती 25:1-13 1 तब स्वर्ग का राज्य उन दस कुंवारियों के समान होगा जो अपनी मशालें लेकर दूल्हे से भेंट करने को निकलीं। 2 उन में पांच मूर्ख और पांच समझदार थीं। 3 मूर्खों ने अपनी मशालें तो लीं, परन्तु अपने साथ तेल नहीं लिया। 4 परन्तु समझदारों ने अपनी मशालों के साथ अपनी कुप्पियों में तेल भी भर लिया। 5 जब दुल्हे के आने में देर हुई, तो वे सब ऊंघने लगीं, और सो गई। 6 आधी रात को धूम मची, कि देखो, दूल्हा आ रहा है, उस से भेंट करने के लिये चलो। 7 तब वे सब कुंवारियां उठकर अपनी मशालें ठीक करने लगीं। 8 और मूर्खों ने समझदारों से कहा, अपने तेल में से कुछ हमें भी दो, क्योंकि हमारी मशालें बुझी जाती हैं। 9 परन्तु समझदारों ने उत्तर दिया कि कदाचित हमारे और तुम्हारे लिये पूरा न हो; भला तो यह है, कि तुम बेचने वालों के पास जाकर अपने लिये मोल ले लो। 10 जब वे मोल लेने को जा रही थीं, तो दूल्हा आ पहुंचा, और जो तैयार थीं, वे उसके साथ ब्याह के घर में चलीं गई और द्वार बन्द किया गया। 11 इसके बाद वे दूसरी कुंवारियां भी आकर कहने लगीं, हे स्वामी, हे स्वामी, हमारे लिये द्वार खोल दे। 12 उस ने उत्तर दिया, कि मैं तुम से सच कहता हूं, मैं तुम्हें नहीं जानता। 13 इसलिये जागते रहो, क्योंकि तुम न उस दिन को जानते हो, न उस घड़ी को॥
प्रश्न-उत्तर
प्र 1 : कुँवारियाँ किसकी प्रतीक्षा कर रहीं थीं ?
उ 1 : कुँवारियाँ दूल्हे की प्रतीक्षा कर रहीं थीं ।प्र 2 : उन्होंने अपने साथ क्या लिया ?
उ 2 : उन्होंने अपने साथ अपनी-अपनी मशाले ली ।प्र 3 : दूल्हा कब आया ?
उ 3 : दूल्हा आधी रात को आया ।प्र 4 : दूल्हे के साथ सभी कुँवारिया क्यों नहीं जा सकीं ?
उ 3 : दूल्हे के साथ सभी कुँवारिया इसलिए नहीं जा सकीं क्योंकि पाँच ही उनमें बुद्धिमान थी जिन्होंने मशाल के साथ तेल भी लिया था। जब आधी रात को दूल्हा आया तब सभी अपनी-अपनी मशाले ठीक करने लगीं और जिन कुँवारियाँ के पास तेल था उनकी मशालें जलने लगीं लेकिन जिनके पास तेल नहीं था उन्होंने बुद्धिमान कुँवारियाँ से जब तेल माँगा तब उन्होंने कहा की अगर वे उन्हें तेल देंगे तो पूरा नहीं पड़ेगा इस कारण मूर्ख कुँवारियाँ तब तेल खरीदकर वापस आई तब तक दूल्हा आया और जो कुँवारियाँ जलती मशालों के साथ तैयार थीं वे दूल्हे के साथ विवाह के घर में चली गई और द्वार बंद किया गया ।प्र 5 : इस दृष्टांत से हमें क्या शिक्षा मिलती है ?
उ 5 : बाईबाल में तेल की तुलना पवित्र आत्मा से की गई है । जब हम प्रभु यीशु मसीह को अपना उद्धारकर्ता स्वीकार करते हैं तब पवित्र आत्मा हमारे अंदर वास करते हैं और यदि हम ऐसा नहीं करते तब प्रभु यीशु मसीह जब दुबारा हमें लेने आएंगे तब हम उनके साथ नहीं जा सकेंगे । हमे उन बुद्धिमान कुँवारियों के समान स्वर्गीय दूल्हे के लिये सदैव तैयार रहना है।
संगीत
आओ सुनो दस कुँवारियों की बात दूल्हा के आसमान से आने की रात वक्त गुजर जाएगा यीशु आ जाएगा बैठे बैठे यूँही दीया बुझ जाएगा
1 पाँच अकलमंद, पाँच नादान थी, तेल की कमी से वो अनजान थी, मशाले तो ले ली, तेल ना लिया, थोड़ी ही देर मे बुझ गया दीया, वक्त गुजर जाएगा ……………………
2 दूल्हा ने देर की तो ऊँघने लगी आ गया दूल्हा, रात को धूम मची शादी के जशन में दूल्हा आ गया अंदर से दरवाजा बंद हो गया। वक्त गुजर जाएगा …………………….