पाठ 25 : यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले की सेवकाई
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सारांश
जकर्याह का पुत्र यूहन्ना अधिकांश समय जंगल में उपवास एवं प्रार्थना में व्यतित करता था, और जब वह परमेश्वर के आत्मा से परिपूर्ण हो गया, तो उसने देश में यरदन क्षेत्र के चारों ओर प्रचार करना आरम्भ किया । वह सभी मनुष्यों को मन फिराने एवं बपस्मिा लेने के लिए बुलाता था, जिससे कि उनके पाप क्षमा हो सकें । इस तरह यशायाह की भविष्यद्वाणी पूरी हुई, जिसने कहा था, “देखो, मैं अपने दूत को भेजता हूँ, और वह मार्ग को मेरे आगे सुधारेगा । जंगल में एक पुकारनेवाले का शब्द सुनाई दे रहा है, कि प्रभु का मार्ग तैयार करो और उस की सड़कें सीधी करो ।” यूहन्ना यहूदिया के जंगल में चारों ओर यह कहकर प्रचार करने लगा, कि “मन फिराओ, क्योंकि स्वर्ग का राज्य निकट आ गया है ।” वह तो उँट के रोम का वस्त्र पहिनता था और कमर में चमड़े का पटुका बान्धे रहता था और उसका भोजन टिड्डियाँ और वनमधु था । सारे यहूदा और यरूशलेम के लोगों की भीड़, अपने-अपने पापों को मानकर यूहन्ना से बपतिस्मा लेने के लिए आने लगी । यूहन्ना ने उनको बताया, कि वे मन फिराये तब उनका जीवन बदल जाएगा । यदि वे ऐसा नहीं करते हैं, तो उनका जीवन एक फलरहित वृक्ष के समान होगा, जो काटा और आग में जलाया जाएगा । तब लोग फिरकर उससे पूछने लगे, कि हम क्या करें ? उसकी सलाह थी, पहले लोग अपने आचरण के द्वारा यह प्रगट करें, कि वह कैसा व्यक्ति है । उदाहरण स्वरूप - यदि एक व्यक्ति के पास दो कुरते हों, तो वह जिसके पास नहीं है उसे बाँट दे । अपने भोजन के साथ भी वह ऐसी ही करें । चुँगी लेनेवालों से उसने कहा “जो तुम्हारे लिए ठहराया गया है, उस से अधिक न लेना।” सिपाहियों से उसने कहा, “किसी पर उपद्रव न करना, और न झूठा दोष लगाना, और अपनी मजदूरी पर संतोष करना।” इस तरह वह लोगों को उपदेश देता था । लोग सोचने लगे, कि कहीं यही तो मसीह नहीं,जिसके विषय में भविष्यवक्ताओं ने भविष्यद्वाणी की थी, तब उन्होंने उससे पूछा, यदि वे मसीह है, तो बता दें। यूहन्ना ने उत्तर दिया “वह मेरे बाद आनेवाला है और वह मुझ से शक्तिशाली है । मैं तो तुम्हें पानी से बपतिस्मा देता हूँ परन्तु वह तुम्हें पवित्र आत्मा और आग से बपतिस्मा देगा ।” यूहन्ना ने अपने विषय में नहीं परन्तु प्रभु यीशु मसीह के आगमन के विषय में बताया । वह प्रभु के मार्ग को तैयार करने के लिए भेजा गया था । जब यहून्ना विश्वास करने वाले लोगों को बपतिस्मा दे रहा था, तब यीशु भी उसके पास आया पहुंचे और बपतिस्मा देने के लिए कहा । यीशु तो परमेश्वर का पुत्र एवं निष्पाप था, परन्तू वह उन आम लोगों के समान बपस्मिा लेना चाह रहा था, जिन्हें वह बचाने आया था । और जैसे ही यीशु बपतिस्मा हुआ, पवित्रआत्मा उसके उपर कबूतर की नाई उतरा और यह आकाशवाणी हुआ, कि “यह मेरा प्रिय पुत्र है, जिससे मैं अत्यंत प्रसन्न हूँ ।” तब यूहन्ना जान गया, कि उसने किसे बपपिस्मा दिया है, और वह लोगों को बता दिया कि, “देखो यह परमेश्वर का मेम्ना है, जो जगत का पाप उठा ले जाता है ।” (यूहन्ना 1:29)
बाइबल अध्यन
लूका 3:1-22 1 तिबिरियुस कैसर के राज्य के पंद्रहवें वर्ष में जब पुन्तियुस पीलातुस यहूदिया का हाकिम था, और गलील में हेरोदेस नाम चौथाई का इतूरैया, और त्रखोनीतिस में, उसका भाई फिलेप्पुस, और अबिलेने में लिसानियास चौथाई के राजा थे। 2 और जब हन्ना और कैफा महायाजक थे, उस समय परमेश्वर का वचन जंगल में जकरयाह के पुत्र यूहन्ना के पास पहुंचा। 3 और वह यरदन के आस पास के सारे देश में आकर, पापों की क्षमा के लिये मन फिराव के बपतिस्मा का प्रचार करने लगा। 4 जैसे यशायाह भविष्यद्वक्ता के कहे हुए वचनों की पुस्तक में लिखा है, कि जंगल में एक पुकारने वाले का शब्द हो रहा हे कि प्रभु का मार्ग तैयार करो, उस की सड़कें सीधी बनाओ। 5 हर एक घाटी भर दी जाएगी, और हर एक पहाड़ और टीला नीचा किया जाएगा; और जो टेढ़ा है सीधा, और जो ऊंचा नीचा है वह चौरस मार्ग बनेगा। 6 और हर प्राणी परमेश्वर के उद्धार को देखेगा॥ 7 जो भीड़ की भीड़ उस से बपतिस्मा लेने को निकल कर आती थी, उन से वह कहता था; हे सांप के बच्चों, तुम्हें किस ने जता दिया, कि आने वाले क्रोध से भागो। 8 सो मन फिराव के योग्य फल लाओ: और अपने अपने मन में यह न सोचो, कि हमारा पिता इब्राहीम है; क्योंकि मैं तुम से कहता हूं, कि परमेश्वर इन पत्थरों से इब्राहीम के लिये सन्तान उत्पन्न कर सकता है। 9 और अब ही कुल्हाड़ा पेड़ों की जड़ पर धरा है, इसलिये जो जो पेड़ अच्छा फल नहीं लाता, वह काटा और आग में झोंका जाता है। 10 और लोगों ने उस से पूछा, तो हम क्या करें? 11 उस ने उन्हें उतर दिया, कि जिस के पास दो कुरते हों वह उसके साथ जिस के पास नहीं हैं बांट दे और जिस के पास भोजन हो, वह भी ऐसा ही करे। 12 और महसूल लेने वाले भी बपतिस्मा लेने आए, और उस से पूछा, कि हे गुरू, हम क्या करें? 13 उस ने उन से कहा, जो तुम्हारे लिये ठहराया गया है, उस से अधिक न लेना। 14 और सिपाहियों ने भी उस से यह पूछा, हम क्या करें? उस ने उन से कहा, किसी पर उपद्रव न करना, और न झूठा दोष लगाना, और अपनी मजदूरी पर सन्तोष करना॥ 15 जब लोग आस लगाए हुए थे, और सब अपने अपने मन में यूहन्ना के विषय में विचार कर रहे थे, कि क्या यही मसीह तो नहीं है। 16 तो यूहन्ना ने उन सब से उत्तर में कहा: कि मैं तो तुम्हें पानी से बपतिस्मा देता हूं, परन्तु वह आनेवाला है, जो मुझ से शक्तिमान है; मैं तो इस योग्य भी नहीं, कि उसके जूतों का बन्ध खोल सकूं, वह तुम्हें पवित्र आत्मा और आग से बपतिस्मा देगा। 17 उसका सूप, उसके हाथ में है; और वह अपना खलिहान अच्छी तरह से साफ करेगा; और गेहूं को अपने खत्ते में इकट्ठा करेगा, परन्तु भूसी को उस आग में जो बुझने की नहीं जला देगा॥ 18 सो वह बहुत सी शिक्षा दे देकर लोगों को सुसमाचार सुनाता रहा। 19 परन्तु उस ने चौथाई देश के राजा हेरोदेस को उसके भाई फिलेप्पुस की पत्नी हेरोदियास के विषय, और सब कुकर्मों के विषय में जो उस ने किए थे, उलाहना दिया। 20 इसलिये हेरोदेस ने उन सब से बढ़कर यह कुकर्म भी किया, कि यूहन्ना को बन्दीगृह में डाल दिया॥ 21 जब सब लोगों ने बपतिस्मा लिया, और यीशु भी बपतिस्मा लेकर प्रार्थना कर रहा था, तो आकाश खुल गया। 22 और पवित्र आत्मा शारीरिक रूप में कबूतर की नाईं उस पर उतरा, और यह आकाशवाणी हुई, कि तू मेरा प्रिय पुत्र है, मैं तुझ से प्रसन्न हूं॥
यशायाह 40:3 3 किसी की पुकार सुनाई देती है, जंगल में यहोवा का मार्ग सुधारो, हमारे परमेश्वर के लिये अराबा में एक राजमार्ग चौरस करो।
प्रश्न-उत्तर
प्र 1 : परमेश्वर ने यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले को क्यों भेजा ?
उ 1 : परमेश्वर ने प्रभु यीशु मसीह का मार्ग तैयार करे के लिए एक दूत को भेजा था वही यूहन्ना बपतिस्मा देने वाला था ।प्र 2 : वह 'बपतिस्मा देने वाला ' क्यों कहलाता था ?
उ 2 : यूहन्ना "बपतिस्मा देने वाला " इसलिए कहलाता था क्योंकि वह लोगों के पापों से मन फिराव का बपतिस्मा देता था ।प्र 3 : लोगों के लिए यूहन्ना का संदेश क्या था ?
उ 3 : लोगों के लिए यूहन्ना का संदेश यह था कि मन फिराओ क्योंकि स्वर्ग का राज्य निकट है ।प्र 4 : प्रभु यीशु के बपतिस्मा के समय किसकी आवाज़ सुनाई दी ?
उ 4 : प्रभु यीशु के बपतिस्मा के समय परमेश्वर की आवाज़ सुनाई दी ।प्र 5 : यूहन्ना ने प्रभु यीशु के बारे में क्या कहा ?
उ 5 : यूहन्ना ने प्रभु यीशु के बारे में यह कहा कि यह परमेश्वर का मेम्ना है जो जगत का पाप ले जाता है ।
संगीत
It’s bubbling, It’s bubbling It’s bubbling in my Soul I am singing and dancing, since Jesus made me whole. No folks can understand it, How can I keep it quite, It’s bubbling (5) Day and night.