पाठ 22 : नाबोत

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सारांश

यिज्रेली नाबोत के पास अहाब राजा के महल के समीप, यिज्रेल में एक दाख की बारी थी । अहाब उस दाख की बारी को नबोत से लेकर साग-पात की बारी बनाना चाहता था । पर नाबोत ने उसे बेचने या उसके बदले दूसरी अच्छी दाख की बारी लेने से इन्कार कर दिया । उसने कहा, कि वह उसे नहीं दे सकता क्योंकि यह उसके पुरखाओं का निज भाग है । इससे अहाब बहुत उदास हो गया । वह घर जाकर अपने बिछौने पर लेट गया और अपने मुँह को दीवार की ओर फेर कर कुछ भी खाने-पीने से इन्कार कर दिया । तब उसकी पत्नी उसके पास आई और उससे पूछा, की बात क्या है ? जब उसने दाख की बारी के विषय में सुना, तो वह अपने पति से बोली, की वह उदासी छोड़े क्योंकि वह उसे नबोत की बारी दिलवायेगी । इजेबेल ने नाबोत के नगर के पुरनियों और रईसों के नाम एक चिट्ठी लिखी और उसने राजा की मुहर लेकर चिट्ठी पर उसकी छाप लगाई । उसने लिखा, कि उपवास का प्रचार करो और नाबोत को मुख्य स्थान में बैठाकर आदर-मान करो । उसी समय दो मनुष्य उसके विरूद्ध झूठी साक्षी दे, कि नाबोत ने परमेश्वर एवं राजा दोनो की निन्दा की है । इस तरह के अपराधों में बड़ी शीघ्रता से दण्ड दिया जाता था और नाबोत को इसके लिए पत्थरवाह कर मार डाला जा सकता था । पुरनियों एवं रईसों ने इजेबेल के कहने के अनुसार ही किया और नाबोत पत्थरवाह कर मार डाला गया । तब वह राजा के पास गई और उससे बोली, की नाबोत की बारी को अपने अधिकार में ले ले, क्योंकि वह मर गया है । तब परमेश्वर का वचन एलिय्याह के पास पहुंचा और वह अहाब से मिलने आया । उसने उससे पूछा कि “क्या तू ने घात किया, और अधिकारी भी बन बैठा है ?” तो सुन, परमेश्वर क्या कहता है । “परमेश्वर यों कहता है, कि जिस स्थान पर कुत्तों ने नाबोत का लहू चाटा, उसी स्थान पर कुत्ते तेरा भी लहू चाटेगें ।” अहाब ने कहा, हे मेरे शत्रु ! क्या तू ने मेरा पता लगा लिया है ? एलिय्याह ने कहा, हाँ, लगाया तो है, और इसका कारण यह है, कि तूने अपने को दुष्ट के हाथों बेच डाला है और तू अभी उसके लिए ही कार्य कर रहा है । इसलिए दुष्टता अब तेरे एवं तेरे घराने के उपर पड़ेगी । तब अहाब ने अपने वस्त्र फाड़ डाले और अपनी देह पर टाट लपेटकर उपवास और प्रार्थना करने लगा । और परमेश्वर ने कहा, “वह मेरे साम्हने नम्र बन गया है, मैं यह विपत्ति उसके जीते जी उस पर न डालूँगा परन्तु उसके पुत्र के दिनों में, मैं उसके घराने पर यह सारी विपत्ति भेजूँगा ।” भविष्यद्वाणी पूरी हुई। अहाब पर तो विपत्ति नहीं पड़ी पर वह अपने रथ पर ही युद्ध में मारा गया । जब वापस उसे यिज्रेल लाया गया, तो नाबोत को जहाँ घात किया गया था, वहीं कुत्तों ने अहाब के लहू को चाटा । उसका उत्तराधिकारी येहू ने इजेबेल को उँची खिड़की में से नीचे गिरा दिया और कुत्तों ने उसे खा लिया ।

बाइबल अध्यन

1 राजा अध्याय 21 1 नाबोत नाम एक यिज्रेली की एक दाख की बारी शोमरोन के राजा अहाब के राजमन्दिर के पास यिज्रेल में थी। 2 इन बातों के बाद अहाब ने नाबोत से कहा, तेरी दाख की बारी मेरे घर के पास है, तू उसे मुझे दे कि मैं उस में साग पात की बारी लगाऊं; और मैं उसके बदले तुझे उस से अच्छी एक वाटिका दूंगा, नहीं तो तेरी इच्छा हो तो मैं तुझे उसका मूल्य दे दूंगा। 3 नाबोत ने यहाब से कहा, यहोवा न करे कि मैं अपने पुरखाओं का निज भाग तुझे दूं! 4 यिज्रेली नाबोत के इस वचन के कारण कि मैं तुझे अपने पुरखाओं का निज भाग न दूंगा, अहाब उदास और अप्रसन्न हो कर अपने घर गया, और बिछौने पर लेट गया और मुंह फेर लिया, और कुछ भोजन न किया। 5 तब उसकी पत्नी ईज़ेबेल ने उसके पास आकर पूछा, तेरा मन क्यों ऐसा उदास है कि तू कुछ भोजन नहीं करता? 6 उसने कहा, कारण यह है, कि मैं ने यिज्रेली नाबोत से कहा कि रुपया ले कर मुझे अपनी दाख की बारी दे, नहीं तो यदि तू चाहे तो मैं उसकी सन्ती दूसरी दाख की बारी दूंगा; और उसने कहा, मैं अपनी दाख की बारी तुझे न दूंगा। 7 उसकी पत्नी ईज़ेबेल ने उस से कहा, क्या तू इस्राएल पर राज्य करता है कि नहीं? उठ कर भोजन कर; और तेरा मन आनन्दित हो; यिज्रेली नाबोत की दाख की बारी मैं तुझे दिलवा दूंगी। 8 तब उसने अहाब के नाम से चिट्ठी लिखकर उसकी अंगूठी की छाप लगाकर, उन पुरनियों और रईसों के पास भेज दी जो उसी नगर में नाबोत के पड़ोस में रहते थे। 9 उस चिट्ठी में उसने यों लिखा, कि उपवास का प्रचार करो, और नाबोत को लोगों के साम्हने ऊंचे स्थान पर बैठाना। 10 तब दो नीच जनों को उसके साम्हने बैठाना जो साक्षी देकर उस से कहें, तू ने परमेश्वर और राजा दोनों की निन्दा की। तब तुम लोग उसे बाहर ले जा कर उसको पत्थरवाह करना, कि वह मर जाए। 11 ईज़ेबेल की चिट्ठी में की आज्ञा के अनुसार नगर में रहने वाले पुरनियों और रईसों ने उपवास का प्रचार किया, 12 और नाबोत को लोगों के साम्हने ऊंचे स्थान पर बैठाया। 13 तब दो नीच जन आकर उसके सम्मुख बैठ गए; और उन नीच जनों ने लोगों लोगों के साम्हने नाबोत के विरुद्ध यह साक्षी दी, कि नाबोत ने परमेश्वर और राजा दोनों की निन्दा की। इस पर उन्होंने उसे नगर से बाहर ले जा कर उसको पत्थरवाह किया, और वह मर गया। 14 तब उन्होंने ईज़ेबेल के पास यह कहला भेजा कि नाबोत पत्थरवाह करके मार डाला गया है। 15 यह सुनते ही कि नाबोत पत्थरवाह करके मार डाला गया है, ईज़ेबेल ने अहाब से कहा, उठ कर यिज्रेली नाबोत की दाख की बारी को जिसे उसने तुझे रुपया ले कर देने से भी इनकार किया था अपने अधिकार में ले, क्योंकि नाबोत जीवित नहीं परन्तु वह मर गया है। 16 यिज्रेली नाबोत की मृत्यु का समाचार पाते ही अहाब उसकी दाख की बारी अपने अधिकार में लेने के लिये वहां जाने को उठ खड़ा हुआ। 17 तब यहोवा का यह वचन तिशबी एलिय्यह के पास पहुंचा, कि चल, 18 शोमरोन में रहने वाले इस्राएल के राजा अहाब से मिलने को जा; वह तो नाबोत की दाख की बारी में है, उसे अपने अधिकार में लेने को वह वहां गया है। 19 और उस से यह कहना, कि यहोवा यों कहता है, कि क्या तू ने घात किया, और अधिकारी भी बन बैठा? फिर तू उस से यह भी कहना, कि यहोवा यों कहता है, कि जिस स्थान पर कुत्तों ने नाबोत का लोहू चाटा, उसी स्थान पर कुत्ते तेरा भी लोहू चाटेंगे। 20 एलिय्याह को देख कर अहाब ने कहा, हे मेरे शत्रु! क्या तू ने मेरा पता लगाया है? उसने कहा हां, लगाया तो है; और इसका कारण यह है, कि जो यहोवा की दृष्टि में बुरा है, उसे करने के लिये तू ने अपने को बेच डाला है। 21 मैं तुझ पर ऐसी विपत्ति डालूंगा, कि तुझे पूरी रीति से मिटा डालूंगा; और अहाब के घर के एक एक लड़के को उौर क्या बन्धुए, क्या स्वाधीन इस्राएल में हर एक रहने वाले को भी नाश कर डालूंगा। 22 और मैं तेरा घराना नबात के पुत्र यारोबाम, और अहिय्याह के पुत्र बाशा का सा कर दूंगा; इसलिये कि तू ने मुझे क्रोधित किया है, और इस्राएल से पाप करवाया है। 23 और ईज़ेबेल के विषय में यहोवा यह कहता है, कि यिज्रेल के किले के पास कुत्ते ईज़ेबेल को खा डालेंगे। 24 अहाब का जो कोई नगर में मर जाएगा उसको कुत्ते खा लेंगे; उौर जो कोई मैदान में मर जाएगा उसको आकाश के पक्षी खा जाएंगे। 25 सचमुच अहाब के तुल्य और कोई न था जिसने अपनी पत्नी ईज़ेबेल के उकसाने पर वह काम करने को जो यहोवा की दृष्टि में बुरा है, अपने को बेच डाला था। 26 वह तो उन एमोरियों की नाईं जिन को यहोवा ने इस्राएलियों के साम्हने से देश से निकाला था बहुत ही घिनौने काम करता था, अर्थात मूरतों की उपासना करने लगा था। 27 एलिय्याह के ये वचन सुनकर अहाब ने अपने वस्त्र फाड़े, और अपनी देह पर टाट लपेट कर उपवास करने और टाट ही ओढ़े पड़ा रहने लगा, और दबे पांवों चलने लगा। 28 और यहोवा का यह वचन तिशबी एलिय्याह के पास पहुंचा, 29 कि क्या तू ने देखा है कि अहाब मेरे साम्हने नम्र बन गया है? इस कारण कि वह मेरे साम्हने नम्र बन गया है मैं वह विपत्ति उसके जीते जी उस पर न डालूंगा पर न्तू उसके पुत्र के दिनों में मैं उसके घराने पर वह पिपत्ति भेजूंगा।

प्रश्न-उत्तर

प्र 1 : इस्राएल के सभी राजाओं में सबसे अधिक पाप किसने किया ?उ 1 : इस्राएल के सभी राजाओं में सबसे अधिक पाप अहाब ने किया ।
प्र 2 : नाबोत ने अपने दाख की बारी को बेचने से इन्कार क्यों किया ?उ 2 : नाबोत ने अपने दाख की बारी को बेचने से इन्कार इसलिए किया क्योंकि वह एक इस्राएली था जिसने व्यवस्था के इस बात का पालन किया कि अपनी पुरखाओं की जमीन अन्यजातियों के हाथ ना बेचना ।
प्र 3 : ईज़ेबेल ने अपने पति के लिए नाबोत की बारी कैसे हासिल की ?उ 3 : ईज़ेबेल ने अहाब के नाम से छाप लगा पत्र लिखकर पुरनियों और रईसों के पास भेज दिया जो नाबोत के पड़ोसी थे । उसमें उसने लिखा कि उपवास का प्रचार करो और नाबोत को ऊँचे स्थान पर बैठा कर दो नीच लोगों को उस पर दोष लगाने को कहो कि , नाबोत ने परमेश्वर और अहाब राजा की नींदा की है । इस तरह के अपराध की जल्दी सज़ा होती है उसे पत्थरवाह करके मार दिया जाएगा और ऐसे नाबोत मार गया और ईज़ेबेल ने अपने पति के लिये नाबोत की बारी हासिल की ।
प्र 5 : नाबोत के जीवन से हम क्या सीखते हैं ?उ 5 : नाबोत के जीवन से हम यह सीखते है कि व्यवस्था का पालन करते व्यक्त हमे शहीद भी होना पडता है ।

संगीत

उसने दाखरस और तेल उण्डेला, मेरी आत्मा को चंगा किया यरीहो के किनारे अधमुआ पड़ा उसने दाखरस और तेल उण्डेला ।

यीशु (3) मैं ने उसको पा लिया (3)
मैं ने यीशु को पा लिया ।