पाठ 18 : आज्ञा का उल्लंघन करने वाला नबी
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सारांश
परमेश्वर यारोबाम से क्रोधित था, इसलिए उसने एक नबी को भेजा, कि वह उसके एवं उसके द्वारा सोने के बछड़े के लिए बनायी गई वेदी के विरूद्ध भविष्यद्वाणी करे । उसने कहा “वेदी, हे वेदी ! यहोवा यों कहता है, कि सुन, दाऊद के कुल में एक लड़का उत्पन्न होगा, वह उन ऊँचे स्थानों के याजकों को जो तुझ पर धूप जलातें हैं, तुझ पर बलि कर देगा, और तुझ पर मनुष्यों की हड्डियाँ जलाई जाएंगी ।” तब उसने उसे एक चिह्नन बताया कि “यह वेदी फट जाएगी और इस पर की राख गिर जाएगी ।” यारोबाम ने परमेश्वर के जन की भविष्यद्वाणी को सुना और उसकी ओर हाथ बढ़ाकर अपने सेवकों को आदेश दिया कि वे उसे पकड़ ले । परन्तु उसे ऐसा महसूस हुआ, कि उसका हाथ सूख गया है और वह उसे अपनी ओर खींच न सका । तब वेदी फट गई और उस पर की राख गिर गई, जैसा कि उसने भविष्यद्वाणी किया था । तब यारोबाम को होश आया और उसने परमेश्वर के जन से अपने हाथ की चंगाई के लिए एवं श्राप को दूर करने के लिए परमेश्वर से प्रार्थना करने की विनती की । परमेश्वर के जन ने वैसा ही किया और उसका हाथ, फिर ज्यों का त्यों हो गया । तब राजा यारोबाम ने परमेश्वर के जन को घर चलने का आग्रह किया, ताकी उसके संग बैठकर अल्पाहार करें एवं उसके सहयोग के लिये उसे प्रतिफल दे । परमेश्वर के जन ने कहा, कि वह ऐसा नहीं कर सकता, क्योंकि परमेश्वर ने उससे कहा है, कि इस स्थान में न तो रोटी खाना, और न पानी पीना और यहूदा की ओर दूसरे मार्ग से अपने घर लौट जाना । अतः वह उस मार्ग से नहीं गया जिस मार्ग से वह आया था, परन्तु उसने दूसरा मार्ग लिया । बेतेल में एक बूढ़ा नबी रहता था, और उसने अपने बेटों से परमेश्वर के जन के आगमन के विषय में सुना । तब नबी ने अपने गदहे पर काठी बान्धा और परमेश्वर के जन के पीछे-पीछे चल पड़ा । बूढ़े नबी ने उसे एक बाँज वृक्ष के तले बैठा हुआ पाया, और उसे अपने घर भोजन करने के लिए आमंत्रित किया, पर परमेश्वर के जन ने उसे बताया, कि परमेश्वर ने उससे कहा, है कि इस स्थान में न खाना । तब बूढ़े नबी ने परमेश्वर के जन से झूठ बोला और उससे कहा कि “मैं भी एक नबी हूँ और परमेश्वर के दूत ने मुझसे कहा है, कि उसे घर लौटा ले आ, कि वह तुम्हारे साथ भोजन करे ।” परमेश्वर का जन जो यहूदा से आया था, बूढ़े नबी के साथ वापस लौट गया और उसके घर में खाया-पीया । परन्तु परमेश्वर उससे क्रोधित हो गया और एक संदेश बूढ़े नबी के पास भेजा, कि “तू ने परमेश्वर का वचन न माना और जो आज्ञा तेरे परमेश्वर ने तुझे दी थी, उसे भी नहीं माना, इस कारण तुझे अपने पुरखाओं के कब्रिस्तान में मिट्टी नहीं दी जाएगी ।” भोजन के उपरांत परमेश्वर के जन ने गदहे पर काठी बन्धाई और यहूदा की ओर निकल पड़ा । जब वह मार्ग में जा रहा था तो, एक सिंह उसे मिला और उसको मार डाला, पर उसकी लोथ को न खाया । सिंह और गदहा दोनों ही, लोथ के पास खड़े थे । आने-जानेवाले लोगों ने इस देखा और नगर में जाकर इसकी सूचना दी । बूढ़ा नबी ने भी इस समाचार को सुना और समझ गया, कि वह वास्तव में परमेश्वर का जन था, जिसने परमेश्वर के वचन का पालन नहीं किया । वह निकलकर उस स्थान में गया और देखा, की सिंह ने न तो उसकी लोथ को खाया है और न ही गदहे को मारा है । तब बूढ़ा नबी लोथ को वापस नगर में ले आया और उसे अपने कब्रिस्तान में मिट्टी दी और उसके लिए विलाप किया । उसने अपने पुत्रों से कहा कि मुझे भी परमेश्वर के जन के बगल में मिट्टी देना । तब उसने घोषणा किया, कि जो भविष्यद्वाणी परमेश्वर के जन ने यारोबाम के विषय में किया है, वह निश्चय पूरा हो जाएगा । यारोबाम अपनी दुष्टता से नहीं मुड़ा और उसने अयोग्य लोगों को याजक नियुक्त करना और मूरतों की आराधना करना जारी रखा । इस कारण परमेश्वर ने उसके सारे घराने को नाश कर दिया ।
बाइबल अध्यन
1 राजा अध्याय 13 1 तब यहोवा से वचन पाकर परमेश्वर का एक जन यहूदा से बेतेल को आया, और यारोबाम धूप जलाने के लिये वेदी के पास खड़ा था। 2 उस जन ने यहोवा से वचन पाकर वेदी के विरुद्ध यों पुकारा, कि वेदी, हे वेदी! यहोवा यों कहता है, कि सुन, दाऊद के कुल में योशिय्याह नाम एक लड़का उत्पन्न होगा, वह उन ऊंचे स्थानों के याजकों को जो तुझ पर धूप जलाते हैं, तुझ पर बलि कर देगा; और तुझ पर मनुष्यों की हड्डियां जलाई जाएंगी। 3 और उसने, उसी दिन यह कहकर उस बात का एक चिन्ह भी बताया, कि यह वचन जो यहोवा ने कहा है, इसका चिन्ह यह है कि यह वेदी फट जाएगी, और इस पर की राख गिर जाएगी। 4 तब ऐसा हुआ कि परमेश्वर के जन का यह वचन सुनकर जो उसने बेतेल के विरुद्ध पुकार कर कहा, यारोबाम ने वेदी के पास से हाथ बढ़ाकर कहा, उसको पकड़ लो: तब उसका हाथ जो उसकी ओर बढ़ाया गया था, सूख गया और वह उसे अपनी ओर खींच न सका। 5 और वेदी फट गई, और उस पर की राख गिर गई; सो वह चिन्ह पूरा हुआ, जो परमेश्वर के जन ने यहोवा से वचन पाकर कहा था। 6 तब राजा ने परमेश्वर के जन से कहा, अपने परमेश्वर यहोवा को मना और मेरे लिये प्रार्थना कर, कि मेरा हाथ ज्यों का त्यो हो जाए: तब परमेश्वर के जन ने यहोवा को मनाया और राजा का हाथ फिर ज्यों का त्यों हो गया। 7 तब राजा ने परमेश्वर के जन से कहा, मेरे संग घर चलकर अपना प्राण ठंडा कर, और मैं तुझे दान भी दूंगा। 8 परमेश्वर के जन ने राजा से कहा, चाहे तू मुझे अपना आधा घर भी दे, तौभी तेरे घर न चलूंगा; और इस स्थान में मैं न तो रोटी खाऊंगा और न पानी पीऊंगा। 9 क्योंकि यहोवा के वचन के द्वारा मुझे यों आज्ञा मिली है, कि न तो रोटी खाना, और न पानी पीना, और न उस मार्ग से लौटना जिस से तू जाएगा। 10 इसलिये वह उस मार्ग से जिसे बेतेल को गया था न लौटकर, दूसरे मार्ग से चला गया। 11 बेतेल में एक बूढ़ा नबी रहता था, और उसके एक बेटे ने आकर उस से उन सब कामों का वर्णन किया जो परमेश्वर के जन ने उस दिन बेतेल में किए थे; और जो बातें उसने राजा से कही थीं, उन को भी उसने अपने पिता से कह सुनाया। 12 उसके बेटों ने तो यह देखा था, कि परमेश्वर का वह जन जो यहूदा से आया था, किस मार्ग से चला गया, सो उनके पिता ने उन से पूछा, वह किस मार्ग से चला गया? 13 और उसने अपने बेटों से कहा, मेरे लिये गदहे पर काठी बान्धो; तब उन्होंने गदहे पर काठी बान्धी, और वह उस पर चढ़ा, 14 और परमेश्वर के जन के पीछे जा कर उसे एक बांजवृझ के तले बैठा हुआ पाया; और उस से मूछा, परमेश्वर का जो जन यहूदा से आया था, क्या तू वही है? 15 उसने कहा हां, वही हूँ। उसने उस से कहा, मेरे संग घर चलकर भोजन कर। 16 उसने उस से कहा, मैं न तो तेरे संग लौट सकता, और न तेरे संग घर में जा सकता हूँ और न मैं इस स्थान में तेरे संग रोटी खाऊंगा, वा पानी पीऊंगा। 17 क्योंकि यहोवा के वचन के द्वारा मुझे यह आज्ञा मिली है, कि वहां न तो रोटी खाना और न पानी पीना, और जिस मार्ग से तू जाएगा उस से न लौटना। 18 उसने कहा, जैसा तू नबी है वैसा ही मैं भी नबी हूँ; और मुझ से एक दूत ने यहोवा से वचन पाकर कहा, कि उस पुरुष को अपने संग अपने घर लौटा ले आ, कि वह रोटी खाए, और पानी पीए। यह उसने उस से झूठ कहा। 19 अतएव वह उसके संग लौट गया और उसके घर में रोटी खाई और पानी पीया। 20 और जब वे मेज पर बैठे ही थे, कि यहोवा का वचन उस नबी के पास पहुंचा, जो दूसरे को लौटा ले आया था। 21 और उसने परमेश्वर के उस जन को जो यहूदा से आया था, पुकार के कहा, यहोवा यों कहता है इसलिये कि तू ने यहोवा का वचन न माना, और जो आज्ञा तेरे परमेश्वर यहोवा ने तुझे दी थी उसे भी नहीं माना; 22 परन्तु जिस स्थान के विषय उसने तुझ से कहा था, कि उस में न तो रोटी खाना और न पानी पीना, उसी में तू ने लौट कर रोटी खाई, और पानी भी पिया है इस कारण तुझे अपने पुरखाओं के कब्रिस्तान में मिट्टी नहीं दी जाएगी। 23 जब यह खा पी चुका, तब उसने परमेश्वर के उस जन के लिये जिस को वह लौटा ले आया था गदहे पर काठी बन्धाई। 24 जब वह मार्ग में चल रहा था, तो एक सिंह उसे मिला, और उसको मार डाला, और उसकी लोथ मार्ग पर पड़ी रही, और गदहा उसके पास खड़ा रहा और सिंह भी लोथ के पास खड़ा रहा। 25 जो लोग उधर से चले आ रहे थे उन्होंने यह देख कर कि मार्ग पर एक लोथ पड़ी है, और उसके पास सिंह खड़ा है, उस नगर में जा कर जहां वह बूढ़ा नबी रहता था यह समाचार सुनाया। 26 यह सुनकर उस नबी ने जो उसको मार्ग पर से लौटा ले आया था, कहा, परमेश्वर का वही जन होगा, जिसने यहोवा के वचन के विरुद्ध किया था, इस कारण यहोवा ने उसको सिंह के पंजे में पड़ने दिया; और यहोवा के उस वचन के अनुसार जो उसने उस से कहा था, सिंह ने उसे फाड़कर मार डाला होगा। 27 तब उसने अपने बेटों से कहा, मेरे लिये गदहे पर काठी बान्धो; जब उन्होंने काठी बान्धी, 28 तब उसने जा कर उस जन की लोथ मार्ग पर पड़ी हुई, और गदहे, और सिंह दोनों को लोथ के पास खड़े हुए पाया, और यह भी कि सिंह ने न तो लोथ को खाया, और न गदहे को फाड़ा है। 29 तब उस बूढ़े नबी ने परमेश्वर के जन की लोथ उठा कर गदहे पर लाद ली, और उसके लिये छाती पीटने लगा, और उसे मिट्टी देने को अपने नगर में लौटा ले गया। 30 और उसने उसकी लोथ को अपने कब्रिस्तान में रखा, और लोग हाय, मेरे भाई! यह कह कर छाती पीटने लगे। 31 फिर उसे मिट्टी देकर उसने अपने बेटों से कहा, जब मैं मर जाऊंगा तब मुझे इसी कब्रिस्तान में रखना, जिस में परमेश्वर का यह जन रखा गया है, और मेरी हड्डियां उसी की हड्डियों के पास धर देना। 32 क्योंकि जो वचन उसने यहोवा से पाकर बेतेल की वेदी और शोमरोन के नगरों के सब ऊंचे स्थानों के भवनों के विरुद्ध पुकार के कहा है, वह निश्चय पूरा हो जाएगा। 33 इसके बाद यारोबाम अपनी बुरी चाल से न फिरा। उसने फिर सब प्रकार के लोगो में से ऊंचे स्थानों के याजक बनाए, वरन जो कोई चाहता था, उसका संस्कार करके, वह उसको ऊंचे स्थानों का याजक होने को ठहरा देता था। 34 और यह बात यारोबाम के घराने का पाप ठहरी, इस कारण उसका विनाश हुआ, और वह धरती पर से नाश किया गया।
प्रश्न-उत्तर
प्र 1 : यहूदा से आए परमेश्वर के जन के लिए परमेश्वर का संदेश क्या था ?
उ 1 : यहूदा से आए परमेश्वर के जन के लिए परमेश्वर का संदेश यह था कि " वेदी ,हे वेदी ! यहोवा यों कहता है , कि सुन , दाऊद के कुल में योशिय्याह नामक एक लड़का उत्पन्न होगा , वह उन ऊंचे स्थानों के याजकों को जो धूप जलातें हैं , तुझ पर बलि कर देगा उन पर मनुष्यों कि हड्डियाँ जलाई जाएंगी "। यह वचन जो यहोवा ने कहा है इसका चिन्ह यह है कि वेदी फट जाएगी और इस पर कि राख गिर जाएगी " ।प्र 2 : यारोबाम ने अपना हाथ क्यों बढ़ाया था ?
उ 2 : यारोबाम ने अपना हाथ यहूदा से आए परमेश्वर के जन को इशारा करके कह रहा था "उसको पकड़ लो"।प्र 3 : परमेश्वर के जन को झूठा संदेश किसने दिया था ?
उ 3 : परमेश्वर के जन को झूठा संदेश बेतेल के एक बूढ़ा नबी ने दिया था ।प्र 4 : परमेश्वर के जन के साथ क्या हुआ ?
उ 4 : जब परमेश्वर का जन बूढ़े नबी के घर से भोजन करने के बाद यहूदा की ओर चला तब मार्ग में एक सिंह मिला जिसने उसे मार डाला ।प्र 5 : हम परमेश्वर की इच्छा को कैसे जान सकते हैं ?
उ 5 : हमें परमेश्वर की आज्ञाएं प्राप्त हुई हैं और हमें अन्य तरीके नहीं ढूढ़ने चाहिए परमेश्वर की इच्छा का पता चले और खास कर हमें उनकी नहीं सुननी चाहिए जो हमें परमेश्वर का वचन नहीं सिखाते ।
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