पाठ 39 : जी उठना

Media

Lesson Summary

Content not prepared yet or Work in Progress.


Lesson Prayer

Content not prepared yet or Work in Progress.


Song

Content not prepared yet or Work in Progress.


Instrumental

Content not prepared yet or Work in Progress.


सारांश

क्रूस पर प्रभु की मृत्यु के समय ,उनसे प्रेम करने वाले अनेक लोग वहाँ खड़े यह देख रहे थे |उनमें कई स्त्रियाँ भी थीं |बाद में अरिमतिया के यूसुफ ने जो यहूदियों का शासक था और प्रभु से प्रेम करता था ,पीलातुस से प्रभु यीशु का शव माँगा कि उसे कब्र में रखे |प्रभु के एक और गुप्त शिष्य ,नीकुदेमुस ने यूसुफ की सहायता की और दोनों ने मिलकर प्रभु के शरीर को गाड़े जाने के लिए तैयार किया और चट्टान में खुदवाई नई कब्र के द्वार पर बड़ा पत्थर लुढ़का दिया| फिर यहूदियों को स्मरण आया कि प्रभु यीशु ने कहा था कि वे तीसरे दिन मृतकों में से जी उठेंगे |उन्होंने सोचा कि प्रभु के चेले उनके शरीर को चुरा ले जाएँगे ,इसलिए उन्होंने हाकिम पर दबाव डाला कि कब्र को सुरक्षित रखे |अत : पीलातुस ने कब्र के पत्थर पर मोहर लगवा दी और रखवाली के लिए पहरूए लगा दिए | तीसरे दिन ,सप्ताह के पहले दिन बहुत सवेरे प्रभु यीशु के शरीर पर लगाने के लिए सुगन्धित वस्तुएँ लेकर कुछ स्त्रियाँ कब्र पर आईं |रास्ते में वे आपस में कहती थीं ,“हमारे लिए कब्र के द्वार पर से पत्थर कौन लुढ़काएगा ?“जब उन्होंने आँखें उठाईं ,तो देखा कि पत्थर लुढ़का हुआ है ,परन्तु प्रभु की देह वहाँ नहीं थी |कब्र खाली थी ,परन्तु कपड़े वहीं थे |उन्होंने एक स्वर्गदूत को देखा जिसने कहा ,“मत डरो ,तुम यीशु नासरी को जो क्रूस पर चढ़ाया गया था ,ढूँढ़ती हो| वह यहाँ नहीं है |अपने वचन के अनुसार वह जी उठा है |अब शीघ्र जाओ और उसके चेलों से कहो कि प्रभु जी उठा है |“वे इन शब्दों पर विश्वास न कर सकीं | वे बड़े भय और आनंद के साथ कब्र से शीघ्र लौटकर उसके चेलों को समाचार देने के लिए दौड़ गईं |जी उठने के बाद प्रभु पहले मरियम मगदलीनी को दिखाई दिए |उसके पश्चाताप चेलों को और अन्य लोगों को |उन्होंने प्रभु को देखा ,छुआ और प्रभु से बातें कीं| प्रभु यीशु के समान और कोई नहीं है |अनेक महापुरुष जीए और मर गए और वहीं उनका अंत हो गया |परन्तु प्रभु यीशु जो जीवन का राजकुमार है, वह मृतकों में से जी उठे |मृत्यु उन्हें अपने वश में न रख सकी ,क्योंकि वह परमेश्वर के पुत्र हैं |वह सदाकाल के लिए जीवित हैं |यदि आप उनके हो जाएँगे तो आप भी अनंत जीवन उत्तराधिकारी हो जाएँगे|

बाइबल अध्यन

मत्ती अध्याय 28 1 सब्त के दिन के बाद सप्ताह के पहिले दिन पह फटते ही मरियम मगदलीनी और दूसरी मरियम कब्र को देखने आईं। 2 और देखो एक बड़ा भुईंडोल हुआ, क्योंकि प्रभु का एक दूत स्वर्ग से उतरा, और पास आकर उसने पत्थर को लुढ़का दिया, और उस पर बैठ गया। 3 उसका रूप बिजली का सा और उसका वस्त्र पाले की नाईं उज्ज़्वल था। 4 उसके भय से पहरूए कांप उठे, और मृतक समान हो गए। 5 स्वर्गदूत ने स्त्र्यिों से कहा, कि तुम मत डरो: मै जानता हूँ कि तुम यीशु को जो क्रुस पर चढ़ाया गया था ढूंढ़ती हो। 6 वह यहाँ नहीं है, परन्तु अपने वचन के अनुसार जी उठा है; आओ, यह स्थान देखो, जहाँ प्रभु पड़ा था। 7 और शीघ्र जाकर उसके चेलों से कहो, कि वह मृतकों में से जी उठा है; और देखो वह तुम से पहिले गलील को जाता है, वहाँ उसका दर्शन पाओगे, देखो, मैं ने तुम से कह दिया। 8 और वे भय और बड़े आनन्द के साथ कब्र से शीघ्र लौटकर उसके चेलों को समाचार देने के लिये दौड़ गई। 9 और देखो, यीशु उन्हें मिला और कहा; ‘सलाम’और उन्होंने पास आकर और उसके पाँव पकड़कर उस को दणडवत किया। 10 तब यीशु ने उन से कहा, मत डरो; मेरे भाईयों से जाकर कहो, कि गलील को चलें जाएं वहाँ मुझे देखेंगे॥ 11 वे जा ही रही थीं, कि देखो, पहरूओं में से कितनों ने नगर में आकर पूरा हाल महायाजकों से कह सुनाया। 12 तब उन्हों ने पुरनियों के साथ इकट्ठे होकर सम्मति की, और सिपाहियों को बहुत चान्दी देकर कहा। 13 कि यह कहना, कि रात को जब हम सो रहे थे, तो उसके चेले आकर उसे चुरा ले गए। 14 और यदि यह बात हाकिम के कान तक पहुंचेगी, तो हम उसे समझा लेंगे और तुम्हें जोखिम से बचा लेंगे। 15 सो उन्होंने रूपए लेकर जैसा सिखाए गए थे, वैसा ही किया; और यह बात आज तक यहूदियों में प्रचलित है॥ 16 और ग्यारह चेले गलील में उस पहाड़ पर गए, जिसे यीशु ने उन्हें बताया था। 17 और उन्होंने उसके दर्शन पाकर उसे प्रणाम किया, पर किसी किसी को सन्देह हुआ। 18 यीशु ने उन के पास आकर कहा, कि स्वर्ग और पृथ्वी का सारा अधिकार मुझे दिया गया है। 19 इसलिये तुम जाकर सब जातियों के लोगों को चेला बनाओ और उन्हें पिता और पुत्र और पवित्रआत्मा के नाम से बपतिस्मा दो। 20 और उन्हें सब बातें जो मैं ने तुम्हें आज्ञा दी है, मानना सिखाओ: और देखो, मैं जगत के अन्त तक सदैव तुम्हारे संग हूं॥

प्रश्न-उत्तर

प्र 1 : प्रभु यीशु किस दिन मृतकों मे से जी उठ थे ?उ 1 : तीसरे दिन प्रभु यीशु मृतकों मे से जी उठ थे ।
प्र 2 : उन्होंने प्रभु की कब्र को कैसे सुरक्षीत रखा ।उ 2 : उन्होंने प्रभु की कब्र के पत्थर पर मोहर लगवा दी और रखवाली के लिये पहरुए लगा दिये ।
प्र 3 जीवित होने के पश्चात सबसे पहले प्रभु किसके सामने प्रकट हुए ?उ 3 : जीवित होने के पश्चात सबसे पहले प्रभु मरियम मगदलीनी सामने प्रकट हुए ।
प्र 4 : प्रभु यीशु पर विश्वास करने वाले व्यक्ति को क्या प्राप्त होता है ?उ 4 : प्रभु यीशु पर विश्वास करने वाले व्यक्ति अन्नत जीवन का उत्तराधिकारी हो जाता है ।
प्र 5 : परमेश्वर के पुत्र प्रभु यीशु मसीह मे और संसार के महापुरुष कहलाने वालों के बीच क्या अंतर है ?उ 5 : परमेश्वर के पुत्र प्रभु यीशु मसीह मे और संसार के महापुरुष कहलाने वालों के बीच यह अंतर है कि महापुरुष जी गये और मर गये और वहीं उनका अंत हो गया परन्तु प्रभु यीशु मसीह जो जीवन का राजकुमार है वह मृतकों मे से जी उठा और सदाकाल के लिए जीवित है ।

संगीत

कबर का पत्थर लुढ़का, जैसा वचन में लिखा था, वैसे प्रभु जी उठे ।

  1. मरियम जब कबर पे आई, देखा प्रभु वहाँ पर ना थे, भयभीत हुई जब देखा, दो दूत वहाँ बैठे थे, कहते थे वो जीवित को, क्यों कबर में ढूंढ़ रही हो, प्रभु आज जी उठे ।

  2. फिर बहनों ने जाके, चेलों को सबको बताया, पतरस प्यारा चेला था, वह दौड़कर कबर पर आया, उसने देखा खाली थी कबर, प्रभु जी वहाँ पर ना थे, हुआ क्या !ये सोच के लौटे,

  3. यह सच था वह जिन्दा था, इम्माऊस की राह मिला था, चेलों के बीच भी जाके, शान्ति का दान दिया था, यह संदेश है उद्दार का, आओ और कबर को देखो, प्रभु सचमुच जी उठे ।