पाठ 36 : यीशु यरूशलेम
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सारांश
पुराने नियम में जकर्याह ने भविष्यवाणी की थी कि इस्रएल के लिए जिस राजा का वायदा किया गया है ,वह गदहे पर ,वरन गदही के बच्चे पर चढ़कर यूरुशलेम में प्रवेश करेगा |सही समय के आने पर प्रभु यीशु ने अपने दो शिष्यों को यह कहकर भेजा ,“सामने के गाँव में जाओ ,वहाँ पहुँचते ही एक गदही बंधी हुई ,और उसके साथ बच्चा तुम्हें मिलेगा |उन्हें खोलकर मेरे पास ले आओ |यदि तुम से कोई कुछ कहे ,तो कहना कि प्रभु को इसका प्रयोजन है ,तब वह तुरंत भेज देगा |“प्रभु की आज्ञानुसार चेले गदही और बच्चे को लाए ,उन पर कपड़े डाल दिए |प्रभु उस पर बैठ गए |तब बहुत से लोगों ने कपड़े ,पेड़ों की डालियाँ और फूल -पत्ते मार्ग में बिछाए |भीड़ उनके आगे -पीछे पुकार -पुकार कर कहती गई ,“दाऊद के संतान को होशाना ,धन्य है वह ,जो प्रभु के नाम से आता है ,आकाश मे होशाना |”
इस प्रकार उन्होंने आनंद मनाया और परमेश्वर के पुत्र का सम्मान किया जैसे भविष्यदकता ने कहा था | प्रभु यूरुशलेम में आए और मंदिर में गए |वहाँ उन्होंने लोगों को लेन -देन और व्यपार करते देखा |प्रभु ने उन सब को वहाँ से बाहर निकाल दिया ,और उन की चौकियाँ उलट दीं |और कहा ,“मेरा घर प्रार्थना का घर कहलाएगा ,परन्तु तुम ने उसे डाकुओं की खोह बना दी है |”
प्रभु यीशु मंदिर में बैठे और उन्होंने अनेक रोगयों को चंगा किया |परन्तु महायाजक और शस्त्री बहुत क्रोधित हुए | आज परमेश्वर का मंदिर विश्वासी का ह्रदय है |मसीह से जुड़ा हुआ ह्रदय उनका सम्मान करेगा उसका मंदिर शुद्ध और पवित्र होना चाहिए |क्या प्रभु आप के ह्रदय में वास करते हैं ?
बाइबल अध्यन
मत्ती 21:1-17 1 जब वे यरूशलेम के निकट पहुंचे और जैतून पहाड़ पर बैतफगे के पास आए, तो यीशु ने दो चेलों को यह कहकर भेजा। 2 कि अपने साम्हने के गांव में जाओ, वहां पंहुचते ही एक गदही बन्धी हुई, और उसके साथ बच्चा तुम्हें मिलेगा; उन्हें खोलकर, मेरे पास ले आओ। 3 यदि तुम में से कोई कुछ कहे, तो कहो, कि प्रभु को इन का प्रयोजन है: तब वह तुरन्त उन्हें भेज देगा। 4 यह इसलिये हुआ, कि जो वचन भविष्यद्वक्ता के द्वारा कहा गया था, वह पूरा हो; 5 कि सिय्योन की बेटी से कहो, देख, तेरा राजा तेरे पास आता है; वह नम्र है और गदहे पर बैठा है; वरन लादू के बच्चे पर। 6 चेलों ने जाकर, जैसा यीशु ने उन से कहा था, वैसा ही किया। 7 और गदही और बच्चे को लाकर, उन पर अपने कपड़े डाले, और वह उन पर बैठ गया। 8 और बहुतेरे लोगों ने अपने कपड़े मार्ग में बिछाए, और और लोगों ने पेड़ों से डालियां काट कर मार्ग में बिछाईं। 9 और जो भीड़ आगे आगे जाती और पीछे पीछे चली आती थी, पुकार पुकार कर कहती थी, कि दाऊद की सन्तान को होशाना; धन्य है वह जो प्रभु के नाम से आता है, आकाश में होशाना। 10 जब उस ने यरूशलेम में प्रवेश किया, तो सारे नगर में हलचल मच गई; और लोग कहने लगे, यह कौन है? 11 लोगों ने कहा, यह गलील के नासरत का भविष्यद्वक्ता यीशु है॥ 12 यीशु ने परमेश्वर के मन्दिर में जाकर, उन सब को, जो मन्दिर में लेन देन कर रहे थे, निकाल दिया; और सर्राफों के पीढ़े और कबूतरों के बेचने वालों की चौकियां उलट दीं। 13 और उन से कहा, लिखा है, कि मेरा घर प्रार्थना का घर कहलाएगा; परन्तु तुम उसे डाकुओं की खोह बनाते हो। 14 और अन्धे और लंगड़े, मन्दिर में उसके पास लाए, और उस ने उन्हें चंगा किया। 15 परन्तु जब महायाजकों और शास्त्रियों ने इन अद्भुत कामों को, जो उस ने किए, और लड़कों को मन्दिर में दाऊद की सन्तान को होशाना पुकारते हुए देखा, तो क्रोधित होकर उस से कहने लगे, क्या तू सुनता है कि ये क्या कहते हैं? 16 यीशु ने उन से कहा, हां; क्या तुम ने यह कभी नहीं पढ़ा, कि बालकों और दूध पीते बच्चों के मुंह से तु ने स्तुति सिद्ध कराई? 17 तब वह उन्हें छोड़कर नगर के बाहर बैतनिय्याह को गया, ओर वहां रात बिताई॥
लूका 19:29-40 29 और जब वह जैतून नाम पहाड़ पर बैतफगे और बैतनियाह के पास पहुंचा, तो उस ने अपने चेलों में से दो को यह कहके भेजा। 30 कि साम्हने के गांव में जाओ, और उस में पहुंचते ही एक गदही का बच्चा जिस पर कभी कोई सवार नहीं हुआ, बन्धा हुआ तुम्हें मिलेगा, उसे खोल कर लाओ। 31 और यदि कोई तुम से पूछे, कि क्यों खोलते हो, तो यह कह देना, कि प्रभु को इस का प्रयोजन है। 32 जो भेजे गए थे; उन्होंने जाकर जैसा उस ने उन से कहा था, वैसा ही पाया। 33 जब वे गदहे के बच्चे को खोल रहे थे, तो उसके मालिकों ने उन से पूछा; इस बच्चे को क्यों खोलते हो? 34 उन्होंने कहा, प्रभु को इस का प्रयोजन है। 35 वे उस को यीशु के पास ले आए और अपने कपड़े उस बच्चे पर डालकर यीशु को उस पर सवार किया। 36 जब वह जा रहा था, तो वे अपने कपड़े मार्ग में बिछाते जाते थे। 37 और निकट आते हुए जब वह जैतून पहाड़ की ढलान पर पहुंचा, तो चेलों की सारी मण्डली उन सब सामर्थ के कामों के कारण जो उन्होंने देखे थे, आनन्दित होकर बड़े शब्द से परमेश्वर की स्तुति करने लगी। 38 कि धन्य है वह राजा, जो प्रभु के नाम से आता है; स्वर्ग में शान्ति और आकाश मण्डल में महिमा हो। 39 तब भीड़ में से कितने फरीसी उस से कहने लगे, हे गुरू अपने चेलों को डांट। 40 उस ने उत्तर दिया, कि तुम से कहता हूं, यदि ये चुप रहें, तो पत्थर चिल्ला उठेंगे॥
जकर्याह 9:9 9 हे सिय्योन बहुत ही मगन हो। हे यरूशलेम जयजयकार कर! क्योंकि तेरा राजा तेरे पास आएगा; वह धर्मी और उद्धार पाया हुआ है, वह दीन है, और गदहे पर वरन गदही के बच्चे पर चढ़ा हुआ आएगा।
प्रश्न-उत्तर
प्र 1 : सवारी के लिये प्रभु को गदहा कैसे मिला ?
उ 1 : प्रभु यीशु ने अपने दो शिष्यों को यह कहकर भेजा कि समाने के गाँव मे पहुँचने पर एक गदही बंधी हुई और उसके साथ बच्चा मिलेगा । उन्हें खोलकर प्रभु के पास लाओ और यदि कोई कुछ पूछे तो उनको उत्तर देना कि प्रभु को इसका प्रयोजन है तो वह तुरंत भेज देगा ।प्र 2 : लोगों ने क्या किया ? उन्होंने क्या कहा ?
उ 2 : लोगों ने कपड़े , पेड़ों की डालियाँ और फूल-पत्ते मार्ग मे बिछाये । उन्होंने पुकार-पुकारकर कहा " दाऊद की संतान को होशाना , धन्य है वह , जो प्रभु के नाम से आता है , आकाश मे होशाना ।प्र 3 : मंदिर का क्या दृश्य था ?
उ 3 : जब प्रभु मंदिर के अंदर आए तो वहाँ लोगों को लेन-देन और व्यापार करते देखा।प्र 4 : प्रभु यीशु ने मंदिर को कैसे साफ किया ?
उ 4 : प्रभु यीशु ने उन सबको मंदिर से बाहर निकाल दिया लेन-देन और व्यापार कर रहे थे और उनकी चौंकियाँ उलट दी । प्रभु ने उनसे कहा ' मेरा घर प्रार्थना का घर कहलायेगा , परन्तु तुमने उसे डाकुओं का खोह बना दी है ।प्र 5 : आज परमेश्वर का मंदिर क्या है ?
उ 5 : आज परमेश्वर का मंदिर विश्वासी का हृदय है जिसे शुद्ध और पवित्र होना चाहिये।संगीत
बालक उसका स्वागत करते राहों में अपने कपड़े बिछाते कितना गहरा प्यार दिखाते मानों अपने दिल है बिछाते ऊँचे स्वर से दिल कहते होवे जय - जय कार। (2)
शांति का राजा आ रहा होवे जय - जय कार राजाओं के राजा यीशु मसीह की होवे जय - जय कार। (2)