पाठ 30 : यीशु दस कोड़ियों को चंगा करता है
Media
Content not prepared yet or Work in Progress.
Content not prepared yet or Work in Progress.
Content not prepared yet or Work in Progress.
Content not prepared yet or Work in Progress.
सारांश
एक बार प्रभु यीशु यरुशलेम जाते हुए रास्ते में एक गाँव से होकर गुजरे जहाँ उन्हें दस कोढ़ी मिले |वे दूर खड़े होकर ऊँचे शब्द से चिल्लाए ,“हे यीशु ,हे स्वामी ,हम पर दया कर !”
प्रभु यीशु उनकी आवश्यकता जानते थे ,इसलिए उन्होंने कहा ,“जाकर अपने आप को याजकों को दिखाओ |“प्रभु ने यह इसलिए कहा ,क्योंकि वह जानते थे कि यहूदी व्यवस्था के अनुसार एक याजक ही रोगमुक्त कोढ़ी की जाँच करके यह घोषणा कर सकता था कि वह अशुद्ध है या शुद्ध |कोढ़ियों ने आज्ञा मानी ,और जाते ही वे स्वस्थ हों गए |
उन कोढ़ियों में एक सामरी था |यहूदी लोग सामरियों को नीचा समझते थे |जब उसने देखा कि वह चंगा हो गया है ,बड़े आनंद के साथ आकर प्रभु के चरणों पर गिरा और धन्यवाद करने लगा |सभी कोढ़ी रोगमुक्त हुए थे ,परन्तु केवल एक प्रभु यीशु को धन्यवाद देने और परमेश्वर की बड़ाई करने लोटा |
प्रभु यीशु ने कहा ,“क्या दसों शुद्ध न हुए ?तो फिर वे नौ कहाँ हैं ?परमेश्वर हमसे धन्यवाद और आराधना की अपेक्षा करते हैं क्योंकि उन्होंने हमें पाप से बचाया है |
बाइबल अध्यन
लूका 17:11-19 11 और ऐसा हुआ कि वह यरूशलेम को जाते हुए सामरिया और गलील के बीच से होकर जा रहा था। 12 और किसी गांव में प्रवेश करते समय उसे दस कोढ़ी मिले। 13 और उन्होंने दूर खड़े होकर, ऊंचे शब्द से कहा, हे यीशु, हे स्वामी, हम पर दया कर। 14 उस ने उन्हें देखकर कहा, जाओ; और अपने तई याजकों को दिखाओ; और जाते ही जाते वे शुद्ध हो गए। 15 तब उन में से एक यह देखकर कि मैं चंगा हो गया हूं, ऊंचे शब्द से परमेश्वर की बड़ाई करता हुआ लौटा। 16 और यीशु के पांवों पर मुंह के बल गिरकर, उसका धन्यवाद करने लगा; और वह सामरी था। 17 इस पर यीशु ने कहा, क्या दसों शुद्ध न हुए? तो फिर वे नौ कहां हैं? 18 क्या इस परदेशी को छोड़ कोई और न निकला, जो परमेश्वर की बड़ाई करता? 19 तब उस ने उस से कहा; उठकर चला जा; तेरे विश्वास ने तुझे चंगा किया है॥
प्रश्न-उत्तर
प्र 1 : कितने कोढ़ी प्रभु यीशु से मिले ?
उ 1 : दस कोढ़ी प्रभु यीशु से मिले ।प्र 2 : प्रभु को देखकर वे क्या चिल्लाये ?
उ 2 : प्रभु को देखकर वे चिल्लाये " हे प्रभु ,हे स्वामी , हम पर दया कर !"प्र 3 : कितने कोढ़ी स्वस्थ हुए ?
उ 3 : दस कोढ़ी स्वस्थ हुए ।प्र 4 : प्रभु यीशु को धन्यवाद देने के लिये कितने वापस आये ? जो आया वह कौन था ?
उ 4 : प्रभु यीशु को धन्यवाद देने के लिये केवल एक वापस आया । जो आया वह एक समारी था।प्र 5 : इस पाठ से हम क्या सीखते हैं?
उ 5 : इस पाठ से हम यह सीखते हैं कि जो प्रभु यीशु के पास आता है उस का जीवन पूरी तरह बदल जाता है। हमे परमेश्वर के प्रति धन्यवादी जीवन बिताना चाहिये ।
संगीत
अशुद्ध कोढ़ी मैं अपनों से दूर खुद से भी था मुझे नफरत नहीं दिया दण्ड की आज्ञा जा और फिर पाप न करना ।
कैसे कहूँ तेरा धन्यवाद मन मंदिर का स्वामी बोज है मैं अपनों को भी सिर्फ तूने गले लगा दिया ।