पाठ 28 : यीशु सूबेदार के नौकर को चंगा करता है
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सारांश
यह उस समय की घटना है ,जब यहूदी लोगों का देश रोमी सम्राज्य का हिस्सा था |राज्यपाल और न्यायी सब रोमी सिपाही सारे देश में फैले थे |एक दिन प्रभु यीशु कफरनहूम में आए |एक रोमी सूबेदार ने यह सुना ,और वह जानता था कि प्रभु रोगियों को चंगा करने का आश्चर्यकर्म करते हैं |इस सूबेदार का एक अति प्रिय दास था ,जो बीमार था |सूबेदार ने कुछ वयोवृद्ध लोगों को प्रभु से विनती करने भेजा कि वे सूबेदार के दास को चंगा कर दें |उन्होंने प्रभु यीशु से विनती की और कहा कि सूबेदार इस योग्य है कि उसकी सहायता की जाए ,क्योंकि वह हमारी जाति से प्रेम रखता है ,और उसी ने हमारे आराधनालय को बनाया है |“प्रभु यीशु उनके साथ चले,परन्तु जब वह कुछ दूर ही पर थे कि सूबेदार ने अपने मित्रों के द्वारा कहला भेजा कि हे प्रभु दुख न उठा ,क्योंकि मैं इस योग्य नहीं कि तू मेरे घर आए |परन्तु वचन ही कह दे तो मेरा सेवक चंगा हो जाएगा |प्रभु यीशु ने एक अन्यजाति के विश्वास पर आश्चर्य किया |अपने पीछे आ रही यहूदियों की भीड़ से प्रभु ने कहा ,“मैंने इस्रएल में भी ऐसा विश्वास नहीं पाया |”
सूबेदार के मित्रों ने लौटकर उस दास को पूरी तरह स्वस्थ पाया जो लगभग मरने पर था |
बाइबल अध्यन
लूका 7:2-10 2 और किसी सूबेदार का एक दास जो उसका प्रिय था, बीमारी से मरने पर था। 3 उस ने यीशु की चर्चा सुनकर यहूदियों के कई पुरनियों को उस से यह बिनती करने को उसके पास भेजा, कि आकर मेरे दास को चंगा कर। 4 वे यीशु के पास आकर उस से बड़ी बिनती करके कहने लगे, कि वह इस योग्य है, कि तू उसके लिये यह करे। 5 क्योंकि वह हमारी जाति से प्रेम रखता है, और उसी ने हमारे आराधनालय को बनाया है। 6 यीशु उन के साथ साथ चला, पर जब वह घर से दूर न था, तो सूबेदार ने उसके पास कई मित्रों के द्वारा कहला भेजा, कि हे प्रभु दुख न उठा, क्योंकि मैं इस योग्य नहीं, कि तू मेरी छत के तले आए। 7 इसी कारण मैं ने अपने आप को इस योग्य भी न समझा, कि तेरे पास आऊं, पर वचन ही कह दे तो मेरा सेवक चंगा हो जाएगा। 8 मैं भी पराधीन मनुष्य हूं; और सिपाही मेरे हाथ में हैं, और जब एक को कहता हूं, जा, तो वह जाता है, और दूसरे से कहता हूं कि आ, तो आता है; और अपने किसी दास को कि यह कर, तो वह उसे करता है। 9 यह सुनकर यीशु ने अचम्भा किया, और उस ने मुंह फेरकर उस भीड़ से जो उसके पीछे आ रही थी कहा, मैं तुम से कहता हूं, कि मैं ने इस्राएल में भी ऐसा विश्वास नहीं पाया। 10 और भेजे हुए लोगों ने घर लौटकर, उस दास को चंगा पाया॥
प्रश्न-उत्तर
प्र 1 : कौन बीमार था ?
उ 1 : रोमी सूबेदार का एक प्रिय दास बीमार था ।प्र 2 : प्रभु यीशु के पास कौन आये ?उन्होंने क्या कहा?
उ 2 : प्रभु यीशु के पास सूबेदार द्वारा भेजे वयोवृद्ध लोग आये और उन्होंने प्रभु यीशु मसीह से कहा कि सूबेदार के दास को चांग कर दे।प्र 3 : सुबदार ने प्रभु यीशु के पास क्या संदेशा भेजा ?
उ 3 : सुबदार ने प्रभु यीशु के पास यह संदेशा भेजा कि प्रभु यीशु उस के घर तक आने का कष्ट ना करे क्योंकि वह इस के योग्य नहीं है केवल प्रभु अपने वचन से उस दास को चांग कर सकता है।प्र 4 : सेवक के साथ क्या हुआ ?
उ 4 : सूबेदार के विश्वास के कारण वह दास उसी व्यक्त चांगा हो गया और सूबेदार के दोस्तों ने लौट कर उस दास को पूरी तरह से स्वस्थ पाया जो मरने पर था।