पाठ 24 : नामान
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सारांश
इस्रएल का एक पड़ोसी देश था आराम और ये दोनों देश आपस में युद्ध करते थे |आराम की सेना का सेनापती नामान था | वह सूरवीर था ,और अपने राजा की दृष्टि में था ,परन्तु वह एक कोढ़ी था |
उसके घर में एक इस्रएली लड़की थी |हम उसका नाम नहीं जानते ,पर वह इस्रएल के परमेश्वर की सामर्थ्य को जानती थी |अरामी इस लड़की को इस्रएल से पकड़कर लाए थे और वह नामान की पत्नी की सेवा करती थी |यधपि वह विदेश में एक गुलाम थी ,फिर भी वह अपना कार्य अच्छी तरह करती थी |एक दिन उसने अपनी मालकिन से कहा ,“यदि मेरा स्वामी शोमरोन के भविष्यदकता से मिलता ,तो उसका कोढ़ ठीक हो जाता |” उसकी कही बात नामान तक पहुँचाई गई ,और नामान ने राजा को बता दी |अराम के राजा ने तुरंत इस्रएल के राजा के नाम चिट्ठी लिखकर नामान के हाथ से भेजने का निर्णय लिया |भविष्यदकता को देने के लिए चाँदी ,सोना और वस्र लेकर नामान चल पड़ा |इस्रएल के राजा ने पत्र पढ़कर अपने कपड़े फाड़े ,और कहा ,“मैं कोढ़ कैसे ठीक कर सकता हूँ |अराम का राजा मुझसे झगड़े का कारण ढूँढ़ रहा है |”
जब एलीशा ने सुना कि राजा ने वस्र फाड़े हैं ,तो उसने कहला भेजा ,“उसे मेरे पास आने दो ,तब वह जान लेगा ,कि इस्रएल में भविष्यदकता है |” नामान रथों समेत एलीशा के द्वार पर आ गया |एलीशा ने एक सेवक को भेजकर कहलवाया ,“तू यरदन में सात बार डुबकी मार ,तब तू शुद्ध हो जाएगा |“नामान क्रोधित होकर चला गया और उसने कहा ,“मैंने सोचा था कि भविष्यदकता बाहर मेरे पास आएगा और अपने परमेश्वर से प्रार्थना करके मुझे रोगमुक्त कर देगा |क्या दमिश्क की अबाना और पर्पर नदियाँ इस्रएल के सब जलाशयों से उत्तम नहीं हैं ?क्या मैं उनमें स्नान करके शुद्ध नहीं हो सकता हूँ |
अत :वह अत्यंत क्रोधित होकर लौटकर चला गया |
जब नामान के सेवकों ने सुना ,तो उसके पास जाकर कहने लगे ,“हे हमारे पिता ,यदि भविष्यदकता तुझे कोई भारी काम करने की आज्ञा देता तो क्या तू उसे न करता ?फिर जब वह कहता है कि स्नान करके शुद्ध हो जा ,तो कितना अधिक इसे मानना चाहिए |“उनकी बात सुनकर नामान का मन बदला |उसने यरदन में जाकर एलीशा के कहे अनुसार सात बार डुबकी लगाई और उसका कोढ़ दूर हो हो गया |कितना अद्भुत !
तब नामान और उसके सेवक वापस एलीशा के पास गए और जो भेंट वो लाए थे ,उसे लेने की विनती की |भविष्यदकता ने उत्तर दिया ,“यहोवा के जीवन की शपथ ,मैं कुछ भेंट ना लूँगा |“कुशल से विदा हो नामान वापस घर की और चला |अभी कुछ ही दूर गया था कि ,एलीशा के सेवक गेहजी ने सोचा ,कि मेरे स्वामी को नामान से भेंट ले लेना चाहिए था ,अब मैं उसके पीछे दौड़कर उससे कुछ न कुछ ले लूँगा |गेहजी दौड़ कर नामान के पास पहुँचा |उसे देखकर उससे मिलने रथ से उतरा |गेहजी ने उससे कहा ,“मेरे स्वामी ने मुझे यह कहने को भेजा है ,कि एप्रैम के पहाड़ी देश से भविष्यदकताओं के चेलों में से सो जवान मेरे यहाँ अभी आए हैं ,इसलिए उनके लिए एक किक्कार चाँदी और दो जोड़े वस्र दे |“नामान ने कहा ,“दो किक्कार लेने से प्रसन्न हो |‘तब उसने उससे बहुत विनती करके दो किक्कार चाँदी अलग थैलियों में बाँधकर ,दो जोड़े वस्र समेत अपने दो सेवकों पर लाद दिया ,और वे उन्हें लेकर उसके आगे -आगे चले |टीले के पास पहुँचने पर गहेजी ने उन वस्तुओं को लेकर घर में रख लिया और उन मनुष्यों को विद किया |फिर वह अंदर जाकर अपने स्वामी के सामने खड़ा हो गया |एलीशा ने उससे पूछा ,” हे गेहजी तू कहाँ से आता है ?” उसने कहा ,” तेरा दास तो कहीं नहीं गया |“एलीशा ने उससे कहा ,“जब वह पुरुष तुझ से मिलने रथ से उतरा ,तब क्या मेरा आत्मा तेरे साथ नहीं था ?क्या यह चाँदी और भेंट लेने का समय है ?इस कारण नामान का कोढ़ तुझे और तेरे वंश को सदा लगा रहेगा |“तब वह हिम स शवेत कोढ़ी होकर उसके सामने से चला गया |
बाइबल अध्यन
2 राजा 5:1-19 1 अराम के राजा का नामान नाम सेनापति अपने स्वामी की दृष्टि में बड़ा और प्रतिष्ठित पुरुष था, क्योंकि यहोवा ने उसके द्वारा अरामियों को विजयी किया था, और यह शूरवीर था, परन्तु कोढ़ी था। 2 अरामी लोग दल बान्ध कर इस्राएल के देश में जा कर वहां से एक छोटी लड़की बन्धुवाई में ले आए थे और वह नामान की पत्नी की सेवा करती थी। 3 उसने अपनी स्वामिन से कहा, जो मेरा स्वामी शोमरोन के भविष्यद्वक्ता के पास होता, तो क्या ही अच्छा होता! क्योंकि वह उसको कोढ़ से चंगा कर देता। 4 तो किसी ने उसके प्रभु के पास जा कर कह दिया, कि इस्राएली लड़की इस प्रकार कहती है। 5 अराम के राजा ने कहा, तू जा, मैं इस्राएल के राजा के पास एक पत्र भेजूंगा; तब वह दस किक्कार चान्दी और छ:हजार टुकड़े सोना, और दस जोड़े कपड़े साथ ले कर रवाना हो गया। 6 और वह इस्राएल के राजा के पास वह पत्र ले गया जिस में यह लिखा था, कि जब यह पत्र तुझे मिले, तब जानना कि मैं ने नामान नाम अपने एक कर्मचारी को तेरे पास इसलिये भेजा है, कि तू उसका कोढ़ दूर कर दे। 7 इस पत्र के पढ़ने पर इस्राएल का राजा अपने वस्त्र फाड़ कर बोला, क्या मैं मारने वाला और जिलाने वाला परमेश्वर हूँ कि उस पुरुष ने मेरे पास किसी को इसलिये भेजा है कि मैं उसका कोढ़ दूर करूं? सोच विचार तो करो, वह मुझ से झगड़े का कारण ढूंढ़ता होगा। 8 यह सुनकर कि इस्राएल के राजा ने अपने वस्त्र फाड़े हैं, परमेश्वर के भक्त एलीशा ने राजा के पास कहला भेजा, तू ने क्यों अपने वस्त्र फाड़े हैं? वह मेरे पास आए, तब जान लेगा, कि इस्राएल में भविष्यद्वक्ता तो है। 9 तब नामान घोड़ों और रथों समेत एलीशा के द्वार पर आकर खड़ा हुआ। 10 तब एलीशा ने एक दूत से उसके पास यह कहला भेजा, कि तू जा कर यरदन में सात बार डुबकी मार, तब तेरा शरीर ज्यों का त्यों हो जाएगा, और तू शुद्ध होगा। 11 परन्तु नामान क्रोधित हो यह कहता हुआ चला गया, कि मैं ने तो सोचा था, कि अवश्य वह मेरे पास बाहर आएगा, और खड़ा हो कर अपने परमेश्वर यहोवा से प्रार्थना कर के कोढ़ के स्थान पर अपना हाथ फेर कर कोढ़ को दूर करेगा! 12 क्या दमिश्क की अबाना और पर्पर नदियां इस्राएल के सब जलाशयों से अत्तम नहीं हैं? क्या मैं उन में स्नान कर के शुद्ध नहीं हो सकता हूँ? इसलिये वह जलजलाहट से भरा हुआ लौट कर चला गया। 13 तब उसके सेवक पास आकर कहने लगे, हे हमारे पिता यदि भविष्यद्वक्ता तुझे कोई भारी काम करने की आज्ञा देता, तो क्या तू उसे न करता? फिर जब वह कहता है, कि स्नान कर के शुद्ध हो जा, तो कितना अधिक इसे मानना चाहिये। 14 तब उसने परमेश्वर के भक्त के वचन के अनुसार यरदन को जा कर उस में सात बार डुबकी मारी, और उसका शरीर छोटे लड़के का सा हो गया; उौर वह शुद्ध हो गया। 15 तब वह अपने सब दल बल समेत परमेश्वर के भक्त के यहां लौट आया, और उसके सम्मुख खड़ा हो कर कहने लगा सुन, अब मैं ने जान लिया है, कि समस्त पृथ्वी में इस्राएल को छोड़ और कहीं परमेश्वर नहीं है। इसलिये अब अपने दास की भेंट ग्रहण कर। 16 एलीशा ने कहा, यहोवा जिसके सम्मुख मैं उपस्थित रहता हूँ उसके जीवन की शपथ मैं कुछ भेंट न लूंगा, और जब उसने उसको बहुत विवश किया कि भेंट को ग्रहण करे, तब भी वह इनकार ही करता रहा। 17 तब नामान ने कहा, अच्छा, तो तेरे दास को दो खच्चर मिट्टी मिले, क्योंकि आगे को तेरा दास यहोवा को छोड़ और किसी ईश्वर को होमबलि वा मेलबलि न चढ़ाएगा। 18 एक बात तो यहोवा तेरे दास के लिये क्षमा करे, कि जब मेरा स्वामी रिम्मोन के भवन में दण्डवत करने को जाए, और वह मेरे हाथ का सहारा ले, और यों मुझे भी रिम्मोन के भवन में दण्डवत करनी पड़े, तब यहोवा तेरे दास का यह काम क्षमा करे कि मैं रिम्मोन के भवन में दण्डवत करूं। 19 उसने उस से कहा, कुशल से बिदा हो।
प्रश्न-उत्तर
प्र 1 : नामन कौन था ? उसे क्या परेशानी थी ?
उ 1 : नामान आराम की सेना का सेनापति था । वह कोढ़ के रोग से परेशान था ।प्र 2 : नमान ने एलीशा के बारे मे कैसे सुना ?
उ 2 : नामान की पत्नी की सेवा करने के लिये इस्राएल से गुलाम बनाकर लायी एक बालिका थी जिसने नमान की पत्नी को एलीशा के बारे मे बातया। नामान की पत्नी ने यह बात नामान तक पहुँचाई ।प्र 3 : एलीशा ने नामान से क्या करने को कहा ?
उ 3 : एलीशा ने नामान से यरदन नदी मे सात बार डुबकी मारने को कहा ।प्र 4 : नामान कैसे स्वस्थ हुआ ?
उ 4 : नामान ने एलीशा के कहे अनुसार जब सात बार यरदन नदी मे डुबकी लगाई तो वह स्वस्थ हुआ।
संगीत
नामान ने एलीशा की बात मानकर यरदन नदी में डुबकी लगा ई
डुबकी लगाई रे बाबा डुबकी लगाई यरदन नदी में डुबकी लगाई ।
एक बार ,दो बार,तीन -चार बार पाँच और छे और सात लगाई डुबकी लगाई रे बाबा डुबकी लगाई यरदन नदी में डुबकी लगाई ।
देखो यह कैसा चमत्कार हुआ नामान कोढ़ से चंगा हुआ डुबकी लगाई रे बाबा डुबकी लगाई यरदन नदी में डुबकी लगाई ।