पाठ 22 : एलियाह का स्वर्गारोहण
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सारांश
अपने वचनों और आश्चर्यक्रमों के द्वारा एलिय्याह ने इस्राएलियों पर परमेश्वर की सामर्थ प्रकट की |उसके जीवन के अंतिम समयों में परमेश्वर ने उसे साथ रहने के लिए एक शिष्य दिया |वह एलीशा था , जो परछाई की तरह एलिय्याह के साथ रहा करता था |अंतत :बहुत विशेष रीति से परमेश्वर ने एलिय्याह को संसार से उठा लिया |अक्सर लोग संसार छोड़कर कैसे जाते हैं ? परन्तु परमेश्वर ने एलिय्याह को जीवित शरीर में ही स्वर्ग पर उठा लिया |
जब जाने का समय निकट आया ,जब एलिय्याह और एलीशा एक साथ गिलगाल से बेतेल को गए |एलिय्याह ने अपने मित्र से बेतेल में रुकने को कहा ,क्योंकि वह आगे जा रहा था |परन्तु एलीशा ने साथ रहने का ज़िद की |वे जानते थे कि उस दिन ही परमेश्वर एलिय्याह को उठा लेने वाले थे |वे एक साथ यरीहो को गए और फिर यरदन तक |वहाँ एलिय्याह ने अपनी चादर से यरदन के जल पर मारा | जल दो भाग हो गया ,और वे पैदल पार चले गए |
एलिय्याह ने कहा ," इससे पहले कि मैं चला जाऊँ ,जो कुछ तू चाहे वह माँग ले |" एलीशा ने कहा ,“तुझमें जो आत्मा है ,उसका दुगना भाग मुझे मिल जाए |”
एलिय्याह ने कहा ,“तूने कठिन बात माँगी है ,फिर भी मेरे उठाए जाते समय यदि तू मुझे देख ले ,तो तेरे लिए ऐसा ही होगा |”
जब वे चलते जा रहे थे ,तब अचानक एक अगिनमय रथ और अगिनमय घोड़ों ने उनको अलग अलग किया ,और एलिय्याह एक बवंडर में होकर स्वर्ग पर चढ़ गया ,और एलीशा ने वह देख लिया |उसने अपने स्वामी और साथी के जाने के दुख में कपड़े फाड़े |फिर उसने एलिय्याह के ऊपर से गिरी चादर को उठा लिया और यरदन नदी के तट पर पहुँचा |जिस प्रकार एलिय्याह ने किया था ,उसी प्रकार एलिय्याह के पुकारते हुए एलीशा ने नदी पर मारा और वह दो भाग हो गया की वह पार जा सके |
अपने मार्ग पर जाते हुए एलीशा यरीहो पहुँचा ,जहाँ उसने पवित्र आत्मा की सामर्थ से कड़वे पानी को ठीक कर दिया |बेतेल के रास्ते में उसके श्राप के कारण दो रीछनियों ने उन लड़कों को मार डाला जिन्होंने उसका मज़ाक उड़ाया था |परमेश्वर उन्हें अवश्य दण्ड देते हैं ,जो उसके दासों का मज़ाक उड़ाते हैं |
बाइबल अध्यन
2 राजा अध्याय 2 1 जब यहोवा एलिय्याह को बवंडर के द्वारा स्वर्ग में उठा लेने को था, तब एलिय्याह और एलीशा दोनों संग संग गिलगाल से चले। 2 एलिय्याह ने एलीशा से कहा, यहोवा मुझे बेतेल तक भेजता है इसलिये तू यहीं ठहरा रह। एलीशा ने कहा, यहोवा के और तेरे जीवन की शपथ मैं तुझे नहीं छोड़ने का; इसलिये वे बेतेल को चले गए। 3 और बेतेलवासी भविष्यद्वक्ताओं के चेले एलीशा के पास आकर कहने लगे, क्या तुझे मालूम है कि आज यहोवा तेरे स्वामी को तेरे ऊपर से उठा लेने पर है? उसने कहा, हां, मुझे भी यह मालूम है, तुम चुप रहो। 4 और एलिय्याह ने उस से कहा, हे एलीशा, यहोवा मुझे यरीहो को भेजता है; इसलिये तू यहीं ठहरा रह: उसने कहा, यहोवा के और तेरे जीवन की शपथ मैं तुझे नहीं छोड़ने का; सो वे यरीहो को आए। 5 और यरीहोवासी भविष्यद्वक्ताओं के चेले एलीशा के पास आकर कहने लगे, क्या तुझे मालूम है कि आज यहोवा तेरे स्वामी को तेरे ऊपर से उठा लेने पर है? उसने उत्तर दिया, हां मुझे भी मालूम है, तुम चुप रहो। 6 फिर एलिय्याह ने उस से कहा, यहोवा मुझे यरदन तक भेजता है, सो तू यहीं ठहरा रह; उसने कहा, यहोवा के और तेरे जीवन की शपथ मैं तुझे नहीं छोड़ने का; सो वे दोनों आगे चले। 7 और भविष्यद्वक्ताओं के चेलों में से पचास जन जा कर उनके साम्हने दूर खड़े हुए, और वे दोनों यरदन के तीर खड़े हुए। 8 तब एलिय्याह ने अपनी चद्दर पकड़ कर ऐंठ ली, और जल पर मारा, तब वह इधर उधर दो भाग हो गया; और वे दोनों स्थल ही स्थल पार उतर गए। 9 उनके पार पहुंचने पर एलिय्याह ने एलीशा से कहा, उस से पहिले कि मैं तेरे पास से उठा लिये जाऊं जो कुछ तू चाहे कि मैं तेरे लिये करूं वह मांग; एलीशा ने कहा, तुझ में जो आत्मा है, उसका दूना भाग मुझे मिल जाए। 10 एलिय्याह ने कहा, तू ने कठिन बात मांगी है, तौभी यदि तू मुझे उठा लिये जाने के बाद देखने पाए तो तेरे लिये ऐसा ही होगा; नहीं तो न होगा। 11 वे चलते चलते बातें कर रहे थे, कि अचानक एक अग्नि मय रथ और अग्निमय घोड़ों ने उन को अलग अलग किया, और एलिय्याह बवंडर में हो कर स्वर्ग पर चढ़ गया। 12 और उसे एलीशा देखता और पुकारता रहा, हाय मेरे पिता! हाय मेरे पिता! हाय इस्राएल के रथ और सवारो! जब वह उसको फिर देख न पड़ा, तब उसने अपने वस्त्र पाड़े और फाड़कर दो भाग कर दिए। 13 फिर उसने एलिय्याह की चद्दर उठाई जो उस पर से गिरी थी, और वह लौट गया, और यरदन के तीर पर खड़ा हुआ। 14 और उसने एलिय्याह की वह चद्दर जो उस पर से गिरी थी, पकड़ कर जल पर मारी और कहा, एलिय्याह का परमेश्वर यहोवा कहां है? जब उसने जल पर मारा, तब वह इधर उधर दो भाग हो गया और एलीशा पार हो गया। 15 उसे देखकर भविष्यद्वक्ताओं के चेले जो यरीहो में उसके साम्हने थे, कहने लगे, एलिय्याह में जो आत्मा थी, वही एलीशा पर ठहर गई है; सो वे उस से मिलने को आए और उसके साम्हने भूमि तक झुक कर दण्डवत की। 16 तब उन्होंने उस से कहा, सुन, तेरे दासों के पास पचास बलवान पुरुष हैं, वे जा कर तेरे स्वामी को ढूढें, सम्भव है कि क्या जाने यहोवा के आत्मा ने उसको उठा कर किसी पहाड़ पर वा किसी तराई में डाल दिया हो; उसने कहा, मत भेजो। 17 जब उन्होंने उसको यहां तक दबाया कि वह लज्जित हो गया, तब उसने कहा, भेज दो; सो उन्होंने पचास पुरुष भेज दिए, और वे उसे तीन दिन तक ढूंढ़ते रहे परन्तु न पाया। 18 उस समय तक वह यरीहो में ठहरा रहा, सो जब वे उसके पास लौट आए, तब उसने उन से कहा, क्या मैं ने तुम से न कहा था, कि मत जाओ? 19 उस नगर के निवासियों ने एलीशा से कहा, देख, यह नगर मनभावने स्थान पर बसा है, जैसा मेरा प्रभु देखता है परन्तु पानी बुरा है; और भूमि गर्भ गिरानेवाली है। 20 उसने कहा, एक नये प्याले में नमक डालकर मेरे पास ले आओ; वे उसे उसके पास ले आए। 21 तब वह जल के सोते के पास निकल गया, और उस में नमक डालकर कहा, यहोवा यों कहता है, कि मैं यह पानी ठीक कर देता हूँ, जिस से वह फिर कभी मृत्यु वा गर्भ गिरने का कारण न होगा। 22 एलीशा के इस वचन के अनुसार पानी ठीक हो गया, और आज तक ऐसा ही है। 23 वहां से वह बेतेल को चला, और मार्ग की चढ़ाई में चल रहा था कि नगर से छोटे लड़के निकलकर उसका ठट्ठा कर के कहने लगे, हे चन्दुए चढ़ जा, हे चन्दुए चढ़ जा। 24 तब उसने पीछे की ओर फिर कर उन पर दृष्टि की और यहोवा के नाम से उन को शाप दिया, तब जंगल में से दो रीछिनियों ने निकल कर उन में से बयालीस लड़के फाड़ डाले। 25 वहां से वह कर्म्मेल को गया, और फिर वहां से शोमरोन को लौट गया।
प्रश्न-उत्तर
प्र 1 : एलीशा एलिय्याह के पीछे -पीछे क्यों चला ?
उ 1 : एलीशा एलिय्याह के पीछे -पीछे इसलिये चला क्योंकि वह जनता था कि उसी दिन हि परमेश्वर एलिय्याह को उठा लेने वाले हैं । एलिय्याह ने उसे बेतेल मे रुकने को कहा था पर वह रुकने को तैयार नहीं था ।प्र 2 : उन्होंने यरदन नदी पार कैसे की?
उ 2 : एलिय्याह ने अपनी चादर से यरदन के जल पर मारा और जल दो भाग हो गया और वे पैदल पार चले गये।प्र 3 : परमेश्वर ने एलिय्याह को एलीशा से किस प्रकार अलग किया?
उ 3 : जब एलीशा और एलिय्याह चलते जा रहे थे तब अचानक एक अग्निमय रथ और अग्निमय घोडों ने उनको अलग अलग किया और एलिय्याह एक बवंडर मे होकर स्वर्ग चढ़ गया और एलीशा ने देख लिया ।प्र 4 : परमेश्वर एलिय्याह को किस प्रकार स्वर्ग ले लिया ?
उ 4 : एलिय्याह एक बवंडर मे होकर स्वर्ग चढ़ गया।प्र 5 : एलीशा का एक आश्चर्यकर्म बताओ ।
उ 5 : जब एलिय्याह को परमेश्वर ने स्वर्ग मे उठा लिया गया और एलीशा वापस जा रहा था और जब यरदन के तट पर पहुंचा , तब जिस प्रकार एलिय्याह ने किया था उसी प्रकार एलिय्याह के परमेश्वर को पुकारते हुए एलीशा ने नदी पर मारा और वह दो भाग मे हो गया और वह पार करके चला गया ।संगीत
चलो - चलो मेरे साथ चलो प्रभु के पीछे गाते चलो
वो ही प्रभु जो क्रूस पर चढ़ा वो ही प्रभु मेरे लिए जो मरा वो ही प्रभु जो फिर से जी उठा वो ही प्रभु जो वापिस आएगा वापिस आएगा मसीह , मुझको ले जाएगा साथ मसीह ।