पाठ 16 : यरदन को पार करना
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सारांश
यरदन के तट पर इस्रएली तीन दिन टीके रहे ,उस दौरान यहोशू ने दो पुरुषों को उस देश का भेद लेने के लिए भेजा |उनकी सहायता राहाब नाम की एक स्त्री ने की ,और भेदियों ने उसे वचन दिया कि वे उसे बचा लेंगे जब शहर नाश किया जाएगा |भेदिए अच्छी खबर लेकर आए ,कि वहाँ के लोग अत्यंत भयभीत हैं |
परमेश्वर ने यहोशू को बताया की उन्हें क्या करना होगा |सबसे पहले याजक लोगों को परमेश्वर के संदूक को लेकर यरदन नदी में जाना होगा |यरदन नदी में कटनी के समय बाढ़ सी स्थिति रहती है |फिर भी ,परमेश्वर का संदूक उठाए याजकों के पाँव जैसे ही यरदन के जल में पड़े ,वैसे ही ऊपर से बहता हुआ जल थम गया ,और आदाम नगर के पास जो सारतान के निकट है ,रुककर एक ढेर हो गया |और जो नीचे अराबा का ताल (मृत सागर )की ओर बह रहा था ,वह पूरी तरह से सूख गया ,और प्रजा के लोग यरीहो के सामने पार उतर गए |याजक चलकर नदी के बीच में खड़े हों गए ,और सब इस्रएली पार उतरते रहे |परमेश्वर ने यहोशू से यह भी कहा ,कि प्रजा के बाहर पुरुष प्रत्येक गोत्र में से एक पुरुष यरदन के बीच में जाकर जहाँ याजक खड़े थे ,वहाँ से एक -एक पत्थर उठाकर यरदन के पार ले जाएँ ,ताकि परमेश्वर ने उनके लिए जो किया उसके स्मरण के लिए वह खड़े किए जाएँ |
जैसे ही संदूक लिए याजक नदी से बाहर आए ,और उनके पैर सूखी भूमि पर पड़े ,वैसे ही यरदन का जल अपने स्थान पर वापस आ गया और बाढ़ की तरह बहने लगा |उस दिन लोगों ने जान लिया कि उनकी अगुआई के लिए परमेश्वर ने यहोशू को चुना है |उसके जीवन भर इस्रएली उसका भय मानते और उसका आदर करते रहे |
बाइबल अध्यन
यहोशू अध्याय 4 1 जब उस सारी जाति के लोग यरदन के पार उतर चुके, तब यहोवा ने यहोशू से कहा, 2 प्रजा में से बारह पुरूष, अर्थात गोत्र पीछे एक एक पुरूष को चुनकर यह आज्ञा दे, 3 कि तुम यरदन के बीच में, जहां याजकों ने पांव धरे थे वहां से बारह पत्थर उठा कर अपने साथ पार ले चलो, और जहां आज की रात पड़ाव होगा वहीं उन को रख देना। 4 तब यहोशू ने उन बारह पुरूषों को, जिन्हें उसने इस्राएलियों के प्रत्येक गोत्र में से छांटकर ठहरा रखा था, 5 बुलवाकर कहा, तुम अपने परमेश्वर यहोवा के सन्दूक के आगे यरदन के बीच में जा कर इस्राएलियों के गोत्रों की गिनती के अनुसार एक एक पत्थर उठा कर अपने अपने कन्धे पर रखो, 6 जिस से यह तुम लोगों के बीच चिन्हानी ठहरे, और आगे को जब तुम्हारे बेटे यह पूछें, कि इन पत्थरों का क्या मतलब है? 7 तब तुम उन्हें उत्तर दो, कि यरदन का जल यहोवा की वाचा के सन्दूक के साम्हने से दो भाग हो गया था; क्योंकि जब वह यरदन पार आ रहा था, तब यरदन का जल दो भाग हो गया। सो वे पत्थर इस्राएल को सदा के लिये स्मरण दिलाने वाले ठहरेंगे। 8 यहोशू की इस आज्ञा के अनुसार इस्राएलियों ने किया, जैसा यहोवा ने यहोशू से कहा था वैसा ही उन्होंने इस्राएलियों ने किया, जैसा यहोवा ने यहोशू से कहा था वैसा ही उन्होंने इस्राएली गोत्रों की गिनती के अनुसार बारह पत्थर यरदन के बीच में से उठा लिए; और उन को अपने साथ ले जा कर पड़ाव में रख दिया। 9 और यरदन के बीच जहां याजक वाचा के सन्दूक को उठाए हुए अपने पांव धरे थे वहां यहोशू ने बारह पत्थर खड़े कराए; वे आज तक वहीं पाए जाते हैं। 10 और याजक सन्दूक उठाए हुए उस समय तक यरदन के बीच खड़े रहे जब तक वे सब बातें पूरी न हो चुकीं, जिन्हें यहोवा ने यहोशू को लोगों से कहने की आज्ञा दी थी। तब सब लोग फुर्ती से पार उतर गए; 11 और जब सब लोग पार उतर चुके, तब याजक और यहोवा का सन्दूक भी उनके देखते पार हुए। 12 और रूबेनी, गादी, और मनश्शे के आधे गोत्र के लोग मूसा के कहने के अनुसार इस्राएलियों के आगे पांति बान्धे हुए पार गए; 13 अर्थात कोई चालीस हजार पुरूष युद्ध के हथियार बान्धे हुए संग्राम करने के लिये यहोवा के साम्हने पार उतरकर यरीहो के पास के अराबा में पहुंचे। 14 उस दिन यहोवा ने सब इस्राएलियों के साम्हने यहोशू की महिमा बढ़ाई; और जैसे वे मूसा का भय मानते थे वैसे ही यहोशू का भी भय उसके जीवन भर मानते रहे॥ 15 और यहोवा ने यहोशू से कहा, 16 कि साक्षी का सन्दूक उठाने वाले याजकों को आज्ञा दे कि यरदन में से निकल आएं। 17 तो यहोशू ने याजकों को आज्ञा दी, कि यरदन में से निकल आओ। 18 और ज्योंही यहोवा की वाचा का सन्दूक उठाने वाले याजक यरदन के बीच में से निकल आए, और उनके पांव स्थल पर पड़े, त्योंही यरदन का जल अपने स्थान पर आया, और पहिले की नाईं कड़ारो के ऊपर फिर बहने लगा। 19 पहिले महिने के दसवें दिन को प्रजा के लोगों ने यरदन में से निकलकर यरीहो के पूर्वी सिवाने पर गिलगाल में अपने डेरे डाले। 20 और जो बारह पत्थर यरदन में से निकाले गए थे, उन को यहोशू ने गिलगाल में खड़े किए। 21 तब उसने इस्राएलियों से कहा, आगे को जब तुम्हारे लड़केबाले अपने अपने पिता से यह पूछें, कि इन पत्थरों का क्या मतलब है? 22 तब तुम यह कहकर उन को बताना, कि इस्राएली यरदन के पार स्थल ही स्थल चले आए थे। 23 क्योंकि जैसे तुम्हारे परमेश्वर यहोवा ने लाल समुद्र को हमारे पार हो जाने तक हमारे साम्हने से हटाकर सुखा रखा था, वैसे ही उसने यरदन का भी जल तुम्हारे पार हो जाने तक तुम्हारे साम्हने से हटाकर सुखा रखा; 24 इसलिये कि पृथ्वी के सब देशों के लोग जान लें कि यहोवा का हाथ बलवन्त है; और तुम सर्वदा अपने परमेश्वर यहोवा का भय मानते रहो॥
प्रश्न-उत्तर
प्र 1 : इस्राएलियों ने तीन दिन के लिये कहाँ डेरे डाले ?
उ 1 : इस्राएलियों ने तीन दिन तक यरदन के तट पर डेरे डाले ।प्र 2 : जब वे यरदन नदी के किनारे पहुँचे , तब नदी की स्थिति क्या थी?
उ 2 : जब वे यरदन नदी के किनारे पहुँचे , तब नदी बाढ़ सी स्थिति थी ।प्र 3 : उन्होंने नदी कैसे पार किया ?
उ 3 : जब परमेश्वर का सन्दूक उठाए याजकों के पाँव यरदन के जल पर पड़े तभी ऊपर से बहता जल थम गया और आदाम नगर के पास जो सारतान के निकट है रुक कर एक ढेर हो गया। नीचे अराबा का ताल( मृत सरार) कि ओर वह बह रहा था वह पूरी तरह से सूख गया और प्रजा के लोग यरीहो सामने पार उतरे और याजक चल कर नदी के बीच खड़े हो गये और सब इस्राएली पार उतरते रहे।प्र 4 : किस अवसर पर ठीक इसी प्रकार का आश्चर्यकर्म हुआ था ?
उ 4 : जब मूसा ने परमेश्वर की आज्ञा के अनुसार लाल समुद्र को पार किया था तब भी इसी प्रकार का आश्चर्यकर्म हुआ था।प्र 5 : बारह पत्थर किस बात को प्रदर्शित करते हैं ?
उ 5 : बारह पत्थर इस्राएल के बारह गोत्र को प्रदर्शित करते हैं।प्र 6 : परमेश्वर का सन्दूक किसकी तस्वीर है ?
उ 6 : परमेश्वर का सन्दूक हमारे उद्धार कर्ता प्रभु यीशु मसीह की तस्वीर है ।
संगीत
यरदन को पार किया उसकी ताकत से यरीहो को गिरा दिया उसकी स्तुति से यीशु के नाम से फतह मिलेगी हमेशा हम जीतेंगे ।
ऐ मेरी आत्मा, ऐ मेरे दिल तू कर अपने अनोखे मसीह की स्तुति छलकती है मेरे दिल से आसमानी प्रेम की नदी ।( हल्लेलुयाह )