पाठ 38 : जककई

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Lesson Prayer

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Song

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Instrumental

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सारांश

पिछले पाठों मे हम देख चुके हैं कि प्रभु यीशु खोए हूओं को ढूढंने और बचाने आया था ।आज हम देखेंगे कि एक धनी व्यक्ति जो परमेश्वर से मुडकर जी रहा था औरअपने ही लोगों को ठगता था, परन्तु यीशु से मिलने के बाद उसका जीवन बदल गया। जब प्रभु यीशु यरीहो से गुजर रहा था, हमेशा की तरह उसके पीछे बडी भीड थी। चलते चलते प्रभु उनको उपदेश सुना रहा था।जक्कई नाम का एक चुंगी लेनेवाला धनी व्यक्ति था। उसे प्रभु यीशु को देखने की लालसा थी, परन्तु नाटा होने के कारण वह भीड में प्रभु को देख नहीं पा रहा था। इसलिए वह दौडकर एक गूलर के पेड पर चढ गया ताकि वहां से गुजरते समय वह प्रभु यीशु को देख सके। जब प्रभु उस स्थान में आया , वह अचानक वहीं रुककर उपर देखा। उसने जक्कई को देखकर कहा, “जक्कई तुरन्त नीचे आ। आज मुझे तेरे घर में रहना अवश्य हैं । जक्कई तुरन्त उतरा और प्रभु का अपने घर मे स्वागत किया। लोग यह देखकर कुडकुडाने लगे। वे कहने लगे, “वो तो पापी मनुष्य के यहां जा उतरा है।“ परन्तु जक्कई ने खडे होकर कहा, ”प्रभु! अभी मै अपनी आधी सम्पति गरीबों को देता हूं ,और यदि मैने किसी का कुछ लिया है तो उसे चार गुणा लौटाता हूं " यह सुनकर प्रभु ने आनन्दित होकर कहा, “आज इस घर में उद्धार आया है, क्योंकि ह भी इब्राहिम का सन्तान है। मनुष्य का पुत्र खोए हुओं को ढूढंने और उन्हे बचाने आया है।“जैसे हम जानते हैं इब्राहिम को विश्वास करनेवालों का पिता कहा जाता है। जिस तरह जक्कई ने प्रभु यीशु को अपने घर में स्वीकार किया उसी तरह हमे प्रभु को अपने दिल में स्वीकार करना चाहिए। उसने न केवल प्रभु को अपने घर में वरन उसे अपने हृदय में स्वीकार किया। जिसका परिणाम हुआ जक्कई का बदला जीवन। उस असर ने तुरन्त उसके जीवन मे कार्य किया। इसलिए उसने प्रभु से कहा कि मै अपना आधा धन गरीबों को बांट दूंगा और जिस किसी का ठगकर कुछ लिया है उसे चार गूणा लौटा दूंगा । परमेश्वर के सन्तान होने के कारण प्रभु यीशु हम मे वास करते है। इसलिए हमे दुसरों के सामने मसीह के गुण को प्रगट करना चाहिए।

बाइबल अध्यन

लूका 19:1-10 1 वह यरीहो में प्रवेश करके जा रहा था। 2 और देखो, ज़क्कई नाम एक मनुष्य था जो चुंगी लेने वालों का सरदार और धनी था। 3 वह यीशु को देखना चाहता था कि वह कौन सा है परन्तु भीड़ के कारण देख न सकता था। क्योंकि वह नाटा था। 4 तब उस को देखने के लिये वह आगे दौड़कर एक गूलर के पेड़ पर चढ़ गया, क्योंकि वह उसी मार्ग से जाने वाला था। 5 जब यीशु उस जगह पहुंचा, तो ऊपर दृष्टि कर के उस से कहा; हे ज़क्कई झट उतर आ; क्योंकि आज मुझे तेरे घर में रहना अवश्य है। 6 वह तुरन्त उतर कर आनन्द से उसे अपने घर को ले गया। 7 यह देख कर सब लोगे कुड़कुड़ा कर कहने लगे, वह तो एक पापी मनुष्य के यहां जा उतरा है। 8 ज़क्कई ने खड़े होकर प्रभु से कहा; हे प्रभु, देख मैं अपनी आधी सम्पत्ति कंगालों को देता हूं, और यदि किसी का कुछ भी अन्याय करके ले लिया है तो उसे चौगुना फेर देता हूं। 9 तब यीशु ने उस से कहा; आज इस घर में उद्धार आया है, इसलिये कि यह भी इब्राहीम का एक पुत्र है। 10 क्योंकि मनुष्य का पुत्र खोए हुओं को ढूंढ़ने और उन का उद्धार करने आया है॥

प्रश्न-उत्तर

प्र 1 : जक्कई पेड़ पर क्यों चढ़ा ?उ 1 : जक्कई पेड़ पर इसलिये चढ़ा क्योंकि वह प्रभु को देखना चाहता था। प्रभु यीशु वहाँ से निकाल रहे थे , वह नाटा था और प्रभु के पास बहुत भीड़ थी।
प्र 2 : यहूदी लोग जक्कई से क्यों घृणा करते थे ?उ 2 : यहूदी लोग जक्कई से इसलिये घृणा करते थे क्योंकि वह एक चुंगी लेने वाला था और अपने ही लोगों को लूटता था ।
प्र 3 : प्रभु यीशु से मुलाकात करने के पश्चात जक्कई के जीवन में क्या परिवर्तन आया ?उ 3 : प्रभु यीशु से मुलाकात करने के पश्चात् जक्कई के जीवन मे बड़ा परिवर्तन आया । उसने कहा कि वह अपनी आधी संपत्ति कंगालों को देगा और यदि किसी का कुछ भी अनन्याय करके ले लिया तो उसे चौगुना वापसकर देगा ।
प्र 4 : हमारा जीवन कैसे परिवर्तित हो सकता है ?उ 4 : हमारा जीवन इस प्रकार परिवर्तित हो सकता है जब हम प्रभु यीशु मसीह को अपने हृदय मे स्वीकार करेंगे ।
प्र 5 : यदि प्रभु यीशु आपसे कहें , कि वे आपके दिल में आना चाहते हैं , तो आपका उत्तर क्या होगा ?उ 5 : यदि प्रभु यीशु मुझ से कहें कि मेरे दिल मे आना चाहते हैं तो मै कहूँगा / कहूँगी कि प्रभु जी मेरे दि मे ज़रूर आईये ।

संगीत

जक्कई नाम एक आदमी था वो इतना नाटा था वो पेड़ पे चढ़ के यीशु को देखना चाहता था यीशु वहाँ आकर बोले झट, नीचे उतर आ आज मुझे तेरे घर में अवश्य है रहना ।

1 तुझे भी यीशु ढूंढ रहा तू कहाँ है छिपा ? मौजमस्ती, ऐश में या जवानी की अभिलाषा तुझे यीशु बुलाता है तू छोड़ पाप की राह जल्दी दौड़कर उसे ले अपना और उस से नजात पा