पाठ 34 : यीशु और छोटे बच्चे
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सारांश
प्रभु यीशु इस पृथ्वी पर हमे दिखाने आए कि परमेश्वर कैसा है। परमेश्वर प्रेम है। इसका अर्थ है कि वह हमसे प्रमे करता है। एक दिन कुछ स्त्रियों ने अपने नन्हे बच्चों को प्रभु यीशु के पास लाया। अकसर लोग प्रभु यीशु के पास अपने रिश्तेदारों को केवल बीमारियों मे ही लाते थे। हां, बहुत से लोग प्रभु का प्रचार भी सुनने आते थे। परन्तु यह एक ही अवसर था जब कुछ माताओं ने अपने बच्चों को केवल प्रभु से आशिर्वाद पाने लाया था। यह मां बाप के लिए एक अच्छा नमुना है। बच्चो यदि आप के माता पिता परमेश्वर के प्रेमी है और आप को परमेश्वर का आशीष दिलाना चाहते है, तो आप सच में धन्य है। वे चाहते हैं कि आप भी शमूएल की तरह बढ़ें । आप प्रार्थना करे, प्रभु के गीत गाएं, और सन्डे स्कूल जाएं तो वे बहुत आनन्दित होंगे । प्रभु उन लोगों से हमेशा घिरे रहते थे जो उनका उपदेश सुनने और आश्चर्यकर्में को देखने आते थे। वह कहीं भी जाता तो उसके चेले उसके साथ रहते थे। जब चेलों ने इन स्त्रियों को उनके बच्चों के साथ देखा तो उनको अच्छा नहीं लगा। बच्चों को लेकर प्रभु के पास आने के कारण चेलों ने उन स्त्रियों को डांटा। उन्हों ने कहा कि बच्चों पर ध्यान देने के लिए प्रभु के पास समय नहीं है। परन्तु, क्या आप जानते हैं कि प्रभु यीशु ने क्या कहा? ”बच्चों को मेरे पास आने दो उन्हे मना न करो, क्यों की परमेश्वर का राज्य ऐसों ही का है।“ देखो प्रभु के हृदय में बच्चों के लिए कितना प्यार है।प्रभु ने जल्द ही बच्चों को अपने पास बुलाया, कुछ को अपनी गोद में बिठाया और उन से मीठी मीठी बातें की। निश्चित बच्चे मुसकुरा रहे थे। यीशु ने सारे बच्चों को आशिर्वाद दिया। अवश्य है कि वे सब परमेश्वर के लिए महान कार्य करनेवाले बने होंगे । एक बार प्रभु के चेलों ने उस से पूछा, ”र्स्वग के राज्य में सब से बडा कौन है? “ प्रभु यीशु ने एक बच्चे को अपने पास बुलाकर उनके बीच खडा किया, और कहा, ” मैं तुम से सच - सच कहता हूं कि यदि तुम मन फिराकर इस बच्चे के समान न बनो तो तुम किसी रीति से स्वर्गिय राज्य में प्रवश् नहीं करोगे । “ इसलिए जो कोई अपने आप को इस बच्चे के समान नम्र करता है वह स्वर्गिय राज्य में सब से महान माना जाएगा।
बाइबल अध्यन
मरकुस 10:13-16 13 फिर लोग बालकों को उसके पास लाने लगे, कि वह उन पर हाथ रखे, पर चेलों ने उन को डांटा। 14 यीशु ने यह देख क्रुध होकर उन से कहा, बालकों को मेरे पास आने दो और उन्हें मना न करो, क्योंकि परमेश्वर का राज्य ऐसों ही का है। 15 मैं तुम से सच कहता हूं, कि जो कोई परमेश्वर के राज्य को बालक की नाईं ग्रहण न करे, वह उस में कभी प्रवेश करने न पाएगा। 16 और उस ने उन्हें गोद में लिया, और उन पर हाथ रखकर उन्हें आशीष दी॥
प्रश्न-उत्तर
प्र 1 : माताएँ अपने बालकों को प्रभु यीशु के पास क्यों लाईं ?
उ 1 : माताएं अपने बालकों को प्रभु यीशु के पास इस लिया लाए कि प्रभु बच्चों को आशीष दें ।प्र 2 : चेलों ने उन माताओं से क्या कहा ?
उ 2 : चालों ने उन माताओं को डांटा ।प्र 3 : प्रभु यीशु ने क्या कहा ?
उ 3 : प्रभु ने चालों से कहा बालाकों को प्रभु के पास आने दो ,उन्हे मना मत करो कयोंकि परमेश्वर का राज्य एसों ही का है ।प्र 4 : हम परमेश्वर से कैसे बातें कर सकते हैं ?
उ 4 : हम परमेश्वर से प्रार्थना के द्वारा बात कर सकते हैं ।प्र 5 : हम परमेश्वर की बातें कैसे सुन सकते हैं ?
उ 5 : हम परमेश्वर की बातें बाईबल को पढ़ने के द्वारा सुन सकते हैं ।
संगीत
1 बच्चों को मेरे पास आने दो क्योंकि वे नम्र है और विनीत है। बच्चों को मेरे……….. 2 यीशु ने कहा उन्हे आने दो स्वर्ग राज्य इन लोगों का हैं।