पाठ 30 : काना में व्याह
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सारांश
जब प्रभु ने लोगों के बीच अपनी सेवा आरंभ की वह तीस वर्ष के थे । उनके बारह चेले थे। यीशु उसकी माता और उसके चेले काना के एक ब्याह में नेवते गए थे। आप जानते हैं कि ब्याह के समय अकसर भोज किया जाता है। उस स्थान में लोगों को दाखरस पिलाया जाता था। भोज चलते चलते उनका दाखरस घट गया। मरियम ने इस परिस्थिती को जानकर यीशु से कहा कि, ”उनके पास दाखरस नहीं है“x इस पर यीशु का उत्तर विचित्र था, उसने कहा! ”हे नारी मुझे तुझसे क्या काम ? अभी मेरा समय नहीं आया है।“ तौभी मरियम निराश नहीं हुई और सेवकों से कहा, “जो कुछ वह तुम से कहे, वही करना।“ उनके पास वहां छः बडे पानी के मटके थे। यीशु ने उन्हे उन मटको में पानी भरने को कहा, और उन्हो ने वैसा ही किया। तब यीशु ने कहा, ” अब उसे निकालकर भोज के प्रधान के पास ले जाओ। ” जब भोज के प्रधान ने उसे चखा तो कहने लगा, सब लोग अच्छा दाखरस पहले देतें है, परन्तु तु ने तो अच्छा अब तक छोडा है। वह नहीं जानता था कि यह दाखरस कहां से आया है । सिर्फ सेवक जानते थे।
यह अद्धभुत कार्य यीशु ने यह दिखाने के लिए किया कि वह परमेश्वर का पुत्र है।
बाइबल अध्यन
यूहन्ना 2:1-11 1 फिर उस से कहा, मैं तुम से सच सच कहता हूं कि तुम स्वर्ग को खुला हुआ, और परमेश्वर के स्वर्गदूतों को ऊपर जाते और मनुष्य के पुत्रा के ऊपर उतरते देखोगे।। 2 फिर तीसरे दिन गलील के काना में किसी का ब्याह था, और यीशु की माता भी वहां थी। 3 और यीशु और उसके चेले भी उस ब्याह में नेवते गए थे। 4 जब दाखरस घट गया, तो यीशु की माता ने उस से कहा, कि उन के पास दाखरस नहीं रहा। 5 यीशु ने उस से कहा, हे महिला मुझे तुझ से क्या काम? अभी मेरा समय नहीं आया। 6 उस की माता ने सेवकों से कहा, जो कुछ वह तुम से कहे, वही करना। 7 वहां यहूदियों के शुद्ध करने की रीति के अनुसार पत्थर के छ: मटके धरे थे, जि में दो दो, तीन तीन मन समाता था। 8 यीशु ने उन से कहा, अब निकालकर भोज के प्रधान के पास ले जाओ। 9 वे ले गए, जब भोज के प्रधान ने वह पानी चखा, जो दाखरस बन गया था, और नहीं जानता था, कि वह कहां से आया हे, ( परन्तु जिन सेवकों ने पानी निकाला था, वे जानते थे) तो भोज के प्रधान ने दूल्हे को बुलाकर, उस से कहा। 10 हर एक मनुष्य पहिले अच्छा दाखरस देता है और जब लोग पीकर छक जाते हैं, तब मध्यम देता है; परन्तु तू ने अच्छा दाखरस अब तक रख छोड़ा है। 11 यीशु ने गलील के काना में अपना यह पहिला चिन्ह दिखाकर अपनी महिमा प्रगट की और उसके चेलों ने उस पर विश्वास किया॥
प्रश्न-उत्तर
प्र 1 : विवाह किस स्थान पर था ? भोज में क्या समस्या उत्पन्न हुई ?
उ 1 : विवाह काना नामक स्थान पर था । भोज मे यह समस्या हुई कि दाखरस खत्म हो गया ।प्र 2 : मरियम ने प्रभु यीशु से क्या कहा ?
उ 2 : मरियम ने प्रभु यीशु से कहा कि भोज मे दाखरस खत्म हो गया है ।प्र 3 : समस्या आने पर हमें क्या करना चाहिए ?
उ 3 : समस्या आने पर हमे अपने प्रभु को बताना चाहिये ।प्र 4 : प्रभु यीशु ने सेवकों को क्या आज्ञा दी ?
उ 4 : प्रभु यीशु ने सेवकों को यह आज्ञा दी कि मटकों मे पानी भर दो । सेवकों ने मटकों मे मुहांमुह पानी भर दिया फिर प्रभु यीशु ने कहा अब निकाल कर भोज के प्रधान के पास जाओ।प्र 5 : भोज के प्रधान ने क्या कहा ?
उ 5 : भोज के प्रधान ने कहा कि हर मनुष्य पहले अच्छा दाखरस देता है परंतु तुमने तो अच्छा दाखरस अब तक बचा कर रखा है ।प्र 6 : प्रभु यीशु ने यह आश्चर्यकर्म क्यों किया ?
उ 6 : प्रभु यीशु ने यह आश्चर्यकर्म इसलिए किया कि लोग जान ले कि वह परमेश्वर का पुत्र है ।
संगीत
खुशी -खुशी देखने गए हम शादी लड्डू जलेबी बर्फ़ी सबके लिए रखी चेलों के संग ,गए यीशु भी देखी हमने वहा महिमा खुदा की
शादी के बीच मे चीजे कम हुई घर वालों को चिन्ता हुई फिर बात मानी जब यीशु की यीशु जो था संग ,मुसीबत टली ।