पाठ 28 : बालक यीशु और ज्ञानी पुरुष

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सारांश

पूर्व के कुछ ज्ञानियों ने आकाश में एक विषेश तारा को देखा।उन्होंने जाना कि यह किसी राजा के जन्म का चिन्ह है। वे काफी उत्साहित हुए और उस बालक को देखने निर्णय लिया। बालक राजा को भेटं देने के लिए कुछ बहमूल्य वस्तुओं को लेकर वे पश्चिम की ओर चल पड़े। यरुश्लेम पहंचुकर वे राजा हेरोदेश के महल में बालक को वही देखने की मंशा से गए । उन्होंने यहूदियों के राजा के जन्म के विषय में पुछताछ की। ये बात सुनकर हेरोदेश घबरा गया। उसने यहूदी नेताओं को बुलवाकर पूछा कि ख्रीस्त या मसीह का जन्म कहां होगा । “यहूदा के बैतलहम में” उन्होने तुरन्त कहा क्यूंकि भविष्यद्वक्ता मीका ने पहिले ही इसके विषय मे भविष्यवाणी की थी ! मीका 5:2 तब के मन में ये विचार हुआ कि उस बालक से पीछा छुड़ाना चाहिए । इसलिए उसने ज्ञानियों को बुलाकर उनसे ठीक समय जाना कि बालक का तारा किस समय प्रगट हुआ था। उसने उनसे कहा कि जाकर सही पता लगाएं, और उसे भी बताएं ताकि वो भी बालक को दण्डवत कर सके । राजा से मिलने के बाद वे अपने मार्ग में चले गए, और जो तारा उन्होंने पूर्व मे देखा था वो उन्हें फिर दिखाई दिया। उस तारे को देखकर वे बहुत आनन्दित हुए। वह उनके आगे आगे गया और उस जगह जाकर रुका जहां बालक था। उस घर में जाकर उन्हों ने बालक को उसकी माता मरियम के साथ पाया, और उन्होंने गिरकर उसे दण्डवत किया। तब उन्होंने अपने झोले खोले और भेंट के रुप में बालक को सोना, लोहबान और गंधरस चढाया। हमे उनकी तरह सब से उत्तम चीज प्रभु को देना चाहिए। परमेश्वर ने ज्ञानियों को स्वप्न में चिताया कि हेरोदेश के पास फिर न जाएं। वे दुसरे मार्ग से होकर अपने देश लौट गए।

बाइबल अध्यन

मत्ती 2:1-12 1 हेरोदेस राजा के दिनों में जब यहूदिया के बैतलहम में यीशु का जन्म हुआ, तो देखो, पूर्व से कई ज्योतिषी यरूशलेम में आकर पूछने लगे। 2 कि यहूदियों का राजा जिस का जन्म हुआ है, कहां है? क्योंकि हम ने पूर्व में उसका तारा देखा है और उस को प्रणाम करने आए हैं। 3 यह सुनकर हेरोदेस राजा और उसके साथ सारा यरूशलेम घबरा गया। 4 और उस ने लोगों के सब महायाजकों और शास्त्रियों को इकट्ठे करके उन से पूछा, कि मसीह का जन्म कहाँ होना चाहिए? 5 उन्होंने उस से कहा, यहूदिया के बैतलहम में; क्योंकि भविष्यद्वक्ता के द्वारा यों लिखा है। 6 कि हे बैतलहम, जो यहूदा के देश में है, तू किसी रीति से यहूदा के अधिकारियों में सब से छोटा नहीं; क्योंकि तुझ में से एक अधिपति निकलेगा, जो मेरी प्रजा इस्राएल की रखवाली करेगा। 7 तब हेरोदेस ने ज्योतिषियों को चुपके से बुलाकर उन से पूछा, कि तारा ठीक किस समय दिखाई दिया था। 8 और उस ने यह कहकर उन्हें बैतलहम भेजा, कि जाकर उस बालक के विषय में ठीक ठीक मालूम करो और जब वह मिल जाए तो मुझे समाचार दो ताकि मैं भी आकर उस को प्रणाम करूं। 9 वे राजा की बात सुनकर चले गए, और देखो, जो तारा उन्होंने पूर्व में देखा था, वह उन के आगे आगे चला, और जंहा बालक था, उस जगह के ऊपर पंहुचकर ठहर गया॥ 10 उस तारे को देखकर वे अति आनन्दित हुए। 11 और उस घर में पहुंचकर उस बालक को उस की माता मरियम के साथ देखा, और मुंह के बल गिरकर उसे प्रणाम किया; और अपना अपना यैला खोलकर उसे सोना, और लोहबान, और गन्धरस की भेंट चढ़ाई। 12 और स्वप्न में यह चितौनी पाकर कि हेरोदेस के पास फिर न जाना, वे दूसरे मार्ग से होकर अपने देश को चले गए॥

प्रश्न-उत्तर

प्र 1 : ज्योतिषियों ने कैसे जाना कि एक राजा जन्म हुआ है ?उ 1 : ज्योतिषियों ने आकाश मे एक विशेष तारा को देख कर जाना कि एक राजा का जन्म हुआ है ।
प्र 2 : सबसे पहले, किस स्थान पर उन्होंने बालक राजा ढूंढा ?उ 2 : सबसे पहले उन्होंने यरूशलेम मे हेरोदेस के राज भवन मे बालक राजा को ढूंढा ।
प्र 3 : हेरोदेस ने ज्योतिषियों से क्या करने को कहा ? उसका उदेश्य क्या था ?उ 3 : हेरोदेस ने ज्योतिषियों से कहा कि उस बालक के विषय मे ठीक -ठीक मालूम करे और जब वह मिल जाय तो राजा को समाचार देना ताकि वह भी आकार उसको प्रणाम करे । उसका उद्देश्य बालक से छुटकारा पान था ।
प्र 4 : ज्योतिषियों ने बालक यीशु को भेंट में क्या - क्या दिए ?उ 4 : ज्योतिषियों ने बालक यीशु को सोना , लोहबान और गंधरस की भेंट चढाई ।

संगीत

ढूँढकर आए है दूर -दूर से
यरुशलेम के अनजान कस्बों में
अगुवाई पाई दिव्य तारे से
पाया यीशु राजा चरनी में ।

हेरोदिस को नहीं थी , इसकी खबर
हन्नाह और ज्ञानी भी, थे बेखबर है नहीं दूर ,वह हम किसी से भी यत्न से ढूंढो , मिलेगा तभी ।