पाठ 22 : विधवा के तेल की बढ़ती
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सारांश
कुछ जवान एलिय्याह और एलीशा के शिष्य थे। वह लगभग आज के बाईबल स्कूल के समान थे। ये जवान अपने शिक्षक के साथ रहकर सिखा करते थे। एलीशा के एक शिष्य की अचानक मृत्यु हो गई। उसकी पत्नी और बेटों को गरीबी का सामना करना पड़ा। वह शिष्य किसी का कर्जदार था। कर्जा देनेवाला चाहता था कि कर्जा लेनेवाले के बेटे उसके गुलाम बन जाए। विधवा जिसने अपना पति खो दिया था अब अपने बेटों को खोना नहीं चाहती थी। उसने एलीशा को अपनी समस्या सुनाई । एलीशा ने उस से कहा, “मैं तेरे लिए क्या करुं, मुझे बता कि तेरे घर में क्या है?” विधवा ने कहा, “तेरे दासी के पास थोड़ा सा तेल छोड़कर और कुछ भी नहीं है। ” एलीशा ने कहा, “जाकर अपने पड़ोसियों से जितने खाली बर्तन ले सके ले ले, तब जाकर अपने बेटों के साथ घर में चले जाना और दरवाजा बन्द कर लेना। और सभी बर्तनों मे तेल डालना।” उसने जाकर भविष्यद्वक्ता के कहने के अनुसार किया। जब सारे बर्तन भर गए, उसने अपने बेटों से कहा “और बर्तन दो।” परन्तु उन्हो ने कहा, “और बर्तन नहीं है” तब तेल बहना थम गया। उसने जाकर जो हुआ था परमेश्वर के जन को बताया। तब एलीशा ने उससे कहा, “जाकर अपना कर्जा फेर दे, और जो बचे उस से तू और तेरे बेटे अपना निर्वाह करना। ” यह एक बड़ा चमत्कार था। हां परमेश्वर ने अपने सेवक के द्वारा कार्य किया था। उसने विधवा का थोड़ा लेकर उसे बढ़ाया। हमें अपना सब कुछ परमेश्वर को सौंप देना चाहिए। वह हमारी सब से बड़ी जरुरत की घड़ी में सहायता कर सकता है। ये आश्चर्यकर्म बन्द दरवाजे के पीछे हुआ था। ये प्रार्थना को दर्शाता है। उस विधवा ने पहले तो भविष्यद्वक्ता से बिनती की और उसकी बात मानी। उस स्त्री के समान हमें अपनी विनती को परमेश्वर के पास ले जाना चाहिए। वह हमारी प्रार्थनाओं को सुनता है।
बाइबल अध्यन
2 राजा 4:1-7 1 भविष्यद्वक्ताओं के चेलों की पत्नियों में से एक स्त्री ने एलीशा की दोहाई देकर कहा, तेरा दास मेरा पति मर गया, और तू जानता है कि वह यहोवा का भय माननेवाला था, और जिसका वह कर्जदार था वह आया है कि मेरे दोनों पुत्रों को अपने दास बनाने के लिये ले जाए। 2 एलीशा ने उस से पूछा, मैं तेरे लिये क्या करूं? मुझ से कह, कि तेरे घर में क्या है? उसने कहा, तेरी दासी के घर में एक हांड़ी तेल को छोड़ और कुछ तहीं है। 3 उसने कहा, तू बाहर जा कर अपनी सब पड़ोसियों खाली बरतन मांग ले आ, और थोड़े बरतन न लाना। 4 फिर तू अपने बेटों समेत अपने घर में जा, और द्वार बन्द कर के उन सब बरतनों में तेल उण्डेल देना, और जो भर जाए उन्हें अलग रखना। 5 तब वह उसके पास से चली गई, और अपने बेटों समेत अपने घर जा कर द्वार बन्द किया; तब वे तो उसके पास बरतन लाते गए और वह उण्डेलती गई। 6 जब बरतन भर गए, तब उसने अपने बेटे से कहा, मेरे पास एक और भी ले आ, उसने उस से कहा, और बरतन तो नहीं रहा। तब तेल थम गया। 7 तब उसने जा कर परमेश्वर के भक्त को यह बता दिया। ओर उसने कहा, जा तेल बेच कर ऋण भर दे; और जो रह जाए, उस से तू अपने पुत्रों सहित अपना निर्वाह करना।
प्रश्न-उत्तर
प्र 1 : वह विधवा इतनी चिंतित क्यों थी ?
उ 1 : विधवा बहुत चिंतित थी क्योंकि वह अपने पुत्रों सहित कर्ज मे डूबी थी और अब कर्जदार अपने उधार के बदले उसके दोनों पुत्रों को गुलाम बनाने के लिये ले जाने आय्या था ।प्र 2 : सहायता के लिए वह कहाँ गई ?
उ 2 : सहायता लिया वह विधवा एलीशा भविष्यवक्ता के पास गई ।प्र 3 : भविष्यद्वक्ता ने उससे क्या कहा ?
उ 3 : भविष्यवक्ता ने विधवा से कहा कि वह अपनी सब पड़ोसिनों से खाली बर्तन मांग कर लाये और अपने बेटों समेत अपने घर जा कर द्वार बंद करके उन सभी बर्तनों मे तेल उण्डले दे ।प्र 4 : बंद दरवाजे के पीछे यह आश्चर्यकर्म हुआ | यह क्या दर्शाता है ?
उ 4 : बंद दरवाजे के पीछे यह आश्चर्यकर्म हुआ और यह प्रार्थना को दर्शाता है । हमे अपनी बिनती और प्रार्थना को परमेश्वर के पास लाना चाहिए क्योंकि वह हमारी प्रार्थना को जरूर सुनेगा ।
संगीत
कर्ज का बोझ गुलामी लाया एलीशा को सारा हाल सुनाया तब जानी एक बात ,धर्मी की सन्तान मांगते नहीं करते है राज ।
भरती गई विधवा मुहल्ले के बर्तन कुप्पी गई जैसे तेल का कुआ बन करते तब धन्यवाद ,धर्मी की सन्तान मांगते नहीं ,करते है राज