पाठ 12 : गलत उपदेश और झूठे भविष्यद्वक्ता

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सारांश

गलत उपदेश और झूठे भविष्यद्वक्ता प्रभु यीशु मसीह ने इस विषय में सावधान रहने के लिए कहा कि आखिरी दिनों में गलत उपदेश होगा। पौलुस ने भी अपनी पत्री में इसके विषय में हमें फिर से सावधान किया।

( 2 तीमुथियुस-3:1,5 ) “पर यह जान रख, कि अन्तिम दिनों में कठिन समय आएंगे। क्योंकि मनुष्य अपस्वार्थी, लोभी, डींगमार, अभिमानी, निंदक, माता-पिता की आज्ञा टालने वाले, कृतघ्न, अपवित्र। दयारहित, क्षमारहित, दोष लगाने वाले, असंयमी, कठोर, भले के बैरी। विश्वासघाती, ढीठ, घमण्डी और परमेश्वर के नहीं वरन सुख विलास ही के चाहने वाले होंगे। वे भक्ति का भेष तो धरेंगे, पर उसकी शक्ति को ना मानेगें; ऐसों से परे रहना।”

( प्रेरितो-2:42 ) के अनुसार जिन लोगों ने प्रभु यीशु मसीह का वचन ग्रहण किया वे लोग प्रेरितों की शिक्षा पाने, संगति रखने, रोटी तोड़ने और प्रार्थना करने में लौलीन रहे। हमें इन बातों को बुनियादी उपदेश होकर मानना जरूरी है जिनमें परमेश्वर के वचन प्रेरितों की शिक्षा के लिए अहम स्थान देता है।

( मत्ती-7:15,20 ) में प्रभु यीशु ने कहा कि “झूठे भविष्यद्वकताओं से सावधान रहों, जो भेड़ों के भेष में तुम्हारे पास आते है, परन्तु अंदर से फाड़ने वाले भेड़िये है।” “सो उनके फलों से तुम उन्हें पहचान लोगे।”

( मत्ती 15:9 ) में प्रभु यीशु मसीह ने कहा - “और ये व्यर्थ मेरी उपासना करते हैं क्योंकि मनुष्य की विधियों को धर्मोपदेश करके सिखाते हैं।” इसलिए विश्वासी को हर काम परमेश्वर के वचन से परख कर करना चाहिए कि क्या बाईबल में इसके विषय में ऐसी आज्ञा है या नहीं। तो इन गलत शिक्षाओं से बचे रहने के लिए हम क्या करे? नकली चीज़ों का कैसे पता चलेगा?

जैसे कि नकली नोट की कोई कीमत नहीं होती, और अगर कोई उसका इस्तेमाल करे तो उसे सजा भी मिल सकती है। नकली नोट और असली नोट में मामूली सा ही फर्क होता है और उसको पहचानने के लिए यह जरूरी है कि असली नोट के बारें में अच्छी जानकारी हो।

इसलिए एक उपदेश खरा है या नहीं, यह पहचानने के लिए हमें इन तीन नियमों को जांचना जरूरी है।

नियम 1- क्या प्रभु यीशु मसीह ने इस विषय के बारे में कोई शिक्षा दी है या नहीं। नियम 2- प्रेरितों ने उस उपदेश को अपने जीवन में कैसे लागु किया। नियम 3- क्या पवित्र शास्त्र (बाईबल) में लिखी हुई पत्रियों में इस विषय के बारें में कोई आदेश या सुधार है कि नहीं।

उदाहरण के तौर परः- क्रिसमसः- विश्व भर में सारे लोग क्रिसमस मनाते है, लेकिन कभी प्रभु यीशु मसीह ने उसके बारें में आज्ञा नही दी और ना ही प्रेरितों ने कभी उसे मनाया, ना ही पत्रियों में इसका कोई जिक्र किया गया है। लोग क्रिसमस के नाम पर प्रभु यीशु मसीह का पुतला बनाते है और सैंटा क्लोस नामक काल्पनिक व्यक्ति का भेष बनाते हैं, जिसके कारण कई लोग इसे बाइबल की कहानी मानकर धोखा खा जाते है। काफी लोग यह भी सोचते है कि यह सैंटा क्लोस का जन्म दिन है। पानी की बोतलों पर प्रार्थना करके देना। रोजरी माला जपना। सलीब या यीशु मसीह या मरियम का पुतला वा तस्वीर बनाना। संतो को या मरे हुए व्यक्तियों को मध्यस्थ बनाकर प्रार्थना करना। प्रभु यीशु मसीह ने चितौनी देकर कहा- ( मत्ती 5:19 ) ‘‘इसीलिए जो कोई इन छोटी से छोटी आज्ञाओं में से किसी एक को तोड़े, और वैसा ही लोगों को सिखाये, वह स्वर्ग के राज्य में सबसे छोटा कहलाएगा; परन्तु जो कोई उनका पालन करेगा और उन्हें सिखाएगा, वही स्वर्ग के राज्य में महान कहलाएगा। ’’ इसलिए किसी भी शिक्षा को हमें अपने जीवन में लागू करने से पहले उसे अच्छी तरह वचन से परखना जरूरी है। ऊपर दिए गए तीन नियमों का हमें हां में जवाब मिलने के बाद ही उन बातों को पालन करना चाहिए।

यदि कोई व्यक्ति हमारे खिलाफ कुछ करता है तो हम उस व्यक्ति से क्रोधित हो जाते हैं। उससे भी बढ़कर हमें परमेश्वर के नियमों की सुरक्षा के लिए अपनी गंभीरता जाहिर करनी चाहिए।

परमेश्वर का वचन जिस विषय के लिए उपदेश देता है उसकी पालना के लिए हम अटल फैसला करेगें और पुरूषार्थ के साथ उसे अपने जीवन में और अपनी कलीसिया में भी लागू करेगें।

बाइबल अध्यन

2 तीमुथियुस 3:1,5 1 पर यह जान रख, कि अन्तिम दिनों में कठिन समय आएंगे। 5 वे भक्ति का भेष तो धरेंगे, पर उस की शक्ति को न मानेंगे; ऐसों से परे रहना। प्रेरितों के काम 2:42 42 और वे प्रेरितों से शिक्षा पाने, और संगति रखने में और रोटी तोड़ने में और प्रार्थना करने में लौलीन रहे॥ मत्ती 7:15,20 15 झूठे भविष्यद्वक्ताओं से सावधान रहो, जो भेड़ों के भेष में तुम्हारे पास आते हैं, परन्तु अन्तर में फाड़ने वाले भेडिए हैं। 20 सो उन के फलों से तुम उन्हें पहचान लोगे। मत्ती 15:9,19 9 और ये व्यर्थ मेरी उपासना करते हैं, क्योंकि मनुष्यों की विधियों को धर्मोपदेश करके सिखाते हैं। 19 क्योंकि कुचिन्ता, हत्या, पर स्त्रीगमन, व्यभिचार, चोरी, झूठी गवाही और निन्दा मन ही से निकलतीं है।

संगीत

हम यीशु मसीह के चेले है दुनिया में धूम मचा देंगे, जो नींद में गाफिल सोते है उपदेश से उनको जगा देंगे।

1 हम मन की कुन्डी खोलेंगे और ज्ञान की मोती रोलेंगे इंजील मुकदस पढ़-पढ़कर हृदयों को शांत बना देंगे।

2 बन्दे है एक खुदा के हम मिलजुल कर क्यों ना रहें हरदम इंजील मुकदस दुनिया के हर कोने में पहुंचा देंगे।

3 हम रज के सहने वाले है उफ तक नहीं करने वाले है और पीछे प्यारे यीशु के चलने की राह बता देंगे।